सोचो, क्या हम परमेश्वर के बताए रास्ते पर चलने की ज़िम्मेदारी नहीं है? पवित्र शास्त्र में जो आज्ञाएँ दी गई हैं, उनका पालन करना हम सबका धर्म है।
इसका एक मतलब ये भी है कि हमें अपने जीवन में जो भी अधिकार रखने वाले लोग हैं, जैसे घर में, चर्च में, काम पर या देश में, उनका आदर करना चाहिए और उनकी बात माननी चाहिए। ऐसा करके हम परमेश्वर के वचन का एक अहम सिद्धांत अपनाते हैं। परमेश्वर के लिए आज्ञाकारिता किसी भी कर्म से बढ़कर है।
जब हम अपने अधिकारियों का सम्मान करते हैं, तो हमारे जीवन में बरकत आती है। इससे हम हर क्षेत्र में बढ़ते हैं, हमारा चरित्र मज़बूत होता है और हम उससे भी ज़्यादा पाने के लिए तैयार हो जाते हैं जो हमने अब तक अनुभव किया है।
परमेश्वर उन लोगों को इनाम देता है जो उसकी इच्छा का पालन करते हैं और उसके सिद्धांतों और नियमों का सम्मान करते हैं। इसलिए, प्रार्थना के द्वारा या किसी और तरीके से अपने अधिकारियों का सम्मान करना बहुत ज़रूरी है। इससे हमें आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है।
“तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर की सेवा करने वाले उस समय के याजक और न्यायाधीश की आज्ञा का पालन करने से इन्कार करने वाले किसी व्यक्ति को भी दण्ड देना चाहिए। उस व्यक्ति को मरना चाहिए। तुम्हें इस्राएल से इस बुरे व्यक्ति को हटाना चाहिए।
मैं तुमसे कहता हूँ कि तुम्हें सदा ही राजा की आज्ञा माननी चाहिये। ऐसा इसलिये करो क्योंकि तुमने परमेश्वर को वचन दिया था।
राजा के आगे जल्दी मत करो। उसके सामने से हट जाओ। यदि हालात प्रतिकूल हो तो उसके इर्द—गिर्द मत रहो क्योंकि वह तो वही करेगा जो उसे अच्छा लगेगा।
आज्ञाएँ देने का राजा को अधिकार है, कोई नहीं पूछ सकता कि वह क्या कर रहा है।
यदि राजा आज्ञा का पालन करता है तो वह सुरक्षित रहेगा। किन्तु एक बुद्धिमान व्यक्ति ऐसा करने का उचित समय जानता है और वह यह भी जानता है कि समुचित बात कब करनी चाहिये।
मैं जिस नगर में तुम्हें भेजूँ उसके लिये अच्छा काम करो। जिस नगर में तुम रहो उसके लिये यहोवा से प्रार्थना करो। क्यों क्योंकि यदि उस नगर में शान्ति रहेगी तो तुम्हें भी शान्ति मिलेगी।”
उन्होंने उससे कहा, “महाराजा कैसर के।” तब उसने उनसे कहा, “अच्छा तो फिर जो महाराजा कैसर का है, उसे महाराजा कैसर को दो, और जो परमेश्वर का है, उसे परमेश्वर को।”
उसने कहा, “यहूदी धर्म शास्त्री और फ़रीसी मूसा के विधान की व्याख्या के अधिकारी हैं।
इसलिये यदि कोई वेदी की शपथ लेता है तो वह वेदी के साथ वेदी पर जो रखा है, उस सब की भी शपथ लेता है।
वह जो मन्दिर है, उसकी भी शपथ लेता है। वह मन्दिर के साथ जो मन्दिर के भीतर है, उसकी भी शपथ लेता है।
और वह जो स्वर्ग की शपथ लेता है, वह परमेश्वर के सिंहासन के साथ जो उस सिंहासन पर विराजमान हैं उसकी भी शपथ लेता है।
“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों और फरीसियों! तुम्हारा जो कुछ है, तुम उसका दसवाँ भाग, यहाँ तक कि अपने पुदीने, सौंफ और जीरे तक के दसवें भाग को परमेश्वर को देते हो। फिर भी तुम व्यवस्था की महत्वपूर्ण बातों यानी न्याय, दया और विश्वास का तिरस्कार करते हो। तुम्हें उन बातों की उपेक्षा किये बिना इनका पालन करना चाहिये था।
ओ अंधे रहनुमाओं! तुम अपने पानी से मच्छर तो छानते हो पर ऊँट को निगल जाते हो।
“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों! और फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है। तुम अपनी कटोरियाँ और थालियाँ बाहर से तो धोकर साफ करते हो पर उनके भीतर जो तुमने छल कपट या अपने लिये रियासत में पाया है, भरा है।
अरे अंधे फरीसियों! पहले अपने प्याले को भीतर से माँजो ताकि भीतर के साथ वह बाहर से भी स्वच्छ हो जाये।
“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों! और फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है। तुम लिपी-पुती समाधि के समान हो जो बाहर से तो सुंदर दिखती हैं किन्तु भीतर से मरे हुओं की हड्डियों और हर तरह की अपवित्रता से भरी होती हैं।
ऐसे ही तुम बाहर से तो धर्मात्मा दिखाई देते हो किन्तु भीतर से छलकपट और बुराई से भरे हुए हो।
“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों! और फरीसियों! तुम नबियों के लिये स्मारक बनाते हो और धर्मात्माओं की कब्रों को सजाते हो।
इसलिए जो कुछ वे कहें उस पर चलना और उसका पालन करना। किन्तु जो वे करते हैं वह मत करना। मैं यह इसलिए कहता हूँ क्योंकि वे बस कहते हैं पर करते नहीं हैं।
हर व्यक्ति को प्रधान सत्ता की अधीनता स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि शासन का अधिकार परमेश्वर की ओर से है। और जो अधिकार मौजूद है उन्हें परमेश्वर ने नियुक्त किया है।
प्रेम अपने साथी का बुरा कभी नहीं करता। इसलिए प्रेम करना व्यवस्था के विधान को पूरा करना है।
यह सब कुछ तुम इसलिए करो कि जैसे समय में तुम रह रहे हो, उसे जानते हो। तुम जानते हो कि तुम्हारे लिए अपनी नींद से जागने का समय आ पहुँचा है, क्योंकि जब हमने विश्वास धारण किया था हमारा उद्धार अब उससे अधिक निकट है।
“रात” लगभग पूरी हो चुकी है, “दिन” पास ही है, इसलिए आओ हम उन कर्मो से छुटकारा पा लें जो अँधकार के हैं। आओ हम प्रकाश के अस्त्रों को धारण करें।
इसलिए हम वैसे ही उत्तम रीति से रहें जैसे दिन के समय रहते हैं। बहुत अधिक दावतों में जाते हुए खा पीकर धुत्त न हो जाओ। लुच्चेपन दुराचार व्यभिचार में न पड़ें। न झगड़ें और न ही डाह रखें।
बल्कि प्रभु यीशु मसीह को धारण करें। और अपनी मानव देह की इच्छाओं को पूरा करने में ही मत लगे रहो।
इसलिए जो सत्ता का विरोध करता है, वह परमेश्वर की आज्ञा का विरोध करता है। और जो परमेश्वर की आज्ञा का विरोध करते हैं, वे दण्ड पायेंगे।
अब देखो कोई शासक, उस व्यक्ति को, जो नेकी करता है, नहीं डराता बल्कि उसी को डराता है, जो बुरे काम करता है। यदि तुम सत्ता से नहीं डरना चाहते हो, तो भले काम करते रहो। तुम्हें सत्ता की प्रशंसा मिलेगी।
जो सत्ता में है वह परमेश्वर का सेवक है वह तेरा भला करने के लिये है। किन्तु यदि तू बुरा करता है तो उससे डर क्योंकि उसकी तलवार बेकार नहीं है। वह परमेश्वर का सेवक है जो बुरा काम करने वालों पर परमेश्वर का क्रोध लाता है।
सबसे पहले मेरा विशेष रूप से यह निवेदन है कि सबके लिये आवेदन, प्रार्थनाएँ, अनुरोध और सब व्यक्तियों की ओर से धन्यवाद दिए जाएँ।
बल्कि ऐसी स्त्रियों को जो अपने आप को परमेश्वर की उपासिका मानती है, उनके लिए उचित यह है कि वे स्वयं को उत्तम कार्यों से सजायें।
एक स्त्री को चाहिए कि वह शांत भाव से समग्र समर्पण के साथ शिक्षा ग्रहण करे।
मैं यह नहीं चाहता कि कोई स्त्री किसी पुरुष को सिखाए पढ़ाये अथवा उस पर शासन करे। बल्कि उसे तो चुपचाप ही रहना चाहिए।
क्योंकि आदम को पहले बनाया गया था और तब पीछे हव्वा को।
आदम को बहकाया नहीं जा सका था किन्तु स्त्री को बहका लिया गया और वह पाप में पतित हो गयी।
किन्तु यदि वे माता के कर्तव्यों को निभाते हुए विश्वास, प्रेम, पवित्रता और परमेश्वर के प्रति समर्पण में बनी रहें तो उद्धार को अवश्य प्राप्त करेंगी।
शासकों और सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिये जाएँ। ताकि हम चैन के साथ शांतिपूर्वक सम्पूर्ण श्रद्धा और परमेश्वर के प्रति सम्मान से पूर्ण जीवन जी सकें।
यह हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला है। यह उत्तम है।
अब देखो कोई शासक, उस व्यक्ति को, जो नेकी करता है, नहीं डराता बल्कि उसी को डराता है, जो बुरे काम करता है। यदि तुम सत्ता से नहीं डरना चाहते हो, तो भले काम करते रहो। तुम्हें सत्ता की प्रशंसा मिलेगी।
जो सत्ता में है वह परमेश्वर का सेवक है वह तेरा भला करने के लिये है। किन्तु यदि तू बुरा करता है तो उससे डर क्योंकि उसकी तलवार बेकार नहीं है। वह परमेश्वर का सेवक है जो बुरा काम करने वालों पर परमेश्वर का क्रोध लाता है।
इसलिए समर्पण आवश्यक है। न केवल डर के कारण बल्कि तुम्हारी अपनी चेतना के कारण।
प्रभु के लिये हर मानव अधिकारी के अधीन रहो।
राजा के अधीन रहो। वह सर्वोच्च अधिकारी है। शासकों के अधीन रहो। उन्हें उसने कुकर्मियों को दण्ड देने और उत्तम कर्म करने वालों की प्रशंसा के लिए भेजा है।
अपने मार्ग दर्शकों की आज्ञा मानो। उनके अधीन रहो। वे तुम पर ऐसे चौकसी रखते हैं जैसे उन व्यक्तियों पर रखी जाती है जिनको अपना लेखा जोखा उन्हें देना है। उनकी आज्ञा मानो जिससे उनका कर्म आनन्द बन जाए। न कि एक बोझ बने। क्योंकि उससे तो तुम्हारा कोई लाभ नहीं होगा।
हे सेवकों, अपने सांसारिक स्वामियों की सब बातों का पालन करो। केवल लोगों को प्रसन्न करने के लिये उसी समय नहीं जब वे देख रहे हों, बल्कि सच्चे मन से उनकी मानो। क्योंकि तुम प्रभु का आदर करते हो।
इसी प्रकार हे नव युवकों! तुम अपने धर्मवृद्धों के अधीन रहो। तुम एक दूसरे के प्रति विनम्रता धारण करो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है किन्तु दीन जनों पर सदा अनुग्रह रहता है।”
हे सेवको, तुम अपने सांसारिक स्वामियों की आज्ञा निष्कपट हृदय से भय और आदर के साथ उसी प्रकार मानो जैसे तुम मसीह की आज्ञा मानते हो।
केवल किसी के देखते रहते ही काम मत करो जैसे तुम्हें लोगों के समर्थन की आवश्यकता हो। बल्कि मसीह के सेवक के रूप में काम करो जो अपना मन लगाकर परमेश्वर की इच्छा पूरी करते हैं।
उत्साह के साथ एक सेवक के रूप में ऐसे काम करो जैसे मानो तुम लोगों की नहीं प्रभु की सेवा कर रहे हो।
याद रखो, तुममें से हर एक, चाहे वह सेवक या स्वतन्त्र है यदि कोई अच्छा काम करता है, तो प्रभु से उसका प्रतिफल पायेगा।
क्योंकि परमेश्वर की यही इच्छा है कि तुम अपने उत्तम कार्यों से मूर्ख लोगों की अज्ञान से भरी बातों को चुप करा दो।
वह ही समय को बदलता है वह ही वर्ष के ऋतओं को बदलता है। वह ही राजाओं को बदलता है। वही राजाओं को शक्ति देता है और वही छीन लेता है। वही बुद्धि देता है और लोग बुद्धिमान बन जाते हैं। वही लोगों को ज्ञान देता है और लोग ज्ञानी बन जाते हैं।
हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है।
मतलब यह कि प्रभु में स्थित होकर उसकी असीम शक्ति के साथ अपने आपको शक्तिशाली बनाओ।
परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो। ताकि तुम शैतान की योजनाओं के सामने टिक सको।
क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है।
इसलिए परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो ताकि जब बुरे दिन आयें तो जो कुछ सम्भव है, उसे कर चुकने के बाद तुम दृढ़तापूर्वक अडिग रह सको।
सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो।
इन सब से बड़ी बात यह है कि विश्वास को ढाल के रूप में ले लो। जिसके द्वारा तुम उन सभी जलते तीरों को बुझा सकोगे, जो बदी के द्वारा छोड़े गये हैं।
छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो।
हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो।
और मेरे लिये भी प्रार्थना करो कि मैं जब भी अपना मुख खोलूँ, मुझे एक सुसंदेश प्राप्त हो ताकि निर्भयता के साथ सुसमाचार के रहस्यपूर्ण सत्य को प्रकट कर सकूँ।
“अपने माता-पिता का सम्मान कर।” यह पहली आज्ञा है जो इस प्रतिज्ञा से भी युक्त है,
इसी के लिए मैं ज़ंजीरों में जकड़े हुए राजदूत के समान सेवा कर रहा हूँ। प्रार्थना करो कि मैं, जिस प्रकार मुझे बोलना चाहिए, उसी प्रकार निर्भयता के साथ सुसमाचार का प्रवचन कर सकूँ।
तुम भी, मैं कैसा हूँ और क्या कर रहा हूँ, इसे जान जाओ। सो तुखिकुस तुम्हें सब कुछ बता देगा। वह हमारा प्रिय बंधु है और प्रभु में स्थित एक विश्वासपूर्ण सेवक है
इसीलिए मैं उसे तुम्हारे पास भेज रहा हूँ ताकि तुम मेरे समाचार जान सको और इसलिए भी कि वह तुम्हारे मन को शांति दे सके।
हे भाइयों, तुम सब को परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से विश्वास शांति और प्रेम प्राप्त हो।
जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखते हैं, उन पर परमेश्वर का अनुग्रह होता है।
“तेरा भला हो और तू धरती पर चिरायु हो।”
बिना कोई शिकायत या लड़ाई झगड़ा किये सब काम करते रहो,
ताकि तुम भोले भाले और पवित्र बन जाओ। तथा इस कुटिल और पथभ्रष्ट पीढ़ी के लोगों के बीच परमेश्वर के निष्कलंक बालक बन जाओ। उन के बीच अंधेरी दुनिया में तुम उस समय तारे बन कर चमको
हे सेवकों, अपने सांसारिक स्वामियों की सब बातों का पालन करो। केवल लोगों को प्रसन्न करने के लिये उसी समय नहीं जब वे देख रहे हों, बल्कि सच्चे मन से उनकी मानो। क्योंकि तुम प्रभु का आदर करते हो।
तुम जो कुछ करो अपने समूचे मन से करो। मानों तुम उसे लोगों के लिये नहीं बल्कि प्रभु के लिये कर रहे हो।
याद रखो कि तुम्हें प्रभु से उत्तराधिकार का प्रतिफल प्राप्त होगा। अपने स्वामी मसीह की सेवा करते रहो
अनाथों और दीन लोगों की रक्षा कर, जिन्हें उचित व्यवहार नहीं मिलता तू उनके अधिकारों कि रक्षा कर।
दीन और असहाय जन की रक्षा कर। दुष्टों के चंगुल से उनको बचा ले।
ऐसे अनुशासन से जो जन सीखता है, जीवन के मार्ग की राह वह दिखाता है। किन्तु जो सुधार की उपेक्षा करता है ऐसा मनुष्य तो भटकाया करता है।
हे भाइयों, हमारा तुमसे निवेदन है कि जो लोग तुम्हारे बीच परिश्रम कर रहे हैं और प्रभु में जो तुम्हें राह दिखाते हैं, उनका आदर करते रहो।
हमारा तुमसे निवेदन है कि उनके काम के कारण प्रेम के साथ उन्हें पूरा आदर देते रहो। परस्पर शांति से रहो।
जब धर्मी जन का विकास होता है, तो लोग आनन्द मनाते हैं। जब दुष्ट शासक बन जाता है तो लोग कराहते हैं।
इसलिए अपने आपको परमेश्वर के अधीन कर दो। शैतान का विरोध करो, वह तुम्हारे सामने से भाग खड़ा होगा।
इसलिए, उन बातों में लगें जो शांति को बढ़ाती हैं और जिनसे एक दूसरे को आत्मिक बढ़ोतरी में सहायता मिलती है।
हर व्यक्ति को प्रधान सत्ता की अधीनता स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि शासन का अधिकार परमेश्वर की ओर से है। और जो अधिकार मौजूद है उन्हें परमेश्वर ने नियुक्त किया है।
मैंने तुझे क्रेते में इसलिए छोड़ा था कि वहाँ जो कुछ अधूरा रह गया है, तू उसे ठीक-ठाक कर दे और मेरे आदेश के अनुसार हर नगर में बुजुर्गों को नियुक्त करे।
लोगों को याद दिलाता रह कि वे राजाओं और अधिकारियों के अधीन रहें। उनकी आज्ञा का पालन करें। हर प्रकार के उत्तम कार्यों को करने के लिए तैयार रहें।
जो व्यक्ति फूट डालता हो, उससे एक या दो बार चेतावनी देकर अलग हो जाओ।
क्योंकि तुम जानते हो कि ऐसा व्यक्ति मार्ग से भटक गया है और पाप कर रहा है। उसने तो स्वयं अपने को दोषी ठहराया है।
मैं तुम्हारे पास जब अरतिमास या तुखिकुस को भेजूँ तो मेरे पास निकुपुलिस आने का भरपूर जतन करना क्योंकि मैंने वहीं सर्दियाँ बिताने का निश्चय कर रखा है।
वकील जेनास और अप्पुलोस को उनकी यात्रा के लिए जो कुछ आवश्यक हो, उसके लिए तुम भरपूर सहायता जुटा देना ताकि उन्हें किसी बात की कोई कमी न रहे।
हमारे लोगों को भी सतकर्मों में लगे रहना सीखना चाहिए। उनमें से भी जिनको अत्यधिक आवश्यकता हो, उसको पूरी करना ताकि वे विफल न हों।
जो मेरे साथ हैं, उन सबका तुम्हें नमस्कार। हमारे विश्वास के कारण जो लोग हम से प्रेम करते हैं, उन्हें भी नमस्कार। परमेश्वर का अनुग्रह तुम सबके साथ रहे।
किसी की निन्दा न करें। शांति-प्रिय और सज्जन बनें। सब लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें।
सबका सम्मान करो। अपने धर्म भाइयों से प्रेम करो। परमेश्वर का आदर के साथ भय मानो। शासक का सम्मान करो।
सबसे पहले मेरा विशेष रूप से यह निवेदन है कि सबके लिये आवेदन, प्रार्थनाएँ, अनुरोध और सब व्यक्तियों की ओर से धन्यवाद दिए जाएँ।
बल्कि ऐसी स्त्रियों को जो अपने आप को परमेश्वर की उपासिका मानती है, उनके लिए उचित यह है कि वे स्वयं को उत्तम कार्यों से सजायें।
एक स्त्री को चाहिए कि वह शांत भाव से समग्र समर्पण के साथ शिक्षा ग्रहण करे।
मैं यह नहीं चाहता कि कोई स्त्री किसी पुरुष को सिखाए पढ़ाये अथवा उस पर शासन करे। बल्कि उसे तो चुपचाप ही रहना चाहिए।
क्योंकि आदम को पहले बनाया गया था और तब पीछे हव्वा को।
आदम को बहकाया नहीं जा सका था किन्तु स्त्री को बहका लिया गया और वह पाप में पतित हो गयी।
किन्तु यदि वे माता के कर्तव्यों को निभाते हुए विश्वास, प्रेम, पवित्रता और परमेश्वर के प्रति समर्पण में बनी रहें तो उद्धार को अवश्य प्राप्त करेंगी।
शासकों और सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिये जाएँ। ताकि हम चैन के साथ शांतिपूर्वक सम्पूर्ण श्रद्धा और परमेश्वर के प्रति सम्मान से पूर्ण जीवन जी सकें।
हर व्यक्ति को प्रधान सत्ता की अधीनता स्वीकार करना चाहिए। क्योंकि शासन का अधिकार परमेश्वर की ओर से है। और जो अधिकार मौजूद है उन्हें परमेश्वर ने नियुक्त किया है।
प्रेम अपने साथी का बुरा कभी नहीं करता। इसलिए प्रेम करना व्यवस्था के विधान को पूरा करना है।
यह सब कुछ तुम इसलिए करो कि जैसे समय में तुम रह रहे हो, उसे जानते हो। तुम जानते हो कि तुम्हारे लिए अपनी नींद से जागने का समय आ पहुँचा है, क्योंकि जब हमने विश्वास धारण किया था हमारा उद्धार अब उससे अधिक निकट है।
“रात” लगभग पूरी हो चुकी है, “दिन” पास ही है, इसलिए आओ हम उन कर्मो से छुटकारा पा लें जो अँधकार के हैं। आओ हम प्रकाश के अस्त्रों को धारण करें।
इसलिए हम वैसे ही उत्तम रीति से रहें जैसे दिन के समय रहते हैं। बहुत अधिक दावतों में जाते हुए खा पीकर धुत्त न हो जाओ। लुच्चेपन दुराचार व्यभिचार में न पड़ें। न झगड़ें और न ही डाह रखें।
बल्कि प्रभु यीशु मसीह को धारण करें। और अपनी मानव देह की इच्छाओं को पूरा करने में ही मत लगे रहो।
इसलिए जो सत्ता का विरोध करता है, वह परमेश्वर की आज्ञा का विरोध करता है। और जो परमेश्वर की आज्ञा का विरोध करते हैं, वे दण्ड पायेंगे।
अब देखो कोई शासक, उस व्यक्ति को, जो नेकी करता है, नहीं डराता बल्कि उसी को डराता है, जो बुरे काम करता है। यदि तुम सत्ता से नहीं डरना चाहते हो, तो भले काम करते रहो। तुम्हें सत्ता की प्रशंसा मिलेगी।
जो सत्ता में है वह परमेश्वर का सेवक है वह तेरा भला करने के लिये है। किन्तु यदि तू बुरा करता है तो उससे डर क्योंकि उसकी तलवार बेकार नहीं है। वह परमेश्वर का सेवक है जो बुरा काम करने वालों पर परमेश्वर का क्रोध लाता है।
लोगों को याद दिलाता रह कि वे राजाओं और अधिकारियों के अधीन रहें। उनकी आज्ञा का पालन करें। हर प्रकार के उत्तम कार्यों को करने के लिए तैयार रहें।
प्रभु के लिये हर मानव अधिकारी के अधीन रहो।
राजा के अधीन रहो। वह सर्वोच्च अधिकारी है। शासकों के अधीन रहो। उन्हें उसने कुकर्मियों को दण्ड देने और उत्तम कर्म करने वालों की प्रशंसा के लिए भेजा है।
क्योंकि परमेश्वर की यही इच्छा है कि तुम अपने उत्तम कार्यों से मूर्ख लोगों की अज्ञान से भरी बातों को चुप करा दो।
हे सेवकों, यथोचित आदर के साथ अपने स्वामियों के अधीन रहो। न केवल उनके, जो अच्छे हैं और दूसरों के लिए चिंता करते हैं बल्कि उनके भी जो कठोर हैं।