यदि तू मेरी सब आज्ञाओं को सुनेगा, मेरे मार्ग पर चलेगा, जो कार्य मेरी दृष्टि में उचित हैं, उसको करेगा, और जैसा मेरा सेवक दाऊद मेरी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करता था, वैसा ही तू करेगा, तो मैं तेरे साथ रहूंगा। जैसा मैंने दाऊद के लिए राज-वंश का निर्माण किया था वैसा ही तेरे लिए करूंगा। मैं तुझे इस्राएली राष्ट्र दे दूंगा।
प्रभु ने कहा, ‘यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी ध्यानपूर्वक सुनोगे, जो कार्य मेरी दृष्टि में उचित है, उसे करोगे, मेरी आज्ञाओं पर कान दोगे और मेरी समस्त संविधियों का पालन करोगे, तो मैं तुम पर महामारियाँ नहीं डालूँगा, जो मैंने मिस्र-निवासियों पर डाली थीं, क्योंकि मैं प्रभु हूं−तुम्हें स्वस्थ करने वाला।’
जिस मनुष्य से परमेश्वर प्रसन्न होता है वह उसी को बुद्धि, ज्ञान और आनन्द प्रदान करता है। पापी मनुष्य से परमेश्वर कठोर परिश्रम कराता है। पापी मनुष्य परमेश्वर के प्रिय व्यक्ति के लिए धन एकत्र करता और उसको संचित करता है। अत: यह भी व्यर्थ है, यह मानो हवा को पकड़ना है।
यद्यपि पापी मनुष्य सौ बार दुष्कर्म करता है, और उसे दण्ड नहीं मिलता, वह लम्बी उम्र तक जीवित रहता है, तथापि मैं यह जानता हूं कि परमेश्वर से डरनेवालों का अन्त में भला ही होता है। परमेश्वर उनका भला करता है, क्योंकि वे उससे डरते हैं।
इसलिए तू उनसे यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है : जिन कामों को न करने का मैंने तुम्हें आदेश दिया था, वही तुम करते हो: तुम रक्त के साथ मांस खाते हो। तुम सहायता के लिए देवी-देवताओं की मूर्तियों की ओर दृष्टि करते हो। तुम हत्या करते हो। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम इस्राएल देश पर कब्जा कर सकोगे?
तू सावधान होकर इन बातों को सुन, जिनका आदेश मैं तुझे दे रहा हूँ, जिससे तू अपने प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में भला और उचित कार्य कर सके, और तेरा तथा तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का सदा भला हो।
पर यह तब होगा जब तू अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी को सुनेगा, उसकी उन सब आज्ञाओं का पालन करेगा, जिनके अनुसार कार्य करने का आदेश मैं आज तुझे दे रहा हूँ; और जो कार्य तेरे प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में उचित है, उसी को तू करेगा।
इसलिए तू उसकी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करना, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूं, जिससे तेरा और तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का भला हो, और तू उस देश में दीर्घ जीवन व्यतीत करे, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर सदा के लिए तुझे प्रदान कर रहा है।’
‘अपने माता-पिता का आदर कर, जैसी तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे आज्ञा दी है, जिससे तेरी आयु दीर्घ हो सके, और उस भूमि पर तेरा भला हो जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है।
जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में उचित और भला है, उसी को करना, जिससे तेरा भला हो और तू उस उत्तम देश में प्रवेश कर उसको अपने अधिकार में कर सके, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से खाई थी