प्रभु परमेश्वर ने समस्त वृक्षों को, जो देखने में सुन्दर थे, और आहार के लिए उत्तम हैं, भूमि से उगाया। उसने उद्यान के मध्य में जीवन का वृक्ष तथा भले-बुरे के ज्ञान का वृक्ष उगाया।
प्रकाशितवाक्य 22:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) नगर चौक के बीचों-बीच बहती हुई नदी के तट पर, दोनों ओर एक जीवन-वृक्ष था, जो बारह प्रकार के फल, हर महीने एक बार फल, देता था। उस पेड़ के पत्तों से राष्ट्रों की चिकित्सा होती है। पवित्र बाइबल नगर की गलियों के बीच से होती हुई बह रही थी। नदी के दोनों तटों पर जीवन वृक्ष उगे थे। उन पर हर साल बारह फसलें लगा करतीं थीं। इसके प्रत्येक वृक्ष पर प्रतिमास एक फसल लगती थी तथा इन वृक्षों की पत्तियाँ अनेक जातियों को निरोग करने के लिए थीं। Hindi Holy Bible और नदी के इस पार; और उस पार, जीवन का पेड़ था: उस में बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति जाति के लोग चंगे होते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का वृक्ष था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस वृक्ष के पत्तों से जाति–जाति के लोग चंगे होते थे। नवीन हिंदी बाइबल वह सड़क के बीचों-बीच बहती थी। नदी के इस ओर और उस ओर जीवन का वृक्ष था, जिसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था, और उस वृक्ष की पत्तियों से जाति-जाति के लोग स्वस्थ होते थे। सरल हिन्दी बाइबल यह नदी नगर के प्रधान मार्ग से होती हुई बह रही है. नदी के दोनों ओर जीवन के पेड़ है, जिसमें बारह प्रकार के फल उत्पन्न होते हैं. यह पेड़ हर महीने फल देता है. इस पेड़ की पत्तियों में राष्ट्रों को चंगा करने की क्षमता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का पेड़ था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति-जाति के लोग चंगे होते थे। (यहे. 47:7) |
प्रभु परमेश्वर ने समस्त वृक्षों को, जो देखने में सुन्दर थे, और आहार के लिए उत्तम हैं, भूमि से उगाया। उसने उद्यान के मध्य में जीवन का वृक्ष तथा भले-बुरे के ज्ञान का वृक्ष उगाया।
जो मनुष्य उसको थामे रहते हैं, उनके लिए वह जीवन का वृक्ष है। उसको कसकर पकड़े रहनेवाले लोग निस्सन्देह सुखी हैं।
इन लोगों की समझ पर पत्थर पड़ गए हैं; इनके कान बहरे हैं, और आंखें अंधी! अत: ये अपने कानों से सुन नहीं सकते, और न आंखों से इन्हें दिखाई देता है। इनका हृदय समझ नहीं पाता है; अन्यथा ये पश्चात्ताप करते, और मैं इनको स्वस्थ कर देता।’
हे प्रभु, मुझे स्वस्थ कर, तो मैं स्वस्थ हूंगा; मुझे बचा तो मैं बच जाऊंगा; क्योंकि प्रभु, मैं तेरी ही स्तुति करता हूं।
फिर वह मुझे मन्दिर के द्वार पर वापस ले गया। वहाँ मैंने यह देखा: मन्दिर की ड्योढ़ी के नीचे से पानी निकल रहा है, और पूर्व की ओर बह रहा है (क्योंकि मन्दिर का मुंह पूर्व दिशा में था)। पानी मन्दिर की दाहिनी ओर नीचे से और वेदी के दक्षिणी ओर से निकल रहा था।
प्रभु कहता है : ‘मैं उनके विश्वासघात के रोग को स्वस्थ करूंगा; मैं मुक्त रूप से उनसे प्रेम करूंगा। मेरा क्रोध उनसे दूर हो गया है।
उस दिन जीवन का जल यरूशलेम से बाहर बहेगा: उसका आधा जल पूर्वी सागर की ओर और आधा जल पश्चिमी सागर की ओर बहेगा। जैसे वह शीत ऋतु में बहता है वैसे ही ग्रीष्म ऋतु में भी निरन्तर बहता रहेगा।
पर तुम मेरे नाम के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखते हो, इसलिए तुम पर धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, उसके पंखों में रोग-निवारण की किरणें होंगी, जिनके स्पर्श से तुम स्वस्थ होगे। जैसे पशुशाला से छूटकर बछड़ा आनन्द से कूदता-फांदता है, वैसे ही तुम मुक्त होकर आनन्द से विचरण करोगे।
“प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्दियों को मुक्ति का और अन्धों को दृष्टि-प्राप्ति का सन्देश दूँ, मैं दलितों को स्वतन्त्र करूँ
वह अपने शरीर में हमारे पापों को क्रूस के काठ पर ले गये, जिससे हम पाप के लिए मृत हो कर धार्मिकता के लिए जीने लगें। आप उनके घावों द्वारा स्वस्थ हो गये हैं।
“जिसके कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियओं से क्या कहता है। जो विजय प्राप्त करेगा, उसको मैं उस जीवन-वृक्ष का फल खाने के लिए दूंगा जो परमेश्वर की स्वर्ग-वाटिका के बीच में है।
बारह फाटक बारह मोतियों के बने थे, प्रत्येक फाटक एक-एक मोती का बना था। नगर का चौक पारदर्शी स्फटिक-जैसे विशुद्ध सोने का बना था।
इसके बाद उसने मुझे स्फटिक-जैसे संजीवन जल की नदी दिखायी, जो परमेश्वर और मेमने के सिंहासन से बह रही थी।
धन्य हैं वे, जो अपने आचरण-रूपी वस्त्र धोते हैं; वे जीवन-वृक्ष के अधिकारी होंगे और फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे।
और यदि कोई नबूवत की इस पुस्तक की बातों से कुछ निकालेगा, तो परमेश्वर इस पुस्तक में वर्णित जीवन-वृक्ष और पवित्र नगर से उसका भाग निकाल देगा।”