चोर-लुटेरे दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति करते हैं, और अपने घर में सुख-चैन की बन्सी बजाते हैं; जो अपने आचरण से परमेश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वास्तव में वे ही सुरक्षित रहते हैं, उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता है!
भजन संहिता 73:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब मैं ने दुर्जनों का फलना-फूलना देखा, तब मैं घमण्डी लोगों के प्रति ईष्र्यालु हो गया। पवित्र बाइबल जब मैंने देखा कि पापी सफल हो रहे हैं और शांति से रह रहे हैं, तो उन अभिमानी लोगों से मुझको जलन हुयी। Hindi Holy Bible क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि जब मैंने दुष्टों को फलते-फूलते देखा, तो उन घमंडियों के प्रति ईर्ष्या से भर उठा। सरल हिन्दी बाइबल मुझे दुर्जनों की समृद्धि से डाह होने लगी थी क्योंकि मेरा ध्यान उनके घमंड पर था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जब मैं दुष्टों का कुशल देखता था, तब उन घमण्डियों के विषय डाह करता था। |
चोर-लुटेरे दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति करते हैं, और अपने घर में सुख-चैन की बन्सी बजाते हैं; जो अपने आचरण से परमेश्वर को क्रोध दिलाते हैं, वास्तव में वे ही सुरक्षित रहते हैं, उनका ईश्वर उनकी मुट्ठी में रहता है!
निष्कपट हृदय के लोग यह देखकर चकित होते हैं; निर्दोष व्यक्ति अधर्मी के विरुद्ध भड़क उठते हैं।
‘दुर्जन क्यों जीवित रहते हैं? उन्हें लम्बी उम्र क्यों मिलती है? क्यों वे दिन-प्रतिदिन शक्ति-सम्पन्न होते जाते हैं?
परमेश्वर उन्हें सुरक्षित रखता, और उन्हें सम्भालता है; वह उनके कुमार्गों पर उनकी रक्षा करता है
वह सदा अपने मार्ग पर फलता-फूलता है; तेरे न्याय-सिद्धान्त उसकी दृष्टि से दूर, शिखर पर हैं, वह अपने सब शत्रुओं पर फूत्कारता है।
प्रभु के समक्ष शान्त रहो, और उत्सुकता से उसकी प्रतीक्षा करो; उस व्यक्ति के कारण स्वयं को परेशान न करो, जो अपने कुमार्ग पर फलता-फूलता है, जो बुरी युिक्तयां रचता है।
मेरे पुत्र, पापियों की सफलता को देखकर उनसे ईष्र्या मत करना; परन्तु प्रति दिन प्रभु की भक्ति निरन्तर करते रहना।
मैंने अपने निस्सार जीवन में यह देखा है: धार्मिक मनुष्य अपनी धार्मिकता में मरता है, किन्तु दुर्जन व्यक्ति दुष्कर्म करते हुए दीर्घायु प्राप्त करता है।
मैं तुझसे क्यों वाद-विवाद करूं? क्योंकि तू धार्मिक है, और तेरा न्याय सच्चा है। फिर भी, हे प्रभु, मैं तेरे सम्मुख अपनी शिकायत पेश करूंगा; दुर्जन अपने काम में सफल क्यों होते हैं? विश्वासघाती सुख-चैन से क्यों रहते हैं?
अब हम अभिमानी लोगों को धन्य कहेंगे। दुष्कर्मी न केवल जीवन में सफल होते हैं, वरन् जब वे परमेश्वर को परखते हैं तब भी वे बच जाते हैं।” ?’
क्या तुम समझते हो कि धर्मग्रन्थ अकारण कहता है कि परमेश्वर ने जिस आत्मा को हम में समाविष्ट किया, उस को वह बड़ी ममता से चाहता है?