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यिर्मयाह 44:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 आज भी उन्‍होंने अपने दुष्‍कर्मों से पश्‍चात्ताप कर अपने हृदय को विनम्र नहीं किया। वे मेरी भक्‍ति नहीं करते। जो धर्म-नियम और संविधियां मैंने तुम्‍हारे सामने और तुम्‍हारे पूर्वजों के सम्‍मुख रखी थीं, उन के अनुरूप वे आचरण नहीं करते।

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पवित्र बाइबल

10 आज भी यहूदा के लोगों ने अपने को विनम्र नहीं बनाया। उन्होंने मुझे कोई सम्मान नहीं दिया और उन लोगों ने मेरी शिक्षाओं का अनुसरण नहीं किया। उन्होंने उन नियमों का पालन नहीं किया जिन्हें मैंने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को दिया।’

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Hindi Holy Bible

10 आज के दिन तक उनका मन चूर नहीं हुआ ओर न वे डरते हैं; और न मेरी उस व्यवस्था और उन विधियों पर चलते हैं जो मैं ने तुम्हारे पूर्वजों को और तुम को भी सुनवाई हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 आज के दिन तक उनका मन चूर नहीं हुआ और न वे डरते हैं; और न मेरी उस व्यवस्था और उन विधियों पर चलते हैं जो मैं ने तुम्हारे पूर्वजों को और तुम को भी सुनवाई हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 किंतु पश्चाताप उन्होंने आज तक नहीं किया और उनमें न तो मेरे प्रति श्रद्धा दिखाई, न उन्होंने मेरे व्यवस्था-विधान के पालन किया जो मैंने ही तुम्हारे तथा तुम्हारे पूर्वजों के सामने रखे थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

10 आज के दिन तक उनका मन चूर नहीं हुआ और न वे डरते हैं; और न मेरी उस व्यवस्था और उन विधियों पर चलते हैं जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को और तुम को भी सुनवाई हैं।

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यिर्मयाह 44:10
38 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु ने कहा, ‘क्‍या तूने अहाब को देखा? उसने मेरे सम्‍मुख सिर झुका लिया है। मैं उसकी इस विनम्रता के कारण यह विपत्ति उसके जीवन-काल में नहीं ढाहूंगा, वरन् उसके पुत्र के जीवन काल में, उसके वंश पर ढाहूंगा।’


तूने हृदय से पश्‍चात्ताप किया। तूने मेरे सम्‍मुख, अपने प्रभु के सम्‍मुख, स्‍वयं को विनम्र बनाया। तूने यह सुना कि मैंने इस स्‍थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध यह कहा है, कि मैं उनको घृणा और उपहास का पात्र बना दूंगा। तब तूने पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े, और मेरे सम्‍मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु, यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।


किन्‍तु राजा अपने अहंकार के लिए पछताया। उसने प्रभु के सम्‍मुख स्‍वयं को विनम्र किया। उसके साथ यरूशलेम के निवासी भी दीन बने। अत: प्रभु का क्रोध राजा हिजकियाह के समय में उन पर नहीं भड़का।


जब वह बेबीलोन में बन्‍दी था, तब उसने अपने संकट में अपने प्रभु-परमेश्‍वर की कृपा के लिए विनती की। उसने अपने पूर्वजों के परमेश्‍वर के सम्‍मुख स्‍वयं को अत्‍यधिक विनम्र और दीन किया।


‘द्रष्‍टाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में भी मनश्‍शे का उल्‍लेख हुआ है: उसकी प्रार्थना; और परमेश्‍वर ने उसकी विनती, अनुनय-विनय कैसे स्‍वीकार किया; उसके पाप-कर्म तथा प्रभु के विरुद्ध उसका विश्‍वासघात; उन जगहों का वर्णन जहाँ मनश्‍शे ने पहाड़ी शिखर के मन्‍दिर बनाए थे, जहाँ अशेराह के खम्‍भे तथा मूर्तियाँ प्रतिष्‍ठित की थीं। इसी ग्रंथ में लिखा है कि उसने प्रभु के सम्‍मुख स्‍वयं को विनम्र किया था।


तूने हृदय से पश्‍चात्ताप किया। तूने मेरे सम्‍मुख, अपने परमेश्‍वर के सम्‍मुख, स्‍वयं को विनम्र बनाया। तूने इस स्‍थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध मेरी वाणी सुनी और मेरे सम्‍मुख स्‍वयं को दीन बनाया। तूने पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े, और मेरे सम्‍मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।


प्रभु पश्‍चात्ताप करने वाले हृदय के निकट है; वह विदीर्ण आत्‍मा का उद्धार करता है।


विदीर्ण आत्‍मा की बलि परमेश्‍वर को प्रिय है, हे परमेश्‍वर, तू विदीर्ण और भग्‍न हृदय की उपेक्षा नहीं करता।


उन्‍होंने परमेश्‍वर के विधान का पालन नहीं किया और उसकी व्‍यवस्‍था पर चलना अस्‍वीकार कर दिया।


मूसा और हारून फरओ के पास गए। उन्‍होंने उससे कहा, ‘इब्रानियों का परमेश्‍वर, प्रभु यों कहता है, “तू कब तक मेरे सम्‍मुख नतमस्‍तक नहीं होगा? मेरे लोगों को जाने दे कि वे मेरी सेवा करें।


पर तू अब तक मेरे लोगों के सम्‍मुख बाधा बनकर खड़ा है और उन्‍हें नहीं जाने दे रहा है।


किन्‍तु जहां तक आपका और आपके कर्मचारियों का सम्‍बन्‍ध है, मैं जानता हूं कि आपको प्रभु परमेश्‍वर का कोई भय नहीं है।’ (


बुद्धिमान मनुष्‍य सावधान रहता, और बुराई से बचता है, किन्‍तु मूर्ख मनुष्‍य लापरवाह होता, और ढीठ बनकर दुराचरण करता है।


दुष्‍कर्म का प्रायश्‍चित्त करुणा और सच्‍चाई है; प्रभु की भक्‍ति करने से मनुष्‍य बुराई से बचा रहता है।


धन्‍य है वह मनुष्‍य जो प्रभु की भक्‍ति सदा करता है; पर प्रभु के प्रति अपने हृदय को कठोर बनानेवाला मनुष्‍य विपत्ति के गड्ढे में गिरता है।


बुराई से घृणा करना ही प्रभु की भक्‍ति करना है; मैं घमण्‍ड, अहंकार और दुराचरण से, छल-कपटपूर्ण बातों से घृणा करती हूं।


किसने याकूब को लुटेरों के हाथ में सौंपा था? किसने इस्राएल को डाकुओं के हाथ में दे दिया था? क्‍या प्रभु ने ही यह कार्य नहीं किया था? क्‍योंकि हमने उसके प्रति पाप किया था। हम उसके बताए हुए मार्ग पर नहीं चले थे; हमने उसकी व्‍यवस्‍था का पालन नहीं किया था।


सर्वोच्‍च और महान परमेश्‍वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्‍तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्‍च और पवित्र स्‍थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्‍मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्‍ति की आत्‍मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।


प्रभु कहता है : ‘इन सबको स्‍वयं मेरे हाथों ने बनाया है, अत: ये सब वस्‍तुएँ मेरी ही हैं। पर मैं उस मनुष्‍य पर ध्‍यान दूंगा, जो विनम्र है जो आत्‍मा में पीड़ित है जो मेरे वचन में श्रद्धा रखता है।


विश्‍व की सब जातियों के महाराजाधिराज! तेरी भक्‍ति कौन नहीं करेगा? तेरी आराधना करना हमारा धर्म है। अन्‍य जातियों के सब बुद्धिमान लोगों में, उनके सब राजाओं में तेरे समान कोई दूसरा नहीं है।


‘यिर्मयाह, तू उनसे यह कहना : “प्रभु यों कहता है : यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, जो व्‍यवस्‍था मैंने तुम्‍हारे सामने रखी है, उस पर नहीं चलोगे,


वे मिस्र देश से इस देश में आए। उन्‍होंने इस देश में प्रवेश किया, और इस पर अधिकार कर लिया। ‘किन्‍तु उन्‍होंने तेरी वाणी नहीं सुनी, और तेरी व्‍यवस्‍था के अनुसार आचरण नहीं किया। उन्‍होंने वे कार्य नहीं किये जिनको करने का आदेश तूने उनको दिया था। अत: तूने यह विपत्ति उन पर ढाही।


प्रभु के ये वचन सुन कर न तो राजा भयभीत हुआ और न उसके कर्मचारी। उन्‍होंने पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र भी नहीं फाड़े।


क्‍योंकि तुमने आकाश की रानी के लिए धूप जलायी थी; क्‍योंकि तुमने प्रभु के प्रति पाप किया था, और उसकी वाणी नहीं सुनी थी। तुमने उसके धर्मनियमों, संविधियों और सािक्षयों के अनुरूप आचरण नहीं किया; इस कारण यह विपत्ति तुम पर आयी, और आज तक बनी हुई है।’


‘हे प्रभु, क्‍या तू सच्‍चाई को नहीं देखता? देख, तूने उनको मारा, किन्‍तु उन्‍हें पीड़ा का अनुभव ही नहीं हुआ! तूने उनका संहार किया, फिर भी उन्‍होंने इससे पाठ नहीं सीखा! उन्‍होंने अपना हृदय चट्टान से अधिक कठोर बना लिया, उन्‍होंने पश्‍चात्ताप करने से इन्‍कार कर दिया।’


जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्‍या वे लज्‍जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्‍जा का पानी मर गया है। दुष्‍कर्म करते समय पश्‍चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों के साथ वे भी नष्‍ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्‍ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।


जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्‍या वे लज्‍जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्‍जा का पानी मर गया है। दुष्‍कर्म करते समय पश्‍चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों में वे भी नष्‍ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्‍ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।


प्रभु ने उससे कहा, ‘यरूशलेम नगर में जाओ, और उन-सब मनुष्‍यों के माथे पर चिह्‍न लगाओ, जो नगर में किए जा रहे घृणित कार्यों के लिए दु:ख मनाते और शोक करते हैं।’


पर तुम मेरे नाम के प्रति श्रद्धा-भक्‍ति रखते हो, इसलिए तुम पर धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, उसके पंखों में रोग-निवारण की किरणें होंगी, जिनके स्‍पर्श से तुम स्‍वस्‍थ होगे। जैसे पशुशाला से छूटकर बछड़ा आनन्‍द से कूदता-फांदता है, वैसे ही तुम मुक्‍त होकर आनन्‍द से विचरण करोगे।


शतपति और उसके साथ येशु पर पहरा देने वाले सैनिक भूकम्‍प और इन सब घटनाओं को देख कर अत्‍यन्‍त भयभीत हो गये और बोल उठे, “निश्‍चय ही, यह परमेश्‍वर का पुत्र था।”


पर दूसरे कुकर्मी ने उसे डाँट कर कहा, “क्‍या तुझे परमेश्‍वर का भी डर नहीं? तू भी तो वही दण्‍ड भोग रहा है।


ठीक है, वे अविश्‍वास के कारण काट कर अलग कर दिये गये और तुम विश्‍वास के बल पर अपने स्‍थान पर बने हुए हो। अतएव घमण्‍ड न करो, वरन् सावधान रहो।


आप परमेश्‍वर के समर्थ हाथ के नीचे विनम्र बने रहें, जिससे वह आप को उपयुक्‍त समय में ऊपर उठाये।


प्रभु! कौन तुझ पर श्रद्धा और तेरे नाम की स्‍तुति नहीं करेगा? क्‍योंकि तू ही पवित्र है। सभी राष्‍ट्र आ कर तेरी आराधना करेंगे, क्‍योंकि तेरे न्‍यायसंगत निर्णय प्रकट हो गये हैं।”


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