भजन संहिता 2 - नवीन हिंदी बाइबलपुत्र का राज्याभिषेक 1 जाति-जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं, और देश-देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोचते हैं? 2 यहोवा और उसके अभिषिक्त के विरुद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और शासक आपस में सम्मति करके कहते हैं, 3 “आओ, हम उनके बंधनों को तोड़ डालें, और उनकी रस्सियों को अपने ऊपर से उतार फेंकें।” 4 वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हँसेगा; मेरा प्रभु उन्हें ठट्ठों में उड़ाएगा। 5 तब वह क्रोध में उनसे बातें करेगा; वह उन्हें अपने प्रकोप से भयभीत कर देगा और कहेगा : 6 “मैं तो अपने पवित्र पर्वत सिय्योन के सिंहासन पर अपने राजा को बैठा चुका हूँ।” 7 मैं यहोवा के वचन का प्रचार करूँगा : उसने मुझसे कहा, “तू मेरा पुत्र है, आज तू मुझसे उत्पन्न हुआ है। 8 मुझसे माँग, और मैं जाति-जाति के लोगों को तेरे अधिकार में, और सारी पृथ्वी को तेरी निज भूमि होने के लिए दे दूँगा। 9 तू उन्हें लोहे के डंडे से टुकड़े-टुकड़े करेगा, तू कुम्हार के बरतन के समान उन्हें चकनाचूर कर डालेगा।” 10 इसलिए अब, हे राजाओ, बुद्धिमान बनो; हे पृथ्वी के न्यायियो, सावधान हो जाओ। 11 भय के साथ यहोवा की आराधना करो, और काँपते हुए मगन होओ। 12 पुत्र का सम्मान करो, ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नष्ट हो जाओ, क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने पर है। क्या ही धन्य हैं वे सब जो उसकी शरण में आते हैं। |