ताकि मैं तेरे चुने हुए लोगों का कल्याण देख सकूं, तेरे राष्ट्र के आनन्द में आनन्दित हो सकूं, तेरी मीरास के साथ महिमा करूं।
यशायाह 26:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) नगर के प्रवेश-द्वार खोल दो, ताकि राष्ट के धार्मिक लोग जो प्रभु पर विश्वास करते हैं, नगर के भीतर प्रवेश करें। पवित्र बाइबल उसके द्वारों को खोलो ताकि भले लोग उसमें प्रवेश करें। वे लोग परमेश्वर के जीवन की खरी राह का पालन करते हैं। Hindi Holy Bible फाटकों को खोलो कि सच्चाई का पालन करने वाली एक धर्मी जाति प्रवेश करे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फाटकों को खोलो कि सच्चाई का पालन करनेवाली एक धर्मी जाति प्रवेश करे। सरल हिन्दी बाइबल नगर के फाटकों को खोल दो कि वहां सच्चाई से, जीनेवाली एक धर्मी जाति आ सके. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फाटकों को खोलो कि सच्चाई का पालन करनेवाली एक धर्मी जाति प्रवेश करे। |
ताकि मैं तेरे चुने हुए लोगों का कल्याण देख सकूं, तेरे राष्ट्र के आनन्द में आनन्दित हो सकूं, तेरी मीरास के साथ महिमा करूं।
ओ द्वारो, मस्तक उन्नत करो! ओ स्थायी फाटको, ऊंचे हो जाओ, जिससे महिमा का राजा प्रवेश करे।
तुम मेरे लिए पुरोहितों का राज्य, एक पवित्र राष्ट्र बनोगे।” तू ये ही बातें इस्राएलियों से कहना।’
तू धर्म की नींव पर स्थिर होगी, तू नहीं डरेगी; अत्याचार से तू बची रहेगी; आतंक तेरे पास फटकेगा भी नहीं।
तेरे विरुद्ध बनाया गया कोई भी शस्त्र सफल न होगा; जो साक्षी न्यायालय में तेरे विरुद्ध प्रस्तुत होगी, तू उसको निरस्त करने में सफल होगी। यह प्रभु के सेवकों की नियति है, मैं उनको विजय प्रदान करता हूं।’ प्रभु यह कहता है।
तब तेरे आनन्द का प्रकाश प्रात: के पौ फटने के सदृश चमकेगा। तेरा घाव अति शीघ्र भरेगा। तेरी धार्मिकता मार्ग में तेरे आगे-आगे तेरा मार्गदर्शन करेगी, और प्रभु की महिमा तेरे पीछे-पीछे रक्षक बनकर तेरी रक्षा करेगी।
तेरे प्रवेश-द्वार निरन्तर खुले रहेंगे; वे दिन-रात कभी बन्द न होंगे, ताकि लोग अपने-अपने राष्ट्र का धन तेरे पास ला सकें; उनके राजा उनकी अगुवायी करेंगे।
तेरे देश में हिंसा की घटना फिर कभी नहीं सुनी जाएगी; और न तेरी सीमाओं के भीतर विध्वन्स और विनाश होगा। तू अपने शहरपनाह का नाम “उद्धार” और प्रवेश-द्वार का नाम “स्तुति” रखेगी।
तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्हें मैंने अपने हाथ से रचा है।
प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्कि उनके मुख पर आनन्द का तेल मलूं, उन्हें निराशा की आत्मा नहीं, वरन् स्तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।
मैं सियोन के विषय में अब चुप नहीं रहूंगा, मैं यरूशलेम के कारण चैन न लूंगा, जब तक उसकी धार्मिकता प्रकाश के सदृश न चमकने लगे, जब तक उसका उद्धार मशाल की तरह न जलने लगे।
प्रवेश-द्वार से बाहर निकलो, बाहर निकलो; और आनेवाले लोगों के लिए मार्ग तैयार करो; सुधारो, राजमार्ग सुधारो; पत्थरों को हटा दो! कौमों के लिए झंडा फहराओ।
‘ओ सियोन, सब राष्ट्र तेरी धार्मिकता के दर्शन करेंगे; सब राजा तेरी महिमा को देखेंगे। तेरा नया नाम रखा जाएगा; यह नाम स्वयं प्रभु तुझे प्रदान करेगा।
वे परमेश्वर की स्तुति किया करते थे और सारी जनता उन्हें बहुत मानती थी। प्रभु प्रतिदिन उनके समुदाय में उन लोगों को मिला देता था, जो मुक्ति प्राप्त करते थे।
परन्तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा परमेश्वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्योति में बुला लाया है।
परन्तु हम परमेश्वर की प्रतिज्ञा के आधार पर एक नये आकाश तथा एक नयी पृथ्वी की प्रतीक्षा करते हैं, जहाँ धार्मिकता निवास करेगी।
प्रिय भाइयो एवं बहिनो! हम जिस मुक्ति के सहभागी हैं, मैं उसके विषय में बड़ी उत्सुकता से आप लोगों को लिखना चाहता था, किन्तु अब मुझे आवश्यक प्रतीत हुआ कि इस पत्र द्वारा आप लोगों से यह अनुरोध करूँ कि आप उस विश्वास की रक्षा के लिए संघर्ष करें, जो सदा के लिए सन्तों को सौंपा गया है;
वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्य है, क्योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्त बहा कर परमेश्वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्ट्र से मनुष्यों को ख़रीद लिया।