याह की स्तुति करो! क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है।
नीतिवचन 14:2 - नवीन हिंदी बाइबल जो खराई से चलता है, वह यहोवा का भय मानता है; परंतु जो टेढ़ी चाल चलता है, वह उसे तुच्छ जानता है। पवित्र बाइबल जिसकी राह सीधी—सच्ची हो, आदर के साथ वह यहोवा से डरता है, किन्तु वह जिसकी राह कुटिल है, यहोवा से घृणा करता है। Hindi Holy Bible जो सीधाई से चलता वह यहोवा का भय मानने वाला है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता वह उस को तुच्छ जानने वाला ठहरता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिस मनुष्य का आचरण निष्कपट है, वह प्रभु की भक्ति करता है; किन्तु जिसका आचरण छल-कपट से भरा है, वह प्रभु को तुच्छ समझता है पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो सीधाई से चलता वह यहोवा का भय माननेवाला है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता वह उसको तुच्छ जाननेवाला ठहरता है। सरल हिन्दी बाइबल जिस किसी के जीवन में याहवेह के प्रति श्रद्धा है, उसके जीवन में सच्चाई है; परंतु वह जो प्रभु को तुच्छ समझता है, उसका आचरण छल से भरा हुआ है! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो सिधाई से चलता वह यहोवा का भय माननेवाला है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता वह उसको तुच्छ जाननेवाला ठहरता है। |
याह की स्तुति करो! क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है।
सीधे लोगों का राजमार्ग बुराई से हटना है; जो अपने चाल-चलन की चौकसी करता है, वह अपने जीवन की भी रक्षा करता है।
अधर्म का प्रायश्चित्त करुणा और सच्चाई से होता है, और यहोवा का भय मानने से मनुष्य बुराई से दूर रहता है।
जब सब कुछ सुन लिया गया है तो निष्कर्ष यह है : परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर, क्योंकि यही मनुष्य का संपूर्ण कर्त्तव्य है।
“जो तुम्हारी सुनता है, वह मेरी सुनता है, और जो तुम्हें अस्वीकार करता है, वह मुझे अस्वीकार करता है; और जो मुझे अस्वीकार करता है, वह मेरे भेजनेवाले को अस्वीकार करता है।”
उन्होंने कहा, “शतपति कुरनेलियुस, जो एक धर्मी और परमेश्वर का भय माननेवाला और सारी यहूदी जाति में सुनाम व्यक्ति है, उसे एक पवित्र स्वर्गदूत के द्वारा यह निर्देश मिला है कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझसे वचन सुने।”
बल्कि प्रत्येक जाति में जो उसका भय मानता और धार्मिकता के कार्य करता है, वह उसे ग्रहणयोग्य होता है।
इस प्रकार सारे यहूदिया और गलील और सामरिया की कलीसिया को शांति मिली, और वह प्रभु के भय में चलते और उन्नति करते हुए पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन में बढ़ती गई।