Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




यिर्मयाह 32:33 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

33 वे मेरी ओर उन्‍मुख नहीं हुए, बल्‍कि मुझ से विमुख हो गए। यद्यपि मैंने उन को बार-बार समझाया, तो भी उन्‍होंने मेरी वाणी नहीं सुनी, और मेरी शिक्षा स्‍वीकार नहीं की।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

33 “उन लोगों को सहायता के लिये मेरे पास आना चाहिये था। लेकिन उन्होंने मुझसे अपना मुँह मोड़ा। मैंने उन लोगों को बार—बार शिक्षा देनी चाही किन्तु उन्होंने मेरी एक न सुनी। मैंने उन्हें सुधारना चाहा किन्तु उन्होंने अनसुनी की।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

33 उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं वरन पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तौभी उन्होंने मेरी शिक्षा को नहीं माना।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

33 उन्होंने मेरी ओर मुँह नहीं वरन् पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तौभी उन्हों ने मेरी शिक्षा को नहीं माना।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

33 मेरी ओर उन्मुख होने की अपेक्षा वे मुझसे विमुख हो गए हैं, यद्यपि मैं उन्हें शिक्षा देता रहा बार-बार शिक्षा देता रहा, किंतु उन्होंने न तो मेरी सुनी और न मेरी शिक्षा का स्वीकार ही किया.

अध्याय देखें प्रतिलिपि

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

33 उन्होंने मेरी ओर मुँह नहीं वरन् पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तो भी उन्होंने मेरी शिक्षा को नहीं माना।

अध्याय देखें प्रतिलिपि




यिर्मयाह 32:33
17 क्रॉस रेफरेंस  

वह हमें पृथ्‍वी के पशुओं से अधिक शिक्षा देता है। वह हमें आकाश के पक्षियों से अधिक बुद्धि देता है।”


पूरबी वायु के समान मैं उन को शत्रुओं के सम्‍मुख बिखेर दूंगा; उनकी विपत्ति के दिन मैं उनको अपना मुंह नहीं, बल्‍कि पीठ दिखाऊंगा!’


वे काठ स्‍तम्‍भ से कहते हैं, “तू हमारा पिता है।” वे पत्‍थर से कहते हैं, “तूने ही हमें जन्‍म दिया है।” उन्‍होंने मेरी ओर अपना मुंह नहीं वरन् अपनी पीठ फेरी है। जब उन पर संकट के बादल मंडराते हैं, तब मुझसे कहते हैं, “उठ और हमें बचा।”


और मेरे सेवक नबियों की शिक्षाओं पर ध्‍यान नहीं दोगे, जिनको मैंने अविलम्‍ब तुम्‍हारे पास भेजा है (सच तो यह है कि तुमने उनके वचनों पर ध्‍यान नहीं दिया!),


‘इस्राएल का परमेश्‍वर, स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: जा, यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम नगर के निवासियों से यह कह: क्‍या तुम मेरी शिक्षाओं पर ध्‍यान नहीं दोगे? मेरे वचन को नहीं सुनोगे? मुझ-प्रभु की यह वाणी है।


मैंने बार-बार तुम्‍हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्‍यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्‍यवहार को सुधारे, अन्‍य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्‍चिन्‍त निवास करोगे, जो मैंने तुम्‍हारे पूर्वजों को, और तुम्‍हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्‍यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।


फिर भी मैं अपने प्रेम के कारण बार-बार अपने सेवक नबियों को भेजता रहा, और उनके माध्‍यम से कहता रहा, ‘ओह, यह घृणित कार्य मत करो, मैं इस पूजा-पाठ से घृणा करता हूं।’


अब तुम मुझ-प्रभु की वाणी सुनो: तुम ने भी ये दुष्‍कर्म किए। मैंने बार-बार तुम्‍हें चेतावनी दी; पर तुमने मेरी बात नहीं सुनी; और जब मैंने तुम्‍हें पश्‍चात्ताप के लिए बुलाया तब तुमने मुझे उत्तर भी नहीं दिया।


परन्‍तु उन्‍होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। वे मनचाहे मार्ग पर चलते रहे, अपने हठीले हृदय के अनुरूप दुराचरण करते रहे। उनके कदम मेरी ओर आगे नहीं बढ़े, बल्‍कि पीछे हट गए।


तू उन से कहेगा, “ओ इस्राएलियो, तुम ऐसी कौम हो जिसने अपने प्रभु परमेश्‍वर के आदेश का पालन नहीं किया, जिसने दण्‍ड पाने पर भी स्‍वयं को नहीं सुधारा। निस्‍सन्‍देह सच्‍चाई मर गई, तुम्‍हारे ओंठों से सत्‍य दूर हो गया!


स्‍वामी-प्रभु यों कहता है, ‘तूने मुझे भुला दिया, अपना मुंह मुझ से फेर लिया, और कीचड़ के समान मुझे फेंक दिया। अत: अब तू अपनी कामुकता और व्‍यभिचार के कुकर्म का फल भोग।’


इसके बाद वह मुझे प्रभु-भवन के भीतरी आंगन में ले गया। वहां मैंने लगभग पच्‍चीस आदमी देखे, जो प्रभु-भवन के प्रवेश-द्वार के सामने, ड्‍योढ़ी और वेदी के बीच में खड़े थे। उनकी पीठ प्रभु के मन्‍दिर की ओर थी, और मुख पूर्व की ओर। वे पूर्व दिशा में सूर्य की पूजा कर रहे थे।


जितना अधिक मैं उसे बुलाता था, वह मेरे सम्‍मुख से भाग जाता था। वह बअल देवता को पशु-बलि चढ़ाता रहा; वह मूर्तियों के सम्‍मुख धूप-द्रव्‍य जलाता रहा।


परन्‍तु उन्‍होंने इन बातों पर ध्‍यान नहीं दिया। उन्‍होंने प्रभु की ओर पीठ फेर ली और अपने कानों में रूई ठूंस ली। उन्‍होंने उसके सन्‍देश को अनसुना कर दिया।


येशु बड़े सबेरे फिर मन्‍दिर में आए। सारी जनता उनके पास इकट्ठी हो गयी और वह बैठ कर लोगों को शिक्षा देने लगे।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों