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1 कुरिन्थियों 15:45 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

45 धर्मग्रन्‍थ में लिखा है कि “प्रथम मनुष्‍य आदम एक जीवन्‍त प्राणी बन गया।” अन्‍तिम आदम तो एक जीवनदायक आत्‍मा बन गया।

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पवित्र बाइबल

45 शास्त्र कहता है: “पहला मनुष्य (आदम) एक सजीव प्राणी बना।” किन्तु अंतिम आदम (मसीह) जीवनदाता आत्मा बना।

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Hindi Holy Bible

45 ऐसा ही लिखा भी है, कि प्रथम मनुष्य, अर्थात आदम, जीवित प्राणी बना और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

45 ऐसा ही लिखा भी है, कि “प्रथम मनुष्य, अर्थात् आदम जीवित प्राणी बना” और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना।

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नवीन हिंदी बाइबल

45 इसलिए यह भी लिखा है : पहला मनुष्य, आदम जीवित प्राणी बना, और अंतिम आदम जीवनदायक आत्मा बना;

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सरल हिन्दी बाइबल

45 जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख भी है: “पहला मानव आदम जीवित प्राणी हुआ किंतु अंतिम आदम जीवनदायी आत्मा हुआ.”

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1 कुरिन्थियों 15:45
35 क्रॉस रेफरेंस  

तब प्रभु परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को भूमि की मिट्टी से गढ़ा तथा उसके नथुनों में जीवन का श्‍वास फूँका और मनुष्‍य एक जीवित प्राणी बन गया।


उसमें जीवन था, और यह जीवन मनुष्‍यों की ज्‍योति था।


“चोर केवल चुराने, मारने और नष्‍ट करने आता है। मैं इसलिए आया हूँ कि वे जीवन प्राप्‍त करें− बल्‍कि प्रचुरता से जीवन प्राप्‍त करें।


मैं उन्‍हें शाश्‍वत जीवन प्रदान करता हूँ। वे कभी नष्‍ट नहीं होंगी और उन्‍हें मेरे हाथ से कोई नहीं छीन सकेगा।


थोड़ी देर और, फिर संसार मुझे नहीं देखेगा। पर तुम मुझे देखोगे; क्‍योंकि मैं जीवित हूँ, इसलिए तुम भी जीवित होगे।


येशु ने कहा, “मार्ग, सत्‍य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।


येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम परमेश्‍वर का वरदान पहचानती और यह जानती कि वह कौन है, जो तुम से कह रहा है, ‘मुझे पानी पिलाओ’, तो तुम उससे माँगती और वह तुम्‍हें संजीवन जल देता।”


किन्‍तु जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्‍यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा, वह उस में जल-स्रोत बन जाएगा, जो शाश्‍वत जीवन तक उमड़ता रहेगा।”


जिस तरह पिता मृतकों को उठाता और उन्‍हें जीवन देता है, उसी तरह पुत्र भी जिसे चाहता, उसे जीवन प्रदान करता है;


परमेश्‍वर की रोटी तो वह है, जो स्‍वर्ग से उतर कर संसार को जीवन प्रदान करती है।”


जो मेरी देह खाता और मेरा रक्‍त पीता है, उसे शाश्‍वत जीवन प्राप्‍त है और मैं उसे अन्‍तिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा;


जिस तरह जीवन्‍त पिता ने मुझे भेजा है और मुझे पिता से जीवन मिलता है, उसी तरह जो मुझे खाता है, उस को मुझ से जीवन मिलेगा।


आत्‍मा ही जीवन प्रदान करता है, शरीर से कुछ लाभ नहीं होता। मैंने तुम से जो वचन कहे हैं, वे आत्‍मा और जीवन हैं।


सिमोन पतरस ने उन्‍हें उत्तर दिया, “प्रभु! हम किसके पास जाएँ! आपके पास शाश्‍वत जीवन के वचन हैं।


जीवन के अधिनायक को आप लोगों ने मार डाला; किन्‍तु परमेश्‍वर ने उन्‍हें मृतकों में से जिलाया। हम इस बात के साक्षी हैं।


यह सच है कि मृत्‍यु का राज्‍य एक मनुष्‍य के अपराध के फलस्‍वरूप—एक ही के द्वारा—प्रारम्‍भ हुआ, किन्‍तु इस परिणाम से कहीं अधिक जिन लोगों को परमेश्‍वर का अनुग्रह तथा धार्मिकता का वरदान प्रचुर मात्रा में मिलेगा, वे एक ही मनुष्‍य—येशु मसीह के द्वारा—जीवन का राज्‍य प्राप्‍त करेंगे।


इस प्रकार पाप, मृत्‍यु के माध्‍यम से, राज्‍य करता रहा; किन्‍तु हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा अनुग्रह, धार्मिकता के माध्‍यम से, अपना राज्‍य स्‍थापित करेगा और हमें शाश्‍वत जीवन में ले जायेगा।


क्‍योंकि, ओ मनुष्‍य! पवित्र आत्‍मा के विधान ने, जो येशु मसीह द्वारा जीवन प्रदान करता है, तुझ को पाप तथा मृत्‍यु के नियम से मुक्‍त कर दिया है।


जो पहला है, वह आध्‍यात्‍मिक नहीं, बल्‍कि प्राकृत है। इसके बाद ही आध्‍यात्‍मिक आता है।


वह जिस सामर्थ्य द्वारा सब कुछ अपने अधीन कर सकते हैं, उसी के द्वारा वह हमारे तुच्‍छ शरीर का रूपान्‍तरण करेंगे और उसे अपने महिमामय शरीर के अनुरूप बना देंगे।


मसीह ही आपका जीवन हैं। जब मसीह प्रकट होंगे तब आप भी उनके साथ महिमान्‍वित हो कर प्रकट हो जायेंगे।


तो फिर मसीह का रक्‍त, जिन्‍होंने अपने आपको शाश्‍वत आत्‍मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्‍वर को अर्पित किया, हमारे अन्‍त:करण को मृत कर्मों से क्‍यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्‍त परमेश्‍वर की सेवा के योग्‍य क्‍यों नहीं बनायेगा?


दूसरे स्‍वर्गदूत ने समुद्र पर अपना प्‍याला उँडेला। समुद्र मृतक के रक्‍त-जैसा बन गया और समुद्र में रहनेवाले सभी प्राणी मर गये।


उसने फिर मुझ से कहा, “कार्य समाप्‍त हो गया। अलफा और ओमेगा, आदि और अन्‍त मैं हूँ। मैं प्‍यासे को संजीवन जल के स्रोत से मुफ्‍त में पिलाऊंगा।


इसके बाद उसने मुझे स्‍फटिक-जैसे संजीवन जल की नदी दिखायी, जो परमेश्‍वर और मेमने के सिंहासन से बह रही थी।


आत्‍मा तथा वधू, दोनों कहते हैं, “आइए।” जो सुनता है, वह उत्तर दे, “आइए।” जो प्‍यासा है, वह आये। जो चाहता है, वह उपहार में संजीवन जल ग्रहण करे।


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