हमारे पूर्वजों के, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्वर! अपने निज लोगों के हृदय में ऐसे ही विचार और भावना सदा-सर्वदा बनाए रख, और अपनी ओर उनके हृदय को उन्मुख कर।
व्यवस्थाविवरण 5:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भला होता कि उनका हृदय सदा ऐसा ही रहता। वे मुझसे डरते और मेरी भक्ति करते। वे मेरी सब आज्ञाओं का पालन करते, जिससे उनका और उनकी सन्तान का सदा भला होता! पवित्र बाइबल मैं केवल यह चाहता हूँ कि वे हृदय से मेरा सम्मान करें और मेरे आदेशों को मानें। तब हर एक चीज उनके तथा उनके वंशजों के लिए सदैव अच्छी रहेगी। Hindi Holy Bible भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिस से उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिससे उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! सरल हिन्दी बाइबल सही होगा कि उनमें ऐसी सच्चाई हो कि उनके हृदय में मेरे प्रति भय बना रहे, और वे हमेशा ही मेरे आदेशों का पालन करते रहें, कि उनका और उनकी संतान का सदा-सर्वदा भला ही होता रहे! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भला होता कि उनका मन सदैव ऐसा ही बना रहे, कि वे मेरा भय मानते हुए मेरी सब आज्ञाओं पर चलते रहें, जिससे उनकी और उनके वंश की सदैव भलाई होती रहे! |
हमारे पूर्वजों के, अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के प्रभु परमेश्वर! अपने निज लोगों के हृदय में ऐसे ही विचार और भावना सदा-सर्वदा बनाए रख, और अपनी ओर उनके हृदय को उन्मुख कर।
यह इसलिए हुआ कि वे परमेश्वर पर आशा रखें; और परमेश्वर के कार्यों को न भूलें, किन्तु उसकी आज्ञाओं का पालन करतें रहें;
धार्मिक व्यक्तियों से यह कहो, ‘चिन्ता मत करो, तुम्हारा भला होगा, तुम अपने परिश्रम का फल खाओगे।’
भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।
चाहे उसका वचन हमारे हित में हो, या अहित में, हम अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञा का पालन करेंगे। उससे प्रार्थना करने के लिए हम आप को भेज रहे हैं। ताकि जब हम अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञा का पालन करें, तब हमारा कल्याण हो।’
फिर भी मैं अपने प्रेम के कारण बार-बार अपने सेवक नबियों को भेजता रहा, और उनके माध्यम से कहता रहा, ‘ओह, यह घृणित कार्य मत करो, मैं इस पूजा-पाठ से घृणा करता हूं।’
“ओ यरूशलेम नगरी! यरूशलेम नगरी! तू नबियों की हत्या करती है और अपने पास भेजे हुए संदेश-वाहकों को पत्थरों से मार डालती है। मैंने कितनी बार चाहा कि तेरी सन्तान को वैसे ही एकत्र कर लूँ, जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे एकत्र कर लेती है, परन्तु तूने मुझे यह करने नहीं दिया।
परन्तु येशु ने कहा, “किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”
और बोले, “हाय! कितना अच्छा होता यदि तू, हाँ तू, आज के दिन यह समझ पाता कि किन बातों में तेरी शान्ति है! परन्तु अभी ये बातें तेरी आँखों से छिपी हुई हैं।
इसलिए हम मसीह के राजदूत हैं, मानो परमेश्वर हमारे द्वारा आप लोगों से अनुरोध कर रहा है। हम मसीह के नाम पर आप से यह विनती करते हैं कि आप परमेश्वर से मेल कर लें।
परमेश्वर के सहकर्मी होने के नाते हम आप लोगों से यह अनुरोध करते हैं कि परमेश्वर की जो कृपा आप को मिली है, उसे व्यर्थ न होने दें;
जो इस प्रकार है, “जिससे तुम्हारा कल्याण हो और तुम बहुत दिनों तक पृथ्वी पर जीते रहो।”
‘अब, ओ इस्राएल, तेरा प्रभु परमेश्वर तुझ से क्या चाहता है? केवल यह कि तू अपने प्रभु परमेश्वर की भक्ति करे उसके सब मार्गों पर चले और उससे प्रेम करे; तू अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से अपने प्रभु परमेश्वर की सेवा करे,
‘तू प्रभु परमेश्वर की भक्ति करना। तू उसकी आराधना करना, और उससे ही सम्बद्ध रहना। तू केवल उसके नाम की शपथ खाना।
‘तुम आज इस बात को समझ लो कि तुम्हारे बच्चों ने नहीं, वरन् तुमने शिक्षा प्राप्त की है।
तू उसको नहीं खाना, जिससे तू प्रभु की दृष्टि में उचित कार्य कर सके, और तेरा तथा तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का भला हो।
तू सावधान होकर इन बातों को सुन, जिनका आदेश मैं तुझे दे रहा हूँ, जिससे तू अपने प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में भला और उचित कार्य कर सके, और तेरा तथा तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का सदा भला हो।
तू उस पर दया-दृष्टि मत करना, वरन् इस्राएल से निर्दोष के रक्त का दोष दूर करना, जिससे तेरा भला होगा।
तू बच्चों को अपने लिए पकड़ सकता है, पर उनकी मां को अवश्य छोड़ देना, जिससे तेरा भला हो, और तू दीर्घ जीवन व्यतीत करे।
जिस दिन तुम अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख होरेब पर्वत पर खड़े थे तब प्रभु ने मुझसे यह कहा था, “लोगों को मेरे पास एकत्र कर कि मैं उन्हें अपनी बात सुना सकूं, जिससे वे पृथ्वी पर जीवन-भर मेरी भक्ति करना सीखें और अपनी सन्तान को भी यह बात सिखाएं।”
जो आज्ञाएं मैं तुम्हें सुनाऊंगा, उनमें न एक शब्द बढ़ाना और न उनमें से एक शब्द घटाना; वरन् तुम अपने प्रभु परमेश्वर की उन आज्ञाओं का पालन करना, जो मैं तुम्हें सुनाऊंगा।
इसलिए तू उसकी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करना, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूं, जिससे तेरा और तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का भला हो, और तू उस देश में दीर्घ जीवन व्यतीत करे, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर सदा के लिए तुझे प्रदान कर रहा है।’
‘अपने माता-पिता का आदर कर, जैसी तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे आज्ञा दी है, जिससे तेरी आयु दीर्घ हो सके, और उस भूमि पर तेरा भला हो जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है।
जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।
तू अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं, सािक्षयों और संविधियों का सावधानी से पालन करना, जैसी उसने तुझे आज्ञा दी है।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में उचित और भला है, उसी को करना, जिससे तेरा भला हो और तू उस उत्तम देश में प्रवेश कर उसको अपने अधिकार में कर सके, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से खाई थी
अत: ओ इस्राएल, इन्हें सुन, और इनका पालन करने के लिए सदा तत्पर रह! इससे तेरा भला होगा और जैसा तेरे पूर्वजों का प्रभु परमेश्वर तुझसे बोला था, उसके अनुसार तू दूध और शहद की नदियोंवाले देश में असंख्य हो जाएगा।
इसलिए तू अपने प्रभु परमेश्वर के मार्ग पर चल और उसके प्रति भक्तिभाव रख। तू उसकी आज्ञाओं का पालन करना;
आप लोग सावधान रहें। आप बोलने वाले की बात सुनना अस्वीकार नहीं करें। जिन लोगों ने पृथ्वी पर चेतावनी देने वाले की वाणी को अनसुना कर दिया था, यदि वे नहीं बच सके, तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम स्वर्ग से चेतावनी देनेवाले की वाणी अनसुनी कर देंगे?
किन्तु जो व्यक्ति उस व्यवस्था को, जो पूर्ण है और हमें स्वतन्त्रता प्रदान करती है, ध्यान से देखता और उसका पालन करता रहता है, वह उस श्रोता के सदृश नहीं, जो तुरन्त भूल जाता है, बल्कि वह कर्ता बन जाता और उस व्यवस्था को अपने जीवन में चरितार्थ करता है। वह अपने आचरण के कारण धन्य होगा।
धन्य हैं वे, जो अपने आचरण-रूपी वस्त्र धोते हैं; वे जीवन-वृक्ष के अधिकारी होंगे और फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे।
उसकी सास नाओमी ने रूत से कहा, ‘मेरी पुत्री, यह मेरा कर्त्तव्य है कि मैं तेरे लिए पति का आश्रय खोजूँ, जिससे तेरा भला हो।