अब्राहम ने उत्तर दिया, “मैंने यह सोचा था कि इस स्थान में परमेश्वर का बिलकुल भय नहीं होगा, और ये लोग मेरी पत्नी के कारण मुझे मार डालेंगे।
उत्पत्ति 22:12 - नवीन हिंदी बाइबल उसने कहा, “लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न ही उसे कोई हानि पहुँचा। मैं अब जान गया हूँ कि तू परमेश्वर का भय मानता है, क्योंकि तूने अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र को भी मुझे देने से इनकार नहीं किया।” पवित्र बाइबल दूत ने कहा, “तुम अपने पुत्र को मत मारो अथवा उसे किसी प्रकार की चोट न पहुँचाओ। मैंने अब देख लिया कि तुम परमेश्वर का आदर करते हो और उसकी आज्ञा मानते हो। मैं देखता हूँ कि तुम अपने एक लौते पुत्र को मेरे लिए मारने के लिए तैयार हो।” Hindi Holy Bible उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दूत ने कहा, ‘बालक की ओर अपना हाथ मत बढ़ा और न उसे कुछ हानि पहुँचा। अब मैं जान गया हूँ कि तू परमेश्वर का सच्चा भक्त है। क्योंकि तूने मेरे लिए अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र को भी नहीं रख छोड़ा।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर; क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी नहीं रख छोड़ा; इससे मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।” सरल हिन्दी बाइबल याहवेह ने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत उठाओ; उसे कुछ मत करो. अब मुझे यह मालूम हो चुका है कि तुम परमेश्वर का भय मानते हो, क्योंकि तुम मेरे लिये अपने एकलौते पुत्र तक को बलिदान करने के लिये तैयार हो गये.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उसे कुछ कर; क्योंकि तूने जो मुझसे अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इससे मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।” |
अब्राहम ने उत्तर दिया, “मैंने यह सोचा था कि इस स्थान में परमेश्वर का बिलकुल भय नहीं होगा, और ये लोग मेरी पत्नी के कारण मुझे मार डालेंगे।
तब अब्राहम ने आँखें उठाकर देखा तो क्या पाया कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगों से एक झाड़ी में फँसा हुआ था। अतः अब्राहम ने जाकर उस मेढ़े को लिया, और अपने पुत्र के स्थान पर उसे होमबलि के रूप में चढ़ाया।
और कहा, “यहोवा की यह वाणी है : क्योंकि तूने यह काम किया है कि अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र को भी देने से इनकार नहीं किया, इसलिए मैं अपनी शपथ खाकर कहता हूँ कि
उसने कहा, “अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिससे तू प्रेम रखता है, साथ लेकर मोरिय्याह देश को जा; और वहाँ एक पहाड़ पर जो मैं तुझे बताऊँगा उसे होमबलि करके चढ़ा।”
क्योंकि अब्राहम ने मेरी बात मानी, और जो कुछ मैंने उसे सौंपा था उसे पूरा किया, तथा मेरी आज्ञाओं, विधियों और व्यवस्था का पालन किया।”
तीसरे दिन यूसुफ ने उनसे कहा, “एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्वर का भय मानता हूँ।
यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है। जो उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उन सब की समझ उत्तम होती है। उसकी स्तुति सदा होती रहेगी।
यहोवा अपने भय माननेवालों से प्रसन्न होता है, अर्थात् उनसे जो उसकी करुणा की आशा लगाए रहते हैं।
मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इसलिए आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे, और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे कि तुम पाप न करो।”
जब सब कुछ सुन लिया गया है तो निष्कर्ष यह है : परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर, क्योंकि यही मनुष्य का संपूर्ण कर्त्तव्य है।
तब यीशु ने अपने शिष्यों से कहा,“यदि कोई मेरे पीछे आना चाहता है, तो वह अपने आप का इनकार करे, अपना क्रूस उठाए और मेरे पीछे हो ले;
जिस किसी ने मेरे नाम के कारण घरों या भाइयों या बहनों या माता या पिताया बच्चों या खेतों को छोड़ा है, उसे सौ गुणा मिलेगा और वह अनंत जीवन का उत्तराधिकारी होगा।
उसी प्रकार अपनी ज्योति को मनुष्यों के सामने चमकने दो ताकि वे तुम्हारे भले कार्यों को देखकर तुम्हारे पिता की जो स्वर्ग में है, महिमा करें।
“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परंतु अनंत जीवन पाए।
इस प्रकार सारे यहूदिया और गलील और सामरिया की कलीसिया को शांति मिली, और वह प्रभु के भय में चलते और उन्नति करते हुए पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन में बढ़ती गई।
परंतु परमेश्वर हमारे प्रति अपने प्रेम को इस प्रकार प्रकट करता है कि जब हम पापी ही थे, तब मसीह हमारे लिए मरा।
जिसने अपने पुत्र को भी न रख छोड़ा, बल्कि उसे हम सब के लिए दे दिया, तो वह उसके साथ हमें सब कुछ उदारता से क्यों न देगा?
तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े हो जो मनुष्य के सहने से बाहर है। परमेश्वर विश्वासयोग्य है और वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में पड़ने नहीं देगा, बल्कि परीक्षा के साथ-साथ बचने का उपाय भी करेगा कि तुम उसे सह सको।
क्योंकि यदि कोई दान देने को उत्सुक हो, तो जो उसके पास है उसी के अनुसार वह दान ग्रहणयोग्य होता है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं है।
उसने समझ लिया था कि परमेश्वर मृतकों में से भी जिलाने में सामर्थी है, और उसने दृष्टांत के रूप में इसहाक को फिर से प्राप्त किया।
अतः जब हमें ऐसा राज्य मिल रहा है जो अटल है, तो आओ, हम आभारी रहें, और भय और आदर के साथ परमेश्वर की ऐसी आराधना करें जो उसे ग्रहणयोग्य हो।
परंतु कोई कह सकता है, “तेरे पास विश्वास है और मेरे पास कार्य हैं।” तू मुझे अपना विश्वास बिना कार्यों के तो दिखा, और मैं तुझे अपना विश्वास अपने कार्यों के द्वारा दिखाऊँगा।
तब सिंहासन में से एक आवाज़ आई जो यह कह रही थी: उसके सब दासो, तुम जो उसका भय मानते हो, चाहे छोटे हो या बड़े, हमारे परमेश्वर की स्तुति करो।