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व्यवस्थाविवरण 30:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

20 अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करें, उसकी वाणी सुनें और उससे चिपके रहें। यही तेरे जीवन का अभिप्राय है। इस पर ही तेरी दीर्घायु निर्भर है। तब तू उस भूमि पर निवास कर सकेगा, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से, अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि वह उनको प्रदान करेगा।’

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पवित्र बाइबल

20 तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर को प्रेम करना चाहिए और उसकी आज्ञा माननी चाहिए। उससे कभी विमुख न हो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा जीवन है, और यहोवा तुम्हें उस देश में लम्बा जीवन देगा जिसे उसने तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था।”

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Hindi Holy Bible

20 इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो, और उसकी बात मानों, और उस से लिपटे रहो; क्योंकि तेरा जीवन और दीर्घ जीवन यही है, और ऐसा करने से जिस देश को यहोवा ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूर्वजों को देने की शपथ खाई थी उस देश में तू बसा रहेगा॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

20 इसलिये अपने परमेश्‍वर यहोवा से प्रेम करो, और उसकी बात मानो, और उससे लिपटे रहो; क्योंकि तेरा जीवन और दीर्घजीवन यही है, और ऐसा करने से जिस देश को यहोवा ने अब्राहम, इसहाक, और याक़ूब, तेरे पूर्वजों को देने की शपथ खाई थी उस देश में तू बसा रहेगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

20 उनसे दृढतापूर्वक लगे रहने के द्वारा तुम और तुम्हारे वंशज जीवन को चुन लो, क्योंकि वही तुम्हारे जीवन और दीर्घायु हैं. इससे तुम अपने पूर्वजों अब्राहाम, यित्सहाक और याकोब से याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा की गई शपथ के कारण उस देश में निवास करते रह सको.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

20 इसलिए अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो, और उसकी बात मानो, और उससे लिपटे रहो; क्योंकि तेरा जीवन और दीर्घ आयु यही है, और ऐसा करने से जिस देश को यहोवा ने अब्राहम, इसहाक, और याकूब, अर्थात् तेरे पूर्वजों को देने की शपथ खाई थी उस देश में तू बसा रहेगा।”

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व्यवस्थाविवरण 30:20
39 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, ‘मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा।’ अत: अब्राम ने प्रभु के लिए, जिसने उन्‍हें दर्शन दिया था, वहाँ एक वेदी बनाई।


जब अब्राम निन्‍यानबे वर्ष के थे तब प्रभु ने उन्‍हें दर्शन देकर कहा, ‘मैं सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर हूं। मेरी उपस्‍थिति में रहकर निर्दोष आचरण करने का प्रयत्‍न कर।


प्रभु मेरी ज्‍योति और मेरा सहायक है; तब मैं किससे डरूँ? प्रभु मेरा जीवन-रक्षक है; तब मैं क्‍यों भयभीत होऊं?


प्रभु का क्रोध क्षण मात्र के लिए होता है; पर उसकी कृपा जीवनपर्यन्‍त बनी रहती है। रोदन संध्‍या समय आकर रात में ठहर सकता है, पर प्रभात के साथ उल्‍लास का आगमन होता है।


तेरे साथ ही जीवन का स्रोत्त है; तेरी ज्‍योति में हम ज्‍योति देखते हैं।


प्रभु पर भरोसा रखो और भले कार्य करो; पृथ्‍वी पर निवास करो और सत्‍य का पालन करो।


उसने हमारे प्राणों को जीवित रखा, और हमारे पैरों को फिसलने नहीं दिया।


तुम मेरी संविधियों एवं न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करना; क्‍योंकि उनको मानने से मनुष्‍य जीवित रहेगा। मैं प्रभु हूँ।


येशु ने कहा, “मार्ग, सत्‍य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।


वे तुझे, एकमात्र सच्‍चे परमेश्‍वर को और येशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जान लें− यही शाश्‍वत जीवन है।


जब बरनबास ने वहाँ पहुच कर परमेश्‍वर का अनुग्रह देखा, तो वह आनन्‍दित हो उठे। उन्‍होंने सब को प्रोत्‍साहित किया कि वे सम्‍पूर्ण हृदय से प्रभु के प्रति निष्‍ठावान बने रहें;


और न उसे किसी वस्‍तु का अभाव है कि वह मनुष्‍यों के हाथों से सेवा ग्रहण करे; क्‍योंकि वह तो स्‍वयं सब को जीवन, प्राण और सब वस्‍तुएं प्रदान करता है।


क्‍योंकि उसी में हम जीवित रहते, चलते-फिरते तथा अस्‍तित्‍व रखते हैं। आपके ही कुछ कवियों ने कहा, ‘हम भी ईश्‍वर की संतान हैं।’


आप लोगों का प्रेम निष्‍कपट हो। आप बुराई से घृणा करें तथा भलाई में लगे रहें।


मैं अब जीवित नहीं रहा, बल्‍कि मसीह मुझ में जीवित हैं। अब मैं अपने शरीर में जो जीवन जीता हूँ, उसका एकमात्र प्रेरणा-स्रोत है-परमेश्‍वर के पुत्र में विश्‍वास, जिसने मुझ से प्रेम किया और मेरे लिए अपने को अर्पित किया।


देखो, मैंने तुम्‍हारे सम्‍मुख यह देश प्रस्‍तुत किया है। जो देश देने की शपथ, मैं-प्रभु ने तुम्‍हारे पूर्वज अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि मैं उन्‍हें तथा उनके पश्‍चात् उनके वंशजों को वह देश दूंगा, उसमें जाओ और उस पर अधिकार करो।”


‘अब, ओ इस्राएल, तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझ से क्‍या चाहता है? केवल यह कि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की भक्‍ति करे उसके सब मार्गों पर चले और उससे प्रेम करे; तू अपने सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से अपने प्रभु परमेश्‍वर की सेवा करे,


‘तू प्रभु परमेश्‍वर की भक्‍ति करना। तू उसकी आराधना करना, और उससे ही सम्‍बद्ध रहना। तू केवल उसके नाम की शपथ खाना।


‘यदि तुम इन सब आज्ञाओं का निश्‍चय ही पालन करोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ, उनको व्‍यवहार में लाओगे, अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करोगे, उसके मार्ग पर चलोगे, और उससे सम्‍बद्ध रहोगे,


प्रभु की आज्ञाओं का पालन करने से उस देश में तुम्‍हारी आयु लम्‍बी होगी। प्रभु ने शपथ खाई थी कि वह दूध और शहद की नदियों वाला देश तुम्‍हारे पूर्वजों और उनके वंशजों को प्रदान करेगा।


जब तुम यर्दन नदी को पार कर लोगे, और उस देश में बस जाओगे, जो पैतृक अधिकार के लिए तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हें दे रहा है, जब वह तुम्‍हारे चहुंओर के शत्रुओं से तुम्‍हें विश्राम देगा कि तुम सुरक्षित रूप से निवास कर सको,


यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करेगा, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करेगा और उसके मार्ग पर चलेगा, यदि तू उसकी आज्ञाओं, संविधियों और न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन करेगा, तो तू जीवित रहेगा, और असंख्‍य होगा। प्रभु परमेश्‍वर तुझ को उस देश में, जिस पर अधिकार करने के लिए तू वहाँ जा रहा है, आशिष देगा।


प्रभु परमेश्‍वर तेरे लोगों का और उनके वंशजों का हृदय विनम्र बनाएगा कि वे अपने प्रभु परमेश्‍वर को सम्‍पूर्ण हृदय से, सम्‍पूर्ण प्राण से प्रेम कर सकें और जीवित रहें।


मूसा ने सब इस्राएलियों से ये बातें भी कहीं।


क्‍योंकि व्‍यवस्‍था के ये शब्‍द खोखले नहीं हैं, वरन् ये तुम्‍हारा जीवन हैं। इन शब्‍दों के अनुसार कार्य करने से तुम्‍हारी आयु उस देश में लम्‍बी होगी, जहाँ तुम यर्दन नदी को पार कर अधिकार करने के लिए जा रहे हो।’


‘अब, ओ इस्राएल, जो संविधि और न्‍याय-सिद्धान्‍त पालन करने के लिए आज मैं तुम्‍हें सिखाऊंगा, उनको तुम सुनना, जिससे तुम जीवित रह सको और उस देश में प्रवेश कर उस पर अधिकार कर सको, जो तुम्‍हारे पूर्वजों का प्रभु परमेश्‍वर तुम्‍हें दे रहा है।


परन्‍तु तुम, अपने प्रभु परमेश्‍वर से सम्‍बद्ध रहनेवाले, सबके सब, आज तक जीवित हो।


इसलिए तू उसकी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करना, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूं, जिससे तेरा और तेरे पश्‍चात् तेरी सन्‍तान का भला हो, और तू उस देश में दीर्घ जीवन व्‍यतीत करे, जिसको तेरा प्रभु परमेश्‍वर सदा के लिए तुझे प्रदान कर रहा है।’


तुम उनका पालन करना और उनके अनुसार कार्य करना, क्‍योंकि इनके द्वारा ही दूसरी जातियों की दृष्‍टि में तुम्‍हारी बुद्धि और समझ प्रकट होगी। जब वे इन संविधियों के विषय में सुनेंगी तब कहेंगी, “निस्‍सन्‍देह, इस महान् राष्‍ट्र के लोग बुद्धिमान और समझदार हैं।”


‘अपने माता-पिता का आदर कर, जैसी तेरे प्रभु परमेश्‍वर ने तुझे आज्ञा दी है, जिससे तेरी आयु दीर्घ हो सके, और उस भूमि पर तेरा भला हो जिसे तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे प्रदान कर रहा है।


यदि तुम और तुम्‍हारे पुत्र-पुत्रियाँ तथा पौत्र-पौत्रियाँ अपने प्रभु परमेश्‍वर की जीवन-भर भक्‍ति करेंगे, यदि तुम उसकी सब संविधियों और आज्ञाओं का पालन करोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ, तो तुम्‍हारे पुत्र-पुत्रियों और पौत्र-पौत्रियों की आयु लम्‍बी होगी।


तू प्रभु, अपने परमेश्‍वर को अपने सम्‍पूर्ण हृदय, सम्‍पूर्ण प्राण और अपनी सम्‍पूर्ण शक्‍ति से प्रेम करना।


इसलिए अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करने के लिए सदा तत्‍पर रहो!


वरन् जैसा आज तक तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर से सम्‍बद्ध रहे हो वैसा ही भविष्‍य में रहना।


उसने फिर मुझ से कहा, “कार्य समाप्‍त हो गया। अलफा और ओमेगा, आदि और अन्‍त मैं हूँ। मैं प्‍यासे को संजीवन जल के स्रोत से मुफ्‍त में पिलाऊंगा।


इसके बाद उसने मुझे स्‍फटिक-जैसे संजीवन जल की नदी दिखायी, जो परमेश्‍वर और मेमने के सिंहासन से बह रही थी।


आत्‍मा तथा वधू, दोनों कहते हैं, “आइए।” जो सुनता है, वह उत्तर दे, “आइए।” जो प्‍यासा है, वह आये। जो चाहता है, वह उपहार में संजीवन जल ग्रहण करे।


हमारे पर का पालन करें:

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