बाइबिल के पद

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24 बाइबल के वचन: अन्य भाषाएँ बोलना

सोचो, "अलग-अलग भाषाओं में बोलना" ये कोई चमत्कार ही तो है! पहली सदी के कुछ मसीहियों के पास ये अनोखी क्षमता थी कि बिना सीखे ही नई भाषा बोलने लगते थे। ये स्वर्ग की भाषा मानी जाती है, जो हमारे जीवन में पवित्र आत्मा की उपस्थिति का प्रमाण है। ये एक मुहर की तरह है जो बताती है कि किसी व्यक्ति में पवित्र आत्मा विराजमान है। पहली बार ये चमत्कार यरूशलेम में पिन्तेकुस्त के दिन हुआ था, जैसा कि प्रेरितों के काम की पुस्तक में लिखा है।

जो अलग-अलग भाषाओं में बोलता है, वो इंसानों से नहीं, सीधे परमेश्वर से बातें करता है और इस तरह खुद को मजबूत बनाता है। ये क्षमता एक विशेष अनुग्रह है, क्योंकि ये भावनाओं से नहीं, बल्कि सीधे आत्मा से परमेश्वर की आत्मा से बातचीत है। ये चमत्कार अविश्वासियों के लिए एक संकेत है, विश्वासियों के लिए नहीं।

कोई चमत्कार, भविष्यवाणी या ज्ञान के वचन को तो झूठा बनाया जा सकता है, लेकिन बिना जाने नई भाषा बोलना, ये कोई नकली नहीं बना सकता। अगर आपने अभी तक पवित्र आत्मा से बपतिस्मा नहीं लिया है, तो उससे प्रार्थना करें, उससे विनती करें कि वो आप पर उतरे। ये वरदान किसी खास समूह के लिए नहीं, बल्कि यीशु के नाम पर विश्वास करने वाले सभी लोगों के लिए है।

(प्रेरितों के काम २:४) "और वे सब पवित्रात्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा उन्हें बोलने की सामर्थ देता था, वे अन्य अन्य भाषाएं बोलने लगे।"


प्रेरितों के काम 2:4

वे सभी पवित्र आत्मा से भावित हो उठे। और आत्मा के द्वारा दिये गये सामर्थ्य के अनुसार वे दूसरी भाषाओं में बोलने लगे।

मरकुस 16:17

जो मुझमें विश्वास करेंगे, उनमें ये चिह्न होंगे: वे मेरे नाम पर दुष्टात्माओं को बाहर निकाल सकेंगे, वे नयी-नयी भाषा बोलेंगे,

1 कुरिन्थियों 13:1

यदि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाएँ तो बोल सकूँ किन्तु मुझमें प्रेम न हो, तो मैं एक बजता हुआ घड़ियाल या झंकारती हुई झाँझ मात्र हूँ।

1 कुरिन्थियों 14:22

सो दूसरी भाषाएँ बोलने का वरदान अविश्वासियों के लिए संकेत है न कि विश्वासियों के लिये। जबकि परमेश्वर की ओर से बोलना अविश्वासियों के लिये नहीं, बल्कि विश्वासियों के लिये है।

1 कुरिन्थियों 14:39

इसलिए हे मेरे भाईयों, परमेश्वर की ओर से बोलने को तत्पर रहो तथा दूसरी भाषाओं में बोलने वालों को भी मत रोको।

1 कुरिन्थियों 12:10

और किसी अन्य व्यक्ति को आश्चर्यपूर्ण शक्तियाँ दी गयी हैं तो किसी दूसरे को परमेश्वर की और से बोलने का सामर्थ्य दिया गया है। और किसी को मिली है भली बुरी आत्माओं के अंतर को पहचानने की शक्ति। किसी को अलग-अलग भाषाएँ बोलने की शक्ति प्राप्त हुई है, तो किसी को भाषाओं की व्याख्या करके उनका अर्थ निकालने की शक्ति।

1 कुरिन्थियों 14:27

यदि किसी अन्य भाषा में बोलना है तो अधिक से अधिक दो या तीन को ही बोलना चाहिये-बारी-बारी, एक-एक करके। और जो कुछ कहा गया है, एक को उसकी व्याख्या करनी चाहिये।

प्रेरितों के काम 19:6

फिर जब पौलुस ने उन पर अपने हाथ रखे तो उन पर पवित्र आत्मा उतर आया और वे अलग अलग भाषाएँ बोलने और भविष्यवाणियाँ करने लगे।

1 कुरिन्थियों 14:13

परिणामस्वरूप जो दूसरी भाषा में बोलता है, उसे प्रार्थना करनी चाहिये कि वह अपने कहे का अर्थ भी बता सके।

प्रेरितों के काम 10:46

वे उन्हें नाना भाषाएँ बोलते और परमेश्वर की स्तुति करते हुए सुन रहे थे। तब पतरस बोला,

1 कुरिन्थियों 14:2

क्योंकि जिसे दूसरे की भाषा में बोलने का वरदान मिला है, वह तो वास्तव में लोगों से नहीं बल्कि परमेश्वर से बातें कर रहा है। क्योंकि उसे कोई समझ नहीं पाता, वह तो आत्मा की शक्ति से रहस्यमय वाणी बोल रहा है।

1 कुरिन्थियों 13:8

प्रेम अमर है। जबकि भविष्यवाणी का सामर्थ्य तो समाप्त हो जायेगा, दूसरी भाषाओं को बोलने की क्षमता युक्त जीभें एक दिन चुप हो जायेंगी, दिव्य ज्ञान का उपहार जाता रहेगा,

1 कुरिन्थियों 14:4

जिसे विभिन्न भाषाओं में बोलने का वरदान प्राप्त है वह तो बस अपनी आत्मा को ही सुदृढ़ करता है किन्तु जिसे परमेश्वर की ओर से बोलने का सामर्थ्य मिला है वह समूची कलीसिया को आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ बनाता है।

प्रेरितों के काम 2:6

जब यह शब्द गरजा तो एक भीड़ एकत्र हो गयी। वे लोग अचरज में पड़े थे क्योंकि हर किसी ने उन्हें उसकी अपनी भाषा में बोलते सुना।

1 कुरिन्थियों 14:19

किन्तु कलीसिया सभा के बीच किसी दूसरी भाषा में दसियों हज़ार शब्द बोलने की अपेक्षा अपनी बुद्धि का उपयोग करते हुए बस पाँच शब्द बोलना अच्छा समझता हूँ ताकि दूसरों को भी शिक्षा दे सकूँ।

1 कुरिन्थियों 14:5

अब मैं चाहता हूँ कि तुम सभी दूसरी अनेक भाषाएँ बोलो किन्तु इससे भी अधिक मैं यह चाहता हूँ कि तुम परमेश्वर की ओर से बोल सको क्योंकि कलीसिया की आध्यत्मिक सुदृढ़ता के लिये अपने कहे की व्याख्या करने वाले को छोड़ कर, दूसरी भाषाएँ बोलने वाले से परमेश्वर की ओर से बोलने वाला बड़ा है।

1 कुरिन्थियों 12:28

इतना ही नहीं परमेश्वर ने कलीसिया में पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे उपदेशकों को, फिर आश्चर्यकर्म करने वालों को, फिर चंगा करने की शक्ति से युक्त व्यक्तियों को, फिर उनको जो दूसरों की सहायता करते हैं, प्रस्थापित किया है, फिर अगुवाई करने वालों को और फिर उन लोगों को जो विभिन्न भाषाएँ बोल सकते हैं।

1 कुरिन्थियों 12:30

क्या इन सब के पास चंगा करने की शक्ति है? क्या ये सभी दूसरी भाषाएँ बोलते हैं? क्या ये सभी अन्यभाषाओं की व्याख्या करते हैं?

1 कुरिन्थियों 14:14

क्योंकि यदि मैं किसी अन्य भाषा में प्रार्थना करूँ तो मेरी आत्मा तो प्रार्थना कर रही होती है किन्तु मेरी बुद्धि व्यर्थ रहती है।

यहूदा 1:20

ये लोग अपनी प्राकृतिक इच्छाओं के दास हैं। इनकी आत्मा नहीं हैं। किन्तु प्रिय मित्रों तुम एक दूसरे को आध्यात्मिक रूप से अपने अति पवित्र विश्वास में सुदृढ़ करते रहो। पवित्र आत्मा के साथ प्रार्थना करो।

1 कुरिन्थियों 14:18

मैं परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ कि मैं तुम सब से बढ़कर विभिन्न भाषाएँ बोल सकता हूँ।

1 कुरिन्थियों 14:23

सो यदि समूचा कलीसिया एकत्र हो और हर कोई दूसरी-दूसरी भाषाओं में बोल रहा हो तभी बाहर के लोग या अविश्वासी भीतर आ जायें तो क्या वे तुम्हें पागल नहीं कहेंगे।

1 कुरिन्थियों 14:26-28

हे भाईयों, तो फिर क्या करना चाहिये? तुम जब इकट्ठे होते हो तो तुममें से कोई भजन, कोई उपदेश और कोई आध्यात्मिक रहस्य का उद्घाटन करता है। कोई किसी अन्य भाषा में बोलता है तो कोई उसकी व्याख्या करता है। ये सब बाते कलीसिया की आत्मिक सुदृढ़ता के लिये की जानी चाहिये।

यदि किसी अन्य भाषा में बोलना है तो अधिक से अधिक दो या तीन को ही बोलना चाहिये-बारी-बारी, एक-एक करके। और जो कुछ कहा गया है, एक को उसकी व्याख्या करनी चाहिये।

यदि वहाँ व्याख्या करने वाला कोई न हो तो बोलने वाले को चाहिये कि वह सभा में चुप ही रहे और फिर उसे अपने आप से और परमेश्वर से ही बातें करनी चाहिये।

रोमियों 8:26

ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है।

ईश्वर से प्रार्थना

प्रिय परमेश्वर, हे पवित्र आत्मा, मैं आपके पावन साँनिध्य का आदर करता/करती हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सच्चे हैं। इसलिए मैं आपसे विनती करता/करती हूँ कि आप मुझे अपने प्रेम और कृपा से भर दें। मैं आपके दिव्य प्रकाश का अनुभव अपने जीवन में और भी गहराई से करना चाहता/चाहती हूँ। हे प्रभु, मैं आपसे प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप मुझे अपनी दिव्य भाषाओं से इस तरह से भर दें कि मेरे अंदर एक अलौकिक अग्नि प्रज्वलित हो और मैं आपकी महिमा का गुणगान अनजान भाषाओं में कर सकूँ। मेरी तमन्ना है कि मेरे जीवन में एक ऐसा नया दौर शुरू हो जहाँ मैं आपको और भी करीब से जान सकूँ और आपके पवित्र आत्मा की छत्रछाया में जीवन बिता सकूँ। मेरे हृदय में आपके साथ एक गहरी आत्मीयता की प्यास जगाइए। मुझे इस क़ाबिल बनाइए कि मैं आपको इतना प्यार कर सकूँ कि आपके प्रेम में खो जाऊँ। हे दयालु प्रभु, मैं आपकी स्तुति करता/करती हूँ और आपके सभी उपकारों के लिए आभार व्यक्त करता/करती हूँ। आप सदा सर्वदा विश्वासपात्र और न्यायकारी हैं। यीशु के नाम में, आमीन।

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