2 इतिहास 32:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)26 किन्तु राजा अपने अहंकार के लिए पछताया। उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया। उसके साथ यरूशलेम के निवासी भी दीन बने। अत: प्रभु का क्रोध राजा हिजकियाह के समय में उन पर नहीं भड़का। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल26 किन्तु हिजकिय्याह और यरूशलेम में रहने वाले लोगों ने अपने हृदय तथा जीवन को बदल दिया। वे विनम्र हो गये और घमण्ड करना छोड़ दिया। इसलिये जब तक हिजकिय्याह जीवित रहा यहोवा का क्रोध उस पर नहीं उतरा। अध्याय देखेंHindi Holy Bible26 तब हिजकिय्याह यरूशलेम के निवासियों समेत अपने मन के फूलने के कारण दीन हो गया, इसलिये यहोवा का क्रोध उन पर हिजकिय्याह के दिनों में न भड़का। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)26 तब हिजकिय्याह यरूशलेम के निवासियों समेत अपने मन के फूलने के कारण दीन हो गया, इसलिये यहोवा का क्रोध उन पर हिजकिय्याह के दिनों में न भड़का। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल26 तब हिज़किय्याह ने अपने हृदय को नम्र किया, उसने और येरूशलेम वासियों ने; फलस्वरूप याहवेह का प्रकोप हिज़किय्याह के जीवनकाल में हावी न हुआ. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201926 तब हिजकिय्याह यरूशलेम के निवासियों समेत अपने मन के फूलने के कारण दीन हो गया, इसलिए यहोवा का क्रोध उन पर हिजकिय्याह के दिनों में न भड़का। अध्याय देखें |
तूने हृदय से पश्चात्ताप किया। तूने मेरे सम्मुख, अपने प्रभु के सम्मुख, स्वयं को विनम्र बनाया। तूने यह सुना कि मैंने इस स्थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध यह कहा है, कि मैं उनको घृणा और उपहास का पात्र बना दूंगा। तब तूने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े, और मेरे सम्मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु, यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।
‘द्रष्टाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में भी मनश्शे का उल्लेख हुआ है: उसकी प्रार्थना; और परमेश्वर ने उसकी विनती, अनुनय-विनय कैसे स्वीकार किया; उसके पाप-कर्म तथा प्रभु के विरुद्ध उसका विश्वासघात; उन जगहों का वर्णन जहाँ मनश्शे ने पहाड़ी शिखर के मन्दिर बनाए थे, जहाँ अशेराह के खम्भे तथा मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की थीं। इसी ग्रंथ में लिखा है कि उसने प्रभु के सम्मुख स्वयं को विनम्र किया था।