निर्गमन 3:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्हें मुक्त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्हें एक अच्छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं। पवित्र बाइबल मैं अब जाऊँगा और मिस्रियों से अपने लोगों को बचाऊँगा। मैं उन्हें उस देश से निकालूँगा और उन्हें मैं एक अच्छे देश में ले जाऊँगा जहाँ वे कष्टों से मुक्त हो सकेंगे। जो अनेक अच्छी चीजों से भरा पड़ा है। उस प्रदेश में विभिन्न लोग रहते हैं। कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी हिब्बी और यबूसी। Hindi Holy Bible इसलिथे अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियोंके वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्यात् कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगोंके स्यान में पहुंचाऊं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये अब मैं उतर आया हूँ कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊँ, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में, जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुँचाऊँ। नवीन हिंदी बाइबल अब मैं इसलिए उतर आया हूँ कि उन्हें मिस्रियों के हाथ से छुड़ाऊँ, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में पहुँचाऊँ जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, अर्थात् जहाँ कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोग रहते हैं। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये अब मैं उन्हें मिस्रियों के अधिकार से छुड़ाने उतर आया हूं, ताकि उन्हें उस देश से निकालकर एक उत्तम देश में ले जाऊं, जहां दूध एवं मधु बहता है, जो कनानियों, हित्तियों, अमोरियों, परिज्ज़ियों, हिव्वियों तथा यबूसियों का देश है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए अब मैं उतर आया हूँ कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊँ, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में जिसमें दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात् कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुँचाऊँ। |
इसलिए आओ, हम उतरकर वहाँ उनकी भाषा में ऐसा सम्भ्रम उत्पन्न करें कि वे एक दूसरे की भाषा समझ न सकें।’
प्रभु ने अब्राम से कहा, ‘निश्चित जान ले कि तेरे वंशज पराए देश में प्रवास करेंगे। वे वहाँ गुलाम बनकर रहेंगे। चार सौ वर्ष तक उन पर अत्याचार होता रहेगा।
किन्तु जो देश उन्हें गुलाम बनाएगा, उसे मैं दण्ड दूँगा। इसके पश्चात् वे अपार सम्पत्ति के साथ वहाँ से निकल आएँगे।
मैं उतरकर देखूँगा कि उस दुहाई के अनुसार कार्य हुआ है अथवा नहीं, जो मुझ तक पहुँची है। यदि नहीं, तो मैं उसे जान लूँगा।’
उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, ‘यदि ऐसी ही बात है तो यह करो : अपने बोरों में कनान देश की सर्वोत्तम वस्तुएँ रखो : बलसान, शहद, गोंद, गन्धरस, पिस्ता और बादाम। इन्हें मिस्र देश के स्वामी को भेंट देने के लिए ले जाओ।
मैं तेरे साथ मिस्र देश जाऊंगा और वहाँ से तुझे पुन: वापस लाऊंगा। तेरी मृत्यु पर यूसुफ ही तेरी आँखें बन्द करेगा।’
यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, ‘मेरी मृत्यु निकट है। किन्तु परमेश्वर तुम्हारी सुध लेगा, और तुम्हें इस देश से निकाल कर उस देश में ले जाएगा, जिसकी शपथ उसने अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी।’
तूने उनके हृदय को अपने प्रति विश्वासी पाया था, अत: उनसे विधान स्थापित किया, कि तू उनके वंशजों को कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, यबूसी और गिर्गाशी कौमों का देश प्रदान करेगा। प्रभु, तूने अपना यह वचन पूरा किया; क्योंकि तू धर्मी है।
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्त करूंगा और उसे महिमान्वित करूंगा।
जब प्रभु तुम्हें कनानी, हित्ती, अमोरी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाएगा, जिसको प्रदान करने की शपथ उसने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी, जिसमें दूध और शहद की नदियाँ बहती हैं, तब तुम इसी महीने में प्रस्तुत धर्मविधि का पालन करना।
मैं वचन देता हूं कि तुम्हें मिस्र देश की पीड़ित दशा से निकालकर कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी जातियों के देश में, ऐसे देश में ले जाऊंगा, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं।”
‘जो आज्ञा मैं आज तुझे देता हूँ, उसका पालन करना। देख, मैं तेरे सम्मुख से अमोरी, कनानी, हित्ती, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों को निकाल दूँगा।
देख, जबसे मैंने फरओ के पास आकर तेरे नाम में उससे बात की है, उसने इन लोगों से दुर्व्यवहार किया। तूने भी अपनी प्रजा को मुक्त नहीं किया।’
इसके बाद मैं आऊंगा, और तुम्हें ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्हारे ही देश के समान है। वह रोटी और अंगूर-रस का देश है। अन्न और अंगूर-उद्यान का देश है।
ओ यिर्मयाह, तू उनसे यह कहना: यदि तुम मेरे इस विधान के अनुसार आचरण करोगे, तो मैं अपनी शपथ को पूरा करूँगा जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों से खायी थी कि मैं उनको दूध और शहद की नदियों वाला देश दूंगा; देख, वह शपथ आज पूरी हुई।’ मैंने उत्तर दिया, ‘प्रभु आमेन’
‘ओ इस्राएलियो, मैं तुम्हें हरे-भरे देश में लाया, कि तुम उसके फल-फूल खाओ, उसकी उत्तम उपज से तृप्त हो। किन्तु जब तुम यहाँ आए, तुम ने अपने आचरण से मेरे इस देश को अपवित्र कर दिया, मेरी इस मीरास को घृणित बना दिया।
तूने उनको यह देश दिया था। तूने इस्राएलियों के पूर्वजों से यह शपथ भी खाई थी कि तू उन को ऐसा देश देगा, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं।
उसी दिन मैंने उनसे यह भी शपथ खाई थी: “ओ इस्राएलियो, मैंने तुम्हारे लिए एक देश ढूंढ़ लिया है, जो विश्व के देशों में सर्वश्रेष्ठ है। उसमें दूध और शहद की नदियां बहती हैं। मैं तुम को मिस्र देश की गुलामी से मुक्त कर उस देश में ले जाऊंगा।”
परन्तु मैंने तुमसे कहा है, “तुम उनके देश पर अधिकार करोगे। मैं उनके देश को तुम्हें दूंगा कि तुम उस पर अधिकार करो। उस देश में दूध और शहद की नदियां बहती हैं।” मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ, जिसने तुम्हें अन्य जातियों से अलग कर पवित्र किया है।
ओ इस्राएली कौम! मैंने ही तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला, और चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में तेरा मार्गदर्शन करता रहा ताकि तू एमोरी कौम के देश पर कब्जा कर सके।
और उस देश को देखो कि वह कैसा है। उसमें निवास करने वाले लोग बलवान् हैं अथवा दुर्बल; वे संख्या में थोड़े हैं, अथवा बहुत।
जिस देश पर वे निवास करते हैं, वह अच्छा है अथवा बुरा। जिन नगरों में वे निवास करते हैं, वे पड़ाव हैं अथवा गढ़।
उन्होंने मूसा को वृत्तान्त सुनाया। उन्होंने कहा, ‘जिस देश में आपने हमें भेजा था, उसमें हम गए। निस्संदेह उसमें दूध और शहद की नदियाँ बहती हैं। देखिए, ये उस देश के फल हैं।
क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, बल्कि जिसने मुझे भेजा, उसकी इच्छा पूरी करने के लिए स्वर्ग से उतरा हूँ।
वे अपने-अपने हाथ में उस देश के फल लेकर हमारे पास लौटे थे। वे हमारे पास ये सूचना भी लाए थे। उन्होंने कहा था, “जो देश हमारा प्रभु परमेश्वर हमें दे रहा है, वह अच्छा है।”
अत: आगे बढ़ो। तुम प्रस्थान करो; और एमोरी जाति के पहाड़ी प्रदेश में, और अराबाह में निवास करनेवालों के पास, पर्वतीय क्षेत्र में, निचले मैदान में, नेगेब प्रदेश में और समुद्र-तट पर, कनानी जाति के देश और लबानोन में, महानदी तक, अर्थात् फरात नदी तक जाओ।
नदी को पार करने के पश्चात् जब तुम उस देश में प्रवेश करोगे, जो तुम्हारा प्रभु परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहा है, जो दूध और शहद की नदियों वाला देश है और जिसके विषय में प्रभु परमेश्वर ने तुम्हारे पूर्वजों से कहा था, तब तुम उन पत्थरों पर इस व्यवस्था की सब बातों को लिखना।
जिस देश को देने की शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से खाई थी, उस देश में वह तेरी देह के फल, तेरे पशुओं के बच्चों, और भूमि की उपज को समृद्ध करेगा।
अत: ओ इस्राएल, इन्हें सुन, और इनका पालन करने के लिए सदा तत्पर रह! इससे तेरा भला होगा और जैसा तेरे पूर्वजों का प्रभु परमेश्वर तुझसे बोला था, उसके अनुसार तू दूध और शहद की नदियोंवाले देश में असंख्य हो जाएगा।
‘जब तेरा प्रभु परमेश्वर तुझको उस देश में पहुंचा देगा, जिस पर अधिकार करने के लिए तू वहाँ जा रहा है, तब वह अनेक राष्ट्रों को भगा देगा। वह तुझसे अधिक महान और शक्तिशाली सात जातियों को-हित्ती, गिर्गाशी, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी को, तेरे सम्मुख से निकाल देगा।
जब तक समस्त इस्राएली कौम के पुरुषों की, मिस्र देश से बाहर निकलने वाले सैनिकों की, मृत्यु नहीं हुई, तब तक वे चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में भटकते रहे, क्योंकि उन्होंने प्रभु की वाणी नहीं सुनी थी। प्रभु ने शपथ खाई कि वह उन्हें उस देश के, दूध और शहद की नदियों वाले देश के, दर्शन नहीं कराएगा, जिसको प्रदान करने की शपथ उसने उनके पूर्वजों से खाई थी।
इन बातों का समाचार यर्दन नदी के पश्चिमी तट के राजाओं ने सुना। वे पहाड़ियों, मैदानों और लबानोन तक भूमध्य-सागर के समस्त तटवर्ती प्रदेशों में राज्य करते थे। ये हित्ती, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों के राजा थे।
परन्तु इस्राएली सैनिकों ने उन हिव्वी लोगों से कहा, ‘हो सकता है, तुम हमारे क्षेत्र में ही रहते हो। तब हम तुम्हारे साथ सन्धि क्यों करें?’