व्यवस्थाविवरण 32:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे क्रोध के कारण अग्नि जल उठी है। वह अधोलोक के नीचे तक जलेगी। वह पृथ्वी और उसकी उपज को भस्म कर देगी, पर्वतों की नींव में आग लगा देगी। पवित्र बाइबल क्रोध हमारा सुलगा चुका आग कहीं, मेरा क्रोध जल रहा निम्नतम शेओल तक, मेरा क्रोध नष्ट करता फसल सहित भूमि को, मेरा क्रोध लगाता आग पर्वतों की जड़ों में! Hindi Holy Bible क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नेवों में भी आग लगा देगी॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नींवों में भी आग लगा देगी। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि मेरी क्रोध की अग्नि प्रज्वलित हो चुकी है, वह अधोलोक के निम्नतम स्तर तक प्रज्वलित है. पृथ्वी की उपज इसने भस्म कर दी है, और पर्वतों की नींव तक इसने ज्वलित कर दी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नींवों में भी आग लगा देगी। |
जब तू प्रकट होगा तब तू उन्हें दहकता तन्दूर बना देगा। प्रभु, तू अपने कोप में उन्हें निगल जाएगा; और अग्नि-कुंड उन्हें भस्म कर देगा।
तू मुझ पर अत्यधिक करुणा करता है। तूने मृतक-लोक के गर्त्त से मेरे प्राण को मुक्त किया है।
अत: पृथ्वी को शाप ग्रस रहा है, पृथ्वी के निवासी अपने अधर्म के कारण दु:ख भोग रहे हैं। वे झुलस गए; अत: पृथ्वी पर कुछ ही मनुष्य शेष रह गए!
बहुत समय से एक चिता तैयार है। वह राजा के लिए तैयार की गई है यह चिता गहरी और चौड़ी बनाई गई है। उस पर बहुत ईंधन और आग जमा है। प्रभु का श्वास जलते हुए गंधक की धारा की तरह उसे सुलगाएगा।
चाहे पहाड़ अपने स्थान से टल जाएं, चाहे पहाड़ियाँ अपने स्थान से हिल जाएं, किन्तु तुझ पर से मेरी करुणा नहीं हटेगी, मेरा शान्ति-विधान नहीं टलेगा।’ तुझ पर दया करनेवाला प्रभु यह कहता है।
तू उस देश में अपने शत्रु की गुलामी करेगा, जिस को तू अभी नहीं जानता है। मेरी क्रोधाग्नि तेरे विरुद्ध भड़क उठी है; यह कभी नहीं बुझेगी!’
तुझको अपने पैतृक भूमि-क्षेत्र से हाथ धोना पड़ेगा, जो मैंने तुझको दिया था! तू उस देश में शत्रुओं की गुलामी करेगा, जिस को तू अभी नहीं जानता है। ओ यहूदा प्रदेश, मेरी क्रोधाग्नि तेरे विरुद्ध भड़क उठी है। यह कभी नहीं बुझेगी।’
ओ यहूदा प्रदेश की जनता, ओ यरूशलेम के निवासियो, मुझे प्रसन्न करने के लिए शारीरिक खतना नहीं, वरन् मन का खतना करो। अन्यथा तुम्हारे दुष्कर्म देखकर मेरा क्रोध अग्नि के सदृश भड़क उठेगा, और वह कभी शान्त नहीं होगा।’
स्वामी ने निर्दयतापूर्वक याकूब राष्ट्र की सब बस्तियों को नष्ट कर दिया; उसने अपने क्रोध से यहूदा की पुत्री के गढ़ों को ध्वस्त कर दिया। उसने राज्य और उसके शासकों को अपमानित कर धूल-धूसरित कर दिया।
प्रभु ने अपनी क्रोधाग्नि में इस्राएल राष्ट्र की शक्ति के प्रतीक सींग को काट दिया, उसने शत्रु के आक्रमण के समय अपना दाहिना हाथ इस्राएली सेना से खींच लिया। उसने याकूब राष्ट्र में अग्नि प्रज्वलित की, जिसने चारों ओर सब को भस्म कर दिया।
उसने शत्रु के सदृश धनुष चढ़ाया; उसने बैरी के समान हाथ बढ़ाया; और सियोन की पुत्री के तम्बू में हमारी आंखों में प्रिय लोगों को मार डाला। उसने अग्नि के सदृश अपने क्रोध की मदिरा उण्डेल दी।
तब प्रभु ने अपना पूरा क्रोध ढाह दिया; उसने क्रोधाग्नि की वर्षा की; उसने सियोन में आग लगा दी, जिसने उसकी नींव तक भस्म कर दी।
किन्तु उसके शत्रुओं ने क्रोध में भरकर उसको उखाड़ लिया, और भूमि पर फेंक दिया। पूरवी वायु ने उसको सुखा दिया। उसके फल तोड़ लिये। उसकी मोटी टहनियां सूख गईं, आग में वे झोंक दी गई।
मैं तुम्हें एकत्र करूंगा; और अपनी क्रोधाग्नि रूपी धोंकनी तुम पर फूंकूंगा और तुम गल जाओगे।
अत: मैं, स्वामी-प्रभु, इन राष्ट्रों से और एदोम राष्ट्र से अत्यन्त क्रोध में कह रहा हूं: इन्होंने हर्ष-उल्लास से मेरे देश पर अधिकार किया और उसके प्रति घृणा प्रकट करते हुए उसको लूट लिया और उस पर पूर्ण कब्जा कर लिया।
मैं अपनी ईष्र्या और क्रोधाग्नि के कारण यह घोषित करता हूं : उस दिन इस्राएल देश में बड़ा भूकम्प आएगा।
तब भूमि पर तुम्हारा सम्पूर्ण परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा; क्योंकि भूमि अपनी उपज न उपजाएगी और न मैदान के वृक्षों के फल लगेंगे।
प्रभु को खोजो तब तुम जीवित रहोगे। ऐसा न हो कि वह यूसुफ के वंशजों पर आग के सदृश बरसने लगे! आग तुम्हें भस्म कर देगी। बेत-एल में उसे बुझानेवला कोई न होगा।
स्वामी-प्रभु ने मुझे यह दृश्य दिखाया: मैंने देखा कि प्रभु दण्ड देने के लिए आग को बुला रहा है। आग ने अतल सागर को सुखा दिया। तब वह भूमि को भस्म करने लगी।
उसके पैरों तले पहाड़ पिघल जाएंगे, जैसे आग से मोम पिघल जाता है। घाटियाँ और गहरी बनेंगी, जैसे पानी ढाल को काटकर उसे गहरा बनाता है।
पहाड़ों ने तुझे देखा, वे कांप उठे। जल-प्रलय की धाराएँ फूट पड़ीं। अथाह सागर चिल्ला पड़ा, उसने अपने हाथ ऊपर उठा लिए।
प्रभु के प्रकोप-दिवस पर न उनका सोना, और न चांदी उन्हें प्रभु के प्रकोप से मुक्त कर सकेगी। प्रभु की ईष्र्या-अग्नि से सम्पूर्ण पृथ्वी भस्म हो जाएगी। वह पृथ्वी के समस्त निवासियों को अचानक पूर्णत: नष्ट कर देगा।
प्रभु यों कहता है : ‘अब तू उस दिन की प्रतीक्षा कर, जब मैं तेरे विरुद्ध स्वयं गवाह के रूप में खड़ा होऊंगा। मैंने यह निर्णय किया है: मैं राष्ट्रों को एकत्र करूंगा, मैं राज्यों को इकट्ठा करूंगा; मैं उन पर अपना क्रोध उण्डेलूंगा; उन पर अपनी क्रोधाग्नि बरसाऊंगा। मेरी ईष्र्या की अग्नि से समस्त पृथ्वी भस्म हो जाएगी।
वे अपनी समस्त वस्तुओं के साथ जीवित ही अधोलोक में उतर गए! धरती ने उनको ढक लिया! इस प्रकार वे धर्मसभा के मध्य से नष्ट हो गए।
तब प्रभु के पास से अग्नि निकली और उसने धूप चढ़ाने वाले दो सौ पचास व्यक्तियों को भस्म कर दिया।
“उन से नहीं डरो, जो शरीर को मार डालते हैं, किन्तु आत्मा को नहीं मार सकते; बल्कि उससे डरो, जो शरीर और आत्मा, दोनों को नरक में नष्ट कर सकता है।
यदि तुम्हारी आँख तुम्हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम काने हो कर जीवन में प्रवेश करो, किन्तु दोनों आँखों के रहते आग के नरक में न डाले जाओ।
प्रभु उसको क्षमा करने को तैयार भी नहीं होगा, वरन् प्रभु का क्रोध और उसकी ईष्र्या-भावना उस व्यक्ति के प्रति भड़क उठेगी। इस पुस्तक में लिखित समस्त अभिशाप उस पर पड़ेंगे और प्रभु आकाश के नीचे से उसका नाम मिटा डालेगा।