18 प्रभु के प्रकोप-दिवस पर न उनका सोना, और न चांदी उन्हें प्रभु के प्रकोप से मुक्त कर सकेगी। प्रभु की ईष्र्या-अग्नि से सम्पूर्ण पृथ्वी भस्म हो जाएगी। वह पृथ्वी के समस्त निवासियों को अचानक पूर्णत: नष्ट कर देगा।
18 उनका सोना—चाँदी उनकी सहायता नहीं कर पाएंगे! उस समय, यहोवा बहुत क्षुब्द और क्रोधित होगा। यहोवा पूरे संसार को अपने क्रोध की अग्नि में जलाकर नष्ट कर देगा! यहोवा पूरी तरह पृथ्वी पर सब कुछ नष्ट कर देगा!”
18 यहोवा के रोष के दिन में, न तो चान्दी से उनका बचाव होगा, और न सोने से; क्योंकि उसके जलन की आग से सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी; वह पृथ्वी के सारे रहने वालों को घबरा कर उनका अन्त कर डालेगा॥
18 यहोवा के रोष के दिन में, न तो चाँदी से उनका बचाव होगा, और न सोने से; क्योंकि उसके जलन की आग से सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी; वह पृथ्वी के सारे रहनेवालों को घबराकर उसका अन्त कर डालेगा।
18 याहवेह के कोप के दिन, न तो उनकी चांदी और न ही उनका सोना उनको बचा पाएगा.” उसके जलन की आग में सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी, क्योंकि वह उन सबका अचानक अंत कर देगा जो पृथ्वी पर रहते हैं.
18 यहोवा के रोष के दिन में, न तो चाँदी से उनका बचाव होगा, और न सोने से; क्योंकि उसके जलन की आग से सारी पृथ्वी भस्म हो जाएगी; वह पृथ्वी के सारे रहनेवालों को घबराकर उनका अन्त कर डालेगा।
प्रभु यों कहता है : ‘अब तू उस दिन की प्रतीक्षा कर, जब मैं तेरे विरुद्ध स्वयं गवाह के रूप में खड़ा होऊंगा। मैंने यह निर्णय किया है: मैं राष्ट्रों को एकत्र करूंगा, मैं राज्यों को इकट्ठा करूंगा; मैं उन पर अपना क्रोध उण्डेलूंगा; उन पर अपनी क्रोधाग्नि बरसाऊंगा। मेरी ईष्र्या की अग्नि से समस्त पृथ्वी भस्म हो जाएगी।
उन्होंने सड़कों पर अपनी चांदी की मूर्तियां फेंक दी हैं। उनकी सोने की मूर्तियां अशुद्ध वस्तुएं हो गई हैं। ये सोना-चांदी की मूर्तियाँ उनके प्रभु के कोप-दिवस पर उनको संकट से नहीं बचा सकीं। वे उनकी भूख को तृप्त नहीं कर सकीं और न उनका पेट भर सकीं। वास्तव में ये मूर्तियां ही तो उनके अधर्म का कारण हैं।
प्रभु ने कहा, ‘मैं मनुष्य को पृथ्वी की सतह से मिटा दूंगा, जिसको मैंने रचा था। मैं मनुष्यों को, पशुओं को, रेंगनेवाले जन्तुओं और आकाश के पक्षियों को नष्ट करूंगा; क्योंकि मुझे इस बात का दु:ख है कि मैंने उन्हें बनाया।’
वह दिन प्रकोप का दिन है। वह संकट और दु:ख का दिन है। वह विध्वंस और विनाश का दिन है। वह अंधकार और तिमिर का दिन है। वह सघन मेघों और घोर अंधकार का दिन है।
इसलिए मैं-प्रभु स्वामी कहता हूं: इस स्थान पर, मनुष्य और पशु पर, मैदान के वृक्षों और भूमि की उपज पर मैं अपनी क्रोधाग्नि उण्डेलूंगा। वह सदा जलती रहेगी, और कभी न बुझेगी।’
अत: प्रभु, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, इस्राएल का सर्वशक्तिमान परमेश्वर यों कहता है, ‘सुनो, मैं अपने शत्रुओं पर अपना क्रोध उतार कर चैन की सांस लूंगा; मैं अपने बैरियों से बदला लूंगा।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था वही कार्य यहूदा प्रदेश के निवासियों ने किया। उन्होंने अपने पापमय आचरण से प्रभु की ईष्र्या को भड़काया। उन्होंने अपने पूर्वजों से अधिक दुष्कर्म किए।
तब उस दिन मेरा क्रोध उनके विरुद्ध भड़क उठेगा। मैं उनको त्याग दूंगा, और उनसे विमुख हो जाऊंगा। उन पर विपत्तियों और कष्टों का पहाड़ टूट पड़ेगा, जिसके कारण वे उस दिन यह कहेंगे, “क्या यह सच नहीं है कि ये विपत्तियां हम पर इसलिए आ पड़ी हैं, कि हमारा परमेश्वर हमारे मध्य नहीं है?”
मैं यहूदा प्रदेश के नगरों में तथा यरूशलेम की सड़कों पर आनन्द-उल्लास का स्वर, हर्ष-ध्वनि तथा वर-वधुओं के हास-परिहास की आवाज को बन्द कर दूंगा। चारों ओर मौत का सन्नाटा होगा।’
हिंसा बढ़कर दुष्कर्म की लाठी बन गई थी। ओ इस्राएलियो, तुममें से एक भी जन जीवित नहीं रहेगा। न तुम्हारे वैभव की प्रचुरता रहेगी और न तुम्हारी धन-सम्पत्ति। तुम्हारे विनाश पर आंसू बहानेवाला भी कोई नहीं होगा।
मैं तुझ पर अपना क्रोध प्रेषित करूंगा, ताकि वे क्रोध में डूबकर तेरे साथ कठोरतम व्यवहार करें। वे तेरे नाक-कान काट लेंगे और जो तेरे नगरवासी बच जाएंगे उनको वे तलवार से मौत के घाट उतार देंगे। वे तेरे पुत्र और पुत्रियों को बन्दी बना लेंगे, और तेरे बचे हुए लोगों को आग में झोक देंगे।
इस्राएल की ज्योति अग्नि में बदल जाएगी। इस्राएल का पवित्र परमेश्वर ज्वाला बन जाएगा। असीरिया राष्ट्र के कंटीले झाड़-झंखाड़ को धधकती अग्नि एक ही दिन में जला कर राख कर देगी।