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व्यवस्थाविवरण 10:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 ‘अब, ओ इस्राएल, तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझ से क्‍या चाहता है? केवल यह कि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की भक्‍ति करे उसके सब मार्गों पर चले और उससे प्रेम करे; तू अपने सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से अपने प्रभु परमेश्‍वर की सेवा करे,

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पवित्र बाइबल

12 “इस्राएल के लोगो, अब सुनो! यहोवा तुम्हारा परमेश्वर चाहता है कि तुम ऐसा करोः यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करो और वह जो कुछ तुमसे कहे, करो। यहोवा अपने परमेश्वर से प्रेम करो और उसकी सेवा हृदय और आत्मा से करो।

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Hindi Holy Bible

12 और अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और उसके सारे मार्गों पर चले, उस से प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 “अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्‍वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्‍वर यहोवा का भय माने, और उसके सारे मार्गों पर चले, उससे प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे,

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सरल हिन्दी बाइबल

12 तब इस्राएल, तुमसे याहवेह की क्या अपेक्षा है, इसके अलावा कि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और भय का भाव रखो, उनसे प्रेम करो, याहवेह, अपने परमेश्वर की सेवा अपने पूरे हृदय और अपने पूरे प्राण से करो,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 “अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और उसके सारे मार्गों पर चले, उससे प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे, (लूका 10:27)

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व्यवस्थाविवरण 10:12
55 क्रॉस रेफरेंस  

तू प्रभु, अपने परमेश्‍वर को अपने सम्‍पूर्ण हृदय, सम्‍पूर्ण प्राण और अपनी सम्‍पूर्ण शक्‍ति से प्रेम करना।


ओ मानव, प्रभु ने तुझे बताया है कि उचित क्‍या है, और वह तुझसे क्‍या चाहता है। यही न कि तू न्‍याय-सिद्धान्‍त का पालन करे करुणा से प्रेम करे, और नम्रतापूर्वक अपने परमेश्‍वर के मार्ग पर चले?


उसने उत्तर दिया, “अपने प्रभु परमेश्‍वर को अपने सम्‍पूर्ण हृदय, सम्‍पूर्ण प्राण, सम्‍पूर्ण शक्‍ति और सम्‍पूर्ण बुद्धि से प्रेम करो और अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करो।”


जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्‍हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।


‘यदि तुम मेरी आज्ञाओं को निश्‍चय ही मानोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ, और अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करोगे, अपने सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से उसकी सेवा करोगे,


येशु ने उस से कहा, “ ‘अपने प्रभु परमेश्‍वर को अपने सम्‍पूर्ण हृदय, सम्‍पूर्ण प्राण और सम्‍पूर्ण बुद्धि से प्रेम करो।’


‘उस समय मैं कौमों की बोली बदल दूंगा। मैं उन्‍हें शुद्ध बोली प्रदान करूंगा। लोग मुझ-प्रभु का नाम पुकारेंगे, और कंधे से कंधा मिलाकर मेरी सेवा करेंगे।


ओ प्रभु के संतो! प्रभु से डरो। जो लोग प्रभु से डरते हैं, उन्‍हें अभाव नहीं होता।


किन्‍तु वहां से ही तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की खोज करोगे। यदि तुम अपने सम्‍पूर्ण हृदय से, अपने सम्‍पूर्ण प्राण से उसकी खोज करोगे, तो तुम उसे प्राप्‍त भी कर सकोगे।


हमें जो राज्‍य मिला है, वह नहीं हिलाया जा सकता, इसलिए हम परमेश्‍वर को धन्‍यवाद देते रहें और उसकी इच्‍छानुसार भक्‍ति एवं श्रद्धा के साथ उसकी आराधना करते रहें,


ताकि वे मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करें, मेरे न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करें और मेरी आज्ञाओं को मानें। तब वे मेरे निज लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्‍वर हूंगा।


प्रभु उन सबकी रक्षा करता है, जो उनसे प्रेम करते हैं, पर वह समस्‍त दुर्जनों को नष्‍ट करता है।


ओ प्रभु के भक्‍त! तू धन्‍य है, तू प्रभु के मार्ग पर चलता है!


यदि मेरी प्रजा ने मेरी बात सुनी होती, यदि इस्राएल मेरे मार्ग पर चलता,


प्रभु के सेवक मूसा ने तुम्‍हें आज्ञाएं और व्‍यवस्‍था दी हैं। तुम उनका पालन करना, और उनके अनुसार कार्य करना। अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करना। उसके मार्ग पर चलना। उसकी आज्ञाओं का पालन करना। उससे सदा सम्‍बद्ध रहना। अपने सम्‍पूर्ण हृदय से और अपने सम्‍पूर्ण प्राण से उसकी सेवा करना।’


अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करें, उसकी वाणी सुनें और उससे चिपके रहें। यही तेरे जीवन का अभिप्राय है। इस पर ही तेरी दीर्घायु निर्भर है। तब तू उस भूमि पर निवास कर सकेगा, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से, अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि वह उनको प्रदान करेगा।’


यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करेगा, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करेगा और उसके मार्ग पर चलेगा, यदि तू उसकी आज्ञाओं, संविधियों और न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करेगा, तो तू जीवित रहेगा, और असंख्‍य होगा। प्रभु परमेश्‍वर तुझ को उस देश में, जिस पर अधिकार करने के लिए तू वहाँ जा रहा है, आशिष देगा।


संसार का विजेता कौन है? केवल वही जो यह विश्‍वास करता है कि येशु परमेश्‍वर के पुत्र हैं।


तुम न तो संसार से प्रेम करो और न संसार की वस्‍तुओं से। जो संसार से प्रेम करता है, उस में पिता का प्रेम नहीं।


हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्‍वर से प्रेम करते हैं और उसके उद्देश्‍य के अनुसार बुलाये गये हैं, परमेश्‍वर उनके कल्‍याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है;


“फरीसियो! धिक्‍कार है तुम लोगों को! क्‍योंकि तुम पुदीने, सदाब और हर प्रकार के साग का दशमांश तो देते हो; लेकिन न्‍याय और परमेश्‍वर के प्रति प्रेम की उपेक्षा करते हो। तुम्‍हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्‍हें भी करते रहते और उनकी भी उपेक्षा नहीं करते।


यदि धार्मिक मनुष्‍य उसकी बात पर ध्‍यान देते और वे उसकी सेवा करते हैं तो वे अपनी आयु के शेष दिन, शेष वर्ष सुख-समृद्धि में कुशलता से बिताते हैं।


तू अपने प्रभु परमेश्‍वर से डरना और उसकी भक्‍ति करना। तू उसकी सेवा करना, और उसके नाम की शपथ खाना।


अब समस्‍त यहूदा, गलील तथा सामरी प्रदेशों में कलीसिया को शान्‍ति मिली और उसका निर्माण होता रहा। वह प्रभु के भय में आचरण करती हुई और पवित्र आत्‍मा की सान्‍त्‍वना प्राप्‍त कर वृद्धि करती गई।


जिस परमेश्‍वर की उपासना मैं उसके पुत्र के शुभ समाचार द्वारा सारे हृदय से करता हूँ, वही मेरा साक्षी है कि मैं अपनी प्रार्थनाओं में आप लोगों को निरन्‍तर स्‍मरण करता हूँ


हे प्रभु, मेरे सामर्थ्य! मैं तुझसे प्रेम करता हूँ।


इस आदेश का लक्ष्य वह प्रेम है, जो शुद्ध हृदय, निर्दोष अन्‍त:करण और निष्‍कपट विश्‍वास से उत्‍पन्न होता है।


तू केवल अपने प्रभु परमेश्‍वर की सेवा करना। मैं तेरे अन्न-जल पर आशिष दूंगा। तेरे मध्‍य से रोग को दूर करूँगा।


यदि तुम और तुम्‍हारे पुत्र-पुत्रियाँ तथा पौत्र-पौत्रियाँ अपने प्रभु परमेश्‍वर की जीवन-भर भक्‍ति करेंगे, यदि तुम उसकी सब संविधियों और आज्ञाओं का पालन करोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ, तो तुम्‍हारे पुत्र-पुत्रियों और पौत्र-पौत्रियों की आयु लम्‍बी होगी।


प्रभु ने हमें आज्ञा दी है कि हम इन संविधियों के अनुसार कार्य करें, अपने प्रभु परमेश्‍वर से डरें और उसकी भक्‍ति करें। तब सदा हमारा भला होगा, और हम जीवित रहेंगे, जैसा आज भी हम हैं।


प्रभु ने मुझसे कहा था, “उठ, और इन लोगों के आगे-आगे मार्ग-दर्शन कर, जिससे वे उस देश में प्रवेश करें और उस पर अधिकार करें। उस देश को प्रदान करने की शपथ मैंने इनके पूर्वजों से खाई है।”


और उसकी सब आज्ञाओं तथा संविधियों का पालन करे, जिसका आदेश मैं तेरी भलाई के लिए आज तुझे दे रहा हूँ।


‘तुम आज इस बात को समझ लो कि तुम्‍हारे बच्‍चों ने नहीं, वरन् तुमने शिक्षा प्राप्‍त की है।


‘इसलिए हे इस्राएलियो, अब प्रभु की भक्‍ति करो। निष्‍कपट भाव और सच्‍चाई से उसकी सेवा करो। जिन देवताओं की आराधना तुम्‍हारे पूर्वज मसोपोतामिया और मिस्र देश में करते थे, उन्‍हें भूल जाओ और केवल प्रभु की आराधना करो।


सुलेमान को प्रभु से प्रेम था। वह अपने पिता दाऊद की संविधियों पर चलता था। परन्‍तु वह भी पहाड़ी शिखर की वेदी पर पशु-बलि चढ़ाता था और सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाता था।


धन्‍य हैं वे जो प्रभु की सािक्षयां मानते हैं, जो अपने सम्‍पूर्ण हृदय से प्रभु की खोज करते हैं,


जो कुछ तुमने सुना, उसका सार यह है : तुम परमेश्‍वर पर श्रद्धा रखो, और उसकी आज्ञाओं का पालन करो; क्‍योंकि मनुष्‍य का सम्‍पूर्ण धर्म यही है।


भला होता कि उनका हृदय सदा ऐसा ही रहता। वे मुझसे डरते और मेरी भक्‍ति करते। वे मेरी सब आज्ञाओं का पालन करते, जिससे उनका और उनकी सन्‍तान का सदा भला होता!


‘ओ इस्राएल! आज तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे आज्ञा दे रहा है कि तू इन संविधियों और न्‍याय-सिद्धान्‍तों को व्‍यवहार में लाना। तू इनका पालन करना, और अपने सम्‍पूर्ण हृदय, सम्‍पूर्ण प्राण से इनके अनुसार आचरण करना।


इसलिए तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी सुनना और उसकी सब आज्ञाओं और संविधियों के अनुसार कार्य करना, जैसा आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ।’


शमूएल ने लोगों से कहा, ‘मत डरो! यद्यपि तुमने यह दुष्‍कर्म किया है, तथापि तुम प्रभु का अनुसरण करना मत छोड़ना, उसके मार्ग से मत भटकना। अब तुम सम्‍पूर्ण हृदय से प्रभु की आराधना करना।


परन्‍तु येहू अपने सम्‍पूर्ण हृदय से इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था पर नहीं चला। उसने सावधानी से उसका पालन नहीं किया। जैसे यारोबआम ने इस्राएली जनता से पाप कराए थे वैसे ही येहू ने भी किया। वह यारोबआम के पाप-मार्ग से विमुख नहीं हुआ।


हिजकियाह ने अपने पूर्वज दाऊद के समान वे ही कार्य किए जो प्रभु की दृष्‍टि में उचित थे।


वह प्रभु से चिपका रहा। उसने प्रभु का अनुसरण करना नहीं छोड़ा। जो आज्ञाएं प्रभु ने मूसा को दी थीं, वह उनका पालन करता रहा।


‘ओ मेरे पुत्र सुलेमान, अपने पिता के परमेश्‍वर का अनुभव कर, और अपने सम्‍पूर्ण हृदय और प्रसन्न चित्त से उसकी सेवा कर। प्रभु हृदय को परखता है। वह हर एक योजना और विचार को जानता है। यदि तू उसको खोजेगा तो वह तुझको प्राप्‍त होगा। परन्‍तु यदि तू उसको त्‍याग देगा, तो वह तुझे सदा के लिए त्‍याग देगा।


उसी दिन वे प्रभु के साथ स्‍थापित विधान की धर्मविधि में सम्‍मिलित हुए कि वे सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर के खोजी बनेंगे।


तो मैं शीघ्र ही उनके शत्रुओं को दबा देता, उनके बैरियों के विरुद्ध अपना हाथ उठाता।


हमारे पर का पालन करें:

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