अब्राहम ने उस स्थान का नाम, ‘प्रभु प्रबन्ध करता है’ रखा। इसलिए आज तक यह कहा जाता है : ‘प्रभु के पहाड़ पर कोई प्रबन्ध होगा।’
यहेजकेल 48:35 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘नगर का घेरा नौ किलोमीटर होगा। आज से इस नगर का नाम होगा : “प्रभु यहाँ है!” पवित्र बाइबल “नगर के चारों ओर की दूरी अट्ठारह हजार हाथ होगी। अब से आगे नगर का नाम होगा: यहोवा यहाँ है।” Hindi Holy Bible नगर की चारों अलंगों का घेरा अठारह हजार बांस का हो, और उस दिन से आगे को नगर का नाम “यहोवा शाम्मा” रहेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) नगर के चारों ओर का घेरा अठारह हज़ार बाँस का हो, और उस दिन से आगे को नगर का नाम ‘यहोवा शाम्मा’ रहेगा।” सरल हिन्दी बाइबल “सब तरफ की दूरी लगभग दस किलोमीटर होगी. “और उस समय से इस नगर का नाम होगा, ‘याहवेह शाम्मा’ अर्थात् याहवेह वहां है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 नगर के चारों ओर का घेरा अठारह हजार बाँस का हो, और उस दिन से आगे को नगर का नाम ‘यहोवा शाम्मा’ रहेगा।” |
अब्राहम ने उस स्थान का नाम, ‘प्रभु प्रबन्ध करता है’ रखा। इसलिए आज तक यह कहा जाता है : ‘प्रभु के पहाड़ पर कोई प्रबन्ध होगा।’
दाऊद ने यह कहा था, ‘इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर ने अपने निज लोगों को, हमें, युद्ध से विश्राम प्रदान किया है। प्रभु यरूशलेम नगर में सदा के लिए निवास करता है।
‘यह युग-युगान्त मेरा विश्राम स्थल होगा; यहां मैं रहूंगा; क्योंकि मैंने इसकी इच्छा की है।
राष्ट्र क्रोध करते हैं, राज्य विचलित होते हैं; किन्तु परमेश्वर के शब्द बोलते ही पृथ्वी पिघल जाती है।
यही परमेश्वर है, यह युग-युगान्त हमारा परमेश्वर है। मृत्यु में भी वह हमारा नेतृत्व करेगा।
वह ऊंचे स्थान पर चढ़ गया; और बन्दियों को पकड़कर ले गया; उसने लोगों से, विद्रोहियों से भी, उपहार लिया। प्रभु परमेश्वर वहां निवास करेगा।
प्रभु ने कहा, ‘यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी ध्यानपूर्वक सुनोगे, जो कार्य मेरी दृष्टि में उचित है, उसे करोगे, मेरी आज्ञाओं पर कान दोगे और मेरी समस्त संविधियों का पालन करोगे, तो मैं तुम पर महामारियाँ नहीं डालूँगा, जो मैंने मिस्र-निवासियों पर डाली थीं, क्योंकि मैं प्रभु हूं−तुम्हें स्वस्थ करने वाला।’
ओ सियोन के निवासियो, जयजयकार करो, आनन्द से गीत गाओ; तुम्हारे मध्य रहनेवाला इस्राएल का पवित्र परमेश्वर महान है।”
राष्ट्र के राजदूतों को क्या उत्तर देना चाहिए? यह कि प्रभु ने सियोन की नींव डाली है, उसकी प्रजा के दु:खी जन उसमें शरण लेंगे।
तब चन्द्रमा शर्म से मुंह छिपाएगा, सूर्य का मुंह काला होगा; क्योंकि आकाश की शक्तियों का प्रभु सियोन पर्वत पर, यरूशलेम नगर पर शासन करेगा; और अपने सेवक-धर्मवृद्धों के सम्मुख अपनी महिमा प्रकट करेगा।
तू भ्रम में पड़े हुए व्यक्ति की तरह निष्क्रिय क्यों हो गया है? तू वीर योद्धा है, फिर भी हमें नहीं बचा रहा है। प्रभु, तू हमारे मध्य उपस्थित है; तूने हमें अपना नाम दिया है, प्रभु, हमें मत त्याग।’
उस के समय में यहूदा प्रदेश सुरक्षित रहेगा, और इस्राएल प्रदेश निश्चिंत निवास करेगा। वह इस नाम से प्रसिद्ध होगा “प्रभु हमारा धर्म है।” ’
‘उन दिनों में यरूशलेम नगर “प्रभु का सिंहासन” कहलाएगा। विश्व की सब जातियां यरूशलेम में प्रभु की उपस्थिति में एकत्र होंगी। वे हठ-पूर्वक अपने हृदय के अनुरूप बुरे मार्ग पर नहीं चलेंगी।
उस के समय में यहूदा प्रदेश सुरक्षित रहेगा, और यरूशलेम नगर निश्चिंत निवास करेगा। उसका यह नाम होगा, “प्रभु हमारा धर्म है।”
मेरे नगर के निवासियों की, यरूशलेम के नागरिकों की करुण चीख- पुकार सुनाई दे रही है। सारे देश में एक छोर से दूसरे छोर तक, लोग कह रहे हैं, ‘क्या सियोन में प्रभु नहीं है? क्या सियोन का राजा सियोन को त्याग चुका है?’ प्रभु ने कहा, ‘इन लोगों ने अपनी मूर्ति-पूजा से, विदेशियों की निस्सार मूर्तियों की प्रतिष्ठा से मेरी क्रोधाग्नि क्यों भड़कायी?’
‘तूने कहा था, “ये दो राज्य, ये दो प्रदेश−इस्राएल और यहूदा मेरे हैं। हम इन पर अधिकार करेंगे,” यद्यपि मैं, प्रभु वहाँ था।
मैं उनके साथ शान्ति का विधान स्थापित करूंगा। यह विधान उनके साथ शाश्वत विधान होगा। मैं उनको आशिष दूंगा, और उनकी आबादी बढ़ाऊंगा। मैं उनके मध्य में स्थायी रूप से अपना पवित्र निवास-स्थान बनाऊंगा।
जब मेरा पवित्र स्थान उनके मध्य में सदा विद्यमान रहेगा, तब सब राष्ट्रों को ज्ञात होगा कि मैं-प्रभु ही इस्राएल को पवित्र करता हूँ।’
‘पश्चिमी सीमा पर एक मार्ग होगा। वह सवा दो किलोमीटर लम्बा होगा। उसमें तीन दरवाजे होंगे: गाद का दरवाजा, आशेर का दरवाजा और नफ्ताली का दरवाजा।
जिन राष्ट्रों ने उनकी हत्या की है, उनसे मैं प्रतिशोध लूंगा, मैं उनकी हत्या के अपराध को क्षमा नहीं करूंगा।’ प्रभु सियोन पर्वत पर निवास करता है।
यरूशलेम और यहूदा प्रदेश की सब हंडियां स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु के लिए पवित्र होंगी। जब पशु-बलि चढ़ाने वाले आराधक प्रभु के भवन में आएंगे, तब वे स्वयं हंडियां लेंगे और बलि-पशु का मांस उनमें पकाएंगे। उस दिन से स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु के भवन में कोई भी व्यापारी नहीं होगा।
ओ सियोन पर्वत के निवासियो, गाओ और आनन्द मनाओ। प्रभु यों कहता है: ‘मैं आ रहा हूँ। मैं तुम्हारे मध्य में रहूंगा।
प्रभु यों कहता है: मैं सियोन पर्वत को लौटूंगा। मैं यरूशलेम के मध्य निवास करूंगा और यरूशलेम “सत्य नगर” कहलाएगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का पर्वत “पवित्र पर्वत” होगा।
उसने याकूब में बुराई नहीं देखी, और न इस्राएल में कष्ट देखा। उनका प्रभु परमेश्वर उनके साथ है; वह उनका राजा है। उनमें राजा का जय-जयकार होता है।
तब मुझे सिंहासन से एक गम्भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “देखो, यह है मनुष्यों के बीच परमेश्वर का निवास! वह उनके बीच निवास करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और परमेश्वर स्वयं उनके बीच रह कर उनका अपना परमेश्वर होगा।
वहाँ कुछ भी नहीं रहेगा, जो अभिशाप के योग्य हो। वहाँ परमेश्वर और मेमने का सिंहासन होगा। उसके सेवक उसकी आराधना करेंगे।
“यदि तुम विजय प्राप्त करोगे तो मैं तुम को अपने परमेश्वर के मन्दिर का स्तम्भ बनाऊंगा। वह फिर कभी उसके बाहर नहीं जायेगा। मैं अपने परमेश्वर का नाम, अपने परमेश्वर के नगर, उस नवीन यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर के यहाँ से स्वर्ग से उतरने वाला है और अपना नया नाम भी उस पर अंकित करूँगा।
गिद्ओन ने वहाँ प्रभु के लिए एक वेदी निर्मित की और उसका यह नाम रखा : ‘प्रभु कल्याण करता है’। यह वेदी आज भी ओप्राह नगर में स्थित है, जिस पर अबीएजरी गोत्र का अधिकार है।