यहेजकेल 47:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जहां-जहां से यह नदी गुजरती है, वहां झुण्ड के झुण्ड प्राणियों को जीवन मिलता है। वहां असंख्य मछलियां होती हैं; क्योंकि जब यह नदी वहां पहुंचती है तब लवण-सागर का खारा जल भी स्वच्छ और मीठा हो जाता है। इस प्रकार जहां-कहीं से यह नदी गुजरेगी, वहां के प्राणियों को जीवन मिलेगा। पवित्र बाइबल इस पानी में बहुत मछलियाँ हैं और जहाँ यह नदी जाती है वहाँ बहुत प्रकार के जानवर रहते हैं। Hindi Holy Bible और जहां जहां यह नदी बहे, वहां वहां सब प्रकार के बहुत अण्डे देने वाले जीव-जन्तु जीएंगे और मछलियां भी बहुत हो जाएंगी; क्योंकि इस सोते का जल वहां पहुंचा है, और ताल का जल मीठा हो जाएगा; और जहा कहीं यह नदी पहुंचेगी वहां सब जन्तु जीएंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जहाँ जहाँ यह नदी बहे, वहाँ वहाँ सब प्रकार के बहुत अण्डे देनेवाले जीवजन्तु जीएँगे और मछलियाँ भी बहुत हो जाएँगी; क्योंकि इस सोते का जल वहाँ पहुँचा है, और ताल का जल मीठा हो जाएगा; और जहाँ कहीं यह नदी पहुँचेगी वहाँ सब जन्तु जीएँगे। सरल हिन्दी बाइबल जहां कहीं भी नदी बहती है, वहां जीवित प्राणियों के झुंड पनपेंगे. वहां बड़ी संख्या में मछलियां होंगी, क्योंकि यह पानी वहां बहता है और खारे पानी को मीठा करता है; इसलिये जहां-जहां नदी बहती है, वहां हर चीज़ जीवित होगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जहाँ-जहाँ यह नदी बहे, वहाँ-वहाँ सब प्रकार के बहुत अण्डे देनेवाले जीवजन्तु जीएँगे और मछलियाँ भी बहुत हो जाएँगी; क्योंकि इस सोते का जल वहाँ पहुँचा है, और ताल का जल मीठा हो जाएगा; और जहाँ कहीं यह नदी पहुँचेगी वहाँ सब जन्तु जीएँगे। |
प्रभु ने कहा, ‘यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी ध्यानपूर्वक सुनोगे, जो कार्य मेरी दृष्टि में उचित है, उसे करोगे, मेरी आज्ञाओं पर कान दोगे और मेरी समस्त संविधियों का पालन करोगे, तो मैं तुम पर महामारियाँ नहीं डालूँगा, जो मैंने मिस्र-निवासियों पर डाली थीं, क्योंकि मैं प्रभु हूं−तुम्हें स्वस्थ करने वाला।’
उस दिन जब प्रभु अपने निज लोगों की चोटों की मरहम पट्टी करेगा। जब वह उनके घावों को स्वस्थ करेगा जो उसके प्रहार से हुए थे, तब चन्द्रमा का प्रकाश सूर्य के प्रकाश के सदृश हो जाएगा, और सूर्य का प्रकाश सात गुना तेज होगा, सप्ताह भर का सम्मिलित प्रकाश एक दिन में होगा!
देखो, वे दूर-दूर से आ रहे हैं : कोई उत्तर से, कोई पश्चिम से, और कोई सीनीम देश से आ रहे हैं।’
सब प्यासे लोगो, जल के पास आओ। जिसके पास पैसा नहीं है, वह भी आए। सब आओ, खरीदो, और खाओ। बिना पैसे के, बिना दाम के, अंगूर-रस और दूध खरीदो।
उस दिन अनेक राष्ट्र मुझ-प्रभु से मिल जाएंगे, और वे मेरे निज लोग बन जाएंगे। मैं तुम्हारे मध्य में रहूंगा।’ तब तुम्हें ज्ञात होगा कि स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।
थोड़ी देर और, फिर संसार मुझे नहीं देखेगा। पर तुम मुझे देखोगे; क्योंकि मैं जीवित हूँ, इसलिए तुम भी जीवित होगे।
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
“परमेश्वर ने संसार से इतना प्रेम किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करता है, वह नष्ट न हो, बल्कि शाश्वत जीवन प्राप्त करे।
किन्तु जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा, वह उस में जल-स्रोत बन जाएगा, जो शाश्वत जीवन तक उमड़ता रहेगा।”
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : वह समय आ रहा है, वरन् आ ही गया है, जब मृतक परमेश्वर के पुत्र की वाणी सुनेंगे, और जो सुनेंगे, उन्हें जीवन प्राप्त होगा,
आत्मा ही जीवन प्रदान करता है, शरीर से कुछ लाभ नहीं होता। मैंने तुम से जो वचन कहे हैं, वे आत्मा और जीवन हैं।
जिन्होंने पतरस की बातों को ग्रहण किया, उन्होंने बपतिस्मा लिया। उस दिन लगभग तीन हजार लोग शिष्यों में सम्मिलित हो गये।
वे परमेश्वर की स्तुति किया करते थे और सारी जनता उन्हें बहुत मानती थी। प्रभु प्रतिदिन उनके समुदाय में उन लोगों को मिला देता था, जो मुक्ति प्राप्त करते थे।
उन्होंने यह सुन कर परमेश्वर की स्तुति की और पौलुस से कहा, “भाई! आप देखते हैं कि हजारों यहूदियों ने विश्वास कर लिया है और वे सब व्यवस्था के कट्टर समर्थक भी हैं।
जिन्होंने प्रेरितों का प्रवचन सुना था, उन में बहुतों ने विश्वास किया। विश्वास करनेवाले पुरुषों की संख्या अब लगभग पाँच हजार तक पहुँच गयी।
प्रभु में विश्वास करने वालों की संख्या बढ़ती गई : स्त्री-पुरुषों का एक विशाल समुदाय बन गया।
परमेश्वर का वचन फैलता गया। यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई; और बहुत-से पुरोहितों ने इस विश्वास को स्वीकार कर लिया।
क्योंकि, ओ मनुष्य! पवित्र आत्मा के विधान ने, जो येशु मसीह द्वारा जीवन प्रदान करता है, तुझ को पाप तथा मृत्यु के नियम से मुक्त कर दिया है।
धर्मग्रन्थ में लिखा है कि “प्रथम मनुष्य आदम एक जीवन्त प्राणी बन गया।” अन्तिम आदम तो एक जीवनदायक आत्मा बन गया।