4 अपने पूर्वजों के सदृश मत बनो। प्राचीन काल के नबियों ने उनसे कहा था, “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: अपने बुरे मार्ग से लौटो, अपने दुष्कर्मों को छोड़ दो।” पर उन्होंने मुझ-प्रभु की बात नहीं सुनी, मेरी ओर ध्यान नहीं दिया। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।
4 यहोवा ने कहा, “अपने पूर्वजों के समान न बनो। बीते समय में, नबी ने उनसे बातें कीं। उन्होंने कहा, ‘सर्वशक्तिमान यहोवा चाहता है कि तुम अपने बुरे रहन सहन को छोङ दो। बुरे काम बन्द कर दो!’ किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी एक न सुनी।” यहोवा ने यह बातें कही।
4 अपने पुरखाओं के समान न बनो, उन से तो अगले भविष्यद्वक्ता यह पुकार पुकारकर कहते थे कि सेनाओं का यहोवा यों कहता है, अपने बुरे मार्गों से, और अपने बुरे कामों से फिरो; परन्तु उन्होंने न तो सुना, और न मेरी ओर ध्यान दिया, यहोवा की यही वाणी है।
4 अपने पुरखाओं के समान न बनो, उनसे तो पूर्वकाल के भविष्यद्वक्ता यह पुकार पुकारकर कहते थे, ‘सेनाओं का यहोवा यों कहता है, अपने बुरे मार्गों से, और अपने बुरे कामों से फिरो;’ परन्तु उन्होंने न तो सुना, और न मेरी ओर ध्यान दिया, यहोवा की यही वाणी है।
4 अपने पूर्वजों के समान मत बनो, जिन्हें पहले के भविष्यवक्ताओं ने पुकार-पुकारकर कहा था: सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘अपने बुरे चालचलन और अपने बुरे कार्यों को छोड़ो.’ किंतु उन्होंने न तो मेरी बातों को सुना और न ही मेरी ओर ध्यान दिया, याहवेह की घोषणा है.
4 अपने पुरखाओं के समान न बनो, उनसे तो पूर्वकाल के भविष्यद्वक्ता यह पुकार पुकारकर कहते थे, ‘सेनाओं का यहोवा यह कहता है, अपने बुरे मार्गों से, और अपने बुरे कामों से फिरो;’ परन्तु उन्होंने न तो सुना, और न मेरी ओर ध्यान दिया, यहोवा की यही वाणी है।
अत: सन्देशवाहक राजा हिजकियाह तथा उसके उच्चाधिकारियों के पत्र लेकर समस्त इस्राएल और यहूदा प्रदेशों में गए। राजा हिजकियाह ने पत्र में यह लिखा था : ‘ओ इस्राएली राष्ट्र के लोगो, तुम जो असीरिया देश के राजाओं के हाथ से बच गए हो, अपने पूर्वजों, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्वर के पास लौटो, ताकि वह तुम्हारी ओर पुन: लौटे।
तुम्हारे पूर्वजों और जाति भाई-बन्धुओं ने अपने प्रभु परमेश्वर के प्रति विश्वासघात किया था। तुम उनके समान आचरण मत करो अन्यथा, जैसा तुम देख रहे हो, कि उसने उनको उजाड़ दिया था, वैसा वह तुम्हें भी उजाड़ देगा।
‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से, इस्राएल और यहूदा प्रदेशों के बचे हुए लोगों की ओर से, इस धर्म-पुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महा-क्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने प्रभु का वचन नहीं माना। उन्होंने धर्म-पुस्तक में लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
हमारे पूर्वजों के समय से आज तक हम घोर दुष्कर्म करते आए हैं; अपने इन्हीं दुष्कर्मों के कारण हम, हमारे राजा और हमारे पुरोहित विदेशी राजाओं के हाथ में पड़ गए। हमें तलवार से मौत के घाट उतारा गया, हमारी सम्पत्ति को लूटा गया, हमें गुलाम बनाकर निष्कासित किया गया, हमारी दयनीय दशा की गई, जो आज तक है।
‘फिर भी उन्होंने तेरे धर्म-नियमों का उल्लंघन किया; और उन्होंने तेरे प्रति विद्रोह किया। उन्होंने तेरी व्यवस्था को कूड़े में डाल दिया, और उन नबियों को मार डाला जो उन्हें सावधान करते थे, और तेरे पास लौटने का सन्देश देते थे। यों उन्होंने तेरी घोर निन्दा की।
‘तू अनेक वर्षों तक उनकी हठधर्मिता को सहता रहा; तूने अपने आत्मा के द्वारा, अपने नबियों के माध्यम से उनको चेतावनी दी; फिर भी उन्होंने उन पर कान नहीं दिया। इसलिए तूने अनेक देशों की कौमों के हाथों में उनको सौंप दिया।
‘अब, यिर्मयाह, तू यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों से यह कह : “प्रभु यों कहता है : देखो, मैं तुम्हारा अनिष्ट करने का विचार कर रहा हूँ; मैं तुम्हारे विरुद्ध अनिष्ट की योजना बना रहा हूं। अत: प्रत्येक मनुष्य अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटे, और तुम-सब अपना-अपना आचरण और व्यवहार सुधारो।”
यदि ये मेरे दरबार में उपस्थित रहते, तो निस्सन्देह ये मेरे निज लोगों को मेरा वचन सुना सकते थे, और उन्हें बुरे मार्ग से मेरे पास लौटा ले आते; उन्हें उनके बुरे रास्तों से वापस ले आते।’
और मेरे सेवक नबियों की शिक्षाओं पर ध्यान नहीं दोगे, जिनको मैंने अविलम्ब तुम्हारे पास भेजा है (सच तो यह है कि तुमने उनके वचनों पर ध्यान नहीं दिया!),
जा, तू उत्तर दिशा में मेरे ये वचन सुना: प्रभु यह कहता है: ओ विश्वासघातिनी इस्राएली जनता, ‘मेरी ओर लौट। मैं करुणा-सागर हूं; मैं तुझ पर क्रोध नहीं करूँगा। मुझ-प्रभु का यह वचन है। मैं युगांत तक तुझसे नाराज नहीं रहूंगा।
प्रभु यों कहता है: ‘ओ विश्वासघातिनी जनता, लौट आ! क्योंकि मैं तेरा स्वामी हूं। मैं प्रत्येक नगर से एक व्यक्ति और हरएक गोत्र से दो जन लूंगा, ओर यों तुझको सियोन में पहुंचा दूंगा।
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
प्रभु कहता है, ‘ओ इस्राएल! यदि तू लौटे, तो तुझे मेरे पास ही लौटना चाहिए। यदि तू अपनी मूर्ति-पूजा की घृणित वस्तुओं को मेरे सामने से दूर करे, और मेरे पास से न भागे,
‘इसलिए, तू इस्राएली कुल से यह बोल : स्वामी-प्रभु यों कहता है, ओ इस्राएली कुल! पश्चात्ताप करो। अपनी घृणित मूर्तियों से मुंह मोड़ो और अपने घृणित कार्यों को छोड़ो। ओ इस्राएल के वंशजो, मेरी ओर लौटो।
‘मैंने उस पीढ़ी की सन्तान से कहा, “अपनी पिछली पीढ़ी के समान आचरण मत करो, उन की संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों को मत मानो, और न ही उनकी मूर्तियों से स्वयं को अशुद्ध करो।
ओ मानव, तू उनसे यह कह : “मैं स्वयं स्वामी-प्रभु बोल रहा हूँ : मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है! मैं किसी भी दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न नहीं होता हूँ। किन्तु मुझे तब प्रसन्नता होती है, जब दुर्जन अपना बुरा आचरण छोड़ देता है और मरने से बच जाता है। इसी प्रकार ओ इस्राएल के वंशजो, अपने बुरे आचरण को छोड़ दो, अपने बुरे मार्ग से पीठ फेर लो। तुम क्यों मरना चाहते हो?”
और चेतावनी के नरसिंगे की आवाज सुनने पर भी यदि कोई व्यक्ति सावधान नहीं होगा, और शत्रु का आक्रमण होने पर वह उसकी तलवार से मारा जाएगा, तो उसके खून का दोष उसके ही सिर पड़ेगा।
हमने तेरे सेवक नबियों के सन्देश को नहीं सुना। उन्होंने हमारे राजाओं, शासकों, और हमारे पूर्वजों को तथा देश की समस्त जनता को तेरे नाम से सन्देश सुनाया था।
तू लोगों से यह कह : स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: मेरे पास लौटो! मुझ-प्रभु का यह कथन है; तो मैं तुम्हारे पास लौटूंगा।” स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की यह वाणी है।
मैंने पहले दमिश्क तथा यरूशलेम के लोगों में, और उसके बाद समस्त यहूदा प्रदेश तथा ग़ैर-यहूदियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चात्ताप करें, परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जायें और पश्चात्ताप के अनुरूप आचरण करें।