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उत्पत्ति 22:12 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 उसने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उसे कुछ कर; क्योंकि तूने जो मुझसे अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इससे मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।”

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पवित्र बाइबल

12 दूत ने कहा, “तुम अपने पुत्र को मत मारो अथवा उसे किसी प्रकार की चोट न पहुँचाओ। मैंने अब देख लिया कि तुम परमेश्वर का आदर करते हो और उसकी आज्ञा मानते हो। मैं देखता हूँ कि तुम अपने एक लौते पुत्र को मेरे लिए मारने के लिए तैयार हो।”

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Hindi Holy Bible

12 उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 दूत ने कहा, ‘बालक की ओर अपना हाथ मत बढ़ा और न उसे कुछ हानि पहुँचा। अब मैं जान गया हूँ कि तू परमेश्‍वर का सच्‍चा भक्‍त है। क्‍योंकि तूने मेरे लिए अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र को भी नहीं रख छोड़ा।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 उसने कहा, “उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर; क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी नहीं रख छोड़ा; इससे मैं अब जान गया कि तू परमेश्‍वर का भय मानता है।”

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नवीन हिंदी बाइबल

12 उसने कहा, “लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न ही उसे कोई हानि पहुँचा। मैं अब जान गया हूँ कि तू परमेश्‍वर का भय मानता है, क्योंकि तूने अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र को भी मुझे देने से इनकार नहीं किया।”

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उत्पत्ति 22:12
42 क्रॉस रेफरेंस  

वरन् कोई कह सकता है, “तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूँ।” तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊँगा।


शमूएल ने कहा, “क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन, मानना तो बलि चढ़ाने से और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है। (मर. 12:32,33)


जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया, वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्यों न देगा?


तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने के बाहर है: और परमेश्वर विश्वासयोग्य है: वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन् परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। (2 पत. 2:9)


और जिस किसी ने घरों या भाइयों या बहनों या पिता या माता या बाल-बच्चों या खेतों को मेरे नाम के लिये छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा, और वह अनन्त जीवन का अधिकारी होगा।


सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण कर्तव्य यही है।


क्योंकि अब्राहम ने मेरी मानी, और जो मैंने उसे सौंपा था उसको और मेरी आज्ञाओं, विधियों और व्यवस्था का पालन किया।”


उसने कहा, “अपने पुत्र को अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिससे तू प्रेम रखता है, संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहाँ उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊँगा होमबलि करके चढ़ा।”


“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।


यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात् उनसे जो उसकी करुणा पर आशा लगाए रहते हैं।


वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? प्रभु उसको उसी मार्ग पर जिससे वह प्रसन्न होता है चलाएगा।


परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।


क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।


इस प्रकार सारे यहूदिया, और गलील, और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती गई।


यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूर्ख लोग ही तुच्छ जानते हैं।


यहोवा के भेद को वही जानते हैं जो उससे डरते हैं, और वह अपनी वाचा उन पर प्रगट करेगा। (इफि. 1:9, इफि. 1:18)


मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इस निमित्त आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे, और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे, कि तुम पाप न करो।”


तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आपका इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।


और बाल की पूजा के ऊँचे स्थानों को बनाकर अपने बाल-बच्चों को बाल के लिये होम कर दिया, यद्यपि मैंने कभी भी जिसकी आज्ञा नहीं दी, न उसकी चर्चा की और न वह कभी मेरे मन में आया।


तब उसने मनुष्य से कहा, ‘देख, प्रभु का भय मानना यही बुद्धि है और बुराई से दूर रहना यही समझ है।’” (व्यव. 4:6)


परन्तु पहले अधिपति जो मुझसे पहले थे, वे प्रजा पर भार डालते थे, और उनसे रोटी, और दाखमधु, और इसके साथ चालीस शेकेल चाँदी लेते थे, वरन् उनके सेवक भी प्रजा के ऊपर अधिकार जताते थे; परन्तु मैं ऐसा नहीं करता था, क्योंकि मैं यहोवा का भय मानता था।


अब्राहम ने कहा, “मैंने यह सोचा था कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; इसलिए ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।


इस कारण हम इस राज्य को पाकर जो हिलने का नहीं, उस अनुग्रह को हाथ से न जाने दें, जिसके द्वारा हम भक्ति, और भय सहित, परमेश्वर की ऐसी आराधना कर सकते हैं जिससे वह प्रसन्न होता है।


उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।


परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; और तुम निकलकर पाले हुए बछड़ों के समान कूदोगे और फाँदोगे।


मैं उनसे यह वाचा बाँधूँगा, कि मैं कभी उनका संग छोड़कर उनका भला करना न छोड़ूँगा; और अपना भय मैं उनके मन में ऐसा उपजाऊँगा कि वे कभी मुझसे अलग होना न चाहेंगे। (लूका 22:20, 1 कुरि. 11:25, 2 कुरि. 3:6 इब्रा. 13:20)


बुद्धि का मूल यहोवा का भय है; जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उनकी समझ अच्छी होती है। उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी।


डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और काँपते हुए मगन हो। (फिलि. 2:12)


क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा।


वह तुझे छः विपत्तियों से छुड़ाएगा; वरन् सात से भी तेरी कुछ हानि न होने पाएगी।


क्योंकि उसने मान लिया, कि परमेश्वर सामर्थी है, कि उसे मरे हुओं में से जिलाए, इस प्रकार उन्हीं में से दृष्टान्त की रीति पर वह उसे फिर मिला।


तीसरे दिन यूसुफ ने उनसे कहा, “एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्वर का भय मानता हूँ;


और सिंहासन में से एक शब्द निकला, “हे हमारे परमेश्वर से सब डरनेवाले दासों, क्या छोटे, क्या बड़े; तुम सब उसकी स्तुति करो।” (भज. 135:1)


तब अब्राहम ने आँखें उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगों से एक झाड़ी में फँसा हुआ है; अतः अब्राहम ने जाकर उस मेढ़े को लिया, और अपने पुत्र के स्थान पर होमबलि करके चढ़ाया।


“यहोवा की यह वाणी है, कि मैं अपनी ही यह शपथ खाता हूँ कि तूने जो यह काम किया है कि अपने पुत्र, वरन् अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; (लूका 1:73,74)


ऊस देश में अय्यूब नामक एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से परे रहता था। (अय्यू. 1:8)


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