‘ओ अय्यूब, परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो; तब तुम्हें शान्ति मिलेगी; इसी से तुम्हारी भलाई होगी।
रोमियों 2:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और भलाई करने वाले प्रत्येक मनुष्य को—पहले यहूदी और फिर यूनानी को—महिमा, सम्मान और शान्ति मिलेगी; पवित्र बाइबल और जो कोई अच्छाई पर चलता है उसे महिमा, आदर और शांति मिलेगी। पहले यहूदी को और फिर ग़ैर यहूदी को Hindi Holy Bible पर महिमा और आदर ओर कल्याण हर एक को मिलेगा, जो भला करता है, पहिले यहूदी को फिर यूनानी को। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु महिमा और आदर और कल्याण हर एक को मिलेगा, जो भला करता है, पहले यहूदी को फिर यूनानी को। नवीन हिंदी बाइबल परंतु भला कार्य करनेवाले प्रत्येक को महिमा, आदर और शांति मिलेगी, पहले यहूदी और फिर यूनानी को : सरल हिन्दी बाइबल मगर प्रत्येक अच्छे काम करनेवाले के लिए महिमा, आदर और शांति तय हैं—सबसे पहले यहूदी के लिए और फिर यूनानी के लिए भी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु महिमा और आदर और कल्याण हर एक को मिलेगा, जो भला करता है, पहले यहूदी को फिर यूनानी को। |
‘ओ अय्यूब, परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो; तब तुम्हें शान्ति मिलेगी; इसी से तुम्हारी भलाई होगी।
निर्दोष व्यक्ति को ध्यान में रखो, और सत्यनिष्ठ मनुष्य पर दृष्टि करो! शांतिप्रिय व्यक्ति का भविष्य उज्जवल होता है।
दुर्जन की कमाई मिथ्या है; पर धार्मिकता का बीज बोनेवाला मनुष्य निश्चय ही सच्चा फल प्राप्त करता है।
प्रभु, तू ही हमारे लिए शान्ति स्थापित करेगा, जो कुछ हमने किया, उसका करनेवाला वस्तुत: तू ही था!
भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।
तुम इस देश से आनन्दपूर्वक निकलोगे, और कुशलतापूर्वक तुम्हारा नेतृत्व किया जाएगा। मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़ तुम्हारे सम्मुख आनन्द के गीत गाएंगे; मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे।
प्रभु यह कहता है : ‘जो समीप है, और जो दूर है, दोनों का कल्याण हो, उन्हें शान्ति प्राप्त हो। मैं उन्हें स्वस्थ करूंगा।
‘किन्तु, यिर्मयाह! मैं इस प्रहार के बाद इस नगर में औषधि और स्वास्थ्य लाऊंगा, और इस के निवासियों को स्वस्थ कर दूंगा। मैं इनको सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करूंगा।
यदि वह घर योग्य है, तो अपनी शान्ति उस पर रहने दो। यदि वह घर योग्य नहीं है, तो अपनी शान्ति अपने पास लौट आने दो।
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।”
धन्य हैं वे सेवक, जिन्हें स्वामी आने पर जागता हुआ पाएगा! मैं तुम से सच कहता हूँ : स्वामी अपनी कमर कसेगा, उन्हें भोजन के लिए बैठाएगा और एक-एक को भोजन परोसेगा।
और बोले, “हाय! कितना अच्छा होता यदि तू, हाँ तू, आज के दिन यह समझ पाता कि किन बातों में तेरी शान्ति है! परन्तु अभी ये बातें तेरी आँखों से छिपी हुई हैं।
उन से कहा, “जो मेरे नाम पर इस बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है; क्योंकि तुम सब में जो सब से छोटा है, वही बड़ा है।”
यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका सम्मान करेगा।
“शान्ति मैं तुम को दिए जाता हूँ। अपनी शान्ति मैं तुम्हें प्रदान करता हूँ− जैसे संसार देता वैसे मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल और भयभीत न हो।
मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्ति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”
मनुष्य किसी भी जाति का क्यों न हो, यदि वह परमेश्वर की भक्ति करता और धर्माचरण करता है, तो वह परमेश्वर का कृपापात्र बन जाता है।
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाने-पीने का नहीं, बल्कि वह धार्मिकता, शान्ति और आनन्द का विषय है, जो पवित्र आत्मा से प्राप्त होते हैं।
आशा का स्रोत, परमेश्वर आप लोगों को विश्वास द्वारा प्रचुर आनन्द और शान्ति प्रदान करे, जिससे पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से आप लोगों की आशा परिपूर्ण हो।
जो लोग धैर्यपूर्वक भलाई करते हुए महिमा, सम्मान और अमरत्व की खोज में लगे रहते हैं, परमेश्वर उन्हें शाश्वत जीवन प्रदान करेगा;
बुराई करने वाले प्रत्येक मनुष्य को—पहले यहूदी और फिर यूनानी को—कष्ट और संकट सहना पड़ेगा
यदि हम विश्वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर में शान्ति प्राप्त होती है।
क्या कुम्हार को यह अधिकार नहीं कि वह मिट्टी के एक ही लोंदे से एक पात्र विशिष्ट प्रयोजन के लिए बनाये और दूसरा पात्र साधारण प्रयोजन के लिए?
उसने ऐसा इसलिए किया कि वह दया के उन पात्रों पर अपनी महिमा का वैभव प्रकट करना चाहता था, जिन्हें उसने पहले से ही उस महिमा के लिए तैयार किया था।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
यदि हम येशु मसीह से संयुक्त हैं, तो न तो खतने का कोई महत्व है और न उसके अभाव का। महत्व विश्वास का है, जो प्रेम द्वारा क्रियाशील होता है।
और परमेश्वर की शान्ति, जो हमारी समझ से परे है, आपके हृदय और विचारों को येशु मसीह में सुरक्षित रखेगी।
युगों के अधिपति, अविनाशी, अदृश्य और अतुल्य परमेश्वर का सम्मान तथा महिमा युगानुयुग होती रहे!
तूने उसे स्वर्गदूतों से कुछ काल के लिए छोटा बनाया और उसे महिमा तथा सम्मान का मुकुट पहनाया।
तुम देखते हो कि उनका विश्वास उनके कर्मों के साथ क्रियाशील था और उनके कर्मों द्वारा ही पूर्णता प्राप्त कर सका।
आप लोगों में जो ज्ञानी और समझदार होने का दावा करता है, वह अपने सदाचरण द्वारा, अपने नम्र तथा बुद्धिमान व्यवहार द्वारा इस बात का प्रमाण दे।
यह इसलिए होता है कि आपका विश्वास परीक्षा में खरा निकले। सोना भी तो आग में तपाया जाता है और आपका विश्वास नश्वर सोने से कहीं अधिक मूल्यवान् है। इस प्रकार आपका विश्वास येशु मसीह के प्रकट होने पर स्तुति, प्रशंसा और प्रतिष्ठा का कारण बने।
जिस समय प्रधान चरवाहा प्रकट होंगे, आप लोगों को कभी न मुरझाने वाली महिमा का मुकुट प्राप्त होगा।
इसलिए इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की यह घोषणा है: “यद्यपि मैंने निस्सन्देह यह कहा था कि तेरा पितृ-कुल सदा मेरे सम्मुख रह कर मेरी सेवा करेगा, और मेरा कृपा-पात्र बनेगा, तथापि अब मुझ-प्रभु की यह गंभीर घोषणा है: मेरी यह बात मुझ से दूर हो! मैं अपने आदर करने वालों का आदर करूँगा, और मुझे तुच्छ समझने वालों को तुच्छ समझूँगा।