17 इसके बाद मैं आऊंगा, और तुम्हें ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्हारे ही देश के समान है। वह रोटी और अंगूर-रस का देश है। अन्न और अंगूर-उद्यान का देश है।
17 जब तक मैं आकर तुम्हें तुम्हारे ही जैसे एक देश में न ले जाऊँ, तब तक तुम ऐसा करते रह सकते हो। उस नये देश में तुम अच्छा अनाज और नया दाखमधु पाओगे। उस धरती पर तुम्हें रोटी और अँगूर के खेत मिलेंगे।”
17 तब मैं आऊंगा और तुम्हें एक ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्हारे ही देश के सदृश्य है, ऐसा देश जहां अन्न की उपज है तथा नई द्राक्षा भी. यह भोजन तथा द्राक्षा उद्यानों का देश है.
इसके बाद मैं आऊंगा, और तुम्हें एक ऐसे देश में ले जाऊंगा, जो तुम्हारे ही देश के समान हरा-भरा है। वह अन्न और अंगूर-रस का देश है। रोटी और अंगूर-उद्यान का देश है, जैतून के तेल और शहद का देश है। तब तुम भूख से नहीं मरोगे, वरन् जीवित रहोगे। तुम हिजकियाह की बात मत सुनना। उसकी इस बात के भुलावे में न आना कि प्रभु तुम्हें बचाएगा।
मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्हें मुक्त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्हें एक अच्छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं।
तुम हिजकियाह की बात मत सुनो। असीरिया देश के राजा यह कहते हैं : मुझसे समझौता करो। हर एक व्यक्ति नगर से निकलकर मेरे पास आए और आत्म-समर्पण करे। तब तुम सब अपने अंगूर-उद्यान का, अपने अंजीर वृक्ष का फल खा सकोगे, अपने कुएं का पानी पी सकोगे।
तुम हिजकियाह की बात मत सुनना। तुम उसकी इस बात के भुलावे में मत आना कि प्रभु तुम्हें मुक्त करेगा। ओ लोगो! क्या कभी किसी राष्ट्र का इष्ट देवता अपने देश को असीरिया देश के महाराज के हाथ से मुक्त कर सका है?