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यशायाह 32:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 धार्मिकता से शान्‍ति मिलेगी, और धार्मिकता का फल होगा: चिर सुख-चैन और सुरक्षा!

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पवित्र बाइबल

17 वह नेकी सदा—सदा के लिये शांति और सुरक्षा को लायेगी।

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Hindi Holy Bible

17 और धर्म का फल शांति और उसका परिणाम सदा का चैन और निश्चिन्त रहना होगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 और धर्म का फल शान्ति और उसका परिणाम सदा का चैन और निश्‍चिन्त रहना होगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 धार्मिकता का फल है शांति, उसका परिणाम चैन; और हमेशा के लिए साहस!

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

17 और धार्मिकता का फल शान्ति और उसका परिणाम सदा का चैन और निश्चिन्त रहना होगा। (रोम. 14:7, याकू. 3:18)

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यशायाह 32:17
35 क्रॉस रेफरेंस  

इस प्रकार मोरदकय ने सम्राट क्षयर्ष के अधीन एक सौ सत्ताईस प्रदेशों के रहने वाले यहूदियों को कल्‍याण और सत्‍यनिष्‍ठा की कामना करते हुए पत्र लिखे।


प्रभु, तेरी व्‍यवस्‍था के प्रेमियों को अपार शांति मिलती है, उन्‍हें कोई बाधा नहीं होती।


करुणा और सच्‍चाई आपस में मिलेंगी, धार्मिकता एवं शान्‍ति परस्‍पर चुंबन करेंगी।


मुझे सुनने दो, कि प्रभु परमेश्‍वर क्‍या कहता है? वह अपनी प्रजा से, अपने भक्‍तों से, और उनसे, जो हृदय से उसकी ओर लौटते हैं, शान्‍तिप्रद वचन बोलेगा।


किन्‍तु जो व्यक्‍ति मेरी बात सुनेगा, वह सुरक्षित निवास करेगा। वह बुराई से नहीं डरेगा; बल्‍कि सुख-चैन से रहेगा।’


प्रभु की भक्‍ति करने से मनुष्‍य में सुदृढ़ आत्‍म-विश्‍वास जागता है; प्रभु के भक्‍त की सन्‍तान कभी निराश्रित नहीं होगी।


उस दिन यिशय का वंश-मूल देश-देश के लोगों के लिए एक पताका बनेगा। राष्‍ट्र उसको ढूंढ़ेंगे। उसका निवास-स्‍थान तेजोमय होगा।


एफ्रइम की ईष्‍र्या खत्‍म हो जाएगी; यहूदा में सतानेवाले समाप्‍त होंगे। एफ्रइम यहूदा से फिर नहीं जलेगा, और न यहूदा एफ्रइम को सताएगा।


प्रभु! जो व्यक्‍ति अपने मन को सदा तुझ में लीन रखता है, उसको तू पूर्ण शान्‍त जीवन प्रदान करता है, क्‍योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।”


इनके विषय में प्रभु ने यह कहा था: “यही विश्राम है, कि तुम स्‍वयं थके-मांदे लोगों को विश्राम दो; इसी से पुनर्जीवन प्राप्‍त होता है।” परन्‍तु उन्‍होंने नहीं सुना था।


इस्राएल का पवित्र परमेश्‍वर, प्रभु, स्‍वामी यों कहता है: “लौट आने और शान्‍त रहने से ही तुम्‍हारी रक्षा होगी, चुप रहने और भरोसा करने में ही तुम्‍हारी शक्‍ति है।” पर तुमने ऐसा नहीं किया।


ओ इस्राएल, तेरे युग में प्रभु स्‍थायित्‍व का आधार होगा; वह तुझे पूर्ण उद्धार, अपार बुद्धि और असीमित ज्ञान प्रदान करेगा। प्रभु का भय ही तेरा एकमात्र धन है!


भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्‍यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्‍याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।


तुम इस देश से आनन्‍दपूर्वक निकलोगे, और कुशलतापूर्वक तुम्‍हारा नेतृत्‍व किया जाएगा। मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़ तुम्‍हारे सम्‍मुख आनन्‍द के गीत गाएंगे; मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे।


प्रभु यह कहता है : ‘जो समीप है, और जो दूर है, दोनों का कल्‍याण हो, उन्‍हें शान्‍ति प्राप्‍त हो। मैं उन्‍हें स्‍वस्‍थ करूंगा।


प्रभु यों कहता है : ‘मैं यरूशलेम की समृद्धि को नदी की बाढ़ के सदृश बनाऊंगा; राष्‍ट्रों की सम्‍पत्ति को उमड़ती हुई जल-धारा के समान उसकी ओर प्रवाहित करूंगा। ओ यरूशलेम के पुत्र-पुत्रियो! तुम अपनी मां का स्‍तन-पान करोगे! वह तुम्‍हें अपनी पीठ पर बैठाकर ले जाएगी। तुम उसके घुटनों पर कूदोगे।


उसकी राज्‍य-सत्ता बढ़ती जाएगी, उसके कल्‍याणकारी कार्यों का अन्‍त न होगा। वह दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसके राज्‍य को संभालेगा। वह अब से लेकर सदा के लिए न्‍याय के कार्यों से उसको सुदृढ़ करेगा, अपने धार्मिक आचरण से उसे सम्‍भालेगा। स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का धर्मोत्‍साह यह कार्य पूर्ण करेगा!


जो देश मैंने अपने सेवक याकूब को दिया था, वहां वे अपने पूर्वजों के देश में पुन: निवास करेंगे। वे और उनके वंशज, पीढ़ी से पीढ़ी तक वहीं स्‍थायी रूप से रहेंगे; और मेरे सेवक दाऊद के वंशज युग-युगांतर उनके प्रशासक होंगे।


‘मैं इस्राएल के वंशजों पर अपना आत्‍मा उण्‍डेलूंगा,और फिर कभी उनसे अपना मुंह नहीं मोड़ूंगा। स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।’


क्‍योंकि परमेश्‍वर का राज्‍य खाने-पीने का नहीं, बल्‍कि वह धार्मिकता, शान्‍ति और आनन्‍द का विषय है, जो पवित्र आत्‍मा से प्राप्‍त होते हैं।


हमें एक बात का गर्व है-हमारा अन्‍त:करण हमें विश्‍वास दिलाता है कि हमने मनुष्‍यों के साथ और विशेष कर आप लोगों के साथ जो व्‍यवहार किया है, वह संसार की बुद्धिमानी के अनुसार नहीं, बल्‍कि उस सच्‍चाई और ईमानदारी के अनुसार था जो परमेश्‍वर की कृपा का वरदान है।


कोई भी अनुशासन, अनुशासन की अवधि में सुखद नहीं, दु:खद प्रतीत होता है; किन्‍तु जो ताड़ना-प्रताड़ना द्वारा प्रशििक्षत होते हैं, वे बाद में धार्मिकता का शान्‍तिप्रद फल प्राप्‍त करते हैं।


मैं चाहता हूँ कि आपकी आशा परिपूर्ण हो जाने तक आप लोगों में हर एक व्यक्‍ति यही तत्‍परता दिखलाता रहे।


इस प्रकार प्रेम हम में अपनी परिपूर्णता तक पहुँच जाता है, जिससे हम न्‍याय के दिन पूरा भरोसा रख सकें; क्‍योंकि जैसे मसीह हैं वैसे हम भी इस संसार में हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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