रोमियों 7:24 - नवीन हिंदी बाइबल मैं कैसा अभागा मनुष्य हूँ! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा? पवित्र बाइबल मैं एक अभागा इंसान हूँ। मुझे इस शरीर से, जो मौत का निवाला है, छुटकारा कौन दिलायेगा? Hindi Holy Bible मैं कैसा अभागा मनुष्य हूं! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं कितना अभागा मनुष्य हूँ! इस मृत्यु के अधीन रहने वाले शरीर से मुझे कौन मुक्त करेगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं कैसा अभागा मनुष्य हूँ! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा? सरल हिन्दी बाइबल कैसी दयनीय स्थिति है मेरी! कौन मुझे मेरी इस मृत्यु के शरीर से छुड़ाएगा? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं कैसा अभागा मनुष्य हूँ! मुझे इस मृत्यु की देह से कौन छुड़ाएगा? |
मैं खोई हुई भेड़ के समान भटक गया हूँ; अपने दास को ढूँढ़, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूला नहीं हूँ।
मैं कराहते-कराहते थक गया हूँ; हर रात मैं आँसुओं से अपना बिछौना तर कर देता हूँ; आँसुओं से मेरी खाट भीगती है।
“परमेश्वर ने उसे त्याग दिया है; उसका पीछा करके उसे पकड़ लो, क्योंकि उसे छुड़ानेवाला कोई नहीं है।”
मुझे मृतकों के बीच छोड़ा गया है। मैं उनके समान हो गया हूँ जो घात होकर कब्र में पड़े हैं, जिन्हें अब तू स्मरण नहीं करता और जिन पर से तेरा हाथ उठ गया है।
प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है। उसने मुझे भेजा है कि मैं बंदियों को छुटकारे का और अंधों को दृष्टि पाने का समाचार दूँ और कुचले हुओं को छुड़ाऊँ
हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया ताकि पाप की देह निष्क्रिय हो जाए, और हम फिर पाप के दासत्व में न रहें;
क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार जीवन बिताते हो तो तुम्हें मरना ही है, परंतु यदि आत्मा के द्वारा देह के कार्यों को मार डालते हो तो जीवित रहोगे।
क्योंकि जीवन की आत्मा की व्यवस्था ने मसीह यीशु में तुम्हें पाप और मृत्यु की व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिया है।
और केवल यही नहीं, बल्कि स्वयं हम भी जिनके पास आत्मा का पहला फल है, अपने आपमें कराहते हैं और लेपालक पुत्र होने की अर्थात् अपनी देह के छुटकारे की उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करते हैं।
इसी प्रकार आत्मा भी हमारी निर्बलता में सहायता करता है; क्योंकि हम नहीं जानते कि हमें किस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए, परंतु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर भरकर जो वर्णन से बाहर हैं, हमारे लिए विनती करता है।
उसमें तुम्हारा ख़तना भी हुआ जो हाथ से नहीं होता, अर्थात् मसीह का ख़तना, जिसमें शारीरिक देह उतार दी जाती है;
प्रभु मुझे हर बुरे कार्य से बचाएगा और अपने स्वर्गीय राज्य में सुरक्षित पहुँचाएगा। उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
जिसने अपने आपको हमारे लिए दे दिया ताकि हर प्रकार के अधर्म से हमें छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिए एक ऐसी निज प्रजा बना ले जो भले कार्यों को करने में उत्साही हो।
वह उनकी आँखों से सब आँसुओं को पोंछ डालेगा, और फिर न मृत्यु रहेगी और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; क्योंकि पहली बातें बीत गईं।”