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गलातियों 5:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

22 परन्‍तु पवित्र आत्‍मा का फल है : प्रेम, आनन्‍द, शान्‍ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,

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पवित्र बाइबल

22 जबकि पवित्र आत्मा, प्रेम, प्रसन्नता, शांति, धीरज, दयालुता, नेकी, विश्वास,

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Hindi Holy Bible

22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

22 पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्‍वास,

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नवीन हिंदी बाइबल

22 परंतु आत्मा का फल प्रेम, आनंद, शांति, धैर्य, कृपा, भलाई, विश्‍वासयोग्यता,

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सरल हिन्दी बाइबल

22 परंतु आत्मा का फल है प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, दया, उदारता, विश्वस्तता,

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गलातियों 5:22
44 क्रॉस रेफरेंस  

वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्‍य करता है, वह सफल होता है।


वे वृद्धावस्‍था में भी फलते हैं; वे सदा रसमय और हरे-भरे रहते हैं,


कार्य के आरम्‍भ से उसका अन्‍त उत्तम है, अहंकारी पुरुष की अपेक्षा धीरज रखने वाला पुरुष श्रेष्‍ठ है।


‘किन्‍तु, यिर्मयाह! मैं इस प्रहार के बाद इस नगर में औषधि और स्‍वास्‍थ्‍य लाऊंगा, और इस के निवासियों को स्‍वस्‍थ कर दूंगा। मैं इनको सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करूंगा।


ओ एफ्रइम, अब तेरा मूर्तियों के साथ क्‍या सम्‍बन्‍ध? मैं ही तेरी प्रार्थनाओं का उत्तर तुझे देता हूं, मैं ही तेरी देखभाल करता हूं। मैं सदा-बहार सनोवर वृक्ष के समान हूं; तू मुझ से ही फल पाता है।’


“यदि तुम किसी पेड़ को अच्‍छा मानते हो, तो उसके फल को भी अच्‍छा मानो। अथवा यदि पेड़ को बुरा मानते हो, तो उसके फल को भी बुरा मानो; क्‍योंकि पेड़ तो अपने फल से पहचाना जाता है।


यदि यह आगे फल दे, तो अच्‍छा; यदि नहीं दे, तो इसे काट डालिएगा’।”


तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्‍कि मैंने तुम्‍हें इसलिए चुना और नियुक्‍त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्‍हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्‍हें प्रदान करे।


वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है, जिससे वह और भी अधिक फल उत्‍पन्न करे।


“मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं उस में, वह बहुत फलता है; क्‍योंकि मुझ से अलग रह कर तुम कुछ भी नहीं रह सकते।


क्‍योंकि परमेश्‍वर का राज्‍य खाने-पीने का नहीं, बल्‍कि वह धार्मिकता, शान्‍ति और आनन्‍द का विषय है, जो पवित्र आत्‍मा से प्राप्‍त होते हैं।


मेरे भाइयो और बहिनो! मुझे दृढ़ विश्‍वास है कि आप लोग, सद्भाव और हर प्रकार के ज्ञान से परिपूर्ण हो कर, एक-दूसरे को सत्‍परामर्श देने योग्‍य हैं।


मसीह ने भी अपने सुख का ध्‍यान नहीं रखा। जैसा कि धर्मग्रंथ में लिखा है, “तेरी निन्‍दा करने वालों ने मेरी निन्‍दा की है।”


भाइयो और बहिनो! हमारे प्रभु येशु मसीह और पवित्र आत्‍मा के प्रेम के नाम पर मैं आप लोगों से अनुरोध करता हूँ कि आप मेरे लिए परमेश्‍वर से संघर्षमय प्रार्थना करने में मेरा साथ देते रहें,


किन्‍तु अब पाप से मुक्‍त हो कर आप परमेश्‍वर के दास बन गये और पवित्रता का फल उत्‍पन्न कर रहे हैं, जिसका परिणाम है शाश्‍वत जीवन;


मेरे भाइयो-बहिनो! आप भी मसीह की देह से संयुक्‍त होने के कारण व्‍यवस्‍था की ओर से मर गये और अब किसी दूसरे के, अर्थात् उन्‍हीं मसीह के हो गये हैं, जो मृतकों में से जी उठे। यह इसलिए हुआ कि हम परमेश्‍वर के लिए फल उत्‍पन्न करें।


क्‍योंकि जो शारीरिक स्‍वभाव से संचालित हैं, वे शारीरिक आचरण की बातों की चिन्‍ता करते हैं और इसका परिणाम मृत्‍यु है; जो आत्‍मा से संचालित हैं, वे आत्‍मा की बातों की चिन्‍ता करते हैं और इसका परिणाम जीवन और शान्‍ति है।


अभी तो विश्‍वास, आशा और प्रेम-ये तीनों बने हुए हैं। किन्‍तु इन में से प्रेम ही सब से महान है।


भाइयो और बहिनो! आप जानते हैं कि आप लोग स्‍वतन्‍त्र होने के लिए बुलाये गये हैं। अत: आप इस स्‍वतन्‍त्रता को शारीरिक वासनाओं का साधन न बनाएं, वरन् प्रेम से एक दूसरे की सेवा करें,


आप लोग पूर्ण रूप से नवीन आध्‍यात्‍मिक विचारधारा अपनायें


जहाँ ज्‍योति है, वहाँ हर प्रकार की भलाई, धार्मिकता तथा सच्‍चाई उत्‍पन्न होती है।


और परमेश्‍वर की महिमा तथा प्रशंसा के लिए उस धार्मिकता से परिपूर्ण होंगे, जो येशु मसीह के द्वारा ही फलती-फूलती है।


इस प्रकार आप प्रभु के योग्‍य जीवन बिता कर सब बातों में उसे प्रसन्न करेंगे, हर प्रकार के भले कार्य करते रहेंगे और परमेश्‍वर के ज्ञान में फलते और बढ़ते जायेंगे।


और यह भी कि टेढ़े तथा दुष्‍ट लोगों से हम बच निकलें, क्‍योंकि सभी विश्‍वासी नहीं हैं।


इसी प्रकार धर्मसेविकाएँ परनिन्‍दक नहीं, बल्‍कि गम्‍भीर, संयमी और सब बातों में विश्‍वसनीय हों।


तुम्‍हारी युवावस्‍था के कारण कोई तुम्‍हारा तिरस्‍कार न करे। तुम वचन, कर्म, प्रेम, विश्‍वास और शुद्धता में विश्‍वासियों के आदर्श बनो।


आप लोगों ने आज्ञाकारी बन कर सत्‍य को स्‍वीकार किया और इस प्रकार निष्‍कपट भ्रातृप्रेम के लिए अपनी आत्‍मा को पवित्र कर लिया है; इसलिए अब आप लोगों को शुद्ध हृदय और सच्‍ची लगन से एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।


आपने येशु को कभी देखा नहीं, फिर भी आप उन्‍हें प्‍यार करते हैं। आप अब भी उन्‍हें नहीं देखते, फिर भी उन में आप विश्‍वास करते हैं। और इस विश्‍वास के कारण आप एक अकथनीय एवं महिमामय आनन्‍द से परिपूर्ण हैं।


मैंने आप लोगों को यह संिक्षप्‍त पत्र सिलवानुस से लिखवाया है, जिन को मैं अपना विश्‍वसनीय भाई मानता हूँ। मैं आप को समझाता हूं, और विश्‍वास दिलाता हूँ कि इस में जो लिखा हुआ है, वह परमेश्‍वर का सच्‍चा अनुग्रह है। उस अनुग्रह में सुदृढ़ बने रहें।


हमारे पर का पालन करें:

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