6 हमारे बाप-दादों ने प्रभु के विरुद्ध विश्वासघात किया था। उन्होंने उन्हीं कार्यों को किया था जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में अनुचित थे। उन्होंने उसको छोड़ दिया था। वे प्रभु से विमुख हो गए थे। वे उसके निवास-स्थान से पीठ फेरकर चले गए थे।
6 देखो हमारे पुरखाओं ने विश्वासघात कर के वह कर्म किया था, जो हमारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है और उसको तज कर के यहोवा के निवास से मुंह फेर कर उसको पीठ दिखाई थी।
6 देखो हमारे पुरखाओं ने विश्वासघात करके वह कर्म किया था, जो हमारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है और उसको तज करके यहोवा के निवास से मुँह फेरकर उसको पीठ दिखाई थी।
6 हमारे पूर्वज सच्चे नहीं थे. उन्होंने वह सब किया, जो याहवेह, हमारे परमेश्वर की दृष्टि में बुरा है. उन्होंने उनको त्याग दिया. वे याहवेह के घर से दूर हो गए, और इसे पीठ ही दिखा दी है.
6 देखो हमारे पुरखाओं ने विश्वासघात करके वह कर्म किया था, जो हमारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है और उसको तज करके यहोवा के निवास से मुँह फेरकर उसको पीठ दिखाई थी।
‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से, इस्राएल और यहूदा प्रदेशों के बचे हुए लोगों की ओर से, इस धर्म-पुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महा-क्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने प्रभु का वचन नहीं माना। उन्होंने धर्म-पुस्तक में लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
किन्तु हमारे पूर्वजों ने स्वर्ग के परमेश्वर को अपने आचरण से क्रुद्ध किया, अत: उसने बेबीलोन देश के राजा, कसदी कौम के नबूकदनेस्सर के हाथ में उनको सौंप दिया। राजा नबूकदनेस्सर ने इस भवन को ध्वस्त कर दिया, और हमारे पूर्वजों को बन्दी बनाकर बेबीलोन देश ले गया।
हमारे पूर्वजों के समय से आज तक हम घोर दुष्कर्म करते आए हैं; अपने इन्हीं दुष्कर्मों के कारण हम, हमारे राजा और हमारे पुरोहित विदेशी राजाओं के हाथ में पड़ गए। हमें तलवार से मौत के घाट उतारा गया, हमारी सम्पत्ति को लूटा गया, हमें गुलाम बनाकर निष्कासित किया गया, हमारी दयनीय दशा की गई, जो आज तक है।
प्रभु, तू मेरी ओर कान लगा, अपनी आंखों को खोल और मेरी प्रार्थना को, अपने सेवक के निवेदन को, सुन जो मैं तेरे सेवकों, इस्राएली लोगों के लिए अब दिन-रात कर रहा हूँ। प्रभु, हमने तेरे विरुद्ध पाप किया है, मैं इस्राएली कौम के इस पाप को स्वीकार करता हूँ। निस्सन्देह मैंने और मेरे पितृकुल ने पाप किया है।
‘अब हे हमारे परमेश्वर, तू महान, शक्तिशाली और आतंकमय परमेश्वर, अपने विधान का पालन करनेवाला, और करुणा सागर है! जो महा संकट के बादल हम पर, हमारे राजाओं, शासकों, पुरोहितों, नबियों और पूर्वजों पर, तेरे समस्त निज लोगों पर असीरियाई राजाओं के समय से आज तक हम पर बरसते आए हैं, उन्हें अपनी दृष्टि में कम न जान!
हमारे राजाओं, शासकों, पुरोहितों और हमारे पूर्वजों ने तेरी व्यवस्था का पालन नहीं किया; जो आज्ञाएं और चेतावनियां तूने उनको दी थीं, उन पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
‘मेरे निज लोगों ने दो दुष्कर्म किए हैं: उन्होंने मुझे, जीवन-जल के झरने को, त्याग दिया, और अपने लिए हौज बना लिये जो टूटे-फूटे हैं, और जिनसे पानी बह जाता है!
वे काठ स्तम्भ से कहते हैं, “तू हमारा पिता है।” वे पत्थर से कहते हैं, “तूने ही हमें जन्म दिया है।” उन्होंने मेरी ओर अपना मुंह नहीं वरन् अपनी पीठ फेरी है। जब उन पर संकट के बादल मंडराते हैं, तब मुझसे कहते हैं, “उठ और हमें बचा।”
‘हम आप-सब से पूछते हैं : क्या राजा हिजाकियाह ने नबी मीकायाह की इस कठोर नबूवत के कारण उन को मृत्यु-दण्ड दिया? कदापि नहीं; बल्कि वह प्रभु से डरा, और उसने प्रभु की कृपा के लिए विनती की। अत: प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताया, और उसने यहूदा प्रदेश का अनिष्ट करने का जो निश्चय किया था, और जिसकी उसने घोषणा की थी, वह नहीं किया। किन्तु हम तो इस मनुष्य के साथ यह व्यवहार कर अपने ऊपर महा विपत्ति ला रहे हैं।’
‘क्या प्रभु भूल गया था कि तुम और तुम्हारे पूर्वज, तुम्हारे राजा और उच्चाधिकारी यहूदा प्रदेश के नगरों, यरूशलेम की सड़कों पर आकाश की देवी के लिए धूप जलाते थे? क्या प्रभु को तुम्हारे इस दुष्कर्म का ध्यान नहीं था?
‘किन्तु अब मान लो: जिस पिता ने न्याय और धर्म के अनुरूप आचरण नहीं किया है, और उसका कोई पुत्र है। वह पुत्र अपने पिता के पापमय आचरण को देखता है; वह प्रभु से डरता है, और अपने पिता के समान पापमय आचरण नहीं करता है :
इसके बाद वह मुझे प्रभु-भवन के भीतरी आंगन में ले गया। वहां मैंने लगभग पच्चीस आदमी देखे, जो प्रभु-भवन के प्रवेश-द्वार के सामने, ड्योढ़ी और वेदी के बीच में खड़े थे। उनकी पीठ प्रभु के मन्दिर की ओर थी, और मुख पूर्व की ओर। वे पूर्व दिशा में सूर्य की पूजा कर रहे थे।
स्वामी, अपने धर्ममय आचरण के अनुरूप अपना क्रोध और प्रकोप यरूशलेम से हटा ले। प्रभु, यरूशलेम नगर तेरा ही पवित्र पहाड़ी नगर है। हमारे पूर्वजों के पापमय और हमारे ही अधर्ममय आचरण के कारण यरूशलेम नगर और तेरे निज लोग आसपास के राष्ट्रों में बदनाम हो गए हैं।
“जो पुत्र अपने पिता या अपनी माता को मुझ से अधिक प्रेम करता है, वह मेरे योग्य नहीं। जो पिता अपने पुत्र या अपनी पुत्री को मुझ से अधिक प्रेम करता है, वह मेरे योग्य नहीं।