बाइबिल के पद

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उपश्रेणी

112 बाइबल के वचन: चिंता और परेशानी में शांति

कभी-कभी ज़िंदगी में मुश्किलें आती हैं, इतनी बड़ी कि हम घबरा जाते हैं, परेशान हो जाते हैं, और शायद भगवान के वादे भी याद नहीं रहते। ऐसे वक़्त में, याद रखना, भगवान हमेशा तुम्हारे साथ हैं, और सब कुछ उनके नियंत्रण में है।

उनकी भलाई पर शक मत करना। उनके प्यार और देखभाल पर भरोसा रखो। मुश्किल घड़ी में, उनकी पनाह में चले जाना। उन्होंने वादा किया है कि वो हमेशा हमारे साथ रहेंगे, दुनिया के आखिरी दिन तक।

जैसे उन्होंने कहा है, "और, देखो, मैं युग के अन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।" (मत्ती २८:२०)


भजन संहिता 46:1

परमेश्वर हमारे पराक्रम का भण्डार है। संकट के समय हम उससे शरण पा सकते हैं।

भजन संहिता 42:11

मैं इतना दुखी क्यों हूँ? मैं क्यों इतना व्याकुल हूँ? मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए। मुझे अब भी उसकी स्तुति करने का अवसर मिलगा। वह मुझे बचाएगा।

नहूम 1:7

यहोवा संकट के काल में उत्तम है। वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं। वह उनकी देख रेख करता है।

भजन संहिता 118:5

मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।

भजन संहिता 9:9

यहोवा दलितों और शोषितों का शरणस्थल है। विपदा के समय वह एक सुदृढ़ गढ़ है।

यशायाह 54:17

“तुझे हराने के लिए लोग हथियार बनायेंगे किन्तु वे हथियार तुझे कभी हरा नहीं पायेंगे। कुछ लोग तेरे विरोध में बोलेंगे। किन्तु हर ऐसे व्यक्ति को बुरा प्रमाणित किया जायेगा जो तेरे विरोध में बोलेगा।” यहोवा कहता है, “यहोवा के सेवकों को क्या मिलता है उन्हें न्यायिक विजय मिलती है। यह उन्हें मुझसे मिलती हैं।”

व्यवस्थाविवरण 31:6

दृढ़ और साहसी बनो। इन राष्ट्रों से डरो नहीं। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे साथ जा रहा है। वह तुम्हें न छोड़ेगा और न त्यागेगा।”

फिलिप्पियों 4:6-7

किसी बात कि चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ।

इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति, जो समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित बनाये रखेगी।

यहोशू 1:9

याद रखो, कि मैंने तुम्हें दृढ़ और साहसी बने रहने का आदेश दिया था। इसलिए कभी भयभीत न होओ, क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ सभी जगह रहेगा, जहाँ तुम जाओगे।”

यहोशू 1:5

मैं मूसा के साथ था और मैं उसी तरह तुम्हारे साथ रहूँगा। तुम्हारे पूरे जीवन में, तुम्हें कोई भी व्यक्ति रोकने में समर्थ नहीं होगा। मैं तुम्हें छोड़ूँगा नहीं। मैं कभी तुमसे दूर नहीं होऊँगा।

भजन संहिता 18:6

मैं घिरा हुआ था और यहोवा को सहायता के लिये पुकारा। मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा। परमेश्वर पवित्र निज मन्दिर में विराजा। उसने मेरी पुकार सुनी और सहायता की।

रोमियों 8:35

कौन है जो हमें मसीह के प्यार से अलग करेगा? यातना या कठिनाई या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोख़िम या तलवार?

नीतिवचन 15:16

बैचेनी के साथ प्रचुर धन उत्तम नहीं, यहोवा का भय मानते रहने से थोड़ा भी धन उत्तम है।

भजन संहिता 34:19

सम्भव है सज्जन भी विपत्तियों में घिर जाए। किन्तु यहोवा उन सज्जनों की उनकी हर समस्या से रक्षा करेगा।

भजन संहिता 22:24

क्योंकि यहोवा ऐसे मनुष्यों की सहायता करता है जो विपति में होते हैं। यहोवा उन से घृणा नहीं करता है। यदि लोग सहायता के लिये यहोवा को पुकारे तो वह स्वयं को उनसे न छिपायेगा।

भजन संहिता 94:19

मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था, किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।

भजन संहिता 34:6

इस दीन जन ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा, और यहोवा ने मेरी सुन ली। और उसने सब विपत्तियों से मेरी रक्षा की।

भजन संहिता 91:1-4

तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो। तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।

तेरे साथ कोई भी बुरी बात नहीं घटेगी। कोई भी रोग तेरे घर में नहीं होगा।

क्योंकि परमेश्वर स्वर्गदूतों को तेरी रक्षा करने का आदेश देगा। तू जहाँ भी जाएगा वे तेरी रक्षा करेंगे।

परमेश्वर के दूत तुझको अपने हाथों पर ऊपर उठायेंगे। ताकि तेरा पैर चट्टान से न टकराए।

तुझमें वह शक्ति होगी जिससे तू सिंहों को पछाडेगा और विष नागों को कुचल देगा।

यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा। मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।”

मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।

मैं अपने अनुयायियों को एक लम्बी आयु दूँगा और मैं उनकीरक्षा करूँगा।

मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”

परमेश्वर तुझको सभी छिपे खतरों से बचाएगा। परमेश्वर तुझको सब भयानक व्याधियों से बचाएगा।

तुम परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो। और वह तुम्हारी ऐसे रक्षा करेगा जैसे एक पक्षी अपने पंख फैला कर अपने बच्चों की रक्षा करता है। परमेश्वर तुम्हारे लिये ढाल और दीवार सा तुम्हारी रक्षा करेगा।

भजन संहिता 23:4

मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा, क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है। तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।

यिर्मयाह 17:7-8

“किन्तु जो व्यक्ति यहोवा में विश्वास करता है, आशीर्वाद पाएगा। क्यों क्योंकि यहोवा उसको ऐसा दिखायेगा कि उन पर विश्वास किया जा सके।

वह व्यक्ति उस पेड़ की तरह शक्तिशाली होगा जो पानी के पास लगाया गया हो। उस पेड़ की लम्बी जड़ें होती हैं जो पानी पाती हैं। वह पेड़ गर्मी के दिनों से नहीं डरता इसकी पत्तियाँ सदा हरी रहती हैं। यह वर्ष के उन दिनों में परेशान नहीं होता जब वर्षा नहीं होती। उस पेड़ में सदा फल आते हैं।

नीतिवचन 12:25

चिंतापूर्ण मन व्यक्ति को दबोच लेता है; किन्तु भले वचन उसे हर्ष से भर देते हैं।

भजन संहिता 25:17

मेरी विपतियों से मुझको मुक्त कर। मेरी समस्या सुलझाने की सहायता कर।

भजन संहिता 27:5

जब कभी कोई विपत्ति मुझे घेरेगी, यहोवा मेरी रक्षा करेगा। वह मुझे अपने तम्बू मैं छिपा लेगा। वह मुझे अपने सुरक्षित स्थान पर ऊपर उठा लेगा।

भजन संहिता 30:10

हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन और मुझ पर करुणा कर! हे यहोवा, मेरी सहायता कर!”

नहेम्याह 8:10

नहेमायाह ने कहा, “जाओ, और जाकर उत्तम भोजन और शर्बत का आनन्द लो। और थोड़ा खाना और शर्बत उन लोगों को भी दो जो कोई खाना नहीं बनाते हैं। आज यहोवा का विशेष दिन है। दु:खी मत रहो! क्यों? क्योंकि परमेश्वर का आनन्द तुम्हें सुदृढ़ बनायेगा।”

हबक्कूक 3:17-18

अंजीर के वृक्ष चाहे अंजीर न उपजायें, अंगूर की बेलों पर चाहे अंगूर न लगें, वृक्षों के ऊपर चाहे जैतून न मिलें और चाहे ये खेत अन्न पैदा न करें, बाड़ों में चाहे एक भी भेड़ न रहे और पशुशाला पशुधन से खाली हों।

किन्तु फिर भी मैं तो यहोवा में मग्न रहूँगा। मैं अपने रक्षक परमेश्वर में आनन्द लूँगा।

भजन संहिता 31:7

हे यहोवा, तेरी करुणा मुझको अति आनन्दित करती है। तूने मेरे दु:खों को देख लिया और तू मेरे पीड़ाओं के विषय में जानता है।

भजन संहिता 34:4

मैं परमेश्वर के पास सहायता माँगने गया। उसने मेरी सुनी। उसने मुझे उन सभी बातों से बचाया जिनसे मैं डरता हूँ।

भजन संहिता 34:17-18

यहोवा से विनती करो, वह तुम्हारी सुनेगा। वह तुम्हें तुम्हारी सब विपत्तियों से बचा लेगा।

लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है। जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।

भजन संहिता 37:39-40

यहोवा नेक मनुष्यों की रक्षा करता है। सज्जनों पर जब विपत्ति पड़ती है तब यहोवा उनकी शक्ति बन जाता है।

यहोवा की सेवा में आनन्द लेता रह, और यहोवा तुझे तेरा मन चाहा देगा।

यहोवा नेक जनों को सहारा देता है, और उनकी रक्षा करता है। सज्जन यहोवा की शरण में आते हैं और यहोवा उनको दुर्जनों से बचा लेता है।

भजन संहिता 40:1-2

यहोवा को मैंने पुकारा। उसने मेरी सुनी। उसने मेरे रुदन को सुन लिया।

यहोवा, मैं तेरे भले कर्मो को बखानूँगा। उन भले कर्मो को मैं रहस्य बनाकर मन में नहीं छिपाए रखूँगा। हे यहोवा, मैं लोगों को रक्षा के लिए तुझ पर आश्रित होने को कहूँगा। मैं महासभा में तेरी करुणा और तेरी सत्यता नहीं छिपाऊँगा।

इसलिए हे यहोवा, तूअपनी दया मुझसे मत छिपा! तू अपनी करुणा और सच्चाई से मेरी रक्षा कर।

मुझको दुष्ट लोगों ने घेर लिया, वे इतने अधिक हैं कि गिने नहीं जाते। मुझे मेरे पापों ने घेर लिया है, और मैं उनसे बच कर भाग नहीं पाता हूँ। मेरे पाप मेरे सिर के बालों से अधिक हैं। मेरा साहस मुझसे खो चुका है।

हे यहोवा, मेरी ओर दौड़ और मेरी रक्षा कर! आ, देर मत कर, मुझे बचा ले!

वे दुष्ट मनुष्य मुझे मारने का जतन करते हैं। हे यहोवा, उन्हें लज्जित कर और उनको निराश कर दे। वे मनुष्य मुझे दु:ख पहुँचाना चाहते हैं। तू उन्हें अपमानित होकर भागने दे!

वे दुष्ट जन मेरी हँसी उड़ाते हैं। उन्हें इतना लज्जित कर कि वे बोल तक न पायें!

किन्तु वे मनुष्य जो तुझे खोजते हैं, आनन्दित हो। वे मनुष्य सदा यह कहते रहें, “यहोवा के गुण गाओ!” उन लोगों को तुझ ही से रक्षित होना भाता है।

हे मेरे स्वामी, मैं तो बस दीन, असहाय व्यक्ति हूँ। मेरी रक्षा कर, तू मुझको बचा ले। हे मेरे परमेश्वर, अब अधिक देर मत कर!

यहोवा ने मुझे विनाश के गर्त से उबारा। उसने मुझे दलदली गर्त से उठाया, और उसने मुझे चट्टान पर बैठाया। उसने ही मेरे कदमों को टिकाया।

भजन संहिता 42:5

मैं इतना दुखी क्यों हूँ? मैं इतना व्याकुल क्यों हूँ? मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए। मुझे अब भी उसकी स्तुति का अवसर मिलेगा। वह मुझे बचाएगा। हे मेरे परमेश्वर, मैं अति दुखी हूँ। इसलिए मैंने तुझे यरदन की घाटी में, हेर्मोन की पहाड़ी पर और मिसगार के पर्वत पर से पुकारा।

भजन संहिता 55:22

अपनी चिंताये तुम यहोवा को सौंप दो। फिर वह तुम्हारी रखवाली करेगा। यहोव सज्जन को कभी हारने नहीं देगा।

भजन संहिता 56:3

जब भी डरता हूँ, तो मैं तेरा ही भरोसा करता हूँ।

भजन संहिता 57:1

हे परमेश्वर, मुझ पर करूणा कर। मुझ पर दयालु हो क्योंकि मेरे मन की आस्था तुझमें है। मैं तेरे पास तेरी ओट पाने को आया हूँ। जब तक संकट दूर न हो।

भजन संहिता 61:2-3

जहाँ भी मैं कितनी ही निर्बलता में होऊँ, मैं सहायता पाने को तुझको पुकारूँगा! जब मेरा मन भारी हो और बहुत दु:खी हो, तू मुझको बहुत ऊँचे सुरक्षित स्थान पर ले चल।

तू ही मेरा शरणस्थल है! तू ही मेरा सुदृढ़ गढ़ है, जो मुझे मेरे शत्रुओं से बचाता है।

भजन संहिता 62:1-2

मैं धीरज के साथ अपने उद्धार के लिए यहोवा का बाट जोहता हूँ।

तुम बल पर भरोसा मत रखो की तुम शक्ति के साथ वस्तुओं को छीन लोगे। मत सोचो तुम्हें चोरी करने से कोई लाभ होगा। और यदि धनवान भी हो जाये तो कभी दौलत पर भरोसा मत करो, कि वह तुमको बचा लेगी।

एक बात ऐसी है जो परमेश्वर कहता है, जिसके भरोसे तुम सचमुच रह सकते हो: “शक्ति परमेश्वर से आती है!”

मेरे स्वामी, तेरा प्रेम सच्चा है। तू किसी जन को उसके उन कामों का प्रतिफल अथवा दण्ड देता है, जिन्हें वह करता है।

परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है। ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।

भजन संहिता 69:29

मैं दु:खी हूँ और दर्द में हूँ। हे परमेश्वर, मुझको उबार ले। मेरी रक्षा कर!

भजन संहिता 71:20-21

तूने मुझे बुरे समय और कष्ट देखने दिये। किन्तु तूने ही मुझे उन सब से बचा लिया और जीवित रखा है। इसका कोई अर्थ नहीं, मैं कितना ही गहरा डूबा तूने मुझको मेरे संकटों से उबार लिया।

तू ऐसे काम करने की मुझको सहायता दे जो पहले से भी बड़े हो। मुझको सुख चैन देता रह।

भजन संहिता 73:26

चाहे मेरा मन टूट जाये और मेरी काया नष्ट हो जाये किन्तु वह चट्टान मेरे पास है, जिसे मैं प्रेम करता हूँ। परमेश्वर मेरे पास सदा है!

भजन संहिता 86:7

हे यहोवा, अपने संकट की घड़ी में मैं तेरी विनती कर रहा हूँ। मैं जानता हूँ तू मुझको उत्तर देगा।

भजन संहिता 88:1-3

हे परमेश्वर यहोवा, तू मेरा उद्धारकर्ता है। मैं तेरी रात दिन विनती करता रहा हूँ।

हे यहोवा, क्या तू अद्भुत कर्म केवल मृतकों के लिये करता है? क्या भूत (मृत आत्माएँ) जी उठा करते हैं और तेरी स्तुति करते हैं? नहीं।

मरे हुए लोग अपनी कब्रों के बीच तेरे प्रेम की बातें नहीं कर सकते। मरे हुए व्यक्ति मृत्युलोक के भीतर तेरी भक्ति की बातें नहीं कर सकते।

अंधकार में सोये हुए मरे व्यक्ति उन अद्भुत बातों को जिनको तू करता है, नहीं देख सकते हैं। मरे हुए व्यक्ति भूले बिसरों के जगत में तेरे खरेपन की बातें नहीं कर सकते।

हे यहोवा, मेरी विनती है, मुझको सहारा दे! हर अलख सुबह मैं तेरी प्रार्थना करता हूँ।

हे यहोवा, क्या तूने मुझको त्याग दिया? तूने मुझ पर कान देना क्यों छोड़ दिया?

मैं दुर्बल और रोगी रहा हूँ। मैंने बचपन से ही तेरे क्रोध को भोगा है। मेरा सहारा कोई भी नहीं रहा।

हे यहोवा, तू मुझ पर क्रोधित है और तेरा दण्ड मुझको मार रहा है।

मुझे ऐसा लगता है, जैसे पीड़ा और यातनाएँ सदा मेरे संग रहती हैं। मैं अपनी पीड़ाओं और यातनाओं में डूबा जा रहा हूँ।

हे यहोवा, तूने मेरे मित्रों और प्रिय लोगों को मुझे छोड़ चले जाने को विवश कर दिया। मेरे संग बस केवल अंधकार रहता है।

कृपा करके मेरी प्रार्थनाओं पर ध्यान दे। मुझ पर दया करने को मेरी प्रार्थनाएँ सुन।

मैं अपनी पीड़ाओं से तंग आ चुका हूँ। बस मैं जल्दी ही मर जाऊँगा।

भजन संहिता 91:1-2

तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो। तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।

तेरे साथ कोई भी बुरी बात नहीं घटेगी। कोई भी रोग तेरे घर में नहीं होगा।

क्योंकि परमेश्वर स्वर्गदूतों को तेरी रक्षा करने का आदेश देगा। तू जहाँ भी जाएगा वे तेरी रक्षा करेंगे।

परमेश्वर के दूत तुझको अपने हाथों पर ऊपर उठायेंगे। ताकि तेरा पैर चट्टान से न टकराए।

तुझमें वह शक्ति होगी जिससे तू सिंहों को पछाडेगा और विष नागों को कुचल देगा।

यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा। मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।”

मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।

मैं अपने अनुयायियों को एक लम्बी आयु दूँगा और मैं उनकीरक्षा करूँगा।

मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”

भजन संहिता 91:15

मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।

भजन संहिता 102:1-2

यहोवा मेरी प्रार्थना सुन! तू मेरी सहायता के लिये मेरी पुकार सुन।

क्यों क्योंकि यहोवा तू मुझसे रूठ गया है। तूने ही मुझे ऊपर उठाया था, और तूने ही मुझको फेंक दिया।

मेरे जीवन का लगभग अंत हो चुका है। वैसे ही जैसे शाम को लम्बी छायाएँ खो जाती है। मैं वैसा ही हूँ जैसे सूखी और मुरझाती घास।

किन्तु हे यहोवा, तू तो सदा ही अमर रहेगा। तेरा नाम सदा और सर्वदा बना ही रहेगा।

तेरा उत्थान होगा और तू सिय्योन को चैन देगा। वह समय आ रहा है, जब तू सिय्योन पर कृपालु होगा।

तेरे भक्त, उसके (यरूशलेम के) पत्यरों से प्रेम करते हैं। वह नगर उनको भाता है।

लोग यहोवा के नाम कि आराधना करेंगे। हे परमेश्वर, धरती के सभी राजा तेरा आदर करेंगे।

क्यों? क्योंकि यहोवा फिर से सिय्योन को बनायेगा। लोग फिर उसके (यरूशलेम के) वैभव को देखेंगे।

जिन लोगों को उसने जीवित छोड़ा है, परमेश्वर उनकी प्रार्थनाएँ सुनेगा। परमेश्वर उनकी विनतियों का उत्तर देगा।

उन बातों को लिखो ताकि भविष्य के पीढ़ी पढ़े। और वे लोग आने वाले समय में यहोवा के गुण गायेंगे।

यहोवा अपने ऊँचे पवित्र स्थान से नीचे झाँकेगा। यहोवा स्वर्ग से नीचे धरती पर झाँकेगा।

यहोवा जब मैं विपत्ति में होऊँ मुझ से मुख मत मोड़। जब मैं सहायता पाने को पुकारूँ तू मेरी सुन ले, मुझे शीघ्र उत्तर दे।

भजन संहिता 107:6

ऐसे उस संकट में सहारा पाने को उन्होंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने उन सभी लोगों को उनके संकट से बचा लिया।

भजन संहिता 118:5-6

मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा। यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।

यहोवा मेरे साथ है सो मैं कभी नहीं डरूँगा। लोग मुझको हानि पहुँचाने कुछ नहीं कर सकते।

भजन संहिता 119:50

मैं संकट में पड़ा था, और तूने मुझे चैन दिया। तेरे वचनो ने फिर से मुझे जीने दिया।

भजन संहिता 119:92

यदि तेरी शिक्षाएँ मेरी मित्र जैसी नहीं होती, तो मेरे संकट मुझे नष्ट कर डालते।

भजन संहिता 119:143

मैं संकट में था, और कठिन समय में था। किन्तु तेरे आदेश मेरे लिये मित्र से थे।

भजन संहिता 121:1-2

मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ। किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी

मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग और धरती का बनाने वाला है।

भजन संहिता 138:7

हे परमेश्वर, यदि मैं संकट में पडूँ तो मुझको जीवित रख। यदि मेरे शत्रु मुझ पर कभी क्रोध करे तो उन से मुझे बचा ले।

भजन संहिता 142:3

मेरे शत्रुओं ने मेरे लिये जाल बिछाया है। मेरी आशा छूट रही है किन्तु यहोवा जानता है। कि मेरे साथ क्या घट रहा है।

भजन संहिता 143:7-8

हे यहोवा, मुझे शीघ्र उत्तर दे। मेरा साहस छूट गया: मुझसे मुख मत मोड़। मुझको मरने मत दे और वैसा मत होने दे, जैसा कोई मरा व्यक्ति कब्र में लेटा हो।

हे यहोवा, इस भोर के फूटते ही मुझे अपना सच्चा प्रेम दिखा। मैं तेरे भरोसे हूँ। मुझको वे बाते दिखा जिनको मुझे करना चाहिये।

नीतिवचन 3:5-6

अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख।

उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।

नीतिवचन 18:10

यहोवा का नाम एकगढ़ सुदृढ़ है। उस ओर धर्मी बढ़ जाते हैं और सुरक्षित रहते हैं।

नीतिवचन 24:10

यदि तू विपत्ति में हिम्मत छोड़ बैठेगा, तो तेरी शक्ति कितनी थोड़ी सी है।

यशायाह 25:4

यहोवा निर्धन लोगों के लिये जो जरुरतमंद हैं, तू सुरक्षा का स्थान है। अनेक विपत्तियाँ उनको पराजित करने को आती हैं किन्तु तू उन्हें बचाता है। तू एक ऐसा भवन है जो उनको तूफानी वर्षा से बचाता है और तू एक ऐसी हवा है जो उनको गर्मी से बचाती है। विपत्तियाँ भयानक आँधी और घनघोर वर्षा जैसी आती हैं। वर्षा दीवारों से टकराती हैं और नीचे बह जाती है किन्तु मकान में जो लोग हैं, उनको हानि नहीं पहुँचती है।

यशायाह 26:3

हे यहोवा, तू हमें सच्ची शांति प्रदान करता है। तू उनको शान्ति दिया करता है, जो तेरे भरोसे हैं और तुझ पर विश्वास रखते हैं।

यशायाह 35:4

लोग डरे हुए हैं और असमंजस में पड़े हैं। उन लोगों से कहो, “शक्तिशाली बनो! डरो मत!” देखो, तुम्हारा परमेश्वर आयेगा और तुम्हारे शत्रुओं को जो उन्होंने किया है, उसका दण्ड देगा। वह आयेगा और तुम्हें तुम्हारा प्रतिफल देगा और तुम्हारी रक्षा करेगा।

यशायाह 40:29-31

यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है। वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने।

सुनो! एक व्यक्ति का जोर से पुकारता हुआ स्वर: “यहोवा के लिये बियाबान में एक राह बनाओ! हमारे परमेश्वर के लिये बियाबान में एक रास्ता चौरस करो!

युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है। यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं।

किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।

यशायाह 41:10

तू चिंता मत कर, मैं तेरे साथ हूँ। तू भयभीत मत हो, मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तुझे सुदृढ़ करुँगा। मैं तुझे अपने नेकी के दाहिने हाथ से सहारा दूँगा।

यशायाह 41:13

मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैंने तेरा सीधा हाथ थाम रखा है। मैं तुझ से कहता हूँ कि मत डर! मैं तुझे सहारा दूँगा।

यशायाह 43:2

जब तुझ पर विपत्तियाँ पड़ती हैं, मैं तेरे साथ रहता हूँ। जब तू नदी पार करेगा, तू बहेगा नहीं। तू जब आग से होकर गुज़रेगा, तो तू जलेगा नहीं। लपटें तुझे हानि नहीं पहुँचायेंगी।

यशायाह 49:13

हे आकाशों, हे धरती, तुम प्रसन्न हो जाओ! हे पर्वतों, आनन्द से जयकारा बोलो! क्यों क्योंकि यहोवा अपने लोगों को सुख देता है। यहोवा अपने दीन हीन लोगों के लिये बहुत दयालु है।

यशायाह 51:12

यहोवा कहता है, “मैं वही हूँ जो तुमको चैन दिया करता है। इसलिए तुमको दूसरे लोगों से क्यों डरना चाहिए वे तो बस मनुष्य है जो जिया करते हैं और मर जाते हैं। वे बस मानवमात्र हैं। वे वैसे मर जाते हैं जैसे घास मर जाती है।”

यशायाह 54:10

यहोवा कहता है, “चाहे पर्वत लुप्त हो जाये और ये पहाड़ियाँ रेत में बदल जायें किन्तु मेरी करूणा तुझे कभी भी नहीं त्यागेगी। मैं तुझसे मेल करूँगा और उस मेल का कभी अन्त न होगा।” यहोवा तुझ पर करूणा दिखाता है और उस यहोवा ने ही ये बातें बतायी हैं।

यिर्मयाह 1:8

किसी से मत डरो। मैं तुम्हारे साथ हूँ, और मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।

यिर्मयाह 29:11

मैं यह इसलिये कहता हूँ क्योंकि मैं उन अपनी योजनाओं को जानता हूँ जो तुम्हारे लिये हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुम्हारे लिये मेरी अच्छी योजनाएं हैं। मैं तुम्हें चोट पहुँचाने की योजना नहीं बना रहा हूँ। मैं तुम्हें आशा और उज्जवल भविष्य देने की योजना बना रहा हूँ।

विलापगीत 3:22-23

यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता। यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।

हर सुबह वे नये हो जाते हैं! हे यहोवा, तेरी सच्चाई महान है!

विलापगीत 3:31-33

उस व्यक्ति को चाहिये वह याद रखे कि यहोवा किसी को भी सदा—सदा के लिये नहीं बिसराता।

यहोवा दण्ड देते हुए भी अपनी कृपा बनाये रखता है। वह अपने प्रेम और दया के कारण अपनी कृपा रखता है।

यहोवा कभी भी नहीं चाहता कि लोगों को दण्ड दे। उसे नहीं भाता कि लोगों को दु:खी करे।

विलापगीत 3:57

जब मैंने तेरी दुहाई दी, उसी दिन तू मेरे पास आ गया था। तूने मुझ से कहा था, “भयभीत मत हो।”

यहेजकेल 34:16

“मैं खोई भेड़ की खोज करूँगा। मैं उन भेड़ों को वापस लाऊँगा जो बिखर गई थीं। मैं उन भेड़ों की पट्टी करूँगा जिन्हें चोट लगी थी। मैं कमजोर भेड़ को मजबूत बनाऊँगा। किन्तु मैं उन मोटे और शक्तिशाली गड़ेरियों को नष्ट कर दूँगा। मैं उन्हें वह दण्ड दूँगा जिसके वे पात्र हैं।”

मत्ती 5:4

धन्य हैं वे जो शोक करते हैं, क्योंकि परमेश्वर उन्हें सांत्वना देता है

मत्ती 6:34

कल की चिंता मत करो, क्योंकि कल की तो अपनी और चिंताएँ होंगी। हर दिन की अपनी ही परेशानियाँ होती हैं।

मत्ती 11:28-30

“हे थके-माँदे, बोझ से दबे लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें सुख चैन दूँगा।

मेरा जुआ लो और उसे अपने ऊपर सँभालो। फिर मुझसे सीखो क्योंकि मैं सरल हूँ और मेरा मन कोमल है। तुम्हें भी अपने लिये सुख-चैन मिलेगा।

पूछा कि “क्या तू वही है ‘जो आने वाला था’ या हम किसी और आने वाले की बाट जोहें?”

क्योंकि वह जुआ जो मैं तुम्हें दे रहा हूँ बहुत सरल है। और वह बोझ जो मैं तुम पर डाल रहा हूँ, हल्का है।”

मत्ती 26:38

फिर उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत दुःखी है, जैसे मेरे प्राण निकल जायेंगे। तुम मेरे साथ यहीं ठहरो और सावधान रहो।”

लूका 12:22-26

फिर उसने अपने शिष्यों से कहा, “इसीलिये मैं तुमसे कहता हूँ, अपने जीवन की चिंता मत करो कि तुम क्या खाओगे अथवा अपने शरीर की चिंता मत करो कि तुम क्या पहनोगे?

क्योंकि जीवन भोजन से और शरीर वस्त्रों से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

कौवों को देखो, न वे बोते हैं, न ही वे काटते है। न उनके पास भंडार है और न अनाज के कोठे। फिर भी परमेश्वर उन्हें भोजन देता है। तुम तो कौवों से कितने अधिक मूल्यवान हो।

चिन्ता करके, तुम में से कौन ऐसा हे, जो अपनी आयु में एक घड़ी भी और जोड़ सकता है।

क्योंकि यदि तुम इस छोटे से काम को भी नहीं कर सकते तो शेष के लिये चिन्ता क्यों करते हो?

यूहन्ना 14:1

“तुम्हारे हृदय दुःखी नहीं होने चाहिये। परमेश्वर में विश्वास रखो और मुझमें भी विश्वास बनाये रखो।

यूहन्ना 14:27

“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।

यूहन्ना 16:33

“मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं कि मेरे द्वारा तुम्हें शांति मिले। जगत में तुम्हें यातना मिली है किन्तु साहस रखो, मैंने जगत को जीत लिया है।”

रोमियों 5:3-5

इतना ही नहीं, हम अपनी विपत्तियों में भी आनन्द लेते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि विपत्ति धीरज को जन्म देती है।

और धीरज से परखा हुआ चरित्र निकलता है। परखा हुआ चरित्र आशा को जन्म देता है।

और आशा हमें निराश नहीं होने देती क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा, जो हमें दिया गया है, परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदय में उँडेल दिया गया है।

रोमियों 8:18

क्योंकि मेरे विचार में इस समय की हमारी यातनाएँ प्रकट होने वाली भावी महिमा के आगे कुछ भी नहीं है।

रोमियों 8:26-27

ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है।

किन्तु वह अन्तर्यामी जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है। क्योंकि परमेश्वर की इच्छा से ही वह परमेश्वर के पवित्र जनों के लिए मध्यस्थता करती है।

रोमियों 8:28

और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।

रोमियों 8:35-39

कौन है जो हमें मसीह के प्यार से अलग करेगा? यातना या कठिनाई या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोख़िम या तलवार?

जैसा कि शास्त्र कहता है: “तेरे लिये (मसीह) सारे दिन हमें मौत को सौंपा जाता है। हम काटी जाने वाली भेड़ जैसे समझे जाते हैं।”

तब भी उसके द्वारा जो हमें प्रेम करता है, इन सब बातों में हम एक शानदार विजय पा रहे हैं।

क्योंकि मैं मान चुका हूँ कि न मृत्यु और न जीवन, न स्वर्गदूत और न शासन करने वाली आत्माएँ, न वर्तमान की कोई वस्तु और न भविष्य की कोई वस्तु, न आत्मिक शक्तियाँ,

न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी।

2 कुरिन्थियों 1:3-4

हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमपिता परमेश्वर धन्य है। वह करुणा का स्वामी है और आनन्द का स्रोत है।

हमारी हर विपत्ति में वह हमें शांति देता है ताकि हम भी हर प्रकार की विपत्ति में पड़े लोगों को वैसे ही शांति दे सकें, जैसे परमेश्वर ने हमें दी है।

2 कुरिन्थियों 4:8-9

हम हर समय हर किसी प्रकार से कठिन दबावों में जीते हैं, किन्तु हम कुचले नहीं गये हैं। हम घबराये हुए हैं किन्तु निराश नहीं हैं।

हमें यातनाएँ दी जाती हैं किन्तु हम छोड़े नहीं गये हैं। हम झुका दिये गये हैं, पर नष्ट नहीं हुए हैं।

2 कुरिन्थियों 4:16-18

इसलिए हम निराश नहीं होते। यद्यपि हमारे भौतिक शरीर क्षीण होते जा रहे हैं, तो भी हमारी अंतरात्मा प्रतिदिन नयी से नयी होती जा रही है।

हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है।

जो कुछ देखा जा सकता है, हमारी आँखें उस पर नहीं टिकी हैं, बल्कि अदृश्य पर टिकी हैं। क्योंकि जो देखा जा सकता है, वह विनाशी है, जबकि जिसे नहीं देखा जा सकता, वह अविनाशी है।

फिलिप्पियों 4:13

जो मुझे शक्ति देता है, उसके द्वारा मैं सभी परिस्थितियों का सामना कर सकता हूँ।

कुलुस्सियों 1:11

वह तुम्हें अपनी महिमापूर्ण शक्ति से सुदृढ़ बनाता जाये ताकि विपत्ति के काल खुशी से महाधैर्य से तुम सब सह लो।

1 थिस्सलुनीकियों 5:16-18

सदा प्रसन्न रहो।

प्रार्थना करना कभी न छोड़ो।

हर परिस्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद करो।

2 थिस्सलुनीकियों 3:3

किन्तु प्रभु तो विश्वासपूर्ण है। वह तुम्हारी शक्ति बढ़ाएगा और तुम्हें उस दुष्ट से बचाए रखेगा।

2 तीमुथियुस 1:7

क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।

इब्रानियों 4:15-16

क्योंकि हमारे पास जो महायाजक है, वह ऐसा नहीं है जो हमारी दुर्बलताओं के साथ सहानुभूति न रख सके। उसे हर प्रकार से वैसे ही परखा गया है जैसे हमें फिर भी वह सर्वथा पाप रहित है।

तो फिर आओ, हम भरोसे के साथ अनुग्रह पाने परमेश्वर के सिंहासन की ओर बढ़ें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हमारी सहायता के लिए हम दया और अनुग्रह को प्राप्त कर सकें।

इब्रानियों 13:5-6

अपने जीवन को धन के लालच से मुक्त रखो। जो कुछ तुम्हारे पास है, उसी में संतोष करो क्योंकि परमेश्वर ने कहा है: “मैं तुझको कभी नहीं छोड़ूँगा; मैं तुझे कभी नहीं तजूँगा।”

इसलिए हम विश्वास के साथ कहते हैं: “प्रभु मेरी सहाय करता है; मैं कभी भयभीत न बनूँगा। कोई मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?”

याकूब 1:2-4

हे मेरे भाईयों, जब कभी तुम तरह तरह की परीक्षाओं में पड़ो तो इसे बड़े आनन्द की बात समझो।

क्योंकि मनुष्य के क्रोध से परमेश्वर की धार्मिकता नहीं उपजती।

हर घिनौने आचरण और चारो ओर फैली दुष्टता से दूर रहो। तथा नम्रता के साथ तुम्हारे हृदयों में रोपे गए परमेश्वर के वचन को ग्रहण करो जो तुम्हारी आत्माओं को उद्धार दिला सकता है।

परमेश्वर की शिक्षा पर चलने वाले बनो, न कि केवल उसे सुनने वाले। यदि तुम केवल उसे सुनते भर हो तो तुम अपने आपको छल रहे हो।

क्योंकि यदि कोई परमेश्वर की शिक्षा को सुनता तो है और उस पर चलता नहीं है, तो वह उस पुरुष के समान ही है जो अपने भौतिक मुख को दर्पण में देखता भर है।

वह स्वयं को अच्छी तरह देखता है, पर जब वहाँ से चला जाता है तो तुरंत भूल जाता है कि वह कैसा दिख रहा था।

किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा।

यदि कोई सोचता है कि वह भक्त है और अपनी जीभ पर कस कर लगाम नहीं लगाता तो वह धोखे में है। उसकी भक्ति निरर्थक है।

परम पिता परमेश्वर के सामने सच्ची और शुद्ध भक्ति वही है जिसमें अनाथों और विधवाओं की उनके दुःख दर्द में सुधि ली जाए और स्वयं को कोई सांसारिक कलंक न लगने दिया जाए।

क्योंकि तुम यह जानते हो कि तुम्हारा विश्वास जब परीक्षा में सफल होता है तो उससे धैर्यपूर्ण सहन शक्ति उत्पन्न होती है।

और वह धैर्यपूर्ण सहन शक्ति एक ऐसी पूर्णता को जन्म देती है जिससे तुम ऐसे सिद्ध बन सकते हो जिनमें कोई कमी नहीं रह जाती है।

1 पतरस 1:6-7

इस पर तुम बहुत प्रसन्न हो। यद्यपि अब तुमको थोड़े समय के लिए तरह तरह की परीक्षाओं में पड़कर दुखी होना बहुत आवश्यक है।

ताकि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास जो आग में परखे हुए सोने से भी अधिक मूल्यवान है, उसे जब यीशु मसीह प्रकट होगा तब परमेश्वर से प्रशंसा, महिमा और आदर प्राप्त हो।

1 पतरस 3:14

किन्तु यदि तुम्हें भले के लिए दुःख उठाना ही पड़े तो तुम धन्य हो। “इसलिए उनके किसी भी भय से न तो भयभीत होवो और न ही विचलित।”

1 पतरस 4:12-13

हे प्रिय मित्रों, तुम्हारे बीच की इस अग्नि-परीक्षा पर जो तुम्हें परखने को है, ऐसे अचरज मत करना जैसे तुम्हारे साथ कोई अनहोनी घट रही हो,

बल्कि आनन्द मनाओ कि तुम मसीह की यातनाओं में हिस्सा बटा रहे हो। ताकि जब उसकी महिमा प्रकट हो तब तुम भी आनन्दित और मगन हो सको।

1 पतरस 5:7

तुम अपनी सभी चिंताएँ उस पर छोड़ दो क्योंकि वह तुम्हारे लिए चिंतित है।

1 यूहन्ना 4:18

प्रेम में कोई भय नहीं होता बल्कि सम्पूर्ण प्रेम तो भय को भगा देता है। भय का संबन्ध तो दण्ड से है। सो जिसमें भय है, उसके प्रेम को अभी पूर्णता नहीं मिली है।

प्रकाशितवाक्य 3:10

क्योंकि तुमने धैर्यपूर्वक सहनशीलता के मेरे आदेश का पालन किया है। बदले में मैं भी उस परीक्षा की घड़ी से तुम्हारी रक्षा करूँगा जो इस धरती पर रहने वालों को परखने के लिए समूचे संसार पर बस आने ही वाली है।

प्रकाशितवाक्य 7:16-17

न कभी उन्हें भूख सताएगी और न ही वे फिर कभी प्यासे रहेंगे। सूरज उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा और न ही चिलचिलाती धूप कभी उन्हें तपाएगी।

क्योंकि वह मेमना जो सिंहासन के बीच में है उनकी देखभाल करेगा। वह उन्हें जीवन देने वाले जल स्रोतों के पास ले जाएगा और परमेश्वर उनकी आँखों के हर आँसू को पोंछ देगा।”

प्रकाशितवाक्य 21:4

उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।”

यशायाह 66:13

मैं तुमको दुलारूँगा जैसे माँ अपने बच्चे को दुलारती है। तुम यरूशलेम के भीतर चैन पाओगे।”

भजन संहिता 46:10

परमेश्वर कहता है, “शांत बनो और जानो कि मैं ही परमेश्वर हूँ! राष्ट्रों के बीच मेरी प्रशंसा होगी। धरती पर मेरी महिमा फैल जायेगी!”

यूहन्ना 14:18

“मैं तुम्हें अनाथ नहीं छोड़ूँगा। मैं तुम्हारे पास आ रहा हूँ।

यशायाह 57:18-19

मैंने इस्राएल की राहें देख ली थी। किन्तु मैं उसे क्षमा (चंगा) करूँगा। मैं उसे चैन दूँगा और ऐसे वचन बोलूँगा जिस से उसको आराम मिले और मैं उसको राह दिखाऊँगा। फिर उसे और उसके लोगों को दु:ख नहीं छू पायेगा।

उन लोगों को मैं एक नया शब्द शान्ति सिखाऊँगा। मैं उन सभी लोगों को शान्ति दूँगा जो मेरे पास हैं और उन लोगों को जो मुझ से दूर हैं। मैं उन सभी लोगों को चंगा (क्षमा) करूँगा!” ने ये सभी बातें बतायी थी।

2 शमूएल 22:7

मैं विपत्ति में था, किन्तु मैंने यहोवा को पुकारा। हाँ, मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा वह अपने उपासना गृह में था, उसने मेरी पुकार सुनी, मेरी सहायता की पुकार उसके कानों में पड़ी।

ईश्वर से प्रार्थना

हे प्रभु, केवल आप ही सर्वोच्च स्तुति और आराधना के योग्य हैं। मेरे यीशु, मैं आपके नाम और आपकी शक्ति का गुणगान करता/करती हूँ। मैं जानता/जानती हूँ कि आपके जैसा कोई नहीं, आपके तुल्य कुछ भी नहीं। हे स्वर्ग के मेरे परमेश्वर, मैं आपकी शरण में आता/आती हूँ, क्योंकि मुझे यह समझ आ गया है कि आप न केवल समाधान रखते हैं, बल्कि आप ही समाधान हैं, चाहे वो पारिवारिक, आर्थिक या स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या क्यों न हो। मुझे अपने वादों से और भी अधिक जुड़े रहने और आप में अपनी आशा को जीवित रखने में मदद करें। मुझे यह विश्वास दिलाएँ कि मुश्किलों के बीच भी, आप हमेशा मेरा ध्यान रखेंगे, क्योंकि आपकी उपस्थिति से सुरक्षित कोई जगह नहीं। इस समय मैं अपने सारे बोझ, अपनी सारी चिंताएँ आपको सौंपता/सौंपती हूँ, और प्रार्थना करता/करती हूँ कि आपका पवित्र आत्मा मेरे विचारों, भावनाओं और व्यवहार पर नियंत्रण करे और उन्हें आपकी इच्छा के अधीन कर दे। प्रभु, मुझे शक्ति दें ताकि मैं जीवन की विपत्तियों का साहस से सामना कर सकूँ। जैसे अय्यूब ने अपनी सारी संतान, धन-संपत्ति और स्वास्थ्य खो देने के बाद भी आप पर अपना विश्वास नहीं खोया, वैसे ही मुझे भी दृढ़ रहने में मदद करें, इस पूर्ण विश्वास के साथ कि मैं जहाँ भी जाऊँगा/जाऊँगी, आप मेरे साथ रहेंगे। मैं अपनी भावनाओं और इच्छाशक्ति को आपके हाथों में सौंपता/सौंपती हूँ ताकि आप मेरा मार्गदर्शन करें। मैं खुद को सभी बोझ और चिंताओं से मुक्त घोषित करता/करती हूँ। मैं अपने मन पर मसीह के लहू का दावा करता/करती हूँ और शत्रु के हर झूठ को दूर भगाता/भगाती हूँ। यीशु के नाम में, आमीन।