फिर उसने उनसे कहा, ‘अब जाओ, अच्छे से अच्छा भोजन खाओ, और मधु तथा मीठा रस पीओ। उन गरीबों को भोजन खिलाओ, जिनके घर में चूल्हा भी नहीं जलता है, क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिए पवित्र है। उदास मत हो; क्योंकि प्रभु का आनन्द तुम्हारी शक्ति है।’
फिलिप्पियों 4:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और परमेश्वर की शान्ति, जो हमारी समझ से परे है, आपके हृदय और विचारों को येशु मसीह में सुरक्षित रखेगी। पवित्र बाइबल इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति, जो समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित बनाये रखेगी। Hindi Holy Bible तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब परमेश्वर की शान्ति, जो सारी समझ से परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी। नवीन हिंदी बाइबल तब परमेश्वर की शांति जो सारी समझ से परे है, मसीह यीशु में तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को सुरक्षित रखेगी। सरल हिन्दी बाइबल तब परमेश्वर की शांति, जो मनुष्य की समझ से बाहर है, मसीह येशु में तुम्हारे मन और विचारों की रक्षा करेगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब परमेश्वर की शान्ति, जो सारी समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी। (यशा. 26:3) |
फिर उसने उनसे कहा, ‘अब जाओ, अच्छे से अच्छा भोजन खाओ, और मधु तथा मीठा रस पीओ। उन गरीबों को भोजन खिलाओ, जिनके घर में चूल्हा भी नहीं जलता है, क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिए पवित्र है। उदास मत हो; क्योंकि प्रभु का आनन्द तुम्हारी शक्ति है।’
‘ओ अय्यूब, परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो; तब तुम्हें शान्ति मिलेगी; इसी से तुम्हारी भलाई होगी।
यदि परमेश्वर चुप रहता है तो उसको कौन दोषी ठहरा सकता है? जब वह अपना मुख छिपा लेता है तब कौन उसका दर्शन पा सकता है, वह चाहे कोई राष्ट्र हो अथवा मनुष्य?
मुझे सुनने दो, कि प्रभु परमेश्वर क्या कहता है? वह अपनी प्रजा से, अपने भक्तों से, और उनसे, जो हृदय से उसकी ओर लौटते हैं, शान्तिप्रद वचन बोलेगा।
जब तू मार्ग पर चलेगा तब वे तेरा मार्ग-दर्शन करेंगी; जब तू सोएगा तब वे तेरी चौकसी करेंगी, और जब तू जागेगा तब वे तुझसे बात करेंगी :
प्रभु, तू ही हमारे लिए शान्ति स्थापित करेगा, जो कुछ हमने किया, उसका करनेवाला वस्तुत: तू ही था!
प्रभु! जो व्यक्ति अपने मन को सदा तुझ में लीन रखता है, उसको तू पूर्ण शान्त जीवन प्रदान करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।”
मैं ही प्रकाश का उत्पन्न करनेवाला हूं, मैं ही अन्धकार का स्रष्टा हूं। मैं ही कल्याण का देनेवाला, मैं ही विपत्ति का ढाहनेवाला हूं। मैं, प्रभु, यह सब करता हूं।’
भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।
‘बारूक बेन-नेरियाह को दस्तावेज देने के बाद मैंने इन शब्दों में प्रभु से प्रार्थना की:
‘किन्तु, यिर्मयाह! मैं इस प्रहार के बाद इस नगर में औषधि और स्वास्थ्य लाऊंगा, और इस के निवासियों को स्वस्थ कर दूंगा। मैं इनको सुरक्षा और समृद्धि प्रदान करूंगा।
जिससे वह अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति प्रदान करे और हमारे चरणों को शान्ति-पथ पर अग्रसर करे।”
“सर्वोच्च स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा हो और पृथ्वी पर उन मनुष्यों को शान्ति मिले, जिनसे वह प्रसन्न है।”
“शान्ति मैं तुम को दिए जाता हूँ। अपनी शान्ति मैं तुम्हें प्रदान करता हूँ− जैसे संसार देता वैसे मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल और भयभीत न हो।
मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्ति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”
आप-सब के नाम, जो रोम नगर में परमेश्वर के प्रिय हैं और संत होने के लिए बुलाये गये हैं। हमारा पिता परमेश्वर और प्रभु येशु मसीह आप को अपनी कृपा और शान्ति प्रदान करें।
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाने-पीने का नहीं, बल्कि वह धार्मिकता, शान्ति और आनन्द का विषय है, जो पवित्र आत्मा से प्राप्त होते हैं।
आशा का स्रोत, परमेश्वर आप लोगों को विश्वास द्वारा प्रचुर आनन्द और शान्ति प्रदान करे, जिससे पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से आप लोगों की आशा परिपूर्ण हो।
यदि हम विश्वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर में शान्ति प्राप्त होती है।
भाइयो और बहिनो, अब विदा! सब-कुछ सुव्यवस्थित कीजिए। मेरे अनुरोध पर ध्यान दीजिए। एक मत रहिए, और शांति बनाए रखिए। तब प्रेम तथा शान्ति का परमेश्वर आप के साथ होगा।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
आप लोगों को उनके प्रेम का ज्ञान प्राप्त होगा, यद्यपि वह ज्ञान से परे है। इस प्रकार आप लोग, परमेश्वर की समस्त पूर्णता तक पहुँच कर, स्वयं परिपूर्ण हो जायेंगे।
फिलिप्पी नगर में रहने वाले तथा येशु मसीह से संयुक्त सब सन्तों और उनके अध्यक्षों एवं धर्मसेवकों के नाम येशु मसीह के सेवक पौलुस और तिमोथी का पत्र।
मेरा परमेश्वर येशु मसीह द्वारा अपनी अतुल महिमा के कोष से आपकी सब आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
येशु मसीह की संगति में प्रत्येक सन्त को मेरा नमस्कार। जो भाई मेरे साथ हैं और सभी सन्त, विशेष कर रोमन सम्राट के कर्मचारी, आप लोगों को नमस्कार कहते हैं।
आप लोगों ने मुझ से जो सीखा, ग्रहण किया, सुना और मुझ में देखा, उसके अनुसार आचरण करें और शान्ति का परमेश्वर आप लोगों के साथ रहेगा।
मसीह की शान्ति आपके हृदय में राज्य करे। इसी शान्ति के लिए आप लोग, एक ही देह के अंग बन कर, बुलाये गये हैं। आप लोग कृतज्ञ बने रहें।
शान्ति का प्रभु स्वयं आप लोगों को हर समय और हर प्रकार शान्ति प्रदान करता रहे! प्रभु आप सब के साथ हो!
शान्ति का परमेश्वर, जिसने शाश्वत विधान के रक्त द्वारा भेड़ों के महान् चरवाहे, हमारे प्रभु येशु को मृतकों में से पुनर्जीवित किया,
यह पत्र येशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन के नाम है, जो परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं, जो पिता परमेश्वर द्वारा पवित्र किए गए हैं, और जो येशु मसीह के आगमन के लिए सुरक्षित हैं।
आसिया की सात कलीसियाओं को योहन का सन्देश। जो है, जो था और जो आनेवाला है, उसकी ओर से, उसके सिंहासन के सामने उपस्थित रहनेवाली सात आत्माओं
“जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है। जो विजय प्राप्त करेगा, उसको मैं थोड़ा-सा गुप्त “मन्ना” और अनुग्रह का प्रतीक श्वेत पत्थर प्रदान करूँगा। उस पत्थर पर एक नया नाम अंकित होगा, जिसको पानेवाले के अतिरिक्त और कोई नहीं जानता।