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यिर्मयाह 7:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किन्‍तु मैंने उनको यह आज्ञा दी थी: “मेरी वाणी को सुनोगे तो मैं तुम्‍हारा परमेश्‍वर होऊंगा, और तुम मेरे निज लोग होगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्‍हें आदेश दिया है, उस पर चलते रहोगे तो तुम्‍हारा कल्‍याण होगा।”

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पवित्र बाइबल

मैंने उन्हें केवल यह आदेश दिया, ‘मेरी आज्ञा का पालन करो और मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूँगा तथा तुम मेरे लोग होगे। जो मैं आदेश देता हूँ वह करो, और तुम्हारे लिए सब अच्छा होगा।’

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Hindi Holy Bible

परन्तु मैं ने तो उन को यह आज्ञा दी कि मेरे वचन को मानो, तब मैं तुम्हारा परमेश्वर हूंगा, और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे; और जिस मार्ग की मैं तुम्हें आज्ञा दूं उसी में चलो, तब तुम्हारा भला होगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु मैं ने उनको यह आज्ञा दी कि मेरे वचन को मानो, तब मैं तुम्हारा परमेश्‍वर हूँगा, और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे; और जिस मार्ग की मैं तुम्हें आज्ञा दूँ उसी में चलो, तब तुम्हारा भला होगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु मैंने उन्हें आदेश यह दिया था: मेरे आदेशों का पालन करो, तो मैं तुम्हारा परमेश्वर बना रहूंगा तथा तुम मेरी प्रजा बनी रहोगी. मेरी नीतियों का आचरण करो जिनका मैंने तुम्हें आदेश दिया है, कि तुम्हारा कल्याण हो.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु मैंने तो उनको यह आज्ञा दी कि मेरे वचन को मानो, तब मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊँगा, और तुम मेरी प्रजा ठहरोगे; और जिस मार्ग की मैं तुम्हें आज्ञा दूँ उसी में चलो, तब तुम्हारा भला होगा।

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यिर्मयाह 7:23
38 क्रॉस रेफरेंस  

यदि धार्मिक मनुष्‍य उसकी बात पर ध्‍यान देते और वे उसकी सेवा करते हैं तो वे अपनी आयु के शेष दिन, शेष वर्ष सुख-समृद्धि में कुशलता से बिताते हैं।


जो अन्‍याय नहीं करते वरन् प्रभु के मार्ग पर चलते हैं।


तुझे बलि और भेंट की चाह नहीं। तूने मेरे कानों को खोला कि मैं तेरी व्‍यवस्‍था का पालन करूं; तुझे अग्‍निबलि और पापबलि की आकांक्षा नहीं।


यदि मेरी प्रजा ने मेरी बात सुनी होती, यदि इस्राएल मेरे मार्ग पर चलता,


प्रभु ने कहा, ‘यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी ध्‍यानपूर्वक सुनोगे, जो कार्य मेरी दृष्‍टि में उचित है, उसे करोगे, मेरी आज्ञाओं पर कान दोगे और मेरी समस्‍त संविधियों का पालन करोगे, तो मैं तुम पर महामारियाँ नहीं डालूँगा, जो मैंने मिस्र-निवासियों पर डाली थीं, क्‍योंकि मैं प्रभु हूं−तुम्‍हें स्‍वस्‍थ करने वाला।’


मूसा ने कहा, ‘जो आज्ञा प्रभु ने दी है, वह यह है : एक ओमेर माप “मन्ना” तुम्‍हारी पीढ़ी से पीढ़ी तक सुरक्षित रखा जाए जिससे वे उस भोजन को देखें जिसे मैंने तुम्‍हें निर्जन प्रदेश में खिलाया था, जब मैं तुम्‍हें मिस्र देश से निकालकर लाया।’


धार्मिक व्यक्‍तियों से यह कहो, ‘चिन्‍ता मत करो, तुम्‍हारा भला होगा, तुम अपने परिश्रम का फल खाओगे।’


मैंने यह विधान तुम्‍हारे पूर्वजों को उस समय सुनाया था, जब मैंने उनको मिस्र देश की गुलामी से, लोहे की भट्टी से बाहर निकाला था, और उन से यह कहा था, “जो मैं तुम से कहता हूं, यदि उस को तुम मानोगे, मेरी प्रत्‍येक आज्ञा का पालन करोगे, तो तुम मेरे निज लोग कहलाओगे, और मैं तुम्‍हारा परमेश्‍वर होऊंगा।”


जब मैं तुम्‍हारे पूर्वजों को मिस्र देश से निकाल लाया था, तब उनको गंभीर चेतावनी दी थी। उस दिन से आज तक मैं लगातार चेतावनी देता आया हूं कि मेरी आज्ञा का पालन करो।


मुझ-प्रभु की यह वाणी है: जैसे लुंगी मनुष्‍य की कमर से चिपकी रहती है वैसे ही मैंने इस्राएल के तथा यहूदा प्रदेश के सब लोगों को अपने से चिपका कर रखा था कि वे मेरे निज लोग बनें, और मेरे नाम, मेरी स्‍तुति और महिमा का कारण बनें। किन्‍तु उन्‍होंने मेरी बात नहीं मानी।


जब तू सुख में डूबी थी, तब मैंने तुझे चेतावनी दी थी; पर तूने मेरी उपेक्षा कर कहा, “मैं तेरी बात नही सुनूंगी।” तू अपने बचपन से यही आचरण करती आयी है। तूने मेरी वाणी नहीं सुनी; तून मेरी आज्ञा का उल्‍लंघन किया।


प्रभु यह कहता है: न्‍याय और धर्म का आचरण करो; जो मनुष्‍य लूट लिया गया है, उसको अत्‍याचारी के हाथ से बचाओ। विदेशी, अनाथ और विधवा के साथ बुरा व्‍यवहार मत करो; उन पर अत्‍याचार मत करो; और न राजमहल के इस स्‍थान में किसी निर्दोष की हत्‍या करो।


मैं उन को ऐसा हृदय दूंगा, जिससे वे मुझे जानेंगे कि मैं ही प्रभु हूं। मैं उनका परमेश्‍वर हूंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे, क्‍योंकि वे सच्‍चे हृदय से मेरे पास लौटे आएंगे।’


प्रभु यों कहता है : ‘उन दिनों के पश्‍चात् मैं इस्राएली जनता से यह विधान स्‍थापित करूंगा: मैं उनके मन में अपनी व्‍यवस्‍था प्रतिष्‍ठित करूंगा, और मैं उसको उनके हृदय पर लिखूंगा। मैं उनका परमेश्‍वर होऊंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे।


वे मिस्र देश से इस देश में आए। उन्‍होंने इस देश में प्रवेश किया, और इस पर अधिकार कर लिया। ‘किन्‍तु उन्‍होंने तेरी वाणी नहीं सुनी, और तेरी व्‍यवस्‍था के अनुसार आचरण नहीं किया। उन्‍होंने वे कार्य नहीं किये जिनको करने का आदेश तूने उनको दिया था। अत: तूने यह विपत्ति उन पर ढाही।


यिर्मयाह ने उत्तर दिया, ‘महाराज, कसदी उच्‍चाधिकारी आपको उनके हाथ में नहीं सौंपेंगे। कृपया, प्रभु की वाणी पर ध्‍यान दीजिए। जो प्रभु का वचन मैंने आप से कहा है, उस पर विश्‍वास कीजिए। आप का भला होगा, और आपका प्राण जीवित रहेगा।


चाहे उसका वचन हमारे हित में हो, या अहित में, हम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञा का पालन करेंगे। उससे प्रार्थना करने के लिए हम आप को भेज रहे हैं। ताकि जब हम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञा का पालन करें, तब हमारा कल्‍याण हो।’


वह किसी की बात पर ध्‍यान नहीं देती, वह ताड़ना पाने पर भी नहीं सुधरी। वह प्रभु पर भरोसा नहीं करती। वह परमेश्‍वर की आराधना के लिए उसके मन्‍दिर में नहीं आती।


‘जो मेरे निज लोग दूर-दूर के देशों में तितर-बितर हैं, वे भी आएंगे और प्रभु के मन्‍दिर का निर्माण करने में सहायता करेंगे।’ तब तुम्‍हें ज्ञात होगा कि स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे तुम्‍हारे पास भेजा है। यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं का तत्‍परतापूर्वक पालन करोगे, तो यह कार्य निश्‍चय ही पूरा होगा।


जब यरूशलेम नगर, उसके आस-पास के नगर, उसका नेगेब और शफेलाह क्षेत्र आबाद और समृद्ध थे, तब क्‍या प्रभु ने प्राचीन काल के नबियों के द्वारा यह नहीं कहा था?’


परन्‍तु अब प्रकाशित हो गया है। यह नबियों के ग्रंथों द्वारा, शाश्‍वत परमेश्‍वर के आदेशानुसार, सब जातियों में उद्घोषित किया गया है, जिससे वे विश्‍वास की अधीनता स्‍वीकार करें।


यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं को सुनोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ, तो परमेश्‍वर से तुम्‍हें आशिष प्राप्‍त होगी।


तू केवल अपने प्रभु परमेश्‍वर का अनुसरण करना, उसकी भक्‍ति करना, उसकी आज्ञाओं का पालन करना, और उसकी वाणी को सुनना। तू उसकी आराधना करना, और उससे सम्‍बद्ध रहना।


किन्‍तु उस नबी अथवा स्‍वप्‍न-द्रष्‍टा को मृत्‍यु-दण्‍ड देना; क्‍योंकि उसने तुझे उस प्रभु परमेश्‍वर से विमुख करने वाले वचन कहे थे, जिसने तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला और तुझे दासत्‍व के घर से मुक्‍त किया है। उस नबी अथवा स्‍वप्‍न-द्रष्‍टा ने तुझे उस मार्ग से खींचा था, जिस पर चलने की आज्ञा तेरे प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे दी है। तू अपने मध्‍य से इस बुराई को अवश्‍य दूर करना।


जब तू और तेरी सन्‍तान अपने प्रभु परमेश्‍वर की ओर लौटेंगे, उसकी वाणी को सुनेंगे, उसकी आज्ञाओं का, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, अपने सम्‍पूर्ण हृदय से, अपने सम्‍पूर्ण प्राण से पालन करेंगे,


अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करें, उसकी वाणी सुनें और उससे चिपके रहें। यही तेरे जीवन का अभिप्राय है। इस पर ही तेरी दीर्घायु निर्भर है। तब तू उस भूमि पर निवास कर सकेगा, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से, अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि वह उनको प्रदान करेगा।’


तू पुन: अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी सुनेगा और उसकी आज्ञाओं के अनुसार, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, कार्य करने लगेगा।


जिस दिन तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख होरेब पर्वत पर खड़े थे तब प्रभु ने मुझसे यह कहा था, “लोगों को मेरे पास एकत्र कर कि मैं उन्‍हें अपनी बात सुना सकूं, जिससे वे पृथ्‍वी पर जीवन-भर मेरी भक्‍ति करना सीखें और अपनी सन्‍तान को भी यह बात सिखाएं।”


इसलिए तू उसकी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करना, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूं, जिससे तेरा और तेरे पश्‍चात् तेरी सन्‍तान का भला हो, और तू उस देश में दीर्घ जीवन व्‍यतीत करे, जिसको तेरा प्रभु परमेश्‍वर सदा के लिए तुझे प्रदान कर रहा है।’


‘अपने माता-पिता का आदर कर, जैसी तेरे प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे आज्ञा दी है, जिससे तेरी आयु दीर्घ हो सके, और उस भूमि पर तेरा भला हो जिसे तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे प्रदान कर रहा है।


भला होता कि उनका हृदय सदा ऐसा ही रहता। वे मुझसे डरते और मेरी भक्‍ति करते। वे मेरी सब आज्ञाओं का पालन करते, जिससे उनका और उनकी सन्‍तान का सदा भला होता!


जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्‍हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।


अत: ओ इस्राएल, इन्‍हें सुन, और इनका पालन करने के लिए सदा तत्‍पर रह! इससे तेरा भला होगा और जैसा तेरे पूर्वजों का प्रभु परमेश्‍वर तुझसे बोला था, उसके अनुसार तू दूध और शहद की नदियोंवाले देश में असंख्‍य हो जाएगा।


वह पूर्ण रूप से सिद्ध बन कर और परमेश्‍वर से मलकीसेदेक के अनुरूप महापुरोहित की उपाधि प्राप्‍त कर उन सब के शाश्‍वत मुक्‍ति के स्रोत बन गये, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं।


किन्‍तु शमूएल ने यह कहा : ‘जैसे प्रभु अपनी आज्ञा का पालन किये जाने पर प्रसन्न होता है, क्‍या वैसे वह अग्‍नि-बलि और पशुओं की बलि से प्रसन्न होता है? देख, प्रभु की आज्ञा मानना पशु की बलि चढ़ाने से श्रेष्‍ठ है! उसकी बात पर ध्‍यान देना मेढ़े की चर्बी चढ़ाने से उत्तम है।