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अय्यूब 21:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 ‘दुर्जन क्‍यों जीवित रहते हैं? उन्‍हें लम्‍बी उम्र क्‍यों मिलती है? क्‍यों वे दिन-प्रतिदिन शक्‍ति-सम्‍पन्न होते जाते हैं?

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पवित्र बाइबल

7 क्यों बुरे लोगों की उम्र लम्बी होती है? क्यों वे वृद्ध और सफल होते हैं?

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Hindi Holy Bible

7 क्या कारण है कि दुष्ट लोग जीवित रहते हैं, वरन बूढ़े भी हो जाते, और उनका धन बढ़ता जाता है?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 क्या कारण है कि दुष्‍ट लोग जीवित रहते हैं, वरन् बूढ़े भी हो जाते, और उनका धन बढ़ता जाता है?

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सरल हिन्दी बाइबल

7 क्यों दुर्वृत्त दीर्घायु प्राप्‍त करते जाते हैं? वे उन्‍नति करते जाते एवं सशक्त हो जाते हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

7 क्या कारण है कि दुष्ट लोग जीवित रहते हैं, वरन् बूढ़े भी हो जाते, और उनका धन बढ़ता जाता है? (अय्यू. 12:6)

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अय्यूब 21:7
14 क्रॉस रेफरेंस  

वह पुरोहितों को मूर्ख बना देता है; और बलवानों को पछाड़ देता है।


चोर-लुटेरे दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति करते हैं, और अपने घर में सुख-चैन की बन्‍सी बजाते हैं; जो अपने आचरण से परमेश्‍वर को क्रोध दिलाते हैं, वास्‍तव में वे ही सुरक्षित रहते हैं, उनका ईश्‍वर उनकी मुट्ठी में रहता है!


परमेश्‍वर ने यह पृथ्‍वी दुर्जनों के हाथ में सौंप दी है; उसने न्‍यायाधीशों की आंखों पर पट्टी बांध दी है ताकि वे न्‍याय और अन्‍याय को न पहचान सकें! यदि वह नहीं तो फिर कौन यह कार्य करता है?


उन्‍होंने अपना हृदय पत्‍थर बना लिया है, वे अपने मुंह से धृष्‍ट वचन निकालते हैं।


मैंने एक महाबली दुर्जन को देखा था। वह बरगद वृक्ष के समान विशाल था।


मैंने अपने निस्‍सार जीवन में यह देखा है: धार्मिक मनुष्‍य अपनी धार्मिकता में मरता है, किन्‍तु दुर्जन व्यक्‍ति दुष्‍कर्म करते हुए दीर्घायु प्राप्‍त करता है।


एक बात और : यह भी व्‍यर्थ है, और पृथ्‍वी पर होती है। धार्मिक व्यक्‍तियों को दुर्जन मनुष्‍यों के दुष्‍कर्मों का फल भुगतना पड़ता है, और दुर्जन मनुष्‍य धार्मिक व्यक्‍तियों के सत्‍कर्मों का फल प्राप्‍त करते हैं। अत: मैं कहता हूं, यह भी व्‍यर्थ है।


‘यह दण्‍ड प्रहरियों के आदेश के अनुसार दिया गया। यह निर्णय पवित्र दूतों के वचन के अनुरूप है। यह इसलिए दिया गया कि जीव-लोक के प्राणी जान लें कि सर्वोच्‍च परमेश्‍वर मनुष्‍यों के राज्‍य पर शासन करता है, और वह जिस को चाहता है, उसको यह राज्‍य देता है, और उस पर शासन करने के लिए छोटे-से-छोटे मनुष्‍य को भी नियुक्‍त करता है।’


हे प्रभु, तू निर्मल आंखोंवाला है, अत: तू बुराई को देख नहीं सकता। तू अन्‍याय को देख नहीं सकता। तब तू, प्रभु, बेईमान लोगों को क्‍यों देखता है? दुर्जन अपने से अधिक धार्मिक जन को निगल जाता है; तब भी तू चुप है। क्‍यों?


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