जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था वही कार्य यहूदा प्रदेश के निवासियों ने किया। उन्होंने अपने पापमय आचरण से प्रभु की ईष्र्या को भड़काया। उन्होंने अपने पूर्वजों से अधिक दुष्कर्म किए।
यिर्मयाह 7:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) फिर भी उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। उन्होंने अपना हृदय पत्थर-सा कठोर बना लिया, और अपने पूर्वजों से बढ़कर दुष्कर्म किए। पवित्र बाइबल किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी अनसुनी की। उन्होंने मुझ पर ध्यान नहीं दिया। वे बहुत हठी रहे, और उन्होंने अपने पूर्वजों से भी बढ़कर बुराईयाँ कीं। Hindi Holy Bible परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयां की हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयाँ की हैं। सरल हिन्दी बाइबल फिर भी न तो उन्होंने मेरी सुनी और न ही मेरे संदेश की ओर ध्यान ही दिया. बल्कि उन्होंने अपनी गर्दन और भी अधिक कठोर बना ली, उन्होंने तो अपने पूर्वजों से भी अधिक बुरे कार्य किए.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयाँ की हैं। |
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था वही कार्य यहूदा प्रदेश के निवासियों ने किया। उन्होंने अपने पापमय आचरण से प्रभु की ईष्र्या को भड़काया। उन्होंने अपने पूर्वजों से अधिक दुष्कर्म किए।
किन्तु तूने दुष्कर्म करने में अपने पूर्वजों को भी पछाड़ दिया। तूने अपने लिए अन्य देवताओं की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित कीं, धातु की मूर्तियाँ ढालीं। यों तूने मुझे चिढ़ाया, और मुझ से अपना मुंह मोड़ लिया।
परन्तु उन्होंने नहीं सुना। जैसे उनके पूर्वज जिद्दी थे, जिन्होंने अपने प्रभु परमेश्वर पर विश्वास नहीं किया था, वैसे ही वे जिद्दी थे।
उन्होंने प्रभु की संविधियों को, अपने पुर्वजों के साथ स्थापित प्रभु के विधान को अस्वीकार किया और उसकी चेतावनी की घोर उपेक्षा की। उन्होंने झूठी मूर्तियों का अनुसरण किया, और स्वयं झूठे बन गए। उन्होंने अपने चारों ओर की जातियों के दुष्कर्मों का अनुसरण किया। उनके विषय में प्रभु ने इस्राएलियों को आदेश दिया था कि उनके समान कार्य मत करना।
तुम्हारे पूर्वज ऐंठी गरदनवाले लोग थे। तुम उनके समान हठीले मत बनो; किन्तु अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख विनम्र बनो; और उसके पवित्र स्थान में आओ, जिसको उसने सदा-सर्वदा के लिए पवित्र किया है। अपने प्रभु परमेश्वर की आराधना और सेवा करो, ताकि उसकी क्रोधाग्नि तुमसे दूर हो जाए।
प्रभु ने मनश्शे और उसकी जनता को अपने नबियों के माध्यम से समझाया; किन्तु उन्होंने प्रभु की बात नहीं सुनी।
यद्यपि उसके पिता मनश्शे ने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था, किन्तु आमोन ने ऐसा नहीं किया, बल्कि अधिकाधिक दुष्कर्म किये।
तूने उन्हें चेतावनी दी थी कि वे तेरी धर्म-व्यवस्था की ओर उन्मुख हों। पर उन्होंने तेरी प्रति धृष्ट व्यवहार किया, और तेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया। जिन न्याय-सिद्धान्तों का पालन करने से मनुष्य को जीवन प्राप्त होता है, उनका उल्लंघन कर उन्होंने पाप किया। उन न्याय-सिद्धान्तों के विरुद्ध हठवादी रुख अपनाया : उनको मानने से इन्कार कर दिया।
जो मनुष्य बार-बार डांटे जाने पर भी अपना हठ नहीं छोड़ता, उसका अचानक सर्वनाश होगा, और वह फिर नहीं सुधर सकेगा।
ओ इस्राएल! मैं तुझे जानता था कि तू जिद्दी है, तेरी गर्दन लोहे की तरह कठोर है; तेरा माथा पीतल का बना है।
मेरे अंगूर-उद्यान में और क्या करने को शेष था, जो मैंने उसके लिए नहीं किया? पर जब मैंने उसके मीठे अंगूर की आशा की, तब मुझे उससे केवल खट्टे अंगूर मिले।
फिर भी उन्होंने मेरी आज्ञाओं का उल्लंघन किया, उनको अनसुना कर दिया। वे सब के सब हठपूर्वक अपने हृदय के अनुसार दुराचरण करते रहे। अत: विधान-उल्लंघन के सब परिणाम उन्हें भुगतने पड़े। मैंने उनसे कहा था कि वे मेरे विधान के अनुसार आचरण करें, परन्तु उन्होंने मेरी बात नहीं मानी।’
किन्तु तुमने तो अपने पूर्वजों को भी पीछे छोड़ दिया; क्योंकि देखो, तुममें से प्रत्येक व्यक्ति अपने हठीले हृदय के अनुसार दुराचरण करता है, और मेरे वचन को सुनने से इन्कार करता है।
किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी आज्ञा नहीं मानी; उन्होंने अकड़ कर अपनी गर्दन टेढ़ी कर ली। उन्होंने अपने कान बन्द कर लिये, जिससे वे मेरे वचन न सुनें और न किसी प्रकार का उपदेश ग्रहण करें।
‘इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: जिस विपत्ति की घोषणा मैंने तुम्हारे हठ और दुराचरण के कारण की है, वह मैं इस नगर और यहूदा प्रदेश के सब नगरों पर ला रहा हूं; क्योंकि तुमने अपना हृदय कठोर बना लिया है, और मेरे वचनों को सुनने से इन्कार कर दिया है।’
जब तू सुख में डूबी थी, तब मैंने तुझे चेतावनी दी थी; पर तूने मेरी उपेक्षा कर कहा, “मैं तेरी बात नही सुनूंगी।” तू अपने बचपन से यही आचरण करती आयी है। तूने मेरी वाणी नहीं सुनी; तून मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया।
‘यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य के तेरहवें वर्ष से लेकर आज के दिन तक अर्थात् पिछले तेईस वर्ष से मुझे प्रभु का वचन मिल रहा है। मैंने निरन्तर उत्साह से तुम्हें प्रभु का वचन सुनाया, लेकिन तुमने नहीं सुना।
किन्तु तुमने मेरी बात नहीं सुनी, और अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के लिए अपने हाथ के कामों से मेरा क्रोध भड़काया।”
और मेरे सेवक नबियों की शिक्षाओं पर ध्यान नहीं दोगे, जिनको मैंने अविलम्ब तुम्हारे पास भेजा है (सच तो यह है कि तुमने उनके वचनों पर ध्यान नहीं दिया!),
मैंने अपने सेवक नबियों को उनके पास भेजा था, और नबियों के माध्यम से बार-बार उन्हें अपना सन्देश सुनाया था। किन्तु उन्होंने मेरे सन्देश पर ध्यान नहीं दिया। मुझ-प्रभु की यह वाणी है कि तुमने मेरे वचन को नहीं सुना!
केवल तू अपने दुष्कर्म को स्वीकार कर, कि तूने मुझ-प्रभु परमेश्वर से विद्रोह किया था, और यहां-वहां हरएक हरे वृक्ष के नीचे अन्य देवताओं की पूजा की थी, और यों तूने मेरे आदेशों को नहीं माना,’ प्रभु ने यह कहा है।
वे मिस्र देश से इस देश में आए। उन्होंने इस देश में प्रवेश किया, और इस पर अधिकार कर लिया। ‘किन्तु उन्होंने तेरी वाणी नहीं सुनी, और तेरी व्यवस्था के अनुसार आचरण नहीं किया। उन्होंने वे कार्य नहीं किये जिनको करने का आदेश तूने उनको दिया था। अत: तूने यह विपत्ति उन पर ढाही।
“प्रत्येक छ: वर्ष के पश्चात् तुम अपने जाति-बन्धु इब्रानी गुलाम को मुक्त कर देना जो तुम्हें बेचा गया है, और जो छ: वर्ष तक तुम्हारी गुलामी कर चुका है! तुम उसको गुलामी के बन्धन से अवश्य मुक्त कर देना।” किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी बात नहीं सुनी। उन्होंने मेरे आदेश पर ध्यान नहीं दिया।
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
अत: मैं, इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर, यों कहता हूं : जिन विपत्तियों की घोषणा मैंने की थी, वे सब मैं यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों पर ला रहा हूं। मैंने इन लोगों को अपना सन्देश सुनाया था, लेकिन इन्होंने नहीं सुना। मैंने इन को पुकारा, किन्तु इन्होंने मेरी पुकार का उत्तर नहीं दिया।’
‘हे प्रभु, क्या तू सच्चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्तु उन्हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्होंने पश्चात्ताप करने से इन्कार कर दिया।’
मैं किसको चेतावनी दूं? किस से बोलूं कि लोग सुनें? देख, उनके कान बहरे हैं, वे सुन नहीं सकते। उनकी दृष्टि में मुझ-प्रभु का वचन मजाक बन गया है; वे उसको सुनना पसन्द नहीं करते हैं।
मैंने उन पर प्रहरी नियुक्त किए कि वे चेतावनी के लिए बिगुल बजाएं। परन्तु यरूशलेम-निवासी कहते हैं, “हम चेतावनी पर ध्यान नहीं देंगे!”
परन्तु उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। वे मनचाहे मार्ग पर चलते रहे, अपने हठीले हृदय के अनुरूप दुराचरण करते रहे। उनके कदम मेरी ओर आगे नहीं बढ़े, बल्कि पीछे हट गए।
प्रभु कहता है: ‘जो व्यवस्था मैंने उनके सम्मुख प्रतिष्ठित की थी, उसको उन्होंने त्याग दिया। उन्होंने मेरे वचनों को नहीं सुना, और न मेरी आज्ञाओं के अनुसार आचरण किया।
‘ओ मानव, तू विद्रोही कौम, इस्राएली कुल के मध्य रहता है। उनके पास आंखें तो हैं, पर उन्हें दिखाई नहीं देता। उनके पास कान हैं, पर वे सुनते नहीं। इस्राएली कुल विद्रोही है।
इसलिए ओ मानव, तू निष्कासन का सामान तैयार कर, और दिन के समय उनकी आंखों के सामने नगर से निष्कासित हो। तू निष्कासित व्यक्ति के समान उनकी आंखों के सामने अपने निवास-स्थान से दूसरे स्थान को चले जाना। यद्यपि इस्राएली लोग विद्रोही हैं, परन्तु हो सकता है, वे तुझ पर ध्यान दें।
इसलिए, ओ मानव-पुत्र, तू इस्राएल के वंशजों से यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : जैसे तुम्हारे पूर्वजों ने मूर्तिपूजा कर के स्वयं को अशुद्ध किया था, वैसे ही क्या तुम स्वयं को अशद्ध करोगे? क्या तुम भी अपने पूर्वजों की घृणित मूर्तियों का अनुसरण करोगे, और पथ-भ्रष्ट होगे?
हमने तेरे सेवक नबियों के सन्देश को नहीं सुना। उन्होंने हमारे राजाओं, शासकों, और हमारे पूर्वजों को तथा देश की समस्त जनता को तेरे नाम से सन्देश सुनाया था।
मेरे अपने लोग तुले बैठे हैं कि वे मेरे पास नहीं लौटेंगे; अत: उनको जूए में जोता जाएगा; उनको जूए से कोई भी अलग नहीं कर सकेगा।
परन्तु उन्होंने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने प्रभु की ओर पीठ फेर ली और अपने कानों में रूई ठूंस ली। उन्होंने उसके सन्देश को अनसुना कर दिया।
तुम अपने पूर्वजों के समय से मेरी संविधियों का उल्लंघन करते आ रहे हो, तुमने उनका पालन नहीं किया। मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता हूं: मेरी ओर लौटो, तो मैं भी तुम्हारी ओर लौटूंगा। तुम पूछते हो, “हमने क्या किया है जिससे हम लौटें?”
किन्तु पुत्र को देख कर किसानों ने एक दूसरे से कहा, ‘यह तो उत्तराधिकारी है। चलो, हम इसे मार डालें और इसकी पैतृक-सम्पत्ति पर कब्जा कर लें।’
“ओ हठधर्मियो! मन से विधर्मियो, और कान से बहरे लोगो! आप लोग सदा ही पवित्र आत्मा का विरोध करते हैं, जैसा कि आपके पूर्वज भी किया करते थे।
किन्तु तुम अपने इस हठ और अपने हृदय के अपश्चात्ताप के कारण कोप के दिन के लिए अपने विरुद्ध कोप का संचय कर रहे हो, जब परमेश्वर का निष्पक्ष न्याय प्रकट होगा।
उन राष्ट्रों के समान, जिनको प्रभु ने तेरे सामने नष्ट किया था, तू भी नष्ट हो जाएगा, क्योंकि तूने अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी नहीं सुनी थी।