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दानिय्येल 4:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

34 “सात वर्ष बीतने के बाद मैं नबूकदनेस्‍सर ने स्‍वर्ग की ओर दीनता से आंखें उठाईं, और मेरा विवेक लौट आया। मैंने सर्वोच्‍च परमेश्‍वर को धन्‍य कहा, जो सदा-सर्वदा जीवित है। मैंने इन शब्‍दों में उसकी महिमा और स्‍तुति की; “परमेश्‍वर का राज्‍य शाश्‍वत है; उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है।

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पवित्र बाइबल

34 फिर उस समय के अंत में मैं (नकूबदनेस्सर) ने ऊपर स्वर्ग की ओर देखा। मैं फिर सही ढ़ंग से सोचने विचारने लगा। सो मैंने परम प्रधान परमेश्वर की स्तुति की, जो सदा अमर है, मैंने उसे आदर और महिमा प्रदान की। परमेश्वर शासन सदा करता है! उसका राज्य पीढ़ी दर पीढ़ीबना रहता है।

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Hindi Holy Bible

34 उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आंखें स्वर्ग की ओर उठाईं, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैं ने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कह कर करने लगा: उसकी प्रभुता सदा की है और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तब बना रहने वाला है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

34 उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आँखें स्वर्ग की ओर उठाईं, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैं ने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कहकर करने लगा : उसकी प्रभुता सदा की है, और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहनेवाला है।

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सरल हिन्दी बाइबल

34 निर्धारित समय के अंत में, मैं, नबूकदनेज्ज़र ने स्वर्ग की ओर अपनी दृष्टि उठाई, और मेरी मानसिक अवस्था फिर पहले जैसे हो गई. तब मैंने सर्वोच्च परमेश्वर की महिमा की; मैंने उसका आदर और प्रशंसा किया, जो सदाकाल तक जीवित रहता है. उसकी प्रभुता सदाकाल की है; उसका राज्य पीढ़ी-पीढ़ी तक बना रहता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

34 उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आँखें स्वर्ग की ओर उठाई, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैंने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कहकर करने लगा: उसकी प्रभुता सदा की है और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तब बना रहनेवाला है। (भज. 145:13, 1 तीमु. 1:17)

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दानिय्येल 4:34
57 क्रॉस रेफरेंस  

इसी परमेश्‍वर का मार्ग सीधा है, प्रभु की प्रतिज्ञा कसौटी-सिद्ध है। वह अपने सब शरणागतों की ढाल है।


तब दाऊद ने समस्‍त धर्मसभा के सम्‍मुख प्रभु को धन्‍यवाद दिया। दाऊद ने कहा, ‘हे प्रभु, हमारे पूर्वज इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर! तू युग-युगान्‍त धन्‍य है।


अब हे हमारे परमेश्‍वर, हम तुझे धन्‍यवाद देते और तेरे महिमामय नाम की स्‍तुति करते हैं।


उसने कहा, ‘मैं अपनी मां के पेट से नंगा बाहर निकला था। मैं नंगा ही वहाँ लौटूंगा, जहाँ से आया था। प्रभु ने दिया था, प्रभु ने ले लिया। प्रभु का नाम धन्‍य है।’


प्रभु युग-युगांत राजा है, उसकी धरती से राष्‍ट्र मिट जाएंगे।


मैं यह कहता हूँ, ‘हे मेरे परमेश्‍वर! तेरी आयु पीढ़ी से पीढ़ी तक स्‍थिर है, तू मेरी पकी आयु के पूर्व मुझे न उठा।’


प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए, उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए वे उसकी सराहना करें।


वे स्‍तुति-बलि अर्पित करें और जयजयकार सहित उसके कार्यों का वर्णन करें।


प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मों के लिए, वे उसकी सराहना करें।


प्रभु की करुणा के लिए, मानव-जाति के प्रति किए गए उसके आश्‍चर्यपूर्ण कर्मो के लिए वे उसकी सराहना करें।


प्रभु के कार्य सच्‍चाई और न्‍याय हैं; उसके समस्‍त आदेश विश्‍वसनीय हैं;


मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर उठाता हूं। क्‍या मुझे वहां से सहायता प्राप्‍त होती है?


प्रभु, मैं अपनी आंखें तेरी ओर उठाता हूं; प्रभु, तू स्‍वर्ग में विराजमान है!


तेरा राज्‍य शाश्‍वत राज्‍य है, तेरा शासन पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है। प्रभु अपने सब वचनों को पूर्ण करता है; वह विश्‍वास योग्‍य है। प्रभु अपने सब कार्यों को पूरा करता है, वह कृपालु है।


ओ सियोन, तेरा प्रभु परमेश्‍वर पीढ़ी से पीढ़ी तक सदा राज्‍य करता है। प्रभु की स्‍तुति करो!


मुझे-अपने परमेश्‍वर को ‘स्‍तुति बलि’ चढ़ा; और सर्वोच्‍च प्रभु के लिए अपने व्रत पूर्ण कर।


वह अपनी शक्‍ति से सदा शासन करता है। उसकी आंखें राष्‍ट्रों का अवलोकन करती हैं; अत: विद्रोही गर्व से न फूलें। सेलाह


मैं प्रभु की धार्मिकता के लिए उसका स्‍तुतिगान करूंगा, मैं सर्वोच्‍च प्रभु के नाम का गुणगान करूँगा।


मैं तुझ में हर्षित होऊंगा, मैं प्रफुल्‍लित होऊंगा; हे सर्वोच्‍च प्रभु, मैं तेरे नाम की स्‍तुति गाऊंगा।


हे सर्वोच्‍च प्रभु! भला है तेरी स्‍तुति करना; भला है तेरे नाम का गुणगान करना;


मैं दुनिया को उसकी दुष्‍टता के लिए, और दुर्जनों को उनके दुष्‍कर्म के लिए दण्‍ड दूंगा। मैं अहंकारी का अहंकार मिटा दूंगा; मैं अत्‍याचारी की घमण्‍ड से चढ़ी हुई आंखों को नीचा करूंगा।


मनुष्‍य-जाति की चढ़ी हुई आंखें नीची की जाएंगी; मनुष्‍य का घमण्‍ड चूर-चूर किया जाएगा। उस दिन केवल प्रभु ही उच्‍च स्‍थान पर विराजमान होगा।


“ओ पूर्व दिशा के निवासियो, प्रभु की महिमा करो! ओ समुद्र तट पर रहनेवालो, इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर के नाम का गुणगान करो।


किन्‍तु प्रभु ही सच्‍चा ईश्‍वर है। वह जीवंत परमेश्‍वर है, और शाश्‍वत महाराजाधिराज है। जब वह क्रुद्ध होता है, तब पृथ्‍वी कांप उठती है; उसके क्रोध को सहन करने की शक्‍ति किसी राष्‍ट्र में नहीं है।


सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के मुंह से ही अच्‍छाई और बुराई दोनों निकलती हैं।


उसने अपना दाहिना और बायाँ हाथ आकाश की ओर उठाया, और मैंने उसको शाश्‍वत और जीवित परमेश्‍वर की शपथ लेते हुए सुना : “साढ़े तीन वर्ष तक यह दशा रहेगी। जब पवित्र लोगों का बल टूटते-टूटते समाप्‍त हो जाएगा, तब ये बातें पूरी होंगी।”


उन राजाओं के राज्‍य-काल में स्‍वर्ग में विराजमान परमेश्‍वर एक ऐसा राज्‍य उदय करेगा जो अनंतकाल तक न नष्‍ट होगा और न उसकी राज्‍य-सत्ता किसी दूसरी कौम के हाथ में सौंपी जाएगी। यह राज्‍य सब राज्‍यों का अंत कर देगा, उनको मिटा डालेगा; पर वह स्‍वयं सदा-सर्वदा सुदृढ़ बना रहेगा।


“सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ने मुझे अद्भुत चिह्‍न और चमत्‍कार दिखाए हैं। मुझे यह अच्‍छा लगा कि मैं उनका अर्थ तुम्‍हें समझाऊं।


“पवित्र प्रहरी ने यह आदेश दिया था कि तने को जड़ के साथ छोड़ दो। उसका यह अर्थ है : जिस समय आपको अनुभव हो जाएगा कि स्‍वर्ग में विराजमान परमेश्‍वर ही मानव-जाति पर राज्‍य करता है, उस समय ही आपका राज्‍य आपको प्राप्‍त हो जाएगा।


परमेश्‍वर के चिह्‍न कितने भव्‍य हैं, उसके अद्भुत कार्य कितने सामर्थ्यपूर्ण हैं! उसका राज्‍य शाश्‍वत राज्‍य है, उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहता है।


तू मनुष्‍य-समाज के बीच से निकाल दिया जाएगा, और तुझको वन-पशुओं के साथ रहना पड़ेगा। तू बैल के समान घास चरेगा। सात वर्ष तक तेरी यही दशा रहेगी। उसके बाद ही तुझको अनुभव होगा कि सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ही मनुष्‍यों के राज्‍य पर शासन करता है, और वह जिसको चाहता है, उसको यह राज्‍य दे देता है।”


“उसी समय मेरा विवेक लौट आया। मेरे राज्‍य की कीर्ति के लिए मेरा प्रताप और वैभव मुझे पुन: प्राप्‍त हो गए। मेरे मंत्रियों और सामंतों ने मुझे जंगल में से ढूंढ़ निकाला, और मैं पुन: अपने राज्‍य के ऊपर राजा के रूप में प्रतिष्‍ठित हो गया। मेरी महानता और बढ़ गई।


“महाराज, सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ने आपके पिता नबूकदनेस्‍सर को राज्‍य, महानता, कीर्ति और वैभव प्रदान किया था।


वह मनुष्‍य-समाज से बहिष्‍कृत कर दिए गए और उनका हृदय पशु के हृदय के सदृश बन गया। वह जंगली गधों के साथ जंगल में रहते थे। वह बैल के समान घास खाया करते थे। उनका शरीर आकाश की ओस से भीगा करता था। तब उन्‍हें अनुभव हुआ कि केवल सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ही मनुष्‍यों के राज्‍य पर शासन करता है और वह जिसको चाहता है, उसको राजा के रूप में प्रतिष्‍ठित करता है।


मैं यह राजाज्ञा प्रसारित कर रहा हूं कि मेरे साम्राज्‍य के समस्‍त स्‍त्री-पुरुष दानिएल के परमेश्‍वर के सम्‍मुख कांपते और डरते रहेंगे, क्‍योंकि केवल वही जीवित परमेश्‍वर है; वह युगानुयुग विद्यमान है। उसका राज्‍य कभी नष्‍ट न होगा, उसके शासन का कभी अन्‍त न होगा।


तब प्राचीन युग-पुरुष ने उसको शासन का अधिकार, महिमा और राज्‍य प्रदान किया ताकि पृथ्‍वी की समस्‍त कौमें, राष्‍ट्र और भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग उसकी सेवा करें। उसका शासन शाश्‍वत शासन है; जो कभी समाप्‍त न होगा; उसका राज्‍य युगानुयुग अटल है, जिसका कभी नाश न होगा।


राज्‍य और शासन, समस्‍त आकाश के नीचे पृथ्‍वी के सब राज्‍यों की महानता, सर्वोच्‍च परमेश्‍वर के भक्‍तों के जन-समूह को दी जाएगी। उनका राज्‍य शाश्‍वत राज्‍य होगा; पृथ्‍वी के सब शासक उनकी सेवा करेंगे वे उनकी आज्ञा का पालन करेंगे।”


अत: हे प्रभु, तूने हमारे लिए विपत्ति तैयार रखी और हम पर उण्‍डेल दी; क्‍योंकि हमारा प्रभु परमेश्‍वर अपने हरएक आचरण में धर्ममय है, उसका प्रत्‍येक कार्य न्‍यायपूर्ण होता है। हमने उसकी वाणी को नहीं सुना था; इसलिए हम पर यह विपत्ति आई।


अन्‍त में नाविकों ने प्रभु से प्रार्थना की, ‘हे प्रभु, हम तुझसे विनती करते हैं। इस मनुष्‍य के प्राण के बदले में हमें मत नष्‍ट कर। निर्दोष व्यक्‍ति की हत्‍या का दोष हम पर मत लगाना। प्रभु, तूने अपनी इच्‍छानुसार यह कार्य किया है।’


लंगड़े-लूलों को मैं इस्राएल का शेष-राष्‍ट्र बनाऊंगा। जिन्‍हें त्‍याग दिया गया था, उन्‍हें मैं एक शक्‍तिशाली राष्‍ट्र बनाऊंगा। आज से युगानुयुग तक मैं-प्रभु सियोन पर्वत से उन पर राज्‍य करूंगा।’


वह याकूब के वंश पर सदा-सर्वदा राज्‍य करेगा और उसके राज्‍य का अन्‍त कभी नहीं होगा।”


चुंगी-अधिकारी कुछ दूरी पर खड़ा था। उसे स्‍वर्ग की ओर आँख उठाने तक का साहस नहीं हुआ। वह अपनी छाती पीट-पीट कर यह कह रहा था, ‘परमेश्‍वर! मुझ पापी पर दया कर।’ ”


क्‍योंकि जिस तरह पिता स्‍वयं में जीवन धारण किए हुए है, उसी तरह उसने पुत्र को भी स्‍वयं में जीवन धारण करने का अधिकार दिया है;


‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्‍योंकि उसके समस्‍त मार्ग न्‍यायपूर्ण हैं। वह सच्‍चा परमेश्‍वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्‍पक्ष न्‍यायी और निष्‍कपट है।


युगों के अधिपति, अविनाशी, अदृश्‍य और अतुल्‍य परमेश्‍वर का सम्‍मान तथा महिमा युगानुयुग होती रहे!


जो अमरता का एकमात्र स्रोत है, जो अगम्‍य ज्‍योति में निवास करता है, जिसे न तो किसी मनुष्‍य ने कभी देखा है और न कोई देख सकता है। उसे सम्‍मान प्राप्‍त हो तथा उसका सामर्थ्य युगानुयुग बना रहे! आमेन!


जो युग-युगों तक जीता रहता है, जिसने स्‍वर्ग और उस में जो कुछ है, पृथ्‍वी और उस पर जो कुछ है एवं समुद्र और उस में जो कुछ है, उसकी सृष्‍टि की, उसकी शपथ खा कर स्‍वर्गदूत ने यह कहा, “अब और देर नहीं होगी।


सातवें स्‍वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर स्‍वर्ग में वाणियाँ सुनाई पड़ीं, जो ऊंचे स्‍वर से कह रही थीं : “इस संसार का राज्‍य हमारे प्रभु और उसके मसीह का राज्‍य बन गया है। वह युग-युगों तक राज्‍य करेंगे।”


तब-तब चौबीस धर्मवृद्ध सिंहासन पर विराजमान को दण्‍डवत करते हैं, युग-युगों तक जीवित रहने वाले की आराधना करते और यह कहते हुए सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं :


जब-जब प्राणी सिंहासन पर विराजमान, युग-युगों तक जीवित रहने वाले को महिमा, सम्‍मान और धन्‍यवाद देते हैं,


हमारे पर का पालन करें:

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