अब्राहम सबेरे उठे। उन्होंने अपने गधे पर जीन कसी, अपने साथ दो सेवकों एवं अपने पुत्र इसहाक को लिया, अग्नि-बलि के लिए लकड़ी काटी और उस स्थान की ओर चले जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उनसे की थी।
यिर्मयाह 25:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य के तेरहवें वर्ष से लेकर आज के दिन तक अर्थात् पिछले तेईस वर्ष से मुझे प्रभु का वचन मिल रहा है। मैंने निरन्तर उत्साह से तुम्हें प्रभु का वचन सुनाया, लेकिन तुमने नहीं सुना। पवित्र बाइबल मैंने इन गत तेईस वर्षों में यहोवा के सन्देशों को तुम्हें बार—बार दिया है। मैं यहूदा के राजा आमोन के पुत्र योशिय्याह के राज्यकाल के तेरहवें वर्ष से नबी हूँ। मैंने उस समय से आज तक यहोवा के यहाँ से सन्देशों को तुम्हें दिया है। किन्तु तुमने उसे अनसुना किया है। Hindi Holy Bible आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के राज्य के तेरहवें वर्ष से ले कर आज के दिन तक अर्थात तेईस वर्ष से यहोवा का वचन मेरे पास पहुंचता आया है; और मैं उसे बड़े यत्न के साथ तुम से कहता आया हूँ; परन्तु तुम ने उसे नहीं सुना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के राज्य के तेरहवें वर्ष से लेकर आज के दिन तक अर्थात् तेईस वर्ष से यहोवा का वचन मेरे पास पहुँचता आया है; और मैं उसे बड़े यत्न के साथ तुम से कहता आया हूँ; परन्तु तुम ने उसे नहीं सुना। सरल हिन्दी बाइबल अमोन के पुत्र यहूदिया के राजा योशियाह के राज्य-काल के तेरहवें वर्ष से आज तक इन तेईस वर्षों में मुझे याहवेह का संदेश प्राप्त होता आया है, जो मैं बार-बार तुम्हारे समक्ष प्रस्तुत भी करता रहा हूं, किंतु तुमने इसकी अनसुनी ही की है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के राज्य के तेरहवें वर्ष से लेकर आज के दिन तक अर्थात् तेईस वर्ष से यहोवा का वचन मेरे पास पहुँचता आया है; और मैं उसे बड़े यत्न के साथ तुम से कहता आया हूँ; परन्तु तुम ने उसे नहीं सुना। |
अब्राहम सबेरे उठे। उन्होंने अपने गधे पर जीन कसी, अपने साथ दो सेवकों एवं अपने पुत्र इसहाक को लिया, अग्नि-बलि के लिए लकड़ी काटी और उस स्थान की ओर चले जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उनसे की थी।
इस्राएल प्रदेश के राजा ने अपने दरबारियों से यह कहा, ‘क्या आप लोग जानते हैं कि रामोत-गिलआद नगर हमारा है? परन्तु हम अब तक चुप हैं। हमने उसको सीरिया के राजा के हाथ से पुन: प्राप्त नहीं किया।’
प्रभु इस्राएल और यहूदा प्रदेशों को नबियों और द्रष्टाओं के द्वारा चेतावनी देता रहा। प्रभु ने उनसे कहा, ‘अपने कुमार्गों को छोड़ दो, और मेरी आज्ञाओं और संविधियों का पालन करो। जो व्यवस्था मैंने तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान की थी, जो व्यवस्था मैंने अपने सेवक नबियों के हाथ से तुम्हें भेजी थी, उसके अनुसार कार्य करो।’
फिर भी वह उनको अपनी ओर उन्मुख करने के लिए उनके मध्य-नबियों को भेजता रहा। नबियों ने उनको समझाया; किन्तु उन्होंने नबियों की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया।
जब योशियाह ने राज्य करना आरम्भ किया तब वह आठ वर्ष का था। उसने राजधानी यरूशलेम में इकतीस वर्ष तक राज्य किया।
जब वह किशोर ही था, और उसके राज्य का आठवां वर्ष था, तब से अपने पूर्वज दाऊद के परमेश्वर की खोज में लग गया था, और अपने राज्य के बारहवें वर्ष में उसने यहूदा प्रदेश तथा राजधानी यरूशलेम को शुद्ध करने के लिए पहाड़ी शिखरों की वेदियां, अशेराह देवी के खम्भे और गढ़ी एवं ढली मूर्तियों को हटा दिया।
राजा योशियाह के राज्य-काल के अठारहवें वर्ष की यह घटना है। वह यहूदा प्रदेश तथा प्रभु के भवन को शुद्ध कर चुका था। उसने शाफान बेन-असल्याह, नगर के प्रशासक मासेयाह तथा लिपिक योआह बेन-योआहाज को भेजा कि वे उसके प्रभु परमेश्वर के भवन की मरम्मत करें।
फिर भी उनके पूर्वजों का प्रभु परमेश्वर अपने निज लोगों तथा अपने निवास-स्थान पर दयापूर्ण दृष्टि करता रहा। इसलिए वह उनको समझाने के लिए निरन्तर अपने सन्देश-वाहक भेजता रहा।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘तू सबेरे उठकर नील नदी की ओर जाना, और फरओ की प्रतीक्षा करना। वह वहाँ जाता है। तू उससे कहना, “प्रभु यों कहता है : मेरे लोगों को जाने दे कि वे मेरी सेवा करें।
जो भोजन नहीं है, उस पर पैसा क्यों खर्च करते हो? जिससे सन्तोष नहीं मिलता, उसके लिए परिश्रम क्यों करते हो? ध्यान से मेरी बात सुनो! तब तुम्हें खाने को उत्तम वस्तु प्राप्त होगी, और तुम स्वादिष्ट व्यंजन खाकर तृप्त होगे।
यिर्मयाह को जब प्रभु का संदेश मिला तब यहूदा प्रदेश पर राजा योशियाह बेन-आमोन राज्य करता था, और उसके राज्यकाल का तेरहवां वर्ष था।
जब मैं तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से निकाल लाया था, तब उनको गंभीर चेतावनी दी थी। उस दिन से आज तक मैं लगातार चेतावनी देता आया हूं कि मेरी आज्ञा का पालन करो।
‘इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: जिस विपत्ति की घोषणा मैंने तुम्हारे हठ और दुराचरण के कारण की है, वह मैं इस नगर और यहूदा प्रदेश के सब नगरों पर ला रहा हूं; क्योंकि तुमने अपना हृदय कठोर बना लिया है, और मेरे वचनों को सुनने से इन्कार कर दिया है।’
जब तू सुख में डूबी थी, तब मैंने तुझे चेतावनी दी थी; पर तूने मेरी उपेक्षा कर कहा, “मैं तेरी बात नही सुनूंगी।” तू अपने बचपन से यही आचरण करती आयी है। तूने मेरी वाणी नहीं सुनी; तून मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया।
यद्यपि प्रभु अपने वचन को सुनाने के लिए अपने सेवक-नबियों को तुम्हारे पास नियमित रूप से भेजता रहा, किन्तु तुमने उसका सन्देश नहीं सुना, और न ही सुनने के लिए कान लगाया।
और मेरे सेवक नबियों की शिक्षाओं पर ध्यान नहीं दोगे, जिनको मैंने अविलम्ब तुम्हारे पास भेजा है (सच तो यह है कि तुमने उनके वचनों पर ध्यान नहीं दिया!),
मैंने अपने सेवक नबियों को उनके पास भेजा था, और नबियों के माध्यम से बार-बार उन्हें अपना सन्देश सुनाया था। किन्तु उन्होंने मेरे सन्देश पर ध्यान नहीं दिया। मुझ-प्रभु की यह वाणी है कि तुमने मेरे वचन को नहीं सुना!
वे मेरी ओर उन्मुख नहीं हुए, बल्कि मुझ से विमुख हो गए। यद्यपि मैंने उन को बार-बार समझाया, तो भी उन्होंने मेरी वाणी नहीं सुनी, और मेरी शिक्षा स्वीकार नहीं की।
देखो, योनादाब बेन-रेकाब ने अपने अनुयायियों को शराब न पीने का आदेश दिया था, और उसके सम्प्रदाय के सब लोगों ने अब तक उसके आदेश का पालन किया। किन्तु मैं बार-बार तुमसे बोलता हूं, और तुम मेरे वचनों को नहीं सुनते हो।
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
यहूदा प्रदेश का राजा यहोयाकीम बेन-योशियाह के राज्य-काल के चौथे वर्ष में प्रभु का यह सन्देश यिर्मयाह को मिला :
‘एक चर्मपत्र ले, और उस पर मेरे सब वचन लिख, जो मैंने इस्राएल और यहूदा प्रदेश तथा समस्त राष्ट्रों के विरुद्ध तेरे माध्यम से कहे हैं। राजा योशियाह के राज्य-काल में जब मैंने तुझसे बात करना आरंभ किया था, तब से लेकर आज तक मैंने तुझे जो-जो सन्देश दिए हैं, उन सब को लिख।
फिर भी मैं अपने प्रेम के कारण बार-बार अपने सेवक नबियों को भेजता रहा, और उनके माध्यम से कहता रहा, ‘ओह, यह घृणित कार्य मत करो, मैं इस पूजा-पाठ से घृणा करता हूं।’
अब तुम मुझ-प्रभु की वाणी सुनो: तुम ने भी ये दुष्कर्म किए। मैंने बार-बार तुम्हें चेतावनी दी; पर तुमने मेरी बात नहीं सुनी; और जब मैंने तुम्हें पश्चात्ताप के लिए बुलाया तब तुमने मुझे उत्तर भी नहीं दिया।
जिस दिन से तुम्हारे पूर्वज मिस्र देश से बाहर निकले, उस दिन से आज तक, मैं अपने सेवक नबियों को निरंतर, दिन-प्रतिदिन, उन के पास भेजता रहा।
और चेतावनी के नरसिंगे की आवाज सुनने पर भी यदि कोई व्यक्ति सावधान नहीं होगा, और शत्रु का आक्रमण होने पर वह उसकी तलवार से मारा जाएगा, तो उसके खून का दोष उसके ही सिर पड़ेगा।
अपने पूर्वजों के सदृश मत बनो। प्राचीन काल के नबियों ने उनसे कहा था, “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: अपने बुरे मार्ग से लौटो, अपने दुष्कर्मों को छोड़ दो।” पर उन्होंने मुझ-प्रभु की बात नहीं सुनी, मेरी ओर ध्यान नहीं दिया। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।
प्रात:काल, जब अंधेरा ही था, येशु उठे और घर से बाहर निकले। वह किसी एकान्त स्थान जा कर प्रार्थना करने लगे।
येशु बड़े सबेरे फिर मन्दिर में आए। सारी जनता उनके पास इकट्ठी हो गयी और वह बैठ कर लोगों को शिक्षा देने लगे।
जो परमेश्वर का है, वह परमेश्वर के वचन सुनता है। तुम लोग इसलिए नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो।”
शुभ संदेश सुनाओ, समय-असमय लोगों से आग्रह करते रहो। बड़े धैर्य से तथा शिक्षा देने के उद्देश्य से लोगों को समझाओ, डांटो और प्रोत्साहित करो;