जब राजा रहबआम ने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया, तब उसके प्रति प्रभु का क्रोध शान्त हो गया। प्रभु ने उसका पूर्ण विनाश नहीं किया। इसके अतिरिक्त यहूदा प्रदेश में परिस्थितियां अच्छी थीं।
2 इतिहास 12:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह सुनकर यहूदा प्रदेश के इस्राएली उच्चाधिकारियों और राजा रहबआम ने स्वयं को विनम्र किया और कहा, ‘प्रभु धर्ममय है।’ पवित्र बाइबल तब यहूदा के प्रमुखों और राजा रहूबियाम ने ग्लानि का अनुभव करते हुये अपने को विनम्र किया और कहा कि, “यहोवा न्यायी है।” Hindi Holy Bible तब इस्राएल के हाकिम और राजा दीन हो गए, और कहा, यहोवा धमीं है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब इस्राएल के हाकिम और राजा दीन हो गए, और कहा, “यहोवा धर्मी है।” सरल हिन्दी बाइबल यह सुन इस्राएल के शासकों और राजा ने खुद को नम्र बनाते हुए यह स्वीकार किया, “महान हैं याहवेह.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब इस्राएल के हाकिम और राजा दीन हो गए, और कहा, “यहोवा धर्मी है।” |
जब राजा रहबआम ने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया, तब उसके प्रति प्रभु का क्रोध शान्त हो गया। प्रभु ने उसका पूर्ण विनाश नहीं किया। इसके अतिरिक्त यहूदा प्रदेश में परिस्थितियां अच्छी थीं।
योराम के छ: भाई थे। राजा यहोशाफट के अन्य पुत्रों के ये नाम हैं : अजर्याह, यहीएल, जकर्याह, अजर्याह, मीखाएल और शपत्याह। ये सब यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट के पुत्र थे।
किन्तु राजा अपने अहंकार के लिए पछताया। उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया। उसके साथ यरूशलेम के निवासी भी दीन बने। अत: प्रभु का क्रोध राजा हिजकियाह के समय में उन पर नहीं भड़का।
जब वह बेबीलोन में बन्दी था, तब उसने अपने संकट में अपने प्रभु-परमेश्वर की कृपा के लिए विनती की। उसने अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सम्मुख स्वयं को अत्यधिक विनम्र और दीन किया।
‘द्रष्टाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में भी मनश्शे का उल्लेख हुआ है: उसकी प्रार्थना; और परमेश्वर ने उसकी विनती, अनुनय-विनय कैसे स्वीकार किया; उसके पाप-कर्म तथा प्रभु के विरुद्ध उसका विश्वासघात; उन जगहों का वर्णन जहाँ मनश्शे ने पहाड़ी शिखर के मन्दिर बनाए थे, जहाँ अशेराह के खम्भे तथा मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की थीं। इसी ग्रंथ में लिखा है कि उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था।
यद्यपि उसके पिता मनश्शे ने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था, किन्तु आमोन ने ऐसा नहीं किया, बल्कि अधिकाधिक दुष्कर्म किये।
मनुष्य लोगों के सम्मुख गीत गाता है, और यह कहता है, “मैंने पाप किया था, मैंने उचित कार्य को अनुचित बना दिया था, तो भी मुझे इस अधर्म का दण्ड नहीं दिया गया।
मूसा और हारून फरओ के पास गए। उन्होंने उससे कहा, ‘इब्रानियों का परमेश्वर, प्रभु यों कहता है, “तू कब तक मेरे सम्मुख नतमस्तक नहीं होगा? मेरे लोगों को जाने दे कि वे मेरी सेवा करें।
फरओ ने दूत भेजकर मूसा और हारून को बुलाया, और उनसे कहा, ‘मैंने इस बार पाप किया है। प्रभु सच्चा प्रमाणित हुआ है, पर मैं और मेरी प्रजा झूठी।
ओ इस्राएलियो, मेरी बात ध्यान से सुनो; क्योंकि यह मैंने नहीं वरन् प्रभु ने कहा है: घमण्ड मत करो।
राजा और राजमाता से यह कहो: ‘महाराज और राजमाता, सिंहासन पर नहीं, वरन् अब भूमि पर बैठिए; क्योंकि आपके सिर से सुन्दर मुकुट उतार लिया गया है!’
आज भी उन्होंने अपने दुष्कर्मों से पश्चात्ताप कर अपने हृदय को विनम्र नहीं किया। वे मेरी भक्ति नहीं करते। जो धर्म-नियम और संविधियां मैंने तुम्हारे सामने और तुम्हारे पूर्वजों के सम्मुख रखी थीं, उन के अनुरूप वे आचरण नहीं करते।
‘प्रभु सच्चा है; मैंने ही उसके वचन से विद्रोह किया है। ओ विश्व की सब कौमो! मेरी बात सुनो, मेरे दु:ख पर ध्यान दो। मेरे जवान बेटे और बेटियां बन्दी बनकर निर्वासित हो गए।
“ओ बेलशस्सर, तुम उनके पुत्र हो, किन्तु तुमने अपने हृदय को नम्र नहीं बनाया, यद्यपि तुम अपने पिता के इतिहास से अपरिचित नहीं थे।
अत: हे प्रभु, तूने हमारे लिए विपत्ति तैयार रखी और हम पर उण्डेल दी; क्योंकि हमारा प्रभु परमेश्वर अपने हरएक आचरण में धर्ममय है, उसका प्रत्येक कार्य न्यायपूर्ण होता है। हमने उसकी वाणी को नहीं सुना था; इसलिए हम पर यह विपत्ति आई।
मैं जा रहा हूं, मैं अपने स्थान को लौट रहा हूं, जब तक वे अपना अपराध स्वीकार न करेंगे और मेरा दर्शन पाने का प्रयत्न न करेंगे; जब तक अपने संकट में मुझे नहीं ढूंढ़ेंगे, मैं उनसे विमुख रहूंगा।
येशु ने कहा, “मैं तुम से कहता हूँ, वह पहला नहीं, बल्कि यह मनुष्य पापमुक्त हो कर अपने घर गया। क्योंकि जो कोई अपने आपको ऊंचा करता है, वह नीचा किया जाएगा; परन्तु जो अपने आप को नीचा करता है, वह ऊंचा किया जाएगा।”
वे उस धार्मिकता को नहीं जानते, जिसे परमेश्वर चाहता है, और अपनी धार्मिकता की स्थापना करने में लगे रहते हैं। इसलिए उन्होंने परमेश्वर द्वारा निर्धारित धार्मिकता के अधीन रहना अस्वीकार किया;
वह प्रचुर मात्रा में अनुग्रह भी देता है, जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “परमेश्वर घमण्डियों का विरोध करता, किन्तु विनीतों को अनुग्रह प्रदान करता है।”
अदोनी-बेजक ने कहा, ‘सत्तर राजा, जिनके हाथ-पैर के अंगूठे मैंने काट दिए थे मेरी भोजन की मेज के नीचे की जूठन खाते थे। जैसा मैंने किया था वैसा ही प्रतिफल ईश्वर ने मुझे दिया।’ वे उसको यरूशलेम नगर लाए, और वहाँ उसका देहान्त हो गया।