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एज्रा 10:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 जब एज्रा परमेश्‍वर के भवन के सामने रोता हुआ, मुंह के बल गिरकर प्रार्थना कर रहा था और अपनी जाति की ओर से पाप स्‍वीकार कर रहा था, तब उसके आस-पास इस्राएली पुरुषों, स्‍त्रियों और बच्‍चों की बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई। वे भी छाती पीट-पीट कर रोने लगे।

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पवित्र बाइबल

1 एज्रा प्रार्थना कर रहा था और पापों को स्वीकार कर रहा था। वह परमेश्वर के मन्दिर के सामने रो रहा था और झुक कर प्रणाम कर रहा था। जिस समय एज्रा यह कर रहा था उस समय इस्राएल के लोगों का एक बड़ा समूह स्त्री, पुरूष और बच्चे उसके चारों ओर इकट्ठे हो गए। वे लोग भी जोर—जोर से रो रहे थे।

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Hindi Holy Bible

1 जब एज्रा परमेश्वर के भवन के साम्हने पड़ा, रोता हुआ प्रार्थना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इस्राएल में से पुरुषों, स्त्रियों और लड़के वालों की एक बहुत बड़ी मणडली उसके पास इकट्ठी हुई; और लोग बिलक बिलक कर रो रहे थे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 जब एज्रा परमेश्‍वर के भवन के सामने पड़ा, रोता हुआ प्रार्थना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इस्राएल में से पुरुषों, स्त्रियों और बच्‍चों की एक बहुत बड़ी मण्डली उसके पास इकट्ठी हुई; और लोग बिलख बिलख कर रो रहे थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 जब एज़्रा परमेश्वर के भवन के सामने भूमि पर दंडवत कर प्रार्थना करते हुए पाप स्वीकार करते हुए रो रहे थे, इस्राएल के पुरुषों, स्त्रियों एवं बालकों की एक बहुत बड़ी भीड़ उनके पास इकट्ठी हो चुकी थी. वे सभी फूट-फूटकर रो रहे थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 जब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने पड़ा, रोता हुआ प्रार्थना और पाप का अंगीकार कर रहा था, तब इस्राएल में से पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की एक बहुत बड़ी मण्डली उसके पास इकट्ठी हुई; और लोग बिलख-बिलख कर रो रहे थे।

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एज्रा 10:1
29 क्रॉस रेफरेंस  

‘जब मैं, तेरा सेवक और तेरे निज लोग इस्राएली इस स्‍थान में प्रार्थना करेंगे, तब तू उनकी विनती को सुनना। अपने निवास-स्‍थान, स्‍वर्ग से तू उनकी प्रार्थना सुनना। प्रभु, तू उनकी प्रार्थना सुनकर उन्‍हें क्षमा कर देना।


प्रभु ने उससे कहा, ‘जो प्रार्थना तूने मुझसे की है, जो विनती तूने मेरे सम्‍मुख प्रस्‍तुत की है, उसको मैंने सुना। मैंने उस भवन को, जिसको तूने बनाया है, पवित्र कर दिया। मैंने सदा-सर्वदा के लिए वहां अपना नाम प्रतिष्‍ठित किया है। मेरी आंखें और मेरा हृदय सब समय उस भवन पर लगे रहेंगे।


यहूदा प्रदेश के सब लोग अपने बच्‍चों, स्‍त्रियों और पुत्र-पुत्रियों के साथ प्रभु के सम्‍मुख भवन में खड़े थे।


“हे परमेश्‍वर, तेरा नाम इस भवन में प्रतिष्‍ठित है। अत: जब हम पर अनिष्‍ट का बादल छाएगा, जब हम पर शत्रु की तलवार का प्रहार होगा, हम पर महामारी और अकाल की छाया पड़ेगी, अथवा जब तू हमें न्‍यायपूर्ण दण्‍ड देगा, तब हम तेरे इस भवन में तेरे सम्‍मुख खड़े होंगे, और अपने संकट में तेरी दुहाई देंगे। तब प्रभु, तू हमारी प्रार्थना सुनेगा, और हमें बचाएगा।”


उसके बाद एज्रा परमेश्‍वर के भवन के सामने से उठकर योहानान बेन-एल्‍याशीब के कमरे में गया, और उसने वहां बिना खाए-पीए रात बिताई; क्‍योंकि वह निष्‍कासन से लौटे इस्राएलियों के विश्‍वासघात के लिए शोक मना रहा था।


मैं यह शब्‍द सुनते ही भूमि पर बैठ गया, और रोने लगा। मैंने अपनी कौम के लिए अनेक दिन तक विलाप किया। मैं स्‍वर्ग के परमेश्‍वर के सम्‍मुख उपवास और प्रार्थना करता रहा।


प्रभु, तू मेरी ओर कान लगा, अपनी आंखों को खोल और मेरी प्रार्थना को, अपने सेवक के निवेदन को, सुन जो मैं तेरे सेवकों, इस्राएली लोगों के लिए अब दिन-रात कर रहा हूँ। प्रभु, हमने तेरे विरुद्ध पाप किया है, मैं इस्राएली कौम के इस पाप को स्‍वीकार करता हूँ। निस्‍सन्‍देह मैंने और मेरे पितृकुल ने पाप किया है।


जिन लोगों ने हस्‍ताक्षर नहीं किए थे, अर्थात् शेष पुरोहित, उपपुरोहित, मन्‍दिर के द्वारपाल, गायक और सेवक एवं वे सब पुरुष जिन्‍होंने उस देश के गैर-इस्राएली कौमों से स्‍वयं को अलग कर लिया था और परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था के प्रति निष्‍ठावान हो गए थे, तथा उनकी पत्‍नियां, पुत्र-पुत्रियां, जिन्‍हें बुद्धि और समझ थी,


जब लोगों ने व्‍यवस्‍था के शब्‍द सुने तब वे रोने लगे। राज्‍यपाल नहेम्‍याह, पुरोहित एवं शास्‍त्री एज्रा तथा समाज के धर्म-शिक्षक उपपुरोहितों ने समस्‍त इस्राएली जन-समूह से कहा, ‘आज का दिन हमारे प्रभु परमेश्‍वर के लिए पवित्र है; इसलिए शोक मत मनाओ, और न रोओ।’


मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्‍योंकि लोग तेरी व्‍यवस्‍था का पालन नहीं करते हैं।


मैंने तेरे सम्‍मुख अपना पाप स्‍वीकार किया, और अपने अधर्म को छिपाया नहीं; मैंने कहा, “मैं प्रभु के समक्ष अपने अपराध स्‍वीकार करूंगा।” और तूने मेरे पाप और अधर्म को क्षमाकर दिया। सेलाह


किन्‍तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्‍हारे घमण्‍ड के कारण एकांत स्‍थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्‍योंकि प्रभु का रेवड़ बन्‍दी बना लिया जाएगा।


काश, मेरा मस्‍तिष्‍क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।


“इस प्रकार मैं बोल रहा था। मैं प्रार्थना कर रहा था। मैं अपने और अपनी इस्राएली कौम के पाप को स्‍वीकार कर रहा था। जब मैं अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख उसके पवित्र पहाड़ी नगर के लिए याचना प्रस्‍तुत कर रहा था;


ओ इस्राएल, प्रभु के पास लौट, और पश्‍चात्तापपूर्ण प्रार्थना के साथ उससे यह निवेदन कर : ‘हे प्रभु, मेरे समस्‍त अधर्म को मुझसे दूर कर, तू केवल मेरी अच्‍छाई को स्‍वीकार कर। तब हम बलि में बैल नहीं, वरन् स्‍तुतिगान तुझे चढ़ाएँगे।


मैं दाऊद के परिवार और यरूशलेम के निवासियों पर कृपा और प्रार्थना की आत्‍मा उण्‍डेलूंगा। अत: वे मुझ पर दृष्‍टि डालेंगे। जिस व्यक्‍ति को उन्‍होंने बेधा है उसके लिए वे विलाप करेंगे, जैसे कोई अपने मृत इकलौते पुत्र के लिए विलाप करता है। वे रोएंगे, जैसे कोई अपने ज्‍येष्‍ठ पुत्र की मृत्‍यु पर रोता है।


और अपने पाप स्‍वीकार करते हुए यर्दन नदी में उनसे बपतिस्‍मा ग्रहण करते थे।


जब येशु निकट आए और नगर को देखा तो वह उस पर रो पड़े


करनेलियुस ने उत्तर दिया, “चार दिन पहले इसी समय मैं अपने घर में तीन बजे की प्रार्थना कर रहा था कि उजले वस्‍त्र पहने एक पुरुष मेरे सामने आ खड़ा हुआ।


जब ये दिन पूरे हुए और हम विदा लेकर जाने वाले थे, तो सब लोग, स्‍त्रियों तथा बच्‍चों सहित, नगर के बाहर तक हमें पहुंचाने आये। हमने समुद्र-तट पर घुटने टेक कर प्रार्थना की


मेरे हृदय में भारी पीड़ा है तथा मुझे निरन्‍तर दु:ख होता है।


तुम सब लोगों को, स्‍त्री-पुरुष, बच्‍चों, और अपने नगर में रहने वाले प्रवासियों को एकत्र करना जिससे वे व्‍यवस्‍था का पाठ सुन सकें, उसको सीख सकें और अपने प्रभु परमेश्‍वर की भक्‍ति करें तथा इस व्‍यवस्‍था के वचनों का पालन करने को तत्‍पर रहें।


यहोशुअ ने पराजय का शोक प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े। वह सन्‍ध्‍या होने तक प्रभु की मंजूषा के सम्‍मुख भूमि पर औंधे मुंह पड़ा रहा। ऐसा ही इस्राएलियों के धर्मवृद्धों ने भी किया। उन्‍होंने दु:ख प्रकट करने के लिए अपने सिर पर धूल डाली।


यहोशुअ ने मूसा के सब आदेश इस्राएली सभा के सम्‍मुख, स्‍त्रियों, बच्‍चों और इस्राएली समाज के मध्‍य रहने वाले प्रवासियों के सम्‍मुख उच्‍च स्‍वर में पढ़कर सुना दिए। मूसा का एक भी शब्‍द अपठित नहीं रहा।


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