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प्रार्थना के बारे में छंद

अपनी ज़रूरतों के लिए परमेश्वर से माँगना कितना ज़रूरी है। एक अच्छे पिता की तरह, वो जानते हैं कि अपने बच्चों को क्या चाहिए। प्रार्थना में अपनी ज़रूरतें बताना शामिल है, क्योंकि जब हम परमेश्वर से माँगते हैं, तो हम अपनी कमज़ोरी और अपूर्णता को स्वीकार करते हैं। चाहे हमारी स्थिति कैसी भी हो, हमें अपनी ज़रूरतें - चाहे वो रोज़ी-रोटी की हो, सुरक्षा की हो, स्वास्थ्य की हो या मार्गदर्शन की - प्रभु के सामने रखनी चाहिए और उनसे मदद माँगनी चाहिए। जैसा कि भजन संहिता 139:4 में लिखा है, "हे यहोवा, तू तो मेरे मन की बात जानता है, इससे पहिले कि मैं कुछ कहूँ।" प्रार्थना परमेश्वर के राज्य के खज़ानों का द्वार खोलती है। ये एक चाबी है जो सृष्टिकर्ता ने हमारे हाथों में दी है और हमें इसका इस्तेमाल करने के लिए कहा है। उनके लिए हमारी ज़रूरतें पूरी करना बहुत आसान है; सब कुछ उन्हीं का है और सारा ब्रह्मांड उनके अधीन है। बिना माँगे ही वो हमें वो सब दे सकते हैं जो हमें चाहिए। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। परमेश्वर हमसे प्रेम करते हैं, और उनकी सबसे बड़ी इच्छा हमारे साथ घनिष्ठ संबंध बनाना है। प्रार्थना ही वो माध्यम है जिसके ज़रिए परमेश्वर की कृपा हम तक पहुँचती है।


भजन संहिता 119:50

मैं संकट में पड़ा था, और तूने मुझे चैन दिया। तेरे वचनो ने फिर से मुझे जीने दिया।

यशायाह 12:1

उस समय तुम कहोगे: “हे यहोवा, मैं तेरे गुण गाता हूँ! तू मुझ से कुपित रहा है किन्तु अब मुझ पर क्रोध मत कर! तू मुझ पर अपना प्रेम दिखा।”

मत्ती 5:4

धन्य हैं वे जो शोक करते हैं, क्योंकि परमेश्वर उन्हें सांत्वना देता है

यशायाह 57:18

मैंने इस्राएल की राहें देख ली थी। किन्तु मैं उसे क्षमा (चंगा) करूँगा। मैं उसे चैन दूँगा और ऐसे वचन बोलूँगा जिस से उसको आराम मिले और मैं उसको राह दिखाऊँगा। फिर उसे और उसके लोगों को दु:ख नहीं छू पायेगा।

यशायाह 66:13

मैं तुमको दुलारूँगा जैसे माँ अपने बच्चे को दुलारती है। तुम यरूशलेम के भीतर चैन पाओगे।”

भजन संहिता 94:19

मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था, किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।

भजन संहिता 71:21

तू ऐसे काम करने की मुझको सहायता दे जो पहले से भी बड़े हो। मुझको सुख चैन देता रह।

भजन संहिता 27:10

मेरी माता और मेरे पिता ने मुझको त्याग दिया, पर यहोवा ने मुझे स्वीकारा और अपना बना लिया।

1 थिस्सलुनीकियों 4:18

अतः इन शब्दों के साथ एक दूसरे को उत्साहित करते रहो।

भजन संहिता 30:5

यहोवा क्रोधित हुआ, सो निर्णय हुआ “मृत्यु।” किन्तु उसने अपना प्रेम प्रकट किया और मुझे “जीवन” दिया। मैं रात को रोते बिलखाते सोया। अगली सुबह मैं गाता हुआ प्रसन्न था।

भजन संहिता 34:18

लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है। जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।

भजन संहिता 42:5

मैं इतना दुखी क्यों हूँ? मैं इतना व्याकुल क्यों हूँ? मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए। मुझे अब भी उसकी स्तुति का अवसर मिलेगा। वह मुझे बचाएगा। हे मेरे परमेश्वर, मैं अति दुखी हूँ। इसलिए मैंने तुझे यरदन की घाटी में, हेर्मोन की पहाड़ी पर और मिसगार के पर्वत पर से पुकारा।

यूहन्ना 14:18

“मैं तुम्हें अनाथ नहीं छोड़ूँगा। मैं तुम्हारे पास आ रहा हूँ।

कुलुस्सियों 1:11

वह तुम्हें अपनी महिमापूर्ण शक्ति से सुदृढ़ बनाता जाये ताकि विपत्ति के काल खुशी से महाधैर्य से तुम सब सह लो।

यूहन्ना 16:22

सो तुम सब भी इस समय वैसे ही दुःखी हो किन्तु मैं तुमसे फिर मिलूँगा और तुम्हारे हृदय आनन्दित होंगे। और तुम्हारे आनन्द को तुमसे कोई छीन नहीं सकेगा।

यूहन्ना 14:1

“तुम्हारे हृदय दुःखी नहीं होने चाहिये। परमेश्वर में विश्वास रखो और मुझमें भी विश्वास बनाये रखो।

2 कुरिन्थियों 1:3-4

हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमपिता परमेश्वर धन्य है। वह करुणा का स्वामी है और आनन्द का स्रोत है।

हमारी हर विपत्ति में वह हमें शांति देता है ताकि हम भी हर प्रकार की विपत्ति में पड़े लोगों को वैसे ही शांति दे सकें, जैसे परमेश्वर ने हमें दी है।

भजन संहिता 23:4

मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा, क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है। तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।

यूहन्ना 16:33

“मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं कि मेरे द्वारा तुम्हें शांति मिले। जगत में तुम्हें यातना मिली है किन्तु साहस रखो, मैंने जगत को जीत लिया है।”

रोमियों 8:28

और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।

भजन संहिता 34:6

इस दीन जन ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा, और यहोवा ने मेरी सुन ली। और उसने सब विपत्तियों से मेरी रक्षा की।

यशायाह 41:10

तू चिंता मत कर, मैं तेरे साथ हूँ। तू भयभीत मत हो, मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तुझे सुदृढ़ करुँगा। मैं तुझे अपने नेकी के दाहिने हाथ से सहारा दूँगा।

2 कुरिन्थियों 1:5

क्योंकि जैसे मसीह की यातनाओं में हम सहभागी हैं, वैसे ही मसीह के द्वारा हमारा आनन्द भी तुम्हारे लिये उमड़ रहा है।

भजन संहिता 6:2

हे यहोवा, मुझ पर दया कर। मै रोगी और दुर्बल हूँ। मेरे रोगों को हर ले। मेरी हड्डियाँ काँप—काँप उठती हैं।

अय्यूब 5:19

वह तुझे छ: विपत्तियों से बचायेगा। हाँ! सातों विपत्तियों में तुझे कोई हानि न होगी।

भजन संहिता 147:3

परमेश्वर उनके टूटे मनों को चँगा किया करता और उनके घावों पर पट्टी बांधता है।

रोमियों 8:18

क्योंकि मेरे विचार में इस समय की हमारी यातनाएँ प्रकट होने वाली भावी महिमा के आगे कुछ भी नहीं है।

यूहन्ना 14:26

किन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे परम पिता मेरे नाम से भेजेगा, तुम्हें सब कुछ बतायेगा। और जो कुछ मैंने तुमसे कहा है उसे तुम्हें याद दिलायेगा।

प्रकाशितवाक्य 7:17

क्योंकि वह मेमना जो सिंहासन के बीच में है उनकी देखभाल करेगा। वह उन्हें जीवन देने वाले जल स्रोतों के पास ले जाएगा और परमेश्वर उनकी आँखों के हर आँसू को पोंछ देगा।”

यशायाह 51:12

यहोवा कहता है, “मैं वही हूँ जो तुमको चैन दिया करता है। इसलिए तुमको दूसरे लोगों से क्यों डरना चाहिए वे तो बस मनुष्य है जो जिया करते हैं और मर जाते हैं। वे बस मानवमात्र हैं। वे वैसे मर जाते हैं जैसे घास मर जाती है।”

2 थिस्सलुनीकियों 2:16

अब हमारा प्रभु स्वयं यीशु मसीह और हमारा परम पिता परमेश्वर जिसने हम पर अपना प्रेम दर्शाया है और हमें परम आनन्द प्रदान किया है तथा जिसने हमें अपने अनुग्रह में सुदृढ़ आशा प्रदान की है।

2 कुरिन्थियों 1:6

यदि हम कष्ट उठाते हैं तो वह तुम्हारे आनन्द और उद्धार के लिए है। यदि हम आनन्दित हैं तो वह तुम्हारे आनन्द के लिये है। यह आनन्द उन्हीं यातनाओं को जिन्हें हम भी सह रहे हैं तुम्हें धीरज के साथ सहने को प्रेरित करता है।

विलापगीत 3:22-23

यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता। यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।

हर सुबह वे नये हो जाते हैं! हे यहोवा, तेरी सच्चाई महान है!

1 पतरस 5:7

तुम अपनी सभी चिंताएँ उस पर छोड़ दो क्योंकि वह तुम्हारे लिए चिंतित है।

भजन संहिता 73:26

चाहे मेरा मन टूट जाये और मेरी काया नष्ट हो जाये किन्तु वह चट्टान मेरे पास है, जिसे मैं प्रेम करता हूँ। परमेश्वर मेरे पास सदा है!

फिलिप्पियों 4:6-7

किसी बात कि चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ।

इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति, जो समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित बनाये रखेगी।

इब्रानियों 4:15-16

क्योंकि हमारे पास जो महायाजक है, वह ऐसा नहीं है जो हमारी दुर्बलताओं के साथ सहानुभूति न रख सके। उसे हर प्रकार से वैसे ही परखा गया है जैसे हमें फिर भी वह सर्वथा पाप रहित है।

तो फिर आओ, हम भरोसे के साथ अनुग्रह पाने परमेश्वर के सिंहासन की ओर बढ़ें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हमारी सहायता के लिए हम दया और अनुग्रह को प्राप्त कर सकें।

भजन संहिता 56:8

तू यह जानता है कि मैं बहुत व्याकुल हूँ। तू यह जानता है कि मैंने तुझे कितना पुकारा है तूने निश्चय ही मेरे सब आँसुओं का लेखा जोखा रखा हुआ है।

यशायाह 61:1-3

यहोवा का सेवक कहता है, “मेरे स्वामी यहोवा ने मुझमें अपनी आत्मा स्थापित की है। यहोवा मेरे साथ है, क्योंकि कुछ विशेष काम करने के लिये उसने मुझे चुना है। यहोवा ने मुझे इन कामों को करने के लिए चुना है: दीन दु:खी लोगों के लिए सुसमाचार की घोषणा करना; दु:खी लोगों को सुख देना; जो लोग बंधन में पड़े हैं, उनके लिये मुक्ति की घोषणा करना; बन्दी लोगों को उनके छुटकारे की सूचना देना;

यहोवा मुझको अति प्रसन्न करता है। मेरा सम्पूर्ण व्यक्तित्व परमेश्वर में स्थिर है और प्रसन्नता में मगन है। यहोवा ने उद्धार के वस्त्र से मुझको ढक लिया। वे वस्त्र ऐसे ही भव्य हैं जैसे भव्य वस्त्र कोई पुरूष अपने विवाह के अवसर पर पहनता है। यहोवा ने मुझे नेकी के चोगे से ढक लिया है। यह चोगा वैसा ही सुन्दर है जैसा सुन्दर किसी नारी का विवाह वस्त्र होता है।

धरती पौधे उगाती है। लोग बगीचों में बीज डालते हैं और वह बगीचा उन बीजों को उगाता है। वैसे ही यहोवा नेकी को उगायेगा। इस तरह मेरा स्वामी सभी जातियों के बीच स्तुति को बढ़ायेगा।

उस समय की घोषणा करना जब यहोवा अपनी करूणा प्रकट करेगा; उस समय की घोषणा करना जब हमारा परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देगा; दु:खी लोगों को पुचकारना;

सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”

2 तीमुथियुस 1:7

क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।

भजन संहिता 46:1

परमेश्वर हमारे पराक्रम का भण्डार है। संकट के समय हम उससे शरण पा सकते हैं।

रोमियों 15:13

सभी आशाओं का स्रोत परमेश्वर, तुम्हें सम्पूर्ण आनन्द और शांति से भर दे जैसा कि उसमें तुम्हारा विश्वास है। ताकि पवित्र आत्मा की शक्ति से तुम आशा से भरपूर हो जाओ।

रोमियों 12:12

अपनी आशा में प्रसन्न रहो। विपत्ति में धीरज धरो। निरन्तर प्रार्थना करते रहो।

मत्ती 11:28-30

“हे थके-माँदे, बोझ से दबे लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें सुख चैन दूँगा।

मेरा जुआ लो और उसे अपने ऊपर सँभालो। फिर मुझसे सीखो क्योंकि मैं सरल हूँ और मेरा मन कोमल है। तुम्हें भी अपने लिये सुख-चैन मिलेगा।

पूछा कि “क्या तू वही है ‘जो आने वाला था’ या हम किसी और आने वाले की बाट जोहें?”

क्योंकि वह जुआ जो मैं तुम्हें दे रहा हूँ बहुत सरल है। और वह बोझ जो मैं तुम पर डाल रहा हूँ, हल्का है।”

1 थिस्सलुनीकियों 4:13-14

हे भाईयों, हम चाहते हैं कोई जो चिर-निद्रा में सो गए हैं, तुम उनके विषय में भी जानो ताकि तुम्हें उन औरों के समान, जिनके पास आशा नहीं है, शोक न करना पड़े।

क्योंकि यदि हम यह विश्वास करते हैं कि यीशु की मृत्यु हो गयी और वह फिर से जी उठा, तो उसी प्रकार जिन्होंने उसमें विश्वास करते हुए प्राण त्याग दिए हैं, उनके साथ भी परमेश्वर वैसा ही करेगा। और यीशु के साथ वापस ले जायेगा।

प्रकाशितवाक्य 21:4

उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।”

2 कुरिन्थियों 4:17-18

हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है।

जो कुछ देखा जा सकता है, हमारी आँखें उस पर नहीं टिकी हैं, बल्कि अदृश्य पर टिकी हैं। क्योंकि जो देखा जा सकता है, वह विनाशी है, जबकि जिसे नहीं देखा जा सकता, वह अविनाशी है।

इब्रानियों 12:1-2

क्योंकि हम साक्षियों की ऐसी इतनी बड़ी भीड़ से घिरे हुए हैं, जो हमें विश्वास का अर्थ क्या है इस की साक्षी देती है। इसलिए आओ बाधा पहुँचाने वाली प्रत्येक वस्तु को और उस पाप को जो सहज में ही हमें उलझा लेता है झटक फेंके और वह दौड़ जो हमें दौड़नी है, आओ धीरज के साथ उसे दौड़ें।

हमारे पिताओं ने थोड़े से समय के लिए जैसा उन्होंने उत्तम समझा, हमें ताड़ना दी, किन्तु परमेश्वर हमें हमारी भलाई के लिये ताड़ना दी है, जिससे हम उसकी पवित्रता के सहभागी हो सकें।

जिस समय ताड़ना दी जा रही होती है, उस समय ताड़ना अच्छी नहीं लगती, बल्कि वह दुखद लगती है किन्तु कुछ भी हो, वे जो ताड़ना का अनुभव करते हैं, उनके लिए यह आगे चलकर नेकी और शांति का सुफल प्रदान करता है।

इसलिए अपनी दुर्बल बाहों और निर्बल घुटनों को सबल बनाओ।

अपने पैरों के लिए मार्ग बना ताकि जो लँगड़ा है, वह अपंग नहीं, वरन चंगा हो जाए।

सभी के साथ शांति के साथ रहने और पवित्र होने के लिए हर प्रकार से प्रयत्नशील रहो; बिना पवित्रता के कोई भी प्रभु का दर्शन नहीं कर पायेगा।

इस बात का ध्यान रखो कि परमेश्वर के अनुग्रह से कोई भी विमुख न हो जाए और तुम्हें कष्ट पहुँचाने तथा बहुत लोगों को विकृत करने के लिए कोई झगड़े की जड़ न फूट पड़े।

देखो कि कोई भी व्यभिचार न करे अथवा उस एसाव के समान परमेश्वर विहीन न हो जाये जिसे सबसे बड़ा पुत्र होने के नाते उत्तराधिकार पाने का अधिकार था किन्तु जिसने उसे बस एक निवाला भर खाना के लिए बेच दिया।

जैसा कि तुम जानते ही हो बाद में जब उसने इस वरदान को प्राप्त करना चाहा तो उसे अयोग्य ठहराया गया। यद्यपि उसने रो-रो कर वरदान पाना चाहा किन्तु वह अपने किये का पश्चाताप नहीं कर पाया।

तुम अग्नि से जलते हुए इस पर्वत के पास नहीं आये जिसे छुआ जा सकता था और न ही अंधकार, विषाद और बवंडर के निकट आये हो।

और न ही तुरही की तीव्र ध्वनि अथवा किसी ऐसे स्वर के सम्पर्क में आये जो वचनों का उच्चारण कर रही हो, जिससे जिन्होंने उसे सुना, प्रार्थना की कि उनके लिए किसी और वचन का उच्चारण न किया जाये।

हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया।

अय्यूब 21:2

“तू कान दे उस पर जो मैं कहता हूँ, तेरे सुनने को तू चैन बनने दे जो तू मुझे देता है।

यिर्मयाह 15:16

तेरा सन्देश मुझे मिला और मैं उसे निगल गया। तेरे सन्देश ने मुझे बहुत प्रसन्न कर दिया। मैं प्रसन्न था कि मुझे तेरे नाम से पुकारा जाता है। तेरा नाम यहोवा सर्वशक्तिमान है।

भजन संहिता 119:47-50

हे यहोवा, मुझे तेरी व्यवस्थाओं का मनन भाता है। तेरी व्यवस्थाओं से मुझको प्रेम है।

हे यहोवा, मैं तेरी व्यवस्थाओं के गुण गाता हूँ, वे मुझे प्यारी हैं और मैं उनका पाठ करूँगा।

हे यहोवा, अपना वचन याद कर जो तूने मुझको दिया। वही वचन मुझको आज्ञा दिया करता है।

हे यहोवा, यादि मैं सदा तेरे नियमों पर चलूँ,

मैं संकट में पड़ा था, और तूने मुझे चैन दिया। तेरे वचनो ने फिर से मुझे जीने दिया।

फिलिप्पियों 4:7

इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति, जो समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित बनाये रखेगी।

ईश्वर से प्रार्थना

हे परमेश्वर! आज मैं आपके चरणों में आता/आती हूँ, प्रभु यीशु के नाम पर। अपने सारे बोझ, अपनी सारी चिंताएं आपके हवाले करता/करती हूँ। मेरी सारी तकलीफें, मेरा सारा दुःख आप दूर कर दीजिये। आप ही तो हैं जो मुझे थामे हुए हैं, मुझे कह रहे हैं, "डर मत, मैं तेरे साथ हूँ।" आज मैं आपसे प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप मेरे और मेरे परिवार के जीवन में शांति और सही दिशा प्रदान करें। आपका धन्यवाद, क्योंकि आपकी वाणी कहती है, "आकाश के पक्षियों को देखो, वे न बोते हैं, न काटते हैं, न खत्तों में बटोरते हैं; तो भी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उन को खिलाता है। क्या तुम उन से अधिक मूल्यवान नहीं हो?" इस मुश्किल घड़ी में, इस कमी के समय में, मुझे विश्वास है कि आप मेरा ध्यान रखेंगे। मैं घोषणा करता/करती हूँ कि मेरे परमेश्वर मसीह यीशु में अपनी महिमा के अनुसार मेरी हर ज़रूरत पूरी करेंगे। सारा अँधेरा, सारा दुःख दूर हो जाए। मैं घोषणा करता/करती हूँ कि मेरे धन पर, मेरे काम पर मसीह का प्रकाश चमकेगा। मेरा काम मेरे लिए आशीर्वाद का जरिया बनेगा। आपका धन्यवाद, क्योंकि मुश्किल की हर घड़ी में आप मेरी चट्टान, मेरा किला रहे हैं। मुझे हर मुसीबत का सामना करने का साहस और समझ दीजिये। धन्यवाद प्रभु, क्योंकि आपकी वाणी से मुझे ये उम्मीद मिलती है कि मैं जीतूँगा/जीतूँगी, आप मेरा पालन-पोषण करेंगे, मुझे अपने धर्म के दाहिने हाथ से सम्भालेंगे। मुश्किल के सबसे बुरे दौर में भी मेरा भरोसा, मेरी आशा सिर्फ आप पर ही रहेगी। प्रभु यीशु के नाम में, आमीन।