‘जब मैं, तेरा सेवक और तेरे निज लोग इस्राएली इस स्थान में प्रार्थना करेंगे, तब तू उनकी विनती को सुनना। अपने निवास-स्थान, स्वर्ग से तू उनकी प्रार्थना सुनना। प्रभु, तू उनकी प्रार्थना सुनकर उन्हें क्षमा कर देना।
नहेम्याह 1:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु, तू मेरी ओर कान लगा, अपनी आंखों को खोल और मेरी प्रार्थना को, अपने सेवक के निवेदन को, सुन जो मैं तेरे सेवकों, इस्राएली लोगों के लिए अब दिन-रात कर रहा हूँ। प्रभु, हमने तेरे विरुद्ध पाप किया है, मैं इस्राएली कौम के इस पाप को स्वीकार करता हूँ। निस्सन्देह मैंने और मेरे पितृकुल ने पाप किया है। पवित्र बाइबल “अपनी आँखें और अपने कान खोल। कृपा करके तेरे सामने तेरा सेवक रात दिन जो प्रार्थना कर रहा है, उस पर कान दे। मैं तेरे सेवक, इस्राएल के लोगों के लिये विनती कर रहा हूँ। मैं उन पापों को स्वीकार करता हूँ जिन्हें हम इस्राएल के लोगों ने तेरे विरूद्ध किये हैं। मैंने तेरे विरूद्ध जो पाप किये हैं, उन्हें मैं स्वीकार कर रहा हूँ तथा मेरे पिता के परिवार के दूसरे लोगों ने तेरे विरूद्ध जो पाप किये हैं, मैं उन्हें भी स्वीकार करता हूँ। Hindi Holy Bible तू कान लगाए और आंखें खोले रह, कि जो प्रार्थना मैं तेरा दास इस समय तेरे दास इस्राएलियों के लिये दिन रात करता रहता हूँ, उसे तू सुन ले। मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किए हैं, मान लेता हूँ। मैं और मेरे पिता के घराने दोनों ने पाप किया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू कान लगाए और आँखें खोले रह, कि जो प्रार्थना मैं तेरा दास इस समय तेरे दास इस्राएलियों के लिये दिन रात करता रहता हूँ, उसे तू सुन ले। मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किए हैं, मान लेता हूँ। मैं और मेरे पिता के घराने दोनों ने पाप किया है। सरल हिन्दी बाइबल आपके सेवक की प्रार्थना की ओर आपके कान लगे रहें और आपकी आंखें खुली रहें, कि आप अपने सेवक की प्रार्थना सुनें, मैं आपके चरणों में आपके सेवक इस्राएल वंशजों की ओर से दिन-रात यह प्रार्थना कर रहा हूं. इस्राएलियों ने और हमने जो पाप आपके विरुद्ध किए हैं, उन्हें मैं स्वीकार कर रहा हूं. मैंने और मेरे पिता के परिवार ने पाप किए हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू कान लगाए और आँखें खोले रह, कि जो प्रार्थना मैं तेरा दास इस समय तेरे दास इस्राएलियों के लिये दिन-रात करता रहता हूँ, उसे तू सुन ले। मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किए हैं, मान लेता हूँ। मैं और मेरे पिता के घराने दोनों ने पाप किया है। |
‘जब मैं, तेरा सेवक और तेरे निज लोग इस्राएली इस स्थान में प्रार्थना करेंगे, तब तू उनकी विनती को सुनना। अपने निवास-स्थान, स्वर्ग से तू उनकी प्रार्थना सुनना। प्रभु, तू उनकी प्रार्थना सुनकर उन्हें क्षमा कर देना।
तब यदि वे बन्दी-देश में होश में आएंगे, पश्चात्ताप करेंगे और अपने विजेताओं के देश में तुझसे विनती करेंगे, और यह कहेंगे, “हमने पाप किया; हमने अधर्म और दुष्कर्म किया” ,
और अब तुम यहूदा प्रदेश और यरूशलेम के स्त्री-पुरुषों को गुलाम बनाकर अपने अधीन रखना चाहते हो। यह अपराध करके क्या तुम अपने प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में अपने विरुद्ध पाप नहीं कर रहे हो?
हमारे बाप-दादों ने प्रभु के विरुद्ध विश्वासघात किया था। उन्होंने उन्हीं कार्यों को किया था जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में अनुचित थे। उन्होंने उसको छोड़ दिया था। वे प्रभु से विमुख हो गए थे। वे उसके निवास-स्थान से पीठ फेरकर चले गए थे।
अब हे मेरे परमेश्वर, जो प्रार्थना तेरे इस भवन में की जाए, उसकी ओर तेरी आंखें सदा खुली रहें, तू उसकी ओर कान देना।
जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने रोता हुआ, मुंह के बल गिरकर प्रार्थना कर रहा था और अपनी जाति की ओर से पाप स्वीकार कर रहा था, तब उसके आस-पास इस्राएली पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। वे भी छाती पीट-पीट कर रोने लगे।
इसलिए अब तुम अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर से अपना पाप स्वीकार करो, और उसकी इच्छा के अनुसार कार्य करो। स्वयं को इस देश में रहने वाली जातियों से अलग करो। जिन विदेशी कन्याओं से तुमने विवाह किया है, उनसे सम्बन्ध-विच्छेद कर लो।’
हे प्रभु, अपने इस सेवक की प्रार्थना पर, अपने इन सेवकों की विनती पर ध्यान दे; क्योंकि ये प्रसन्नतापूर्वक तेरे नाम की आराधना करते हैं। आज अपने सेवक को सफलता प्रदान कर, ताकि सम्राट अर्तक्षत्र मुझ पर कृपादृष्टि करे।’
मैंने तेरे सम्मुख अपना पाप स्वीकार किया, और अपने अधर्म को छिपाया नहीं; मैंने कहा, “मैं प्रभु के समक्ष अपने अपराध स्वीकार करूंगा।” और तूने मेरे पाप और अधर्म को क्षमाकर दिया। सेलाह
मैं संध्या, प्रात: और दोपहर में दु:ख के उद्गार प्रकट करता, और रोता हूँ; वह मेरी आवाज सुनेगा।
तब मैंने कहा, ‘हाय! अब मैं जीवित नहीं रह सकता! मैं अशुद्ध ओंठवाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध ओंठवाले लोगों के मध्य निवास करता हूं। मैंने साक्षात् स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा।’
हमारे पूर्वजों ने पाप किया, और वे नष्ट हो गए; पर हम उनके दुष्कर्मों का भार ढो रहे हैं।
“हे स्वामी हमारे परमेश्वर, तूने अपने भुजबल से अपने निज लोगों को मिस्र देश की गुलामी से मुक्त किया था और इस प्रकार अपने नाम को महान बनाया था, जैसा वह आज भी है। प्रभु, हमने पाप किया है। हमने दुष्ट आचरण किया है।
“इस प्रकार मैं बोल रहा था। मैं प्रार्थना कर रहा था। मैं अपने और अपनी इस्राएली कौम के पाप को स्वीकार कर रहा था। जब मैं अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख उसके पवित्र पहाड़ी नगर के लिए याचना प्रस्तुत कर रहा था;
मैंने प्रभु परमेश्वर से अपना पाप स्वीकार किया, और तब उससे इन शब्दों में प्रार्थना की : “हे स्वामी, तू महान और भययोग्य परमेश्वर है। जो लोग तुझसे प्रेम करते हैं, और तेरी आज्ञाओं का पालन करते हैं, उन पर तू करुणा करता है, और उनके साथ अपने विधान को पूरा करता है।
हमने पाप किया। हमने दुष्कर्म किए, और तेरे प्रति दुष्ट व्यवहार किया। तेरी आज्ञाओं और आदेशों की अवहेलना कर तुझसे विद्रोह किया।
हमारे भाग्य में केवल शर्म है। हे प्रभु! हम-सब − हमारे राजा, हमारे शासक और हमारे पिता − अपने पाप के कारण लज्जित हैं; क्योंकि हमने तेरे प्रति पाप किया है।
तो क्या परमेश्वर अपने चुने हुए लोगों के लिए न्याय की व्यवस्था नहीं करेगा, जो दिन-रात उसकी दुहाई देते रहते हैं? क्या वह उनके विषय में देर करेगा?
और फिर विधवा हो गयी थी। अब वह चौरासी वर्ष की थी। वह मन्दिर से बाहर नहीं जाती थी और उपवास तथा प्रार्थना करते हुए दिन-रात परमेश्वर की सेवा में लगी रहती थी।
हम सभी पहले उन विरोधियों में सम्मिलित थे, जब हम अपनी कुप्रवृत्तियों के वशीभूत हो कर अपने शरीर और मन की वासनाओं को तृप्त करते थे। हम दूसरों की तरह अपने स्वभाव के कारण परमेश्वर के कोप के पात्र थे।
जो सचमुच विधवा है, जिसका कोई भी नहीं है, वह परमेश्वर पर भरोसा रख कर रात-दिन प्रार्थना तथा उपासना में लगी रहती है।
मैं अपने पूर्वजों की तरह शुद्ध अन्त:करण से परमेश्वर की सेवा करता हूँ और उसे धन्यवाद देता हुआ निरन्तर रात-दिन तुम्हें अपनी प्राथनाओं में याद करता हूँ।
यदि हम अपने पाप स्वीकार करते हैं, तो परमेश्वर हमारे पाप क्षमा करेगा और हमें हर अपराध से शुद्ध करेगा; क्योंकि वह विश्वसनीय तथा धार्मिक है।
‘मुझे दु:ख है कि मैंने शाऊल को राजा बनाया; क्योंकि उसने मेरा अनुसरण करने से मुँह मोड़ लिया है। उसने मेरे वचनों के अनुसार कार्य नहीं किया है।’ शमूएल क्रुद्ध हुआ। वह रात भर प्रभु की दुहाई देता रहा।