किन्तु वह अपनी बात का पक्का है, उसे कौन मोड़ सकता है? वह अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है।
दानिय्येल 4:35 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ” पवित्र बाइबल इस धरती के लोग सचमुच बड़े नहीं हैं। परमेश्वर लोगों के साथ जो कुछ चाहता है वह करता है। स्वर्ग की शक्तियों को कोई भी रोक नहीं पाता है। उसका सशक्त हाथ जो कुछ करता है उस पर कोई प्रश्न नहीं कर सकता है। Hindi Holy Bible पृथ्वी के सब रहने वाले उसके साम्हने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहने वालों के बीच अपनी इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोक कर उस से नहीं कह सकता है, तू ने यह क्या किया है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पृथ्वी के सब रहनेवाले उसके सामने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहनेवालों के बीच अपनी ही इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोककर उस से नहीं कह सकता है, “तू ने यह क्या किया है?” सरल हिन्दी बाइबल पृथ्वी के सारे लोगों का कोई महत्व नहीं है. वह जैसा चाहता है वैसा स्वर्ग की शक्तियों और पृथ्वी के लोगों के साथ करता है. उसे कोई भी रोक नहीं सकता या यह कह नहीं सकता: “आपने यह क्या कर डाला?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पृथ्वी के सब रहनेवाले उसके सामने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहनेवालों के बीच अपनी इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोककर उससे नहीं कह सकता है, “तूने यह क्या किया है?” |
किन्तु वह अपनी बात का पक्का है, उसे कौन मोड़ सकता है? वह अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है।
यदि परमेश्वर चुप रहता है तो उसको कौन दोषी ठहरा सकता है? जब वह अपना मुख छिपा लेता है तब कौन उसका दर्शन पा सकता है, वह चाहे कोई राष्ट्र हो अथवा मनुष्य?
‘जो व्यक्ति दूसरों के दोष ढूंढ़ता है, क्या वह मुझ-सर्वशक्तिमान परमेश्वर का सामना कर सकता है? जो मुझसे वाद-विवाद करता है, वह मेरे प्रश्न का उत्तर दे।’
परमेश्वर बुद्धिमान है, वह सर्वशक्तिमान है, किस मनुष्य ने हठ पूर्वक उसका विरोध किया, और सफलता प्रप्त की?
वह उस स्थान से, जहां वह सिंहासन पर विराजमान है, धरती के समस्त निवासियों पर दृष्टिपात करता है।
तूने मेरे जीवन-काल को बित्ता भर बनाया है। मेरी आयु तेरे सम्मुख कुछ भी नहीं है। वस्तुत: प्रत्येक मनुष्य की स्थिति श्वास मात्र है। सेलाह
राजा के शब्दों में परम सत्ता होती है। राजा से कौन पूछ सकता है, ‘आप यह क्या कर रहे हैं?’
यहूदा प्रदेश मिस्र निवासियों के लिए ‘हौआ’ बन जाएगा। जो भी मिस्र निवासी उसका नाम सुनेगा, वह आतंकित हो जाएगा; क्योंकि सेनाओं के प्रभु ने मिस्र-निवासियों का विनाश करने का निश्चय किया है।
मेरे प्राण रात में तेरे लिए तरसते हैं, मेरी आत्मा मेरे अन्त: में तुझे ढूंढ़ती है। जब तेरे न्याय-सिद्धान्त पृथ्वी पर प्रबल होते हैं, तब संसार के निवासी धर्म को सीखते हैं।
मैं ही परमेश्वर हूं, और भविष्य में भी मैं ही “वह” रहूंगा। मेरे हाथ से मुक्त करनेवाला कोई नहीं है। जो कार्य मैं सम्पन्न करता हूं, उसे कोई मिटा नहीं सकता।’
वह संकट से मुक्त करता, और प्राणों की रक्षा करता है; वह आकाश में अद्भुत चिह्न दिखाता, और पृथ्वी पर आश्चर्य कर्म करता है। उसी ने सिंहों के मुंह से दानिएल को बचाया।’
अन्त में नाविकों ने प्रभु से प्रार्थना की, ‘हे प्रभु, हम तुझसे विनती करते हैं। इस मनुष्य के प्राण के बदले में हमें मत नष्ट कर। निर्दोष व्यक्ति की हत्या का दोष हम पर मत लगाना। प्रभु, तूने अपनी इच्छानुसार यह कार्य किया है।’
जब परमेश्वर ने उन्हें वही वरदान दिया, जो हमें प्रभु येशु मसीह में विश्वास करने वालों को मिला है, तो मैं कौन था जो परमेश्वर के मार्ग में बाधा डालता?”
परन्तु यदि यह परमेश्वर की ओर से है, तो आप इन्हें नहीं मिटा सकेंगे और यह बहुत संभव है कि आप परमेश्वर के विरोधी प्रमाणित होंगे।”
क्योंकि जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जानता है? कौन उसे परामर्श दे सकता है?” और हम में तो मसीह का मन विद्यमान है।
परमेश्वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। अपने उद्देश्य के अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम मसीह में विरासत प्राप्त करें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।
यरीहो नगर के राजा ने यह समाचार सुना: ‘आज रात इस्राएली जाति के कुछ पुरुष हमारे देश का भेद लेने के लिए यहाँ आए हैं।’
अत: शमूएल ने सब बातें उसको बता दीं; और उससे कुछ नहीं छिपाया। एली ने कहा, ‘वह प्रभु है! जो उसकी दृष्टि में उचित है, वही वह करे!’