यिर्मयाह 35:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)17 अत: मैं, इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर, यों कहता हूं : जिन विपत्तियों की घोषणा मैंने की थी, वे सब मैं यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों पर ला रहा हूं। मैंने इन लोगों को अपना सन्देश सुनाया था, लेकिन इन्होंने नहीं सुना। मैंने इन को पुकारा, किन्तु इन्होंने मेरी पुकार का उत्तर नहीं दिया।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबल17 “अत: इस्राएल के लोगों का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है: ‘मैंने कहा कि यहूदा और यरूशलेम के लिये बहुत सी बुरी घटनायें घटेंगी। मैं उन बुरी घटनाओं को शीघ्र ही घटित कराऊँगा। मैंने उन लोगों को समझाया, किन्तु उन्होंने मेरी एक न सुनी। मैंने उन्हें पुकारा, किन्तु उन्होंने उत्तर नहीं दिया।’” अध्याय देखेंHindi Holy Bible17 इसलिये सेनाओं का परमेश्वर यहोवा, जो इस्राएल का परमेश्वर है, यों कहता है कि देखो, यहूदा देश और यरूशलेम नगर के सारे निवासियों पर जितनी विपत्ति डालने की मैं ने चर्चा की है वह उन पर अब डालता हूँ; क्योंकि मैं ने उन को सुनाया पर उन्होंने नहीं सुना, मैं ने उन को बुलाया पर उन्होंने उत्तर न दिया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)17 इसलिये सेनाओं का परमेश्वर यहोवा, जो इस्राएल का परमेश्वर है, यों कहता है : देखो, यहूदा देश और यरूशलेम नगर के सारे निवासियों पर जितनी विपत्ति डालने की मैं ने चर्चा की है वह उन पर अब डालता हूँ; क्योंकि मैं ने उनको सुनाया पर उन्होंने नहीं सुना, मैं ने उनको बुलाया पर उन्होंने उत्तर न दिया।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल17 “इसलिये इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: ‘यह देख लेना! कि मैं सारे यहूदियावासियों तथा येरूशलेम वासियों पर उनके लिए पूर्वघोषित विपत्तियां प्रभावी करने पर हूं. क्योंकि मैंने उन्हें आदेश दिया किंतु उन्होंने उसकी उपेक्षा की; मैंने उन्हें पुकारा, किंतु उन्होंने उत्तर नहीं दिया.’ ” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201917 इसलिए सेनाओं का परमेश्वर यहोवा, जो इस्राएल का परमेश्वर है, यह कहता है: देखो, यहूदा देश और यरूशलेम नगर के सारे निवासियों पर जितनी विपत्ति डालने की मैंने चर्चा की है वह उन पर अब डालता हूँ; क्योंकि मैंने उनको सुनाया पर उन्होंने नहीं सुना, मैंने उनको बुलाया पर उन्होंने उत्तर न दिया।” अध्याय देखें |
क्या कारण है कि जब मैं आया तब वहां कोई मनुष्य नहीं था? जब मैं ने पुकारा तब क्यों मुझे उत्तर देनेवाला वहाँ नहीं था? क्या मेरा हाथ इतना छोटा हो गया कि वह छुड़ा नहीं सकता? क्या मुझ में उद्धार करने की शक्ति नहीं रही? देखो, मैं अपनी डांट से समुद्र को सुखा देता हूं, मैं नदियों को मरुस्थल बना देता हूं। उनकी मछलियाँ जल के अभाव में प्यास से तड़प कर मर जाती हैं, और बसाती हैं।