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यशायाह 60:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

21 तेरे सब निवासी धार्मिक होंगे; वे सदा के लिए देश पर अधिकार करेंगे, जिससे मेरी महिमा हो। ये लोग मेरे पौधे की शाखाएँ हैं; इन्‍हें मैंने अपने हाथ से रचा है।

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पवित्र बाइबल

21 “तेरे सभी लोग उत्तम बनेंगे। उनको सदा के लिये धरती मिल जायेगी। मैंने उन लोगों को रचा है। वे अद्भुत पौधे मेरे अपने ही हाथों से लगाये हुए हैं।

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Hindi Holy Bible

21 और तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिस से मेरी महिमा प्रगट हो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

21 तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिस से मेरी महिमा प्रगट हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

21 तब तुम्हारे लोग धर्मी हो जाएंगे वे सदा-सर्वदा के लिए देश के अधिकारी हो जाएंगे. मेरे लगाये हुए पौधे, और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिससे मेरी महिमा प्रकट हो.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

21 तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिससे मेरी महिमा प्रगट हो। (प्रका. 21:27, इफि. 2:10, 2 पत. 3:13)

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यशायाह 60:21
51 क्रॉस रेफरेंस  

मैं अपने निज लोग इस्राएलियों के लिए एक स्‍थान निर्धारित करूँगा। मैं उन्‍हें वहाँ बसाऊंगा जिससे वे अपने स्‍थान में निवास करेंगे, और उन्‍हें फिर नहीं सताया जाएगा। दुर्जन उन्‍हें फिर दु:ख नहीं देंगे, जैसे वे पहले करते थे,


दीन-गरीब लोग पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे, वे अपार समृद्धि में आनन्‍द करेंगे।


प्रभु निर्दोष व्यक्‍तियों की आयु का प्रत्‍येक दिन जानता है, उनकी पैतृक सम्‍पत्ति सदा बनी रहेगी।


प्रभु से आशिष पाए हुए लोग पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे; किन्‍तु वे लोग नष्‍ट हो जाएंगे जिनको प्रभु ने शाप दिया है।


धार्मिक मनुष्‍य पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे। वे पृथ्‍वी पर सदा निवास करेंगे।


वे प्रभु के गृह में रोपे गए हैं; वे हमारे परमेश्‍वर के आंगनों में फलते-फूलते हैं।


क्‍योंकि स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु तीनों देशों को यह आशिष देगा : “धन्‍य हैं मिस्र-निवासी: तुम मेरे निज लोग हो। धन्‍य है असीरिया राष्‍ट्र : तू मेरे हाथों की रचना है। धन्‍य है इस्राएली राष्‍ट्र : तू मेरी मीरास है।”


पृथ्‍वी के सीमान्‍तों से हम धर्मात्‍मा परमेश्‍वर की महिमा के सम्‍बन्‍ध में स्‍तुति-गीत सुनते हैं।” परन्‍तु मैंने यह कहा, “ओह! मैं दु:ख से क्षीण हो रहा हूं, चिन्‍ता से व्‍याकुल हो रहा हूं। धिक्‍कार है विश्‍वासघातियों को, धोखेबाजों को; वे एक के बाद एक विश्‍वासघात किए जा रहे हैं।”


नगर के प्रवेश-द्वार खोल दो, ताकि राष्‍ट के धार्मिक लोग जो प्रभु पर विश्‍वास करते हैं, नगर के भीतर प्रवेश करें।


वह अपने मध्‍य में किए गए मेरे हस्‍तकार्य को देखेगा और मेरे नाम को पवित्र बनाए रखेगा। निस्‍सन्‍देह वह याकूब के पवित्र परमेश्‍वर की पवित्रता बनाए रखेगा, और इस्राएल के परमेश्‍वर की भक्‍ति करेगा।


जिनको मैंने अपने लिए रचा है, ताकि वे मेरी स्‍तुति सर्वत्र घोषित करें।’


ये सब मेरे नाम से आराधना करते हैं, इनको मैंने अपनी महिमा के लिए रचा है, इनको मैंने गढ़ा है, इनको मैंने बनाया है।”


ओ आकाश, गीत गा, क्‍योंकि प्रभु ने कार्य सम्‍पन्न किया है। ओ पृथ्‍वी के अधोलोक, जयजयकार कर। ओ पर्वतो, जंगलो, और वन-वृक्षों, उच्‍चस्‍वर में गाओ। प्रभु ने याकूब को मुक्‍त किया है, इस्राएल में प्रभु की महिमा की जाएगी।


इस्राएल का पवित्र परमेश्‍वर, इस्राएल का स्रष्‍टा, प्रभु यों कहता है, ‘क्‍या तुम मेरी सन्‍तान के बारे में मुझ से पूछताछ करोगे? क्‍या तुम मेरे हस्‍तकार्यों के विषय में मुझे आदेश दोगे?


लोग मेरे विषय में यह कहेंगे: ‘केवल प्रभु में ही धार्मिकता और सामर्थ्य है। जो उसके विरोधी हैं, वे सब उसके पास आएंगे, और लज्‍जित होंगे।


परन्‍तु इस्राएल के सब वंशज प्रभु के द्वारा विजय और यश प्राप्‍त करेंगे।’


ओ आकाश, धर्म की वर्षा कर। ओ आकाश-मण्‍डल, धार्मिकता बरसा। धरती की सतह खुल जाए, जिससे उद्धार का अंकुर फूटे। वह धार्मिकता को भी उपजाए। मैं-प्रभु ने ही उसे रचा है।


प्रभु ने मुझ से कहा, ‘ओ इस्राएल, तू मेरा सेवक है; मैं तेरे माध्‍यम से अपनी महिमा प्रकट करूंगा।’


अपने पिता अब्राहम का, अपनी माता सारा का ध्‍यान करो। जब अब्राहम अकेला था, तब मैं-प्रभु ने उसे बुलाया, मैंने उसे आशिष दी, और उसको एक से अनेक बनाया।


ओ सियोन, जाग, जाग! अपना बल धारण कर! ओ पवित्र नगर यरूशलेम, अपने सुन्‍दर वस्‍त्र पहिन! अब खतना-रहित और अशुद्ध विधर्मी तुझ में प्रवेश नहीं करेंगे।


तेरे विरुद्ध बनाया गया कोई भी शस्‍त्र सफल न होगा; जो साक्षी न्‍यायालय में तेरे विरुद्ध प्रस्‍तुत होगी, तू उसको निरस्‍त करने में सफल होगी। यह प्रभु के सेवकों की नियति है, मैं उनको विजय प्रदान करता हूं।’ प्रभु यह कहता है।


जब तू दुहाई देगी, तब तेरी ये मूर्तियां, जिनका अम्‍बार तूने लगा रखा है, तुझे बचाएं। हवा उन्‍हें उड़ा ले जाएगी, वे एक ही फूंक में उड़ जाएंगी। परन्‍तु जो मनुष्‍य मेरी शरण में आएगा, वह इस देश पर अधिकार करेगा, वह मेरे पवित्र पर्वत का अधिकारी होगा।


जैसे भूमि उपज को उगाती है, जैसे उद्यान में बोया गया बीज अंकुरित होता है, वैसे ही स्‍वामी-प्रभु समस्‍त राष्‍ट्रों के सम्‍मुख धार्मिकता और स्‍तुति अपने निज लोगों में अंकुरित करेगा।


प्रभु ने मुझे इसलिए भेजा है कि मैं सियोन में शोक करनेवालों को राख नहीं, वरन् विजय-माला पहनाऊं; विलाप नहीं, बल्‍कि उनके मुख पर आनन्‍द का तेल मलूं, उन्‍हें निराशा की आत्‍मा नहीं, वरन् स्‍तुति की चादर ओढ़ाऊं, ताकि वे धार्मिकता के बांज वृक्ष कहलाएँ; वे प्रभु के पौधे कहलाएँ और उनसे प्रभु की महिमा हो।


पतन के अपमान के बदले, अब तुम्‍हें दुगुना यश प्राप्‍त होगा, अनादर के स्‍थान पर अब तुम वैभव प्राप्‍त कर आनन्‍दित होगे। अपने देश में तुम दुगुने भाग पर अधिकार करोगे। तुम्‍हें शाश्‍वत आनन्‍द प्राप्‍त होगा।


तू फिर “परित्‍यक्‍ता” न कहलाएगी; तेरी भूमि फिर “उजाड़” न कहलाएगी। तू “मेरा आनन्‍द” , और तेरी भूमि “सुहागिन” कहलाएगी; क्‍योंकि प्रभु तुझसे प्रसन्न है, और तेरी भूमि सुहागिन बनेगी।


तो भी, प्रभु, तू हमारा पिता है, हम मिट्टी मात्र हैं, और तू हमारा कुम्‍हार है। हम-सब तेरे हाथ की रचना हैं।


मैं याकूब की संतति में से एक वंश, यहूदा कुल में से अपने पर्वतों का एक वारिस उत्‍पन्न करूंगा। मेरे मनोनीत लोग उन पर अधिकार करेंगे; मेरे सेवक वहाँ निवास करेंगे।


तो भी मैं उनका भला करने के उद्देश्‍य से उन पर दृष्‍टि करूंगा, और उन को फिर इस देश में वापस लाऊंगा। मैं उन को पुन: स्‍थापित करूंगा, और फिर कभी उन को ध्‍वस्‍त नहीं करूंगा। मैं उनको पुन: बोऊंगा, और उनको जड़-मूल से नहीं उखाड़ूंगा।


‘उनकी भलाई करने में मुझे सदा आनन्‍द आएगा, और मैं अपने सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से, पूर्ण सच्‍चाई से इस देश में उनको रोपूंगा।


इतना ही नहीं, तू कहना, “स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: मैं तुम्‍हें उन कौमों के मध्‍य से एकत्र करूंगा। जिन देशों में मैंने तुम्‍हें बिखेर दिया है, वहां से मैं तुम्‍हें निकालूंगा, और तुम्‍हें इस्राएल देश फिर दूंगा।”


मैं अपने निज लोगों के लिए उपजाऊ खेतों और उद्यानों की व्‍यवस्‍था करूंगा। तब वे अपने देश में भूख से नहीं मरेंगे, और न ही उनके पड़ोसी राष्‍ट्र उन का मजाक उड़ाएंगे।


जो देश मैंने अपने सेवक याकूब को दिया था, वहां वे अपने पूर्वजों के देश में पुन: निवास करेंगे। वे और उनके वंशज, पीढ़ी से पीढ़ी तक वहीं स्‍थायी रूप से रहेंगे; और मेरे सेवक दाऊद के वंशज युग-युगांतर उनके प्रशासक होंगे।


जब मैं लौट रहा था, तब मैंने देखा कि नदी के दोनों किनारों पर बहुत पेड़ हैं।


मैं उनके देश में उन्‍हें पुन: रोपूंगा। जो देश मैंने उन्‍हें दिया है, उन्‍हें वहां से फिर कभी नहीं उखाड़ूंगा’ तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने यह कहा है।


सियोन पर्वत पर बचे हुए लोग निवास करेंगे। सियोन पर्वत पुन: पवित्र होगा, याकूब वंशीय पुन: अपना अधिकार प्राप्‍त करेंगे।


ये इस्राएल के बचे हुए लोग होंगे। ये अनुचित कार्य नहीं करेंगे, ये झूठ नहीं बोलेंगे, और न उनके मुंह में कपटपूर्ण जीभ होगी। वे आराम से चरागाह में भेड़ चराएंगे। वे निश्‍चिन्‍त हो, विश्राम करेंगे; उन्‍हें डरानेवाला कोई न होगा।’


येशु ने उत्तर दिया, “जो पौधा मेरे स्‍वर्गिक पिता ने नहीं रोपा है, वह उखाड़ा जाएगा।


धन्‍य हैं वे जो नम्र हैं; क्‍योंकि वे पृथ्‍वी के अधिकारी होंगे।


वह उस डाली को, जो मुझ में नहीं फलती, काट देता है और उस डाली को, जो फलती है, छाँटता है, जिससे वह और भी अधिक फल उत्‍पन्न करे।


ताकि उसके महिमामय अनुग्रह की स्‍तुति हो। वह अनुग्रह हमें उसके प्रिय पुत्र द्वारा मिला,


परमेश्‍वर ने हमारी रचना की। उसने येशु मसीह में हमारी सृष्‍टि की, जिससे हम उन शुभ कार्यों को पूर्ण करते रहें, जिन्‍हें परमेश्‍वर ने हमारे लिए तैयार किया है।


उसने हम को येशु मसीह में जो दयालुता दिखायी, उसके द्वारा उसने आगामी युगों के लिए अपने अनुग्रह की असीम समृद्धि को प्रदर्शित किया।


यह उस दिन होगा जब प्रभु अपने संतों में महिमा-मंडित होने और उन सब में आश्‍चर्य का कारण बनने आयेंगे, जिन्‍होंने विश्‍वास किया है। और विश्‍वास का विषय तो वह साक्षी है, जो हमने आपको दी है।


परन्‍तु हम परमेश्‍वर की प्रतिज्ञा के आधार पर एक नये आकाश तथा एक नयी पृथ्‍वी की प्रतीक्षा करते हैं, जहाँ धार्मिकता निवास करेगी।


लेकिन उस में न तो कोई अपवित्र वस्‍तु प्रवेश कर पायेगी और न कोई ऐसा व्यक्‍ति, जो घृणित काम करता या झूठ बोलता है। वे ही प्रवेश कर पायेंगे, जिनके नाम मेमने के जीवन-ग्रन्‍थ में अंकित हैं।


यह विजयी की विरासत है। मैं उनका परमेश्‍वर होऊंगा और वे मेरी संतान होंगे।


तूने उन्‍हें हमारे परमेश्‍वर के लिए पुरोहितों का राजवंश बना दिया है और वे पृथ्‍वी पर राज्‍य करेंगे।”


हमारे पर का पालन करें:

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