प्रभु ने मनश्शे और उसकी जनता को अपने नबियों के माध्यम से समझाया; किन्तु उन्होंने प्रभु की बात नहीं सुनी।
यिर्मयाह 22:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब तू सुख में डूबी थी, तब मैंने तुझे चेतावनी दी थी; पर तूने मेरी उपेक्षा कर कहा, “मैं तेरी बात नही सुनूंगी।” तू अपने बचपन से यही आचरण करती आयी है। तूने मेरी वाणी नहीं सुनी; तून मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया। पवित्र बाइबल “हे यहूदा, तुमने अपने को सुरक्षित समझा, किन्तु मैंने तुम्हें चेतावनी दी। मैंने तुम्हें चेतावनी दी, परन्तु तुमने सुनने से इन्कार किया तुमने यह तब से किया जब तुम युवती थी और यहूदा जब से तुम युवती थी, तुमने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया। Hindi Holy Bible तेरे सुख के समय मैं ने तुझ को चिताया था, परन्तु तू ने कहा, मैं तेरी न सुनूंगी। युवावस्था ही से तेरी चाल ऐसी है कि तू मेरी बात नहीं सुनती। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तेरे सुख के समय मैं ने तुझ को चिताया था, परन्तु तू ने कहा, ‘मैं तेरी न सुनूँगी।’ युवावस्था ही से तेरी चाल ऐसी है कि तू मेरी बात नहीं सुनती। सरल हिन्दी बाइबल तुम्हारी सम्पन्नता की स्थिति में मैंने तुमसे बात करना चाहा, किंतु तुम्हारा हठ था, ‘नहीं सुनूंगा मैं!’ बचपन से तुम्हारी यही शैली रही है; तुमने कभी मेरी नहीं सुनी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तेरे सुख के समय मैंने तुझको चिताया था, परन्तु तूने कहा, ‘मैं तेरी न सुनूँगी।’ युवावस्था ही से तेरी चाल ऐसी है कि तू मेरी बात नहीं सुनती। |
प्रभु ने मनश्शे और उसकी जनता को अपने नबियों के माध्यम से समझाया; किन्तु उन्होंने प्रभु की बात नहीं सुनी।
अन्यथा मैं भरपेट खाने पर तेरी महिमा से इन्कार कर दूंगा, और गर्व से कहूंगा, ‘प्रभु है कौन?’ अथवा गरीब होने पर मैं चोरी करने लगूंगा; और यों तेरे पवित्र नाम को कलंकित करूंगा।
निस्सन्देह, तूने इनके विषय में कभी सुना नहीं था, और न तुझे कुछ मालूम ही था। इससे पहले तेरे कान में यह बात पड़ी भी नहीं थी; क्योंकि मैं जानता था, कि तू निश्चय विश्वासघात करेगा। तू अपनी मां के गर्भ से ही विद्रोही कहलाता आया है।
यह दुष्कर्मी जाति है। ये मेरी बात सुनने से इन्कार करते हैं, और हठपूर्वक अपने हृदय के अनुसार आचरण करते हैं। ये अन्य कौमों के देवी-देवताओं की सेवा करने के लिए उनके अनुयायी बन गए हैं, और उनकी पूजा करते हैं। अत: यह कौम भी लुंगी के समान किसी काम की नहीं रहेगी।
‘इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: जिस विपत्ति की घोषणा मैंने तुम्हारे हठ और दुराचरण के कारण की है, वह मैं इस नगर और यहूदा प्रदेश के सब नगरों पर ला रहा हूं; क्योंकि तुमने अपना हृदय कठोर बना लिया है, और मेरे वचनों को सुनने से इन्कार कर दिया है।’
तू काम की तृप्ति के लिए यहां-वहां मत भटक, अपने पैरों को मत थका, और न प्यास से अपना गला सुखा! परन्तु तू कहती है, “नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। मैं अन्य जाति के देवताओं से प्रेम करती हूं; मैं उनके ही पीछे-पीछे जाऊंगी।”
ओ लोगो, मुझ-प्रभु के वचन पर ध्यान दो। क्या मैं इस्राएली कौम के लिए निर्जन प्रदेश के सदृश अथवा घोर अन्धकारमय क्षेत्र के सदृश भटकाने वाला था? तब मेरे निज लोग यह क्यों कहते हैं, “हम स्वतन्त्र हैं, हम तेरे पास नहीं आएंगे” ?
‘यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य के तेरहवें वर्ष से लेकर आज के दिन तक अर्थात् पिछले तेईस वर्ष से मुझे प्रभु का वचन मिल रहा है। मैंने निरन्तर उत्साह से तुम्हें प्रभु का वचन सुनाया, लेकिन तुमने नहीं सुना।
यद्यपि प्रभु अपने वचन को सुनाने के लिए अपने सेवक-नबियों को तुम्हारे पास नियमित रूप से भेजता रहा, किन्तु तुमने उसका सन्देश नहीं सुना, और न ही सुनने के लिए कान लगाया।
किन्तु तुमने मेरी बात नहीं सुनी, और अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के लिए अपने हाथ के कामों से मेरा क्रोध भड़काया।”
‘किन्तु हमारे बचपन से ही, ये घृणित देवता हमारे पूर्वजों के कठोर परिश्रम का फल, उनके रेवड़ के बैल-गाय, भेड़-बकरियां, उनके पुत्र और पुत्रियां खाते रहे हैं!
हमें तो शर्म के मारे गड़ जाना चाहिए। हमें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। हमने अपने प्रभु परमेश्वर के प्रति पाप किया है। हम और हमारे पूर्वज बचपन से आज तक पाप करते आए हैं। हमने अपने प्रभु परमेश्वर की बातों को नहीं माना।’
‘इस्राएल और यहूदा के वंशजों ने अपने बचपन से मेरी दृष्टि में दुष्कर्म के अतिरिक्त कुछ नहीं किया। मैं-प्रभु कहता हूं: इस्राएली सदा से अपने हाथों से ऐसे काम करते आए हैं, जो मेरी दृष्टि में पाप हैं, और यों उन्होंने मेरे क्रोध को भड़काया है।
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
‘मोआब बचपन से ही सुखी रहा है; वह मानो पुरानी मदिरा है और उसकी तलछट निकालने के लिए उसको एक बर्तन से दूसरे बर्तन में नहीं उण्डेला गया : मोआब कभी बन्दी हो कर निष्कासित नहीं हुआ। अत: स्वतन्त्रता का स्वाद अब तक उसके मुंह में हैं; आजादी की खुशबू उससे अलग नहीं हुई।
प्रभु यों कहता है, ‘मार्ग के किनारे खड़े हो, और स्वयं देखो। प्राचीन पथों का पता लगाओ। लोगों से पूछो कि सन्मार्ग कहां है। तब उस पर चलो, तभी तुम्हारी आत्मा को चैन मिलेगा। लेकिन यरूशलेम निवासी कहते हैं, “हम सन्मार्ग पर नहीं चलेंगे।”
लेकिन इस्राएल के वंशजों ने निर्जन प्रदेश में मुझ से विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया, बल्कि मेरे न्याय-सिद्धान्तों को ताक पर रख दिया, जिनके अनुरूप आचरण करने से मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस की घोर उपेक्षा कर उसको अपवित्र कर दिया। ‘अत: मैंने सोचा कि मैं उनको निर्जन प्रदेश में दण्ड देने के लिए उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा और उनको पूर्णत: नष्ट कर दूंगा।
‘किन्तु इस्राएलियों की नई पीढ़ी ने भी मुझसे विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन करने में तत्परता नहीं दिखाई, जिनका पालन करके मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। ‘अत: मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए निर्जन प्रदेश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा, मैं उन पर घातक प्रहार करूंगा।
जब मैं उन्हें उस देश में ले आया जिसको देने की शपथ मैंने खाई थी, तब उन्हें जहां-कहीं भी पहाड़ी शिखर दिखाई दिए और जहां-कहीं उन्होंने हरे वृक्ष देखे, वहां वे बलि चढ़ाने लगे, पूजा करने लगे, और अपनी बलि और पूजा से मुझे चिढ़ाया। वहां वे सुगन्धित धूपद्रव्य जलाते थे, और अपनी पेयबलि उण्डेलते थे।
किन्तु उन्होंने मुझ से विद्रोह किया। मेरी बात नहीं सुनी। किसी ने भी मिस्र देश की घृणित मूर्तियों को अपने से दूर नहीं किया। वे उनसे चिपके रहे, और उनको नहीं छोड़ा; क्योंकि उन पर उनकी आंखें लगी थीं। ‘तब मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए मिस्र देश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा।
वह किसी की बात पर ध्यान नहीं देती, वह ताड़ना पाने पर भी नहीं सुधरी। वह प्रभु पर भरोसा नहीं करती। वह परमेश्वर की आराधना के लिए उसके मन्दिर में नहीं आती।
जब यरूशलेम नगर, उसके आस-पास के नगर, उसका नेगेब और शफेलाह क्षेत्र आबाद और समृद्ध थे, तब क्या प्रभु ने प्राचीन काल के नबियों के द्वारा यह नहीं कहा था?’
मैं जानता हूँ कि तुम विद्रोही और ऐंठी गरदन वाले लोग हो! देखो, यदि मेरे जीवित रहते, तुम्हारे साथ रहते हुए भी तुम आज प्रभु के विरुद्ध विद्रोह करते हो, तो मेरी मृत्यु के पश्चात् विद्रोह क्यों न करोगे?
‘स्मरण रखना और कभी मत भूलना कि तुमने निर्जन प्रदेश में अपने प्रभु परमेश्वर को क्रोधित किया था। जिस दिन से तुम मिस्र देश से बाहर निकले हो, और इस स्थान पर पहुँचे हो, तुम प्रभु से विद्रोह करते रहे हो।