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याकूब 3:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 आप लोगों में जो ज्ञानी और समझदार होने का दावा करता है, वह अपने सदाचरण द्वारा, अपने नम्र तथा बुद्धिमान व्‍यवहार द्वारा इस बात का प्रमाण दे।

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पवित्र बाइबल

13 भला तुम में, ज्ञानी और समझदार कौन है? जो है, उसे अपने व्यवहार से यह दिखाना चाहिए कि उसके कर्म उस सज्जनता के साथ किए गए हैं जो ज्ञान से जुड़ी है।

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Hindi Holy Bible

13 तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है? जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्पन्न होती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है? जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्पन्न होती है।

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नवीन हिंदी बाइबल

13 तुममें बुद्धिमान और समझदार कौन है? यदि कोई है तो वह अपने कार्यों को अच्छे आचरण के द्वारा उस नम्रता में प्रकट करे जो ज्ञान से उत्पन्‍न‍ होती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 कौन है तुम्हारे बीच ज्ञानी और समझदार? वह इसे अपने उत्तम स्वभाव और कामों के द्वारा ज्ञान उत्पन्‍न करनेवाली नम्रता सहित प्रकट करे.

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याकूब 3:13
46 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर ने मनुष्‍य से कहा, “देखो, मुझ-प्रभु की भक्‍ति करना ही बुद्धिमानी है; और बुराई से दूर रहना ही समझदारी है!” ’


जो बुद्धिमान है, वह इन बातों पर ध्‍यान दे; लोग प्रभु की करुणा पर विचार करें।


अपने भाई-बहिनों और साथियों के लिए मैं यह कहूंगा, ‘तुझ में शान्‍ति बनी रहे।’


प्रभु अपनी प्रजा से प्रसन्न है। वह पीड़ित व्यक्‍ति को विजय से विभूषित करता है।


वह नम्र व्यक्‍ति को धर्मपथ पर चलाता है; वह उसे अपना मार्ग सिखाता है।


आपके यश की समृद्धि हो। सत्‍य और न्‍याय की रक्षा के लिए आप सवार होइए। आपका दाहिना हाथ आपको आतंकपूर्ण कार्यों के लिए प्रेरित करे।


बुद्धिमान मनुष्‍य किसके समान है? कौन व्यक्‍ति तत्‍व का अर्थ जानता है? मनुष्‍य की बुद्धि के कारण उस‍का मुख चमकता है, और उसके चेहरे की कठोरता दूर हो जाती है।


जो व्यक्‍ति राजा की आज्ञा का पालन करता है, उसका अनिष्‍ट नहीं होता। बुद्धिमान मनुष्‍य उपयुक्‍त समय और उपयुक्‍त कार्य-विधि जानता है।


पीड़ित व्यक्‍ति प्रभु में अधिकाधिक आनन्‍दित होंगे, समाज का सर्वाधिक दरिद्र मनुष्‍य इस्राएल के पवित्र परमेश्‍वर में हर्षित होगा;


मिद्यान और एपा देशों की ऊंटनियों के, ऊंटों के कारवां तुझे ढक लेंगे। वे शबा देश से आएंगे। वे अपने साथ सोना और लोबान लाएंगे और प्रभु के प्रशंसात्‍मक कार्यों का शुभ-सन्‍देश सुनाएँगे।


प्रभु का आत्‍मा मुझ पर है; क्‍योंकि उसने पीड़ित व्यक्‍तियों को शुभ-सन्‍देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्‍वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्‍वस्‍थ करूं, बन्‍दियों को स्‍वतंत्रता का सन्‍देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।


कौन मनुष्‍य इतना बुद्धिमान है कि वह इन घटनाओं का भेद समझ सके? किस मनुष्‍य को स्‍वयं प्रभु ने इनका अर्थ समझाया है, कि वह सब मनुष्‍यों पर उसको घोषित करे? देश क्‍यों खण्‍डहर बन गया? वह निर्जन प्रदेश के समान उजाड़ क्‍यों पड़ा है? राहगीर वहां से क्‍यों नहीं गुजरते?


प्रभु यों कहता है, ‘बुद्धिमान मनुष्‍य अपनी बुद्धि पर गर्व न करे, और न बलवान अपने बल पर। धनवान मनुष्‍य अपने धन का घमण्‍ड न करे।


परमेश्‍वर ही काल का नियंता और ऋतुओं का परिवर्तनकर्त्ता है। वही राजाओं को सिंहासन पर बैठाता, और वही उनको पदच्‍युत करता है। परमेश्‍वर ही बुद्धिमान को बुद्धि और समझदार को समझ देता है।


ओ देश के सब विनम्र लोगो, प्रभु के आज्ञाकारी लोगो, प्रभु को खोजो; धार्मिकता को, नम्रता को ढूंढ़ो। तब सम्‍भवत: तुम प्रभु के प्रकोप-दिवस पर सुरक्षित रह सको।


पृथ्‍वी पर रहने वाले सब मनुष्‍यों में मूसा सर्वाधिक विनम्र थे।


मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो और मुझ से सीखो; क्‍योंकि मैं स्‍वभाव से नम्र और विनीत हूँ। इस तरह तुम अपनी आत्‍मा में शान्‍ति पाओगे,


“सियोन नगरी से कहो : देख! तेरा राजा तेरे पास आ रहा है। वह विनम्र है। वह गदही पर और उसके बछेरू पर, वरन् लद्दू जानवर के बच्‍चे पर सवार है।”


धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं; क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे।


“जो मेरी ये बातें सुनता और उन पर चलता है, वह उस समझदार मनुष्‍य के सदृश है, जिसने चट्टान पर अपना घर बनवाया था।


मैं आप को लज्‍जित करने के लिए यह कह रहा हूँ। क्‍या आप लोगों में एक भी समझदार व्यक्‍ति नहीं है, जो भाई-भाई के बीच न्‍याय कर सकता है?


मैं-पौलुस-मसीह की नम्रता और दयालुता के नाम पर आप लोगों से यह निवेदन कर रहा हूँ। कुछ लोग कहते हैं कि मैं आप लोगों के सामने दीन-हीन हूँ, किन्‍तु दूर रहने पर निर्भीक।


इसलिए आप कलीसियाओं की जानकारी में उन्‍हें अपने प्रेम का प्रमाण दें कि हम आप पर जो गर्व करते हैं, वह उचित ही है।


नम्रता और संयम। इनके विरुद्ध कोई विधि नहीं है।


भाइयो और बहिनो! यदि यह पता चले कि किसी ने कोई अपराध किया है, तो आप लोग, जो आध्‍यात्‍मिक हैं, उसे नम्रतापूर्वक सुधारें। आप स्‍वयं सावधान रहें: कहीं ऐसा न हो कि आप भी प्रलोभन में पड़ जायें।


हर एक व्यक्‍ति अपने कार्य की जाँच करे। तब उसके पड़ोसी का कार्य नहीं, बल्‍कि यह कार्य, उसके गर्व करने का उचित कारण होगा।


आप पूर्ण रूप से विनम्र, सौम्‍य तथा सहनशील बनें, प्रेम से एक दूसरे को सहन करें


आप लोग एक बात का ध्‍यान रखें : आपका आचरण मसीह के शुभ समाचार के योग्‍य हो। इस तरह मैं चाहे आ कर आप से मिलूँ, चाहे दूर रह कर आप के विषय में सुनूँ, मुझे यही मालूम हो कि आप एक-प्राण हो कर विश्‍वास में अटल बने हुए हैं, एक-हृदय हो कर शुभसमाचार में विश्‍वास के लिए मेरे साथ प्रयत्‍नशील हैं


आप लोग परमेश्‍वर की पवित्र एवं परमप्रिय चुनी हुई प्रजा हैं। इसलिए आप लोगों को सहानुभूति, अनुकम्‍पा, विनम्रता, कोमलता और सहनशीलता धारण करनी चाहिए।


तुम्‍हारी युवावस्‍था के कारण कोई तुम्‍हारा तिरस्‍कार न करे। तुम वचन, कर्म, प्रेम, विश्‍वास और शुद्धता में विश्‍वासियों के आदर्श बनो।


परमेश्‍वर का सेवक होने के नाते तुम इन सब बातों से अलग रह कर धार्मिकता, भक्‍ति, विश्‍वास, प्रेम, धैर्य तथा विनम्रता की साधना करो।


और इस आशा से विरोधियों को नम्रता से समझाये कि वे परमेश्‍वर की दया से पश्‍चात्ताप करें और सच्‍चाई पहचानें।


किसी की निन्‍दा न करें, झगड़ालू नहीं, बल्‍कि सहनशील हों और सब लोगों के साथ नम्र व्‍यवहार करें।


आप लोग धन का लालच न करें। जो आपके पास है, उस से सन्‍तुष्‍ट रहें; क्‍योंकि परमेश्‍वर ने स्‍वयं कहा है, “मैं तुझको नहीं छोड़ूँगा। मैं तुझको कभी नहीं त्‍यागूँगा।”


इसलिए आप लोग हर प्रकार की मलिनता और समस्‍त बुराई को दूर कर नम्रतापूर्वक परमेश्‍वर का वह वचन ग्रहण करें, जो आप में रोपा गया है और आपकी आत्‍मा का उद्धार करने में समर्थ है।


और ऐसे मनुष्‍य से कोई कह सकता है, “तुम विश्‍वास करते हो, किन्‍तु मैं उसके अनुसार आचरण करता हूँ। मुझे अपना विश्‍वास दिखाओ जिस पर तुम नहीं चलते और मैं अपने आचरण द्वारा तुम्‍हें अपने विश्‍वास का प्रमाण दूँगा।”


मेरे भाइयो और बहिनो! आप लोगों में बहुत लोग गुरु न बनें, क्‍योंकि आप जानते हैं कि हम गुरुओं से अधिक कड़ाई से लेखा मांगा जायेगा।


किन्‍तु ऊपर से आयी हुई प्रज्ञ सब से पहले निर्दोष है, और वह शान्‍तिप्रिय, सहनशील, विनम्र, करुणामय, परोपकारी, पक्षपातहीन और निष्‍कपट भी है।


जिसने आप को बुलाया, वह पवित्र है। आप भी उसके सदृश अपने समस्‍त आचरण में पवित्र बनें;


अन्‍यधर्मियों के बीच आप लोगों का आचरण निर्दोष हो। इस प्रकार जो अब आप को कुकर्मी कहकर आपकी निन्‍दा करते हैं, वे आपके सत्‍कर्मों को देख कर कृपा-दिवस पर परमेश्‍वर की स्‍तुति करेंगे।


परन्‍तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्‍ट्र तथा परमेश्‍वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्‍धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्‍योति में बुला लाया है।


वह हृदय के अभ्‍यन्‍तर का शृंगार हो, अर्थात् विनम्र तथा शान्‍त स्‍वभाव का अनश्‍वर अलंकरण, जो परमेश्‍वर की दृष्‍टि में बहुत मूल्‍यवान् है।


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