7 मैं उन को ऐसा हृदय दूंगा, जिससे वे मुझे जानेंगे कि मैं ही प्रभु हूं। मैं उनका परमेश्वर हूंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे, क्योंकि वे सच्चे हृदय से मेरे पास लौटे आएंगे।’
7 मैं उन्हें अपने को समझने की इच्छा रखने वाला बनाऊँगा। वे समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर। मैं यह करूँगा क्योंकि वे बाबुल के बन्दी पूरे हृदय से मेरी शरण में आएंगे।
7 मैं उनका ऐसा मन कर दूंगा कि वे मुझे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ; और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा, क्योंकि वे मेरी ओर सारे मन से फिरेंगे।
7 मैं उनका ऐसा मन कर दूँगा कि वे मुझे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ; और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, क्योंकि वे मेरी ओर सारे मन से फिरेंगे।
7 मैं उन्हें ऐसा हृदय दूंगा जिससे उन्हें यह ज्ञान हो जाएगा, कि याहवेह मैं हूं. वे मेरी प्रजा होंगे, तथा मैं उनका परमेश्वर, क्योंकि वे अपने संपूर्ण हृदय से मेरे निकट लौट आएंगे.
7 मैं उनका ऐसा मन कर दूँगा कि वे मुझे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ; और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, क्योंकि वे मेरी ओर सारे मन से फिरेंगे।
यदि वे अपने निष्कासन के देश में, जहां शत्रु उन्हें बन्दी बनाकर ले गए थे, सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से पश्चात्ताप करेंगे, और इस देश की ओर जो तूने उनके पूर्वजों को दिया है, इस नगर की ओर, जिसको तूने चुना है, और इस भवन की ओर, जो मैंने तेरे नाम की महिमा के लिए निर्मित किया है, मुख करके प्रार्थना करेंगे,
मैंने अपने शब्द तेरे मुंह में रखे हैं; मैंने अपने हाथ की छाया में तुझे छिपाकर रखा है। मैंने ही आकाश को फैलाया है, मैंने ही पृथ्वी की नींव डाली है। मैं सियोन से यह कहता हूं : “तू ही मेरी प्रजा है।” ’
मैंने यह विधान तुम्हारे पूर्वजों को उस समय सुनाया था, जब मैंने उनको मिस्र देश की गुलामी से, लोहे की भट्टी से बाहर निकाला था, और उन से यह कहा था, “जो मैं तुम से कहता हूं, यदि उस को तुम मानोगे, मेरी प्रत्येक आज्ञा का पालन करोगे, तो तुम मेरे निज लोग कहलाओगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा।”
‘मैं-प्रभु यों कहता हूँ: जब बेबीलोन के सत्तर वर्ष पूरे हो जाएंगे, तब मैं तुम्हारी सुधि लूंगा, और जो सुन्दर वचन मैंने तुम्हें दिया है, वह पूरा करूंगा, और तुमको यहां वापस लाऊंगा।
किन्तु मैंने उनको यह आज्ञा दी थी: “मेरी वाणी को सुनोगे तो मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा, और तुम मेरे निज लोग होगे। जिस मार्ग पर चलने का मैंने तुम्हें आदेश दिया है, उस पर चलते रहोगे तो तुम्हारा कल्याण होगा।”
इतना ही नहीं, तू कहना, “स्वामी-प्रभु यों कहता है: मैं तुम्हें उन कौमों के मध्य से एकत्र करूंगा। जिन देशों में मैंने तुम्हें बिखेर दिया है, वहां से मैं तुम्हें निकालूंगा, और तुम्हें इस्राएल देश फिर दूंगा।”
मैं उनको दण्ड दूंगा जिससे इस्राएली कुल मेरा अनुसरण करना न छोड़े, और मेरे पास से दूर न हो, और न अनेक प्रकार के अपराध कर स्वयं को अशुद्ध करे। तब वे मेरे निज लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर हूंगा,’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
वे घृणित मूर्तियों की पूजा कर स्वयं को अशुद्ध नहीं करेंगे, और न ही मेरी आज्ञाओं का उल्लंघन कर किसी पाप से स्वयं को अपवित्र करेंगे। उन्होंने अपना धर्म त्याग दिया था और यों पाप किया था। मैं उनको धर्म-त्याग के पाप से छुड़ाऊंगा, और उनको शुद्ध करूंगा। तब वे मेरे निज लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर होऊंगा।
जैसे भट्ठी में चांदी शुद्ध की जाती है, वैसे ही मैं इस एक तिहाई आबादी को आग में झोंक कर उसे शुद्ध करूंगा। जैसे सोना परखा जाता है वैसे ही मैं उनको परखूंगा। वे मेरे नाम की दुहाई देंगे, और मैं उनको उत्तर दूंगा। मैं यह कहूंगा, “ये मेरे निज लोग हैं” , और वे यह कहेंगे, “प्रभु ही हमारा परमेश्वर है।” ’
पर नहीं, वे तो एक उत्तम स्वदेश अर्थात् स्वर्ग की खोज में लगे हुए थे; इसलिए परमेश्वर को उन लोगों का परमेश्वर कहलाने में लज्जा नहीं होती। उसने तो उनके लिए एक नगर का निर्माण किया है।
प्रभु यह कहता है : वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए यह विधान निर्धारित करूँगा-मैं अपने नियम उनके मन में रख दूँगा, मैं उन्हें उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
तब शमूएल ने इस्राएल के कुलों से यह कहा, ‘यदि तुम हृदय से प्रभु की ओर लौट रहे हो तो दूसरी जातियों के देवताओं की मूर्तियाँ, और अशेराह देवी की मूर्तियाँ अपने मध्य से दूर करो। अपने हृदय को प्रभु की ओर स्थिर रखो! केवल उसी की आराधना करो। तब वह तुम्हें पलिश्तियों के हाथ से मुक्त करेगा।’