27 उन्होंने मूसा को वृत्तान्त सुनाया। उन्होंने कहा, ‘जिस देश में आपने हमें भेजा था, उसमें हम गए। निस्संदेह उसमें दूध और शहद की नदियाँ बहती हैं। देखिए, ये उस देश के फल हैं।
27 उन लोगों ने मूसा से यह कहा, “हम लोग उस प्रदेश में गए जहाँ आपने हमें भजा। वह प्रदेश अत्यधिक अच्छा है यहाँ दूध और मधु की नदियाँ बह रही हैं! ये वे कुछ फल हैं जिन्हें हम लोगों ने वहाँ पाया
27 उन्होंने मूसा से यह कहकर वर्णन किया, कि जिस देश में तू ने हम को भेजा था उस में हम गए; उस में सचमुच दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, और उसकी उपज में से यही है।
27 उन्होंने मूसा से यह कहकर वर्णन किया, “जिस देश में तू ने हम को भेजा था उसमें हम गए; उसमें सचमुच दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, और उसकी उपज में से यही है।
27 अपने संदेश में उन्होंने यह कहा: “आपके द्वारा बताए गए देश में हम गए थे. इसमें कोई संदेह नहीं कि इस देश में दूध एवं मधु का भण्ड़ार है. हम वहां से ये फल भी लाए हैं.
27 उन्होंने मूसा से यह कहकर वर्णन किया, “जिस देश में तूने हमको भेजा था उसमें हम गए; उसमें सचमुच दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं, और उसकी उपज में से यही है।
उन्होंने कनान देश के किलाबंद नगरों पर, और उपजाऊ भूमि पर कब्जा कर लिया; उन्होंने उनके मकानों पर अधिकार कर लिया, जो धन-धान्य से भरे थे, जहाँ खुदे हुए हौद, अंगूर और जैतून के उद्यान थे; जहाँ असंख्य फलदायक वृक्ष थे। अत: उन्हें खाने के लिए भरपूर भोजन मिला, और वे खा-खाकर मुटा गए। वे तेरी अपार भलाई के कारण मजा करने लगे।
जब प्रभु तुम्हें कनानी, हित्ती, अमोरी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाएगा, जिसको प्रदान करने की शपथ उसने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी, जिसमें दूध और शहद की नदियाँ बहती हैं, तब तुम इसी महीने में प्रस्तुत धर्मविधि का पालन करना।
मैं वचन देता हूं कि तुम्हें मिस्र देश की पीड़ित दशा से निकालकर कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी जातियों के देश में, ऐसे देश में ले जाऊंगा, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं।”
मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्हें मुक्त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्हें एक अच्छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं।
इसलिए, जाओ, दूध और शहद की नदियों के देश में जाओ। परन्तु मैं स्वयं तुम्हारे मध्य में आगे-आगे नहीं जाऊंगा। ऐसा न हो कि मैं तुम्हें मार्ग में भस्म कर दूँ; क्योंकि ये ऐंठी गरदन के लोग हैं।’
ओ यिर्मयाह, तू उनसे यह कहना: यदि तुम मेरे इस विधान के अनुसार आचरण करोगे, तो मैं अपनी शपथ को पूरा करूँगा जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों से खायी थी कि मैं उनको दूध और शहद की नदियों वाला देश दूंगा; देख, वह शपथ आज पूरी हुई।’ मैंने उत्तर दिया, ‘प्रभु आमेन’
इसके अतिरिक्त मैंने निर्जन प्रदेश में उनसे शपथ खाई कि जो देश मैंने उनको दे दिया है, जो विश्व का सर्वश्रेष्ठ देश है, जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, उस देश में मैं उनको नहीं लाऊंगा,
उसी दिन मैंने उनसे यह भी शपथ खाई थी: “ओ इस्राएलियो, मैंने तुम्हारे लिए एक देश ढूंढ़ लिया है, जो विश्व के देशों में सर्वश्रेष्ठ है। उसमें दूध और शहद की नदियां बहती हैं। मैं तुम को मिस्र देश की गुलामी से मुक्त कर उस देश में ले जाऊंगा।”
परन्तु मैंने तुमसे कहा है, “तुम उनके देश पर अधिकार करोगे। मैं उनके देश को तुम्हें दूंगा कि तुम उस पर अधिकार करो। उस देश में दूध और शहद की नदियां बहती हैं।” मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ, जिसने तुम्हें अन्य जातियों से अलग कर पवित्र किया है।
क्या यह छोटी बात है कि आप हमें दूध और शहद की नदियों के देश से इसलिए बाहर निकाल लाए कि हमें निर्जन प्रदेश में मार डालें! अब क्या आप शासक बनकर हम पर शासन भी करना चाहते हैं?
इसके अतिरिक्त आप हमें दूध और शहद की नदियों के देश में भी नहीं ले गए, और न हमें खेत और अंगूर-वाटिकाएँ प्रदान कीं कि हम उनपर अधिकार करें। अब क्या आप हम लोगों की आंखों में धूल झोंकना चाहते हैं? हम नहीं आएंगे!’
प्रभु की आज्ञाओं का पालन करने से उस देश में तुम्हारी आयु लम्बी होगी। प्रभु ने शपथ खाई थी कि वह दूध और शहद की नदियों वाला देश तुम्हारे पूर्वजों और उनके वंशजों को प्रदान करेगा।
नदी को पार करने के पश्चात् जब तुम उस देश में प्रवेश करोगे, जो तुम्हारा प्रभु परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहा है, जो दूध और शहद की नदियों वाला देश है और जिसके विषय में प्रभु परमेश्वर ने तुम्हारे पूर्वजों से कहा था, तब तुम उन पत्थरों पर इस व्यवस्था की सब बातों को लिखना।
जब मैं उन्हें दूध और शहद की नदियों वाले देश में पहुँचा दूंगा, जिसकी शपथ मैंने उनके पूर्वजों से खाई थी, और जब वे भरपेट खाकर तृप्त होंगे, उनकी देह पर चर्बी चढ़ जाएगी, तब वे दूसरे देवताओं की ओर उन्मुख हो जाएंगे और उनकी पूजा करेंगे। वे मेरा तिरस्कार करेंगे। वे मेरे विधान को भंग करेंगे।
अत: ओ इस्राएल, इन्हें सुन, और इनका पालन करने के लिए सदा तत्पर रह! इससे तेरा भला होगा और जैसा तेरे पूर्वजों का प्रभु परमेश्वर तुझसे बोला था, उसके अनुसार तू दूध और शहद की नदियोंवाले देश में असंख्य हो जाएगा।
जब तक समस्त इस्राएली कौम के पुरुषों की, मिस्र देश से बाहर निकलने वाले सैनिकों की, मृत्यु नहीं हुई, तब तक वे चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में भटकते रहे, क्योंकि उन्होंने प्रभु की वाणी नहीं सुनी थी। प्रभु ने शपथ खाई कि वह उन्हें उस देश के, दूध और शहद की नदियों वाले देश के, दर्शन नहीं कराएगा, जिसको प्रदान करने की शपथ उसने उनके पूर्वजों से खाई थी।