लाबान अपनी भेड़ों का ऊन काटने गया था। राहेल ने अपने पिता के गृहदेवताओं की मूर्तियाँ चुरा लीं।
व्यवस्थाविवरण 27:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “जो व्यक्ति खोदकर अथवा गढ़कर मूर्ति बनाता है, और गुप्त स्थान में उसको प्रतिष्ठित करता है, वह शापित है। ऐसे कारीगर का यह हस्तकार्य प्रभु की दृष्टि में घृणित है।” सब लोग प्रत्युत्तर में कहेंगे, “ऐसा ही हो!” पवित्र बाइबल “‘वह व्यक्ति अभिशप्त है जो असत्य देवता बनाता है और उसे अपने गुप्त स्थान में रखता है। असत्य देवता केवल वे मूर्तियाँ हैं जिसे कोई कारीगर लकड़ी, पत्थर या धातु की बनाता है। यहोवा उन चीजों से घृणा करता है!’ “तब सभी लोग उत्तर देंगे, ‘आमीन!’ Hindi Holy Bible कि शापित हो वह मनुष्य जो कोई मूर्ति कारीगर से खुदवाकर वा ढलवाकर निराले स्थान में स्थापन करे, क्योंकि इस से यहोवा को घृणा लगती है। तब सब लोग कहें, आमीन॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ‘शापित हो वह मनुष्य जो कोई मूर्ति कारीगर से खुदवाकर या ढलवाकर निराले स्थान में स्थापन करे, क्योंकि इससे यहोवा घृणा करता है।’ तब सब लोग कहें, ‘आमीन।’ सरल हिन्दी बाइबल “शापित है वह व्यक्ति जो, याहवेह के सामने घृणित मूर्ति, ढाली हुई मूर्ति का निर्माण करता है, जो शिल्पी की कलाकृति-मात्र ही होती है और उसे गुप्त स्थान में प्रतिष्ठित कर देता है.” तब सारी सभा उत्तर में कहेगी, “आमेन!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ‘श्रापित हो वह मनुष्य जो कोई मूर्ति कारीगर से खुदवाकर या ढलवा कर निराले स्थान में स्थापन करे, क्योंकि इससे यहोवा घृणा करता है।’ तब सब लोग कहें, ‘आमीन।’ |
लाबान अपनी भेड़ों का ऊन काटने गया था। राहेल ने अपने पिता के गृहदेवताओं की मूर्तियाँ चुरा लीं।
राहेल गृह-देवताओं की मूर्तियाँ ऊंट की काठी में छिपा कर स्वयं उन पर बैठ गई थी। लाबान ने पूरे तम्बू में ढूँढ़ा पर वे उसे नहीं मिलीं।
परन्तु यहूदा के वंशजों ने भी अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं किया। जिन प्रथाओं का पालन इस्राएल प्रदेश की जनता करती थी, उनको यहूदा प्रदेश की जनता ने भी अपना लिया और वे उनके अनुसार आचरण करते थे।
राजा सुलेमान ने यरूशलेम के पूर्व में तथा जैतून पर्वत के दक्षिण में घृणित देवी-देवताओं के लिए, पहाड़ी शिखर की वेदियां बनाई थीं। घृणित देवी-देवता ये थे : सीदोनी जाति की राष्ट्रीय देवी अशेराह, मोआबी जाति का राष्ट्रीय देवता कमोश, और अम्मोनी जाति का राष्ट्रीय देवता मिल्कोम। राजा योशियाह ने इनकी वेदियों को अशुद्ध कर दिया।
प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर, अनादि काल से युग-युगान्त धन्य है!” ’ तब सब लोगों ने यह कहा, ‘आमेन!’ और प्रभु की स्तुति की।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, मनश्शे ने वही किया। जिन जातियों को प्रभु ने इस्राएलियों को बसाने के लिए कनान देश से निकाल दिया था, उनकी घृणित प्रथाओं को मनश्शे ने पुन: आरम्भ किया।
तुम चांदी के देवता न बनाना कि तुम मेरे साथ उनकी भी आराधना करो; और न अपने लिए स्वर्ण-देवता बनाना।
‘तू अपने लिए कोई मूर्ति न बनाना और न किसी प्राणी अथवा वस्तु की आकृति बनाना, जो ऊपर आकाश में अथवा नीचे धरती पर या धरती के नीचे जल में है।
बढ़ई डोरी से नापता है। वह पेन्सिल से उस पर निशान लगाता है। वह रन्दे से उसको आकार देता है। वह परकार से रेखा खींचता है। तत्पश्चात् वह उसको मनुष्य की आकृति में बदलता है। सुन्दर मनुष्य के सदृश वह उसको बनाता है कि आराधक उसे गृहदेवता के रूप में घर में प्रतिष्ठित कर सकें।
बची हुई लकड़ी से वह अपने देवता की मूर्ति बनाता है। वह उसके सम्मुख भूमि पर गिरकर उसकी वंदना करता है। वह मूर्ति से प्रार्थना करता है, और उससे यह कहता है, ‘तू ही मेरा ईश्वर है, मुझे बचा।’
वे विचार नहीं करते; न उनमें ज्ञान है और न समझ। वे यह नहीं सोचते कि उन्होंने देवदार की लकड़ी का आधा भाग आग में जलाया। उसके अंगारों पर रोटी सेंकी, मांस भूंजकर खाया। तब क्या बची हुई लकड़ी से मूर्ति बनाना चाहिए जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में घृणित कार्य है? क्या उन्हें एक लकड़ी के खंभे के सम्मुख भूमि पर लेटकर वंदना करना चाहिए?
तू उन से यह कहना: इस्राएल का प्रभु परमेश्वर यों कहता है : जो मनुष्य इस विधान के शब्दों के अनुसार आचरण नहीं करेगा, उसको मैं शाप दूंगा।
ओ यिर्मयाह, तू उनसे यह कहना: यदि तुम मेरे इस विधान के अनुसार आचरण करोगे, तो मैं अपनी शपथ को पूरा करूँगा जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों से खायी थी कि मैं उनको दूध और शहद की नदियों वाला देश दूंगा; देख, वह शपथ आज पूरी हुई।’ मैंने उत्तर दिया, ‘प्रभु आमेन’
क्या मनुष्य अपने को ऐसे गुप्त स्थानों में छिपा सकता है कि मैं उसको न देख सकूं? क्या मेरी उपस्थिति से आकाश और पृथ्वी परिपूर्ण नहीं हैं?’ प्रभु की यह वाणी है।
‘आमेन! काश, प्रभु ऐसा ही करे। जो नबूवत तुमने की है, वह प्रभु सच प्रमाणित करे, और प्रभु अपने भवन के पवित्र पात्रों को तथा सब बन्दियों को बेबीलोन से यहां वापस लाए।
तू इन्हें यह बात बता, और इनसे कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है, ‘इस्राएली कुल का जो व्यक्ति अपने देवता की मूर्ति अपने हृदय में प्रतिष्ठित करेगा, और यों धर्म-मार्ग पर चलने के पूर्व अपने सम्मुख अधर्म के रोड़े डालेगा, और मेरी इच्छा जानने के लिए नबी के पास आएगा, तो उसको मैं अपने ढंग से उत्तर दूंगा : वह अपनी असंख्य मूर्तियों के अनुरूप अपार दण्ड पाएगा।
झूठी शान-शौकत के लिए वे इसी सोना-चांदी से आभूषण बनाते थे। सोना-चांदी से ही उन्होंने घृणित मूर्तियां और अन्य घृणित वस्तुएं बनाई थीं। इसलिए मैं इस सोना-चांदी को अशुद्ध वस्तु बना दूंगा, और वे इसको अपने पास से दूर कर देंगे।
उसके द्वारा भेजे गए सैन्यदल पवित्र-स्थान और गढ़ को अशुद्ध कर देंगे। वे निरन्तर अग्नि-बलि को बन्द कर देंगे। वे उस घृणित वस्तु को प्रतिष्ठित करेंगे जो विध्वंस का कारण होगी।
समस्त इस्राएली कौम ने तेरी वाणी को सुनने से इन्कार किया। उन्होंने तेरी व्यवस्था का उल्लंघन किया और तेरी ओर से मुंह फेर लिया। अत: जो शाप और शपथ तेरे सेवक मूसा की व्यवस्था में लिखे हुए हैं, वे हम पर बरसने लगे; क्योंकि हमने तेरे प्रति पाप किया था।
‘तुम मूर्तियों की ओर उन्मुख मत होना, और न उनकी पूजा करने के लिए देवताओं की प्रतिमाएं बनाना। मैं प्रभु तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
‘तुम अपने लिए प्रतिमा न बनाना, और न मूर्ति और न पूजा-स्तम्भ खड़ा करना। तुम अपने देश में चित्रित पाषाण भी स्थापित न करना, जिससे उनकी पूजा की जाए; क्योंकि मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
यह अभिशाप-दायक जल तुम्हारी अंतड़ियों में जाकर तुम्हारे पेट को फुलाए और तुम्हारी जांघ को सड़ाए।” तब स्त्री कहेगी, “ऐसा ही हो! ऐसा ही हो!”
“इसलिए जब तुम पवित्र स्थान में ‘विनाशकारी घृणित वस्तु’ खड़ी हुई देखोगे, जिसकी चर्चा नबी दानिएल ने की है − पढ़ने वाला इसे समझ ले −
और हमें परीक्षा में न डाल, बल्कि बुराई से हमें बचा। [क्योंकि राज्य, सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे हैं। आमेन।]
यदि आप आत्मा से आविष्ट होकर परमेश्वर की स्तुति करते हैं, तो वहाँ उपस्थित साधारण व्यक्ति आपका धन्यवाद सुनकर कैसे “आमेन” कह सकता है? वह यह भी नहीं जानता कि आप क्या कह रहे हैं।
‘जब तुम्हें पुत्र-पुत्रियों तथा पौत्र-पौत्रियां उत्पन्न होंगे, और उस देश में रहते-रहते तुम पुराने हो चुके होगे, तब यदि किसी की आकृति के अनुरूप कोई मूर्ति बनाकर भ्रष्ट कार्य करोगे, जो कार्य तुम्हारे प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में बुरा है, उसको करोगे, और इस प्रकार उसे चिढ़ाओगे,
‘तू अपने लिए कोई मूर्ति न बनाना और न किसी प्राणी अथवा वस्तु की आकृति बनाना, जो ऊपर आकाश में, अथवा नीचे धरती पर या धरती के नीचे जल में है।
‘तू उनके देवताओं की मूर्तियाँ आग में जला डालना। मूर्तियों पर मढ़े हुए सोना-चांदी का लालच मत करना, और न उसको लेना। ऐसा न हो कि तू मूर्तियों के फन्दे में फंस जाए, क्योंकि यह तेरे प्रभु परमेश्वर के लिए घृणित बात है।
मीकाह ने चांदी के ग्यारह सौ सिक्के अपनी माँ को लौटा दिए। उसकी माँ ने कहा, ‘मैं अपने हाथ से अपने पुत्र के लिए चांदी के ये सिक्के प्रभु को चढ़ाने का संकल्प करती हूँ, ताकि इनसे एक मूर्ति, चांदी की ढली-गढ़ी प्रतिमा बनाई जाए। इसलिए, पुत्र, अब मैं चांदी के ये सिक्के तुझे वापस करती हूँ।’
जब मीकाह ने चांदी के सिक्के अपनी माँ को लौटाए तब उसकी माँ ने उनमें से चांदी के दो सौ सिक्के सुनार को दे दिए। सुनार ने उनसे एक मूर्ति, चांदी की ढली-गढ़ी प्रतिमा, बनाई। यह मूर्ति मीकाह के घर में रखी गई।
अब, महाराज, मेरे स्वामी, अपने सेवक की यह बात ध्यान से सुनें : यदि प्रभु ने आपको मेरे विरुद्ध उकसाया है, तो प्रभु एक भेंट स्वीकार करे। परन्तु यदि उकसाने वाले मनुष्य हैं, तो वे प्रभु के सम्मुख अभिशप्त हों! उन्होंने मुझे आज निकाल दिया है जिससे मैं प्रभु की पैतृक-सम्पत्ति का हिस्सेदार न बनूं। उन्होंने मुझसे कहा, “जा, अन्य देशों के देवताओं की पूजा-आराधना कर!”