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यूहन्ना 3:16 - नवीन हिंदी बाइबल

16 “क्योंकि परमेश्‍वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह नाश न हो, परंतु अनंत जीवन पाए।

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पवित्र बाइबल

16 परमेश्वर को जगत से इतना प्रेम था कि उसने अपने एकमात्र पुत्र को दे दिया, ताकि हर वह आदमी जो उसमें विश्वास रखता है, नष्ट न हो जाये बल्कि उसे अनन्त जीवन मिल जाये।

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Hindi Holy Bible

16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 “परमेश्‍वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्‍वास करता है, वह नष्‍ट न हो, बल्‍कि शाश्‍वत जीवन प्राप्‍त करे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 “क्योंकि परमेश्‍वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह नष्‍ट न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 परमेश्वर ने संसार से अपने अपार प्रेम के कारण अपना एकलौता पुत्र बलिदान कर दिया कि हर एक ऐसा व्यक्ति, जो पुत्र में विश्वास करता है, उसका विनाश न हो परंतु वह अनंत जीवन प्राप्‍त करे.

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यूहन्ना 3:16
28 क्रॉस रेफरेंस  

परंतु परमेश्‍वर हमारे प्रति अपने प्रेम को इस प्रकार प्रकट करता है कि जब हम पापी ही थे, तब मसीह हमारे लिए मरा।


ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह अनंत जीवन पाए।


जिसने अपने पुत्र को भी न रख छोड़ा, बल्कि उसे हम सब के लिए दे दिया, तो वह उसके साथ हमें सब कुछ उदारता से क्यों न देगा?


क्योंकि मेरे पिताकी इच्छा यह है कि जो कोई पुत्र को देखे और उस पर विश्‍वास करे, वह अनंत जीवन पाए, और मैं उसे अंतिम दिन में जिला उठाऊँगा।”


जो पुत्र पर विश्‍वास करता है, अनंत जीवन उसका है। परंतु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, बल्कि परमेश्‍वर का प्रकोप उस पर बना रहता है।


हम इसलिए प्रेम रखते हैं, क्योंकि उसने पहले हमसे प्रेम रखा।


और मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूँ; वे कभी भी नाश न होंगी और न कोई उन्हें मेरे हाथ से छीनेगा।


क्योंकि जब शत्रु होने पर भी उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा परमेश्‍वर से हमारा मेल हुआ, तो फिर मेल-मिलाप हो जाने पर हम निश्‍चय ही उसके जीवन के द्वारा उद्धार पाएँगे।


अगले दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते हुए देखकर कहा, “देखो, परमेश्‍वर का मेमना, जो जगत का पाप उठा ले जाता है।


अब स्वयं हमारा प्रभु यीशु मसीह और हमारा परमेश्‍वर पिता, जिसने हमसे प्रेम रखा और अनुग्रह के द्वारा हमें अनंत शांति और उत्तम आशा दी है,


परंतु परमेश्‍वर ने जो दया का धनी है, अपने उस बड़े प्रेम के कारण जो उसने हमसे किया,


तुम जाकर इसका अर्थ सीखो : मैं दया चाहता हूँ, बलिदान नहीं;क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापियों कोबुलाने आया हूँ।”


और यीशु मसीह की ओर से जो विश्‍वासयोग्य साक्षी, मृतकों में से जी उठनेवालों में पहलौठा और पृथ्वी के राजाओं का शासक है। वह हमसे प्रेम रखता है, और उसने अपने लहू के द्वारा हमें हमारे पापों से छुड़ाया है,


वचन देहधारी हुआ और हमारे बीच में डेरा किया। हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। वह अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण था।


उसने कहा, “लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न ही उसे कोई हानि पहुँचा। मैं अब जान गया हूँ कि तू परमेश्‍वर का भय मानता है, क्योंकि तूने अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र को भी मुझे देने से इनकार नहीं किया।”


परंतु जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर की कृपा और मनुष्यों के प्रति उसका प्रेम प्रकट हुआ,


परमेश्‍वर को किसी ने कभी नहीं देखा; परमेश्‍वर अर्थात् एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में है, उसी ने उसे प्रकट किया।


“अब उसके पास एक ही था, उसका प्रिय पुत्र। अंत में उसने उसे यह सोचकर उनके पास भेजा, ‘वे मेरे पुत्र का सम्मान करेंगे।’


सर्वोच्‍च स्थान में परमेश्‍वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में शांति हो, जिनसे वह प्रसन्‍न है।


उसने कहा, “अपने पुत्र अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिससे तू प्रेम रखता है, साथ लेकर मोरिय्याह देश को जा; और वहाँ एक पहाड़ पर जो मैं तुझे बताऊँगा उसे होमबलि करके चढ़ा।”


जो उस पर विश्‍वास करता है, वह दोषी नहीं ठहराया जाता, परंतु जो विश्‍वास नहीं करता, वह दोषी ठहराया जा चुका है; क्योंकि उसने परमेश्‍वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्‍वास नहीं किया।


परंतु हम यीशु को—जिसे स्वर्गदूतों से थोड़े समय के लिए कम किया गया ताकि परमेश्‍वर के अनुग्रह से वह सब लोगों के लिए मृत्यु का स्वाद चखे—मृत्यु का दुःख उठाने के कारण महिमा और आदर का मुकुट पहने हुए देखते हैं।


देखो, पिता ने हमसे कैसा प्रेम किया है कि हम परमेश्‍वर की संतान कहलाएँ, और हम हैं भी। इस कारण संसार हमें नहीं जानता क्योंकि संसार ने उसे भी नहीं जाना।


हमारे पर का पालन करें:

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