बाइबिल के पद

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42 माँ के लिए बाइबल के वचन - माँ दिवस

सोचो, कितनी बहादुर और जुझारू माँ हमें ईश्वर ने दी है! एक अनमोल खज़ाना। वो हमें हर दिन आगे बढ़ने और लड़ने की हिम्मत देती हैं। सच में, ईश्वर ने उन्हें हमारी ज़िंदगी में हमारी देखभाल, परवरिश और प्यार करने के लिए भेजा है। उन्होंने हमें ज़िंदगी और परिवार की अहमियत सिखाई है।

उनके लिए हमेशा प्रार्थना करो, कि ईश्वर अपनी कृपा से उन्हें भर दे, उनकी शक्ति को नया करे और उन्हें हमारे साथ स्वस्थ और मज़बूत रखे। हर दिन उनका सम्मान करो और याद रखो कि उन्होंने हमारे लिए कितना कुछ किया है।

उनकी कद्र करो, उनकी प्रार्थनाओं, बातों और गले लगने पर ध्यान दो, और उनके ज़रूरतों के प्रति संवेदनशील रहो। हर समय, चाहे दुःख हो या सुख, ईश्वर का शुक्रिया अदा करो। यही असली आज़ादी और खुशी का रास्ता है।


नीतिवचन 11:16

दयालु स्त्री तो आदर पाती है जबकि क्रूर जन का लाभ केवल धन है।

भजन संहिता 20:2-4

परमेश्वर अपने पवित्रस्थान से तेरी सहायता करे। वह तुझको सिय्योन से सहारा देवे।

परमेश्वर तेरी सब भेंटों को याद रखे, और तेरे सब बलिदानों को स्वीकार करें।

परमेश्वर तुझे उन सभी वस्तुओं को देवे जिन्हें तू सचमुच चाहे। वह तेरी सभी योजनाएँ पूरी करें।

1 कुरिन्थियों 13:4-7

प्रेम धैर्यपूर्ण है, प्रेम दयामय है, प्रेम में ईर्ष्या नहीं होती, प्रेम अपनी प्रशंसा आप नहीं करता।

वह अभिमानी नहीं होता। वह अनुचित व्यवहार कभी नहीं करता, वह स्वार्थी नहीं है, प्रेम कभी झुँझलाता नहीं, वह बुराइयों का कोई लेखा-जोखा नहीं रखता।

बुराई पर कभी उसे प्रसन्नता नहीं होती। वह तो दूसरों के साथ सत्य पर आनंदित होता है।

वह सदा रक्षा करता है, वह सदा विश्वास करता है। प्रेम सदा आशा से पूर्ण रहता है। वह सहनशील है।

व्यवस्थाविवरण 1:11

तुम्हें यहोवा, तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर, आज तुम जितने हो, उससे हजार गुना अधिक करे! वह तुम्हें वह आशीर्वाद दे जो उसने तुम्हें देने का वचन दिया है!

गिनती 6:24-26

‘यहोवा तुम पर कृपा करे और तुम्हारी रक्षा करे।

यहोवा की कृपादृष्टि तुम पर प्रकाशित हो। वह तुमसे प्रेम करे।

यहोवा की दृष्टि तुम पर हो। वह तुम्हें शान्ति दे।’

नीतिवचन 14:1

बुद्धिमान स्त्री अपना घर बनाती है किन्तु मूर्ख स्त्री अपने ही हाथों से अपना घर उजाड़ देती है।

नीतिवचन 31:10-31

गुणवंती पत्नी कौन पा सकता है वह जो मणि—मणिकों से कही अधिक मूल्यवान।

जिसका पति उसका विश्वास कर सकता है। वह तो कभी भी गरीब नहीं होगा।

सद्पत्नी पति के संग उत्तम व्यवहार करती। अपने जीवन भर वह उसके लिये कभी विपत्ति नहीं उपजाती।

वह सदा ऊनी और सूती कपड़े बुनाने में व्यस्त रहती।

वह जलयान जो दूर देश से आता है वह हर कहीं से घर पर भोज्य वस्तु लाती।

तड़के उठाकर वह भोजन पकाती है। अपने परिवार का और दासियों का भाग उनको देती है।

वह देखकर एवं परख कर खेत मोल लेती है जोड़े धन से वह दाख की बारी लगाती है।

वह बड़ा श्रम करती है। वह अपने सभी काम करने को समर्थ है।

जब भी वह अपनी बनायी वस्तु बेचती है, तो लाभ ही कमाती है। वह देर रात तक काम करती है।

वह सूत कातती और निज वस्तु बुनती है।

तू मेरा पुत्र है वह पुत्र जो मुझ को प्यारा है। जिसके पाने को मैंने मन्नत मानी थी।

वह सदा ही दीन—दुःखी को दान देती है, और अभाव ग्रस्त जन की सहायता करती है।

जब शीत पड़ती तो वह अपने परिवार हेतु चिंतित नहीं होती है। क्योंकि उसने सभी को उत्तम गर्म वस्त्र दे रख है।

वह चादर बनाती है और गद्दी पर फैलाती है। वह सन से बने कपड़े पहनती है।

लोग उसके पति का आदर करते हैं वह स्थान पाता है नगर प्रमुखों के बीच।

वह अति उत्तम व्यापारी बनती है। वह वस्त्रों और कमरबंदों को बनाकर के उन्हें व्यापारी लोगों को बेचती है।

वह शक्तिशाली है, और लोग उसको मान देते हैं।

जब वह बोलती है, वह विवेकपूर्ण रहती है। उसकी जीभ पर उत्तम शिक्षायें सदा रहती है।

वह कभी भी आलस नहीं करती है और अपने घर बार का ध्यान रखती है।

उसके बच्चे खड़े होते और उसे आदर देते हैं। उसका पति उसकी प्रशंसा करता है।

उसका पति कहता है, “बहुत सी स्त्रियाँ होती हैं। किन्तु उन सब में तू ही सर्वोत्तम अच्छी पत्नी है।”

तू व्यर्थ अपनी शक्ति स्त्रियों पर मत व्यय करो स्त्री ही राजाओं का विनाश करती हैं। इसलिये तू उन पर अपना क्षय मत कर।

मिथ्या आकर्षण और सुन्दरता दो पल की है, किन्तु वह स्त्री जिसे यहोवा का भय है, प्रशंसा पायेगी।

उसे वह प्रतिफल मिलना चाहिये जिसके वह योग्य है, और जो काम उसने किये हैं, उसके लिये चाहिये कि सारे लोग के बीच में उसकी प्रशंसा करें।

भजन संहिता 113:9

चाहै कोई निपूती बाँझ स्त्री हो, परमेश्वर उसे बच्चे दे देगा और उसको प्रसन्न करेगा। यहोवा का गुणगान करो!

भजन संहिता 139:13

हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था।

सपन्याह 3:17

तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे साथ हैं। वह शक्तिशाली सैनिक सा हैं। वह तुम्हारी रक्षा करेगा। वह दिखायेगा कि वह तुम से कितना प्यार करता है। वह दिखायेगा कि वह तुम्हारे साथ कितने प्रसन्न है। वे हसेगा और तुम्हारे बारे में ऐसे प्रसन्न होगा,

निर्गमन 20:12

“अपने माता और अपने पिता का आदर करो। यह इसलिए करो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा जिस धरती को तुम्हें दे रहा है, उसमें तुम दीर्घ जीवन बिता सको।

व्यवस्थाविवरण 5:16

“अपने माता—पिता का सम्मान करो। यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें यह करने का आदेश दिया है। यदि तुम इस आदेश का पालन करते हो तो तुम्हारी उम्र लम्बी होगी और उस देश में जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुमको दे रहा है तुम्हारे साथ सब कुछ अच्छा होगा।

भजन संहिता 127:3

बच्चे यहोवा का उपहार है, वे माता के शरीर से मिलने वाले फल हैं।

भजन संहिता 128:1-2

यहोवा के सभी भक्त आनन्दित रहते हैं। वे लोग परमेश्वर जैसा चाहता, वैसा गाते हैं।

तूने जिनके लिये काम किया है, उन वस्तुओं का तू आनन्द लेगा। उन ऐसी वस्तुओं को कोई भी व्यक्ति तुझसे नहीं छिनेगा। तू प्रसन्न रहेगा और तेरे साथ भली बातें घटेंगी।

नीतिवचन 1:8-9

हे मेरे पुत्र, अपने पिता की शिक्षा पर ध्यान दे और अपनी माता की नसीहत को मत भूल।

वे तेरा सिर सजाने को मुकुट और शोभायमान करने तेरे गले का हार बनेंगे।

कुलुस्सियों 3:20

हे बालकों, सब बातों में अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करो। क्योंकि प्रभु के अनुयायियों के इस व्यवहार से परमेश्वर प्रसन्न होता है।

नीतिवचन 22:6

बच्चे को यहोवा की राह पर चलाओ वह बुढ़ापे में भी उस से भटकेगा नहीं।

नीतिवचन 4:3-4

जब मैं अपने पिता के घर एक बालक था और माता का अति कोमल एक मात्र शिशु था,

मुझे सिखाते हुये उसने कहा था—मेरे वचन अपने पूर्ण मन से थामे रह। मेरे आदेश पाल तो तू जीवन रहेगा।

नीतिवचन 23:22-25

अपने पिता की सुन जिसने तुझे जीवन दिया है, अपनी माता का निरादर मत कर जब वह वृद्ध हो जाये।

वह वस्तु सत्य है, तू इसको किसी भी मोल पर खरीद ले। ऐसे ही विवेक, अनुशासन और समझ भी प्राप्त कर; तू इनको कभी भी किसी मोल पर मत बेच।

नेक जन का पिता महा आनन्दित रहता और जिसका पुत्र विवेक पूर्ण होता है वह उसमें ही हर्षित रहता है।

इसलिये तेरी माता और तेरे पिता को आनन्द प्राप्त करने दे और जिसने तुझ को जन्म दिया, उसको हर्ष मिलता ही रहे।

1 पतरस 3:3-4

अर्थात् जो केशों की वेणियाँ सजाने, सोने के आभूषण पहनने और अच्छे-अच्छे कपड़ों से किया जाता है,

बल्कि तुम्हारा श्रृंगार तो तुम्हारे मन का भीतरी व्यक्तित्व होना चाहिए जो कोमल और शान्त आत्मा के अविनाशी सौन्दर्य से युक्त हो। परमेश्वर की दृष्टि में जो मूल्यवान हो।

भजन संहिता 112:1-2

यहोवा की प्रशंसा करो! ऐसा व्यक्ति जो यहोवा से डरता है। और उसका आदर करता है। वह अति प्रसन्न रहेगा। परमेश्वर के आदेश ऐसे व्यक्ति को भाते हैं।

कुटिल जन उसको देखेंगे और कुपित होंगे। वे क्रोध में अपने दाँतों को पीसेंगे और फिर लुप्त हो जायेंगे। दुष्ट लोग उसको कभी नहीं पायेंगे जिसे वह सब से अधिक पाना चाहते हैं।

धरती पर ऐसे व्यक्ति की संतानें महान होंगी। अच्छे व्यक्तियों कि संताने सचमुच धन्य होंगी।

नीतिवचन 31:10

गुणवंती पत्नी कौन पा सकता है वह जो मणि—मणिकों से कही अधिक मूल्यवान।

नीतिवचन 31:25-28

वह शक्तिशाली है, और लोग उसको मान देते हैं।

जब वह बोलती है, वह विवेकपूर्ण रहती है। उसकी जीभ पर उत्तम शिक्षायें सदा रहती है।

वह कभी भी आलस नहीं करती है और अपने घर बार का ध्यान रखती है।

उसके बच्चे खड़े होते और उसे आदर देते हैं। उसका पति उसकी प्रशंसा करता है।

रोमियों 12:10

भाई चारे के साथ एक दूसरे के प्रति समर्पित रहो। आपस में एक दूसरे को आदर के साथ अपने से अधिक महत्व दो।

गलातियों 6:9

इसलिए आओ हम भलाई करते कभी न थकें, क्योंकि यदि हम भलाई करते ही रहेंगे तो उचित समय आने पर हमें उसका फल मिलेगा।

नीतिवचन 31:30-31

मिथ्या आकर्षण और सुन्दरता दो पल की है, किन्तु वह स्त्री जिसे यहोवा का भय है, प्रशंसा पायेगी।

उसे वह प्रतिफल मिलना चाहिये जिसके वह योग्य है, और जो काम उसने किये हैं, उसके लिये चाहिये कि सारे लोग के बीच में उसकी प्रशंसा करें।

फिलिप्पियों 1:3

मैं जब जब तुम्हें याद करता हूँ, तब तब परमेश्वर को धन्यवाद देता हूँ।

यशायाह 66:13

मैं तुमको दुलारूँगा जैसे माँ अपने बच्चे को दुलारती है। तुम यरूशलेम के भीतर चैन पाओगे।”

यहेजकेल 16:44

“तुम्हारे बारे में बात करने वाले सब लोगों के पास एक और बात भी कहने के लिये होगी। वे कहेंगे, ‘माँ की तरह ही पुत्री भी है।’

भजन संहिता 100:4

धन्यवाद के गीत संग लिये यहोवा के नगर में आओ, गुणगान के गीत संग लिये यहोवा के मन्दिर में आओ। उसका आदर करो और नाम धन्य करो।

मत्ती 15:4

क्योंकि परमेश्वर ने तो कहा था ‘तू अपने माता-पिता का आदर कर’ और ‘जो कोई अपने पिता या माता का अपमान करता है, उसे अवश्य मार दिया जाना चाहिये।’

लूका 2:51

फिर वह उनके साथ नासरत लौट आया और उनकी आज्ञा का पालन करता रहा। उसकी माता इन सब बातों को अपने मन में रखती जा रही थी।

इफिसियों 6:1-3

हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है।

मतलब यह कि प्रभु में स्थित होकर उसकी असीम शक्ति के साथ अपने आपको शक्तिशाली बनाओ।

परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो। ताकि तुम शैतान की योजनाओं के सामने टिक सको।

क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है।

इसलिए परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो ताकि जब बुरे दिन आयें तो जो कुछ सम्भव है, उसे कर चुकने के बाद तुम दृढ़तापूर्वक अडिग रह सको।

सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो।

इन सब से बड़ी बात यह है कि विश्वास को ढाल के रूप में ले लो। जिसके द्वारा तुम उन सभी जलते तीरों को बुझा सकोगे, जो बदी के द्वारा छोड़े गये हैं।

छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो।

हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो।

और मेरे लिये भी प्रार्थना करो कि मैं जब भी अपना मुख खोलूँ, मुझे एक सुसंदेश प्राप्त हो ताकि निर्भयता के साथ सुसमाचार के रहस्यपूर्ण सत्य को प्रकट कर सकूँ।

“अपने माता-पिता का सम्मान कर।” यह पहली आज्ञा है जो इस प्रतिज्ञा से भी युक्त है,

इसी के लिए मैं ज़ंजीरों में जकड़े हुए राजदूत के समान सेवा कर रहा हूँ। प्रार्थना करो कि मैं, जिस प्रकार मुझे बोलना चाहिए, उसी प्रकार निर्भयता के साथ सुसमाचार का प्रवचन कर सकूँ।

तुम भी, मैं कैसा हूँ और क्या कर रहा हूँ, इसे जान जाओ। सो तुखिकुस तुम्हें सब कुछ बता देगा। वह हमारा प्रिय बंधु है और प्रभु में स्थित एक विश्वासपूर्ण सेवक है

इसीलिए मैं उसे तुम्हारे पास भेज रहा हूँ ताकि तुम मेरे समाचार जान सको और इसलिए भी कि वह तुम्हारे मन को शांति दे सके।

हे भाइयों, तुम सब को परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से विश्वास शांति और प्रेम प्राप्त हो।

जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखते हैं, उन पर परमेश्वर का अनुग्रह होता है।

“तेरा भला हो और तू धरती पर चिरायु हो।”

2 तीमुथियुस 1:5

मुझे तेरा वह सच्चा विश्वास भी याद है जो पहले तेरी नानी लोईस और तेरी माँ यूनीके में था। मुझे भरोसा है कि वही विश्वास तुझमें भी है।

2 तीमुथियुस 3:14-15

किन्तु तुमने जिन बातों को सीखा और माना है, उन्हें करते जाओ। तुम जानते हो कि उन बातों को तुमने किनसे सीखा है।

और तुझे पता है कि तू बचपन से ही पवित्र शास्त्रों को भी जानता है। वे तुझे उस विवेक को दे सकते हैं जिससे मसीह यीशु में विश्वास के द्वारा छुटकारा मिल सकता है।

1 पतरस 3:4

बल्कि तुम्हारा श्रृंगार तो तुम्हारे मन का भीतरी व्यक्तित्व होना चाहिए जो कोमल और शान्त आत्मा के अविनाशी सौन्दर्य से युक्त हो। परमेश्वर की दृष्टि में जो मूल्यवान हो।

भजन संहिता 139:13-14

हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था।

हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।

यूहन्ना 19:26

यीशु ने जब अपनी माँ और अपने प्रिय शिष्य को पास ही खड़े देखा तो अपनी माँ से कहा, “प्रिय महिला, यह रहा तेरा बेटा।”

नीतिवचन 6:20-21

हे मेरे पुत्र, अपने पिता की आज्ञा का पालन कर और अपनी माता की सीख को कभी मत त्याग।

अपने हृदय पर उनको सदैव बाँध रह और उन्हें अपने गले का हार बना ले।

भजन संहिता 147:13

हे यरूशलेम, तेरे फाटको को परमेश्वर सुदृढ़ करता है। तेरे नगर के लोगों को परमेश्वर आशीष देता है।

उत्पत्ति 22:17

मैं तुम्हें निश्चय ही आशीर्वाद दूँगा। मैं तुम्हें उतने वंशज दूँगा जितने आकाश में तारे हैं। ये इतने अधिक लोग होंगे जितने समुद्र के तट पर बालू के कण और तुम्हारे लोग अपने सभी शत्रुओं को हराएंगे।

भजन संहिता 127:3-5

बच्चे यहोवा का उपहार है, वे माता के शरीर से मिलने वाले फल हैं।

जवान के पुत्र ऐसे होते हैं जैसे योद्धा के तरकस के बाण।

जो व्यक्ति बाण रुपी पुत्रों से तरकस को भरता है वह अति प्रसन्न होगा। वह मनुष्य कभी हारेगा नहीं। उसके पुत्र उसके शत्रुओं से सर्वजनिक स्थानों पर उसकी रक्षा करेंगे।

ईश्वर से प्रार्थना

प्रभु, आप आदि और अंत हैं! हे परमपिता, स्वर्ग और पृथ्वी के रचयिता, मैं अपनी माँ के जीवन के लिए आपका धन्यवाद करता/करती हूँ। आपने ही उन्हें मुझे इस दुनिया में लाने के लिए चुना। एक बुद्धिमान और समझदार स्त्री, जिन्हें आपने मुझे आशीर्वाद देने के उद्देश्य से, मेरे जन्म से पहले ही चुना था। आपका वचन कहता है, "क्योंकि तू ने मेरी अन्तड़ियों को रचा है, तू ने मुझे मेरी माता के गर्भ में बनाया है।" प्रभु, मैं आपका धन्यवाद करता/करती हूँ कि आपने मुझे इस दुनिया में लाने के लिए, मुझमें अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए, उनके गर्भ को चुना। हो सकता है वो परफेक्ट न हों, पर मेरे लिए वो सबसे अच्छी हैं। हे प्रभु, मैं आपका बहुत आभारी हूँ कि आपने मुझे उन्हें अपने साथ रखने का सौभाग्य दिया है। वो मेरे जीवन में आपके प्रेम का प्रतीक हैं। मैं प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप उन्हें शक्ति प्रदान करें और उन्हें दीर्घायु प्रदान करें ताकि मैं लंबे समय तक उनकी संगति का आनंद ले सकूं और उनके जीवन का सम्मान कर सकूं और उनके द्वारा मेरे लिए किए गए हर काम का कुछ हिस्सा उन्हें वापस दे सकूं। मैं घोषणा करता/करती हूँ कि उनके जीवन के हर दिन, कल्याण और दया उनके साथ रहेंगे। हे प्रभु यीशु, मुझे उनकी आज्ञा का पालन करना, उनकी देखभाल करना, उनकी रक्षा करना और हमेशा एक कृतज्ञ हृदय रखना सिखाएं। उनके हर प्रयास, समर्पण को अपने हृदय में संजो कर रखूं, क्योंकि मैं आपसे ही प्रतिफल प्राप्त करूँगा/करूँगी। मैं प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप अपनी शक्तिशाली कृपा उन पर बनाए रखें और उन्हें हर बुराई और दुश्मन के जाल से बचाएं। यीशु के नाम में, आमीन।